कृष्ण जन्माष्टमी 2022

  1. Janmashtami 2022 Date In India Lord Krishna And Balram Namakaran Ritual Rishi Garg Naming Them
  2. Janmashtami Vrat 2022 When Will Janmashtami Fast Be Observed On 18th Or 19th Know The Exact Date Here
  3. Krishna Janmashtami 2022: इस शुभ मुहूर्त में भगवान श्री कृष्ण की करें विशेष पूजा, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं
  4. श्री कृष्ण जन्माष्टमी
  5. Janmashtami 2022 Exact Date Time Shubh Muhurat Know Here When Janmashtami Will Be Celebrated 18 Or 19 August
  6. श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है, 18 या 19 अगस्त 2022 को?
  7. when is masik krishna janmashtami auspicious time method of worship Krishna and importance
  8. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2022: जानिए कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
  9. Krishna Janmashtami 2022: अगस्त में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कब है? जानें शुभ मुहूर्त, शुभ संयोग व पूजा विधि


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Janmashtami 2022 Date In India Lord Krishna And Balram Namakaran Ritual Rishi Garg Naming Them

Janmashtami 2022 Lord Krishna Namkaran: श्रीहरि विष्णु जी के आंठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर साल जन्माष्टमी के रूम में मनाया जाता है. भादो मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि के समय रोहिणी नक्षत्र में बाल गोपाल ने माता देवकी के गर्भ जन्म लिया था. इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त 2022 (Krishna janmashtami 2022) को है. आइए जानते हैं भगवान कृष्ण का नामकरण किसने किया था. कैसे-किसने किया बलराम और कृष्ण का नामकरण पौराणिक कथा के अनुसार कृष्ण जन्म के बाद उनके पिता वासुदेव अपने पुत्र को कंस से बचाने के लिए नंदबाबा के यहां छोड़ आए थे. मां यशोदा ने कृष्ण का पालन पोषण किया. ऋषि गर्ग यदुवंश के कुलगुरु थे. एक बार वो किसी बच्चे के नामकरण के लिए गोकुल आए थे. इस दौरान नंदबाबा और यशोदा से भी भेंट हुई. मुलाकात के वक्त उन्होंने गर्ग ऋषि से अपने दो बालकों का नामकरण का आग्रह किया. ऋषि गर्ग कंस के डर से नामकरण करने से मना कर दिया, इस पर नंदबाबा बोले कि आप चुपके से गौशाला में नामकरण कर दीजिए किसी को पता नहीं चलेगा. ऐसे हुआ बलराम का नामकरण • नामकरण से पूर्व ऋषि की परीक्षा लेने के लिए देवी रोहिणी और मां यशोदा ने अपने पुत्रों की अदला बदली कर ली. • गर्गचार्य ने यशोदा के हाथ में बालक को देखते ही पहचान गए कि ये रोहिणी पुत्र है. इस कारण बालक का नाम रौहणेय होगा. • ये पुत्र अपने गुणों से लोगों को प्रसन्न करेगा, तो इसका एक नाम राम होगा. • ये बहुत बलशाली होगा इसलिए लोग इसे बल भी कहेंगे. ये यदुवंशियों में आपसी प्रेम बनाए रखेगा. अत: ये बलराम नाम से जाना जाएगा. कृष्ण को देखकर ऋषि खो बैठे सुध • ऋषि गर्ग में रोहिणी की गोद में बालक को देखा तो वो मनमोहक छवि को देखकर अपमी सुध खो बैठे. एकटक बालक ...

Janmashtami Vrat 2022 When Will Janmashtami Fast Be Observed On 18th Or 19th Know The Exact Date Here

Janmashtami Vrat 2022 Date: भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है. इस बार जन्माष्टमी दो दिन मनाई जा रही है. कुछ लोगों ने18 अगस्त, गुरुवार को जन्माष्टमी का पर्व मनाया, जबकि कुछ 19 अगस्त को यामी आज जन्माष्टमी का त्योहार मना रहे हैं.जन्माष्टमी का व्रत (Janmashtami Vrat) कब रखा जाएगा इसके लेकर पंचाग में दो तिथियों का जिक्र किया गया है. श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) में मध्यरात्रि को हुआ था. इस साल 2022 में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 2 दिन है. इस बार अष्टमी तिथि का आरंभ 18 अगस्त को रात्रि में हो रहा है. इस वजह से कुछ लोग 18 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे. वहीं कुछ उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, 19 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे. वहीं वैष्णव संप्रदाय 19 अगस्त, 2022 को श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मना रहे हैं. इस बार दोनों ही तिथियों में नहीं है रोहिणी नक्षत्र यह भी पढ़ें • बेटे को कान्हा बना खुद राधा बन जैस्मिन-भारती ने 'राधे राधे' पर किया डांस, फैन्स बोले- क्यूटेस्ट रील • 'राधा कृष्ण' सीरियल की राधा उर्फ मल्लिका रियल लाइफ में हैं बेहद स्टाइलिश, PHOTO देख फैन्स बोले- आपने तो बॉलीवुड को भी फेल कर दिया • जब बॉडीगार्ड के कंधे पर बैठकर शाहरुख खान ने फोड़ी थी दही हांडी, जन्माष्टमी पर किंग खान का थ्रोबैक वीडियो हुआ वायरल जन्माष्टमी में रोहिणी नक्षत्र को खास महत्व दिया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. जन्माष्टमी का उत्सव रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाता है. लेकिन इस बार दो तिथियों में अष्टमी होने पर भी 18 और 19 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं बन रहा है. रोहिणी नक्षत्र का संय...

Krishna Janmashtami 2022: इस शुभ मुहूर्त में भगवान श्री कृष्ण की करें विशेष पूजा, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

डीएनए हिंदी: Krishna Janmashtami 2022 Puja Muhurat- हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले लड्डू गोपाल का जन्मदिन भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस पर्व को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में जाना जाता है. इस वर्ष यह पर्व 18 अगस्त को मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और जीवन से दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. जन्माष्टमी पर्व के दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल (Shri Krishna Laddu Gopal) की पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन शुभ मुहूर्त में श्री कृष्ण की पूजा करने से बहुत लाभ होता है. आइए जानते हैं अगस्त 2022 में किस दिन मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त. कृष्ण जन्माष्टमी 2022 तिथि (Krishna Janmashtami 2022 Date and Shubh Muhurat) हिंदू पंचांग के अनुसार श्री कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाएगी. अष्टमी तिथि का प्रारंभ 18 अगस्त को शाम 9:21 से होगा और इसका समापन 19 अगस्त रात्रि 10:59 पर होगा. इस दिन अभिजीत मुहूर्त 18 अगस्त को दोपहर 12:05 से 12:56 तक रहेगा. इस दिन वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है जिसे अत्यंत शुभ माना गया है. बता दें कि वृद्धि योग का निर्माण 17 अगस्त को सुबह 8:56 से 18 अगस्त को रात्रि 8:41 तक होगा. कृष्ण जन्माष्टमी 2022 पूजा विधि (Krishna Janmashtami 2022 Puja Vidhi) शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के जन्म के उत्सव पर रात्रि 12:00 बज...

श्री कृष्ण जन्माष्टमी

कृष्ण जन्माष्टमी शुक्रवार, 19, अगस्त 2022 पूजा का समय – 23:55 से 00:40, 20 अगस्त, 2022 अवधि – 00 घण्टे 45 मिनट्स इस्कॉन के अनुसार पारण समय पारण समय – 05:54 ,अगस्त 20 के बाद रोहिणी नक्षत्र के बिना जन्माष्टमी पारण के दिन अष्टमी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गयी। मध्यरात्रि का क्षण – 00:17 , अगस्त 20 चन्द्रोदय समय – 23:48 अष्टमी तिथि प्रारम्भ -18, अगस्त 2022 को 21:20 बजे अष्टमी तिथि समाप्त -19, अगस्त 2022 को 22:59 बजे रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ – 20, अगस्त 2022 को 01:53 बजे रोहिणी नक्षत्र समाप्त – 21,अगस्त , 2022 को 04:40 बजे जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को ही कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों के मतानुसार श्री कृष्ण का जन्म का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि के समय हुआ था। अत: भाद्रपद मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी को यदि रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग हो तो वह और भी भाग्यशाली माना जाता है इसे जन्माष्टमी के साथ साथ जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। जन्माष्टमी व्रत, पूजा, विधि भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इसी के उपलक्ष्य में कृष्ण जन्माष्टमी मनाने का प्रचलन है। भगवान श्री कृष्ण को पूर्णावतार माना गया है क्योंकि वे मानव जीवन के सभी चक्रों ( जन्म, मृत्यु, शोक, खुशी ) से होकर अपने मानव रूप में गुजरे हुए हैं। भगवान कृष्ण को देवकी ने मथुरा के कंस कारागृह में जन्म दिया था, लेकिन वासुदेव जी ने उन्हें टोकरी में रखकर नंदगाँव में बाबा नंद और माता यशोदा के पास पहुँचा दिया था, जहाँ श्री कृष्ण जी का लालन-पालन हुआ। श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कब करें अष्टमी श्रावणे मासि कृष्ण पक्षे यदा भवेत्। ...

Janmashtami 2022 Exact Date Time Shubh Muhurat Know Here When Janmashtami Will Be Celebrated 18 Or 19 August

Janmashtami 2022 Date: जन्माष्टमी वैसे तो हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है, लेकिन इस बार जन्माष्टमी की सही तिथि (Janmashtami 2022 Exact Date) को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में कुछ लोग लोग ने 18 अगस्त तो जन्माष्टमी मनाया तो कुछ 19 अगस्त कोयानी आज जन्माष्टमी (Janmashtami 2022) मना रहे हैं. श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी तिथि में हुआ था. ऐसे में इस साल अष्टमी तिथि आज यानी 19 अगस्त को पड़ रही है. जिस कारण जन्माष्टमी आज मनाई जा रही है. आइए जानते हैं कि जन्माष्टमी पर आज कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं. बता दें कि मथुरा और वृंदावन में 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जा रही है. कब है जन्माष्टमी 18 या 19 अगस्त को | Janmashtami 2022 kab hai ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के अनुसार, इस बार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त की रात 9 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है. अष्टमी तिथि की समाप्ति 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट पर होगी. साथ ही निशीथ काल पूजा 19 अगस्त को रात 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट के बीच होगी. ऐसे में भगवान की पूजा के लिए 44 मिनट का समय मिलेगा. इसके साथ ही जन्माष्टमी व्रत (Janmashtami 2022 Vrat) का पारण 19 अगस्त को सुबह 5 बजकर 52 मिनट के बाद किया जा सकेगा. इस बार जन्माष्टमी का व्रत 19 अगस्त को रखा जाएगा. ज्योतिष के जानकार बाता रहे हैं कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात 12 बजे हुआ था. इस बार ऐसा योग 19 अगस्त को बन रहा है. जबकि कुछ पंडितों का मानना है कि 19 अगस्त को पूरे दिन अष्टमी तिथि रहेगी. ऐसे में उदया तिथि को मान्यता देने वाले लोग 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे. हालांकि अगर धार्मिक दृष्...

श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है, 18 या 19 अगस्त 2022 को?

When is krishna janmashtami : भादो मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्टमी को श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार श्रीकृष्ण का 5250वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस बार जन्माष्टमी का पर्व कब है? इसको लेकर भी कंफ्‍यूजन है कि जन्माष्टमी का पर्व 18 अगस्त को या कि 19 अगस्त 2022 को है? कई ज्योतिषियों का मानना है कि 18 अगस्त को मनाना चाहिए और कुछ का कहना है कि 19 अगस्त को मनाएं। आओ जानते हैं कि आखिर क्यों है कंफ्यूजन। निष्कर्ष : मथुरा श्रीजी पीठ के पीठाचार्य श्री आनंद बाबा के अनुसार जो रात्रि काल में मनाते हैं, सामान्य गृहस्थ और स्मार्तजनों के लिए 18 को जन्माष्टमी और जो दिन में मनाएं, वैष्णव सन्यासियों के लिए 19 अगस्त को जन्माष्टमी श्रेष्ठ है। अर्थात 18 अगस्त गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग जन्माष्टमी मनाएंगे। वहीं 19 अगस्त की जन्माष्टमी साधु-संत मनाएंगे। Mangal puja Amalner : भूमि पुत्र मंगल देव का अमलनेर में बहुत ही जागृत मंदिर है। यहां पर मंगल देव के साथ ही पंचमुखी हनुमान और भू माता विराजमान हैं। यहां पर हजारों की संख्‍या में लोग मंगल दोष की शांति के लिए आते हैं। इसी के साथ ही जिन लोगों को भूमि से संबंधित कोई समस्या है वे लोग भी यहां पर मंगल देव की पूजा और अभिषेक करने के लिए आते हैं। Lal kitab for money : लाला किताब के उपाय अचूक होते हैं। यह विद्या ज्योतिष से अलग मानी जाती है। हालांकि दोनों ही विद्या में कोई खास अंतर नहीं है। यदि आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं या कर्ज चढ़ गया है तो आपको लाल किताब के अचूक उपाय करना चाहिए। हालांकि यदि ये उपाय आप किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर करेंगे तो ज्यादा ठीक रहेगा। Naukri 2023 : आजकल अच्‍छी नौकरी मिलना मुश्‍किल है। देश में लाखों बेरोजगार लोग होंग...

when is masik krishna janmashtami auspicious time method of worship Krishna and importance

when is masik krishna janmashtami auspicious time method of worship Krishna and importance | Masik Krishna Janmashtami 2023: कब मनाई जाएगी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि | Hindi News, UPUK Trending News Masik Krishna Janmashtami 2023: कब मनाई जाएगी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि Masik Krishna Janmashtami 2023: हिन्दू पंचांग के मुताबिक मासिक कृष्ण जन्माष्टमी हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाए जाने के बारे में बताया गया है. इस तरह जून में यह तिथि 10 जून को पड़ रही है यानी 'मासिक कृष्ण जन्माष्टमी' 10 जून को मनाई जाएगी. कृष्णजी भाद्रपद के कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि को जन्मे जिसके कारण कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हर माह मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की परंपरा चली आ रही है. जीवन मंगलमय बनाते हैं भगवान मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर पूजा उपासना किए जाने की मान्यता है. भगवान वासुदेव को स्मरण कर मन से व्रत उपवास रखने का भी इस दिन बहुत महत्व है. धार्मिक मान्यता की बात करें तो कृष्णजी भक्तों का उद्धार करते हैं और उनका जीवन मंगलमय बनाते हैं. ऐसे में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भक्तगण को पूरे मन से भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए. आइए, जानते हैं इस दिन भगवान की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि. शुभ मुहूर्त जान लीजिए ज्योतिषियों के अनुसार आषाढ़ अष्टमी की तिथि आने वाले 10 जून को पड़ रही है जोकि दोपहर 2 बजकर 01 मिनट से शुरू होगी और फिर 11 जून को यह तिथि दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर खत्म हो रही है. ये तो सब जानते हैं कि कृष्णजी मध्य रात्रि में जन्मे है, ऐसे में आने वाला 10 जून को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मानाई जानी है. ये पूरी पूजा व...

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2022: जानिए कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

• • Faith Hindi • Krishna Janmashtami 2022: जानिए कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? शुभ मुहूर्त और पूजन विधि Krishna Janmashtami 2022: जानिए कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? शुभ मुहूर्त और पूजन विधि Krishna Janmashtami 2022: हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन श्री​कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. Krishna Janmashtami 2022: सावन के बाद भाद्रपद का महीना आता है और मान्यता है कि भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इसलिए हिंदू धर्म में इस दिन को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के तौर पर बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के ( Krishna Janmashtami 2022 Date) गोपाल स्वरुप का पूजन होता है और व्रत-उपवास किया जाता है. आइए जानते हैं इस साल कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और पूजन विधि. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2022 शुभ मुहूर्त श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन बड़ी धूमधाम से कृष्ण जी के गोपाल स्वरुप का पूजन किया जाता है. इस दिन पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं और कहा जाता है कि शुभ मुहूर्त में पूजन करने से मनवांछित फल मिलता है. इस दिन दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 56 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. वहीं इस रात को 8 बजकर 41 मिनट से 19 अगस्त रात 8 बजकर 59 मिनट तक धुव्र योग बन रहा है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजन विधि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण का जन्त हुआ था और इसलिए इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन व्रत-उपवास भी किया जाता है और भगवान कृष्ण का पूजन कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है. इस दिन भगवान कृष्ण के गोपाल स्वरुप का पूजन होता है, इसलिए अगर आपके घर में...

Krishna Janmashtami 2022: अगस्त में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कब है? जानें शुभ मुहूर्त, शुभ संयोग व पूजा विधि

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी को हमारे ठाकुरप्रसाद कैलेंडर में, आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ इस साल 2022 में जन्माष्टमी के शुभ मुहूर्त तो आइये जानते है। . Janmashtami 2022 Date: हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस साल जन्माष्टमी का पर्व 18 अगस्त, गुरुवार को पड़ रहा है। इस साल जन्माष्टमी के दिन वृद्धि योग भी बन रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा विधिवत तरीके से पूजा की जाती है। जन्माष्टमी 2022 शुभ मुहूर्त- जन्माष्टमी इस साल 18 अगस्त 2022, गुरुवार को है। अष्टमी तिथि 18 अगस्त को शाम 09 बजकर 21 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। जन्माष्टमी 2022 बन रहे खास योग- जन्माष्टमी पर अभिजीत मुहूर्त 18 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। वृद्धि योग 17 अगस्त को दोपहर 08 बजकर 56 मिनट से 18 अगस्त रात 08 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। धुव्र योग 18 अगस्त रात 08 बजकर 41 मिनट से 19 अगस्त रात 08 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। व्रत पारण का समय 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट के बाद होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल जन्माष्टमी का उत्सव 18 अगस्त को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी में एक खास योग बन रहा है, जो काफी शुभ है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की विधि विधान से पूजा करने पर हर मनोकामना की पूर्ति होती है। हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत...