काले कंबल वाले बाबा

  1. Sirohi News: जानें कम्बल वाले बाबा का सच!, जो कई लाइलाज बीमारियों के इलाज का करता है दावा
  2. राजस्थान: कौन है कम्बल वाले बाबा? थप्पड़ मारकर गूंगे बहरों को भी कर देता है ठीक!
  3. Faith or superstition Baba with blankets does miracles incurable disease runs away
  4. काले कंबल वाले बाबा का एड्रेस बताइए? Kale kambal wale baba ka address bataiye
  5. ये कंबल वाले बाबा करते हैं च'मत्कार : खत्म हो जाती है लाइलाज बी'मारियां!


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Sirohi News: जानें कम्बल वाले बाबा का सच!, जो कई लाइलाज बीमारियों के इलाज का करता है दावा

के जे श्रीवत्सन, सिरोही: सिरोही जिले के पालड़ी-एम गांव में इन दिनों देश के कोने कोने से लोग पहुँच रहे हैं। कोई जम्मू कश्मीर से आ रहा हैं, तो कोई कर्नाटक से। कोई बिहार से आ रहा हैं तो कोई मध्यप्रदेश से। देश के लगभग सभी राज्यों से लोग इन दिनों राजस्थान के सिरोही जिले के पालड़ी-एम गांव पहुंच रहे हैं। दरअसल, ये लोग लाइलाज बीमारियों का इलाज करवाने के लिए एक बाबा के पास पहुंच रहे हैं। ये बाबा खुद को कंबल वाला बाबा कहलाना पसंद करता हैं। बाबा मूल रूप से गुजरात राज्य के सुरेन्द्र नगर का निवासी बताता हैं, और पिछले 13 दिनों से इसने अपना डेरा सिरोही जिले के पालड़ी-एम गांव में डाल रखा हैं। बाबा अपने इस डेरे को लाइलाज बीमारियों के इलाज शिविर बताते हैं। बाबा अपने कंबल के जादू से लकवा, पोलियो, कैंसर सहित हज़ारों बीमारियों के इलाजका दावा करता हैं। बाबा के पास इलाज करवाने आने वाले मरीज को पांच दिन यहां लगातार आना पड़ेगा, तभी उसके ठीक होने गारंटी होगी। अभी पढ़ें – BHU की होटल मैनेजमेंट परीक्षा में बीफ पर सवाल आने के बाद हंगामा, विवि की ओर से आया बड़ा बयान इसके साथ ही बाबा के इस शिविर का एक नियम ये भी हैं कि मरीज को इस टेंट में लाइन में लगकर अपने आने के हिसाब से ही जगह पर बैठना पड़ेगा, बाद में आने वाला अगर आगे बैठ कर भले ही उसने बाबा के कंबल से इलाज ले लिया पर वो ठीक नहीं होगा। बाबा की अनगिनत शर्तो का जो पालन करेगा, वहीं व्यक्ति ठीक होगा, वरना उसके इलाज की कोई गारंटी नहीं हैं। यानी आप ठीक हो गए तो बाबा की कंबल का चमत्कार और यदि नहीं हुए तो आपने कहीं ना जाने अनजाने में ही सही पर आपने बाबा की शर्तो का उल्लंघन जरूर किया है। ऐसे में उसके मरीज को पुनः सभी शर्तो का पालन करते हुए बाबा के पास इलाज के लिए आत...

राजस्थान: कौन है कम्बल वाले बाबा? थप्पड़ मारकर गूंगे बहरों को भी कर देता है ठीक!

राजस्थान: कौन है कम्बल वाले बाबा? थप्पड़ मारकर गूंगे-बहरों को भी कर देता है ठीक! सिरोही के पालड़ी-एम गांव में पिछले महीने भर से कंबल बाबा नाम से एक शख्स लाइलाज बीमारियों का इलाज करने का शिविर लगा रहा है. बाबा मूल रूप से गुजरात के सुरेन्द्र नगर का रहने वाला है. बाबा का दावा है कि वह कंबल के जादू से लकवा, पोलियो, कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज करता है. वहीं बाबा के पास इलाज करवाने आने वाले पहले मरीज को 5 दिन यहां लगातार आना होगा. वहीं बाबा ने शिविर में आने वाले लोगों के लिए कई तरह के नियम भी बना रखे हैं. वहीं इधर पालड़ी-एम गांव में बाबा को लेकर जिले का प्रशासन और पुलिस महकमा पूरी तरह से मूकदर्शक बना हुआ है. बताया गया है कि प्रशासन ने अभी तक बाबा की पहचान के दस्तावेज नहीं मांगे हैं. इधर महीना भर बीतने के बाद बाबा के खोखले दावों और उनकी टीम द्वारा फैलाए गए झूठ से यहां पहुंचने वाले मरीजों को हकीकत का पता चलने लग गया है. कैदियों ने निकाला भागने का नायाब तरीका, कोर्ट की बैरक में खोद दी सुरंग, पुलिस के उड़े होश इलाज़ करवाने वालों की निकली चीखें बता दें कि कंबल वाले बाबा का इलाज करने का तरीका भी गजब है जहां पोलियो और लकवा से अकड़े हाथ-पांव को बाबा कपड़े की तरह मरोड़ देता है. हालांकि मरीज यहां हर तरह की यातनाएं सहन करने के बावजूद इलाज करवा रहे हैं. वहीं यहां पहुंचने वाले गूंगे-बहरे लोगों के इलाज दोनों हाथों से एक साथ जोरदार थप्पड़ मारकर किया जाता है. बताया जा रहा है कि ऐसे मरीजों को एक लाइन में खड़ा किया जाता है फिर बाबा एक-एक मरीज के दोनों कानो के नीचे थप्पड़ मारते हुए इलाज करता है. कई मरीजों ने कहा कुछ फर्क नहीं हुआ वहीं कंबल वाले बाबा के पास इलाज करवाकर लौटे कुछ मरीजों का कहना है कि उन्होंन...

Faith or superstition Baba with blankets does miracles incurable disease runs away

Chittorgarh: कहते हैं कि आस्था का कोई पैमाना नहीं होता, लेकिन आस्था के बल पर कई समस्याओं का निदान मिल जाता है. भारत में कई ऐसे उदाहरण हैं जो साबित करते हैं कि आस्था का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. उसके बावजूद चमत्कारों की कमी नहीं है. ऐसी ही एक तस्वीर चित्तौड़गढ़ से सामने आई है. जहां कंबल वाले बाबा के दर पर आकर लोग लकवे जैसी बीमारी से मुक्ति पाने की बात कह रहे हैं. यह भी पढ़ें: चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय के 5 किलोमीटर दूर स्थित भाई खेड़ा में इन दिनों लगी भीड़ ना तो किसी जलसे में आई है और ना ही किसी मेले का आयोजन हो रहा है. यह भीड़ किसी राजनीतिक सभा की भी नहीं है बल्कि इन तस्वीरों में मौजूद लोग वह हैं जो या तो खुद लकवे से पीड़ित है या फिर उनका कोई अपना इस बीमारी के दंश को झेल रहा है. एक व्यक्ति जिसका नाम रमेश यादव है, जिसे लोग कंबल वाले बाबा के नाम से जानते हैं अपने सर पर रखी एक कंबल से पहले आदमी के शरीर पर झाड़ा डालता है और उसके बाद उसके शरीर के हिस्सों को दबाता है और ऐसा करने के बाद जो व्यक्ति लकवे से ग्रसित है वह चलने लगता है. आराम महसूस करता है. लोगों का कहना है कि बाबा के पास आने के बाद उन्हें फायदा मिला है. नागौर जिले से आए महेंद्र का कहना है कि उनकी बेटी जिसकी उम्र 7 साल है वह कभी बिस्तर से उठ नहीं पाई, लेकिन बाबा के पास आने के बाद आज उनकी बेटी आराम से बैठ पा रही है और उन्हें पूरा विश्वास है कि कुछ दिनों बाद उनकी बेटी खड़ी भी हो जाएगी. हालांकि चिकित्सकीय उपचार में उन्होंने कोई कमी नहीं रखी है. अपनी बेटी का वह दो बार ऑपरेशन भी करवा चुके हैं. कंबल वाले बाबा इस तरह के शिविर पूरे देश में लगा चुके हैं. पूर्व में चित्तौड़गढ़ से 60 किलोमीटर दूर खोडीप गांव में यह सिविल लग चु...

काले कंबल वाले बाबा का एड्रेस बताइए? Kale kambal wale baba ka address bataiye

सवाल: काले कंबल वाले बाबा का एड्रेस बताइए? काले कंबल वाला बाबा अपना पता मुख्य रूप से गुजरात के एक सुरेंद्र गांव में बताता है परंतु यह बाबा कभी-कभी अन्य स्थानों पर भी अपना डेरा डालकर रहता है। काले कंबल वाले बाबा दावा करते हैं कि वह कंबल के जादू द्वारा पोलियो, लकवा, कैंसर जैसी घातक बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। यदि हम इन दिनों की बात करें तो बाबा राजस्थान के पालड़ी गांव में अपना डेरा डालकर रुके हुए हैं यहां पर लोगों की बहुत भीड़ जमा रहती है।

ये कंबल वाले बाबा करते हैं च'मत्कार : खत्म हो जाती है लाइलाज बी'मारियां!

कहा जाता है सबसे शक्तिशाली चीज आस्था होती है. क्योंकि आस्था के बलबूते ही हम बड़ी से बड़ी समस्या से हल पा सकते हैं. आस्था एक प्रकार का ऐसा अटल विश्वास है जो कि हमें सच प्रतीत होता है. भारत में भी लाखों लोग बेहद आस्थावान है इसी वजह से वे विभिन्न च’मत्कारों पर भी यकीन करते हैं. आस्था की एक ऐसे ही तस्वीर चित्तौड़गढ़ से सामने आई है जहां के कंबल वाले बाबा के नाम से मशहूर बाबा जी लोगों की ला’इलाज बीमारि’यों से राहत दिलाने में मदद करते हैं. बताया जाता है कि यहां लक’वे जैसी बीमारियों से भी राहत मिलती है. यह स्थान चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय के 5 किलोमीटर दूर स्थित भाई खेड़ा में है. क्या है लोगों का कहना ? यहां आने वाले लोगों को कहना है कि बाबा जी के पास आने से उन्हें विशेष फायदा मिलता है. यहां आए हुए सभी लोग यहां से जाने के बाद स्वस्थ महसूस करते हैं. राजस्थान के नागौर जिले से आए हुए महेंद्र का कहना है कि उनकी बेटी की उम्र 7 साल है और वह कभी बिस्तर से नहीं उठ पाई. लेकिन बाबा की वजह से आज उनकी बेटी आराम से बैठ पाती है और उन्हें विश्वास है कि वह चल भी सकेगी. महेंद्र का कहना है कि उन्होंने बेटी के चिकित्सक के उपचार में किसी प्रकार की कमी नहीं रखी है और वह अपनी बेटी का दो बार ऑपरेशन भी करवा चुके हैं. एक दो नहीं बल्कि विभिन्न जगहों से आए हुए सभी लोगों का कहना है कि यह बात बिल्कुल सच है. लोगों का कहना है कि जो लोग सालों के उपचार से निराश हो चुके हैं वह बाबा के पास आकर फायदा ले सकते हैं. चित्तौड़गढ़ के पर्यटक स्थल संगम महादेव पर लगने वाले शिविर में भी दूर-दूर से लक’वे के मरी’ज पहुंचते हैं और अपना इ’लाज करवा कर जाते हैं. खास बात यह भी है कि यहां आने वाले मरीजों से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया ...