काली कमली वाले बाबा

  1. उत्तराखण्ड में धर्मशालाओं के निर्माण की शुरुआत करने वाले काली कमली वाले बाबा Baba Kali Kamli Wale
  2. जब सुल्ताना डाकू ने कालीकमली वाले बाबा को पांच सौ रुपए चढ़ावा दिया
  3. काशी वाले देवघर वाले भोले डमरूधारी लिरिक्स


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उत्तराखण्ड में धर्मशालाओं के निर्माण की शुरुआत करने वाले काली कमली वाले बाबा Baba Kali Kamli Wale

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जब सुल्ताना डाकू ने कालीकमली वाले बाबा को पांच सौ रुपए चढ़ावा दिया

87 Shares तब यातायात के साधन सुलभ नहीं थे. उस समय इन दुर्गम पर्वतीय तीर्थों की यात्रा करना अति कठिन कार्य था. तो भी बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु इन तीर्थों के दर्शन करके धर्म-लाभ करते थे तथा पुण्य के भागी होते थे. वे अपने घरों से एक प्रकार से विदा लेकर ही आगे बढ़ते थे. भगवती गंगा और उसकी सहायक अलकनंदा आदि सरिताओं की घाटियों में मृत्यु पाना मोक्ष के समान समझा जाता था. (Sultana Daku Baba Kali Kamli) आठ-नौ दशक पहले तक यहां मोटर मार्ग पूरी तरह विकसित नहीं हुए थे और इन तीर्थयात्राओं में लगभग दो महीनों का समय व्यतीत हो जाता था. हिमालय के कण-कण में, प्रत्येक शिखर पर, प्रत्येक उपत्यका में, प्रत्येक अधित्यका में, सघन वृक्षों में, लताओं में, नदियों की जल-धाराओं में तीर्थयात्री सात्विक दिव्य अनुभूतियों का अनुभव करता हुआ आगे बढ़ता था. चारधाम पैदल यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए सन् 1880 में पहली बार प्याऊ की व्यवस्था कालीकमली वाले बाबा ने की. कुछ सालों बाद उन्होंने चट्टियों को व्यवस्थित करवाया, जहां यात्रियों को मुफ्त कच्चा राशन मिलता. चट्टी, पैदल मार्ग पर सड़क किनारे एक पड़ाव-स्थल होता था. एक छोटा सा प्लेटफार्म, खुले में रसोई की व्यवस्था, सिर छुपाने के लिए घास-फूस से छाया छप्पर. यात्री पैदल-यात्रा के बाद थक जाते तो वहां आराम करके चूल्हा-चौका करते. भरपेट भोजन करके विश्राम करते, फिर आगे की यात्रा शुरू करते. ऋषिकेश तक मोटर मार्ग से यात्रा करके लक्ष्मण झूला से तार के पुल से यात्री गंगाजी पार करते. वहां से आगे गंगाजी के तट से होकर देवप्रयाग को पैदल मार्ग चट्टियों से होकर जाता था. गरुड़ चट्टी, फूल चट्टी, महादेवसैण, मोहनचट्टी, बिजनी, कुंड, बंदरभेल, महादेव चट्टी, सेमल चट्टी, कांडी, व्या...

काशी वाले देवघर वाले भोले डमरूधारी लिरिक्स

काशी वाले देवघर वाले भोले डमरूधारी लिरिक्सकाशी वाले देवघर वाले भोले डमरूधारी खेल तेरे हैं नाथ निराले शिव शंकर त्रिपुरारी जय जय जय काशी वाले, काशी वाले , देवघर वाले, खेल हैं तेरे नाथ निराले , जय शंभू जय जय शंभू जय जय जय काशी वाले, काशी वाले , देवघर वाले, खेल हैं तेरे नाथ निराले , जय शंभू जय जय शंभू भोले... जय शंभू जय जय शंभू जो भी आया तेरे द्वारे, जागे उसके भाग्य सितारे, मैं शरणागत शरण तिहारी, भोले शरण तिहारी, शरण तिहारी, करो नहीं कोई लाखों टारे, शर्मा को मत भूलो स्वामी, हे कैलाशी अंतर्यामी, ओम नमः शिव नमो नमामि जय शंभू जय जय शंभू ,जय शंभू जय जय शंभू जय जय जय काशी वाले, काशी वाले , देवघर वाले, खेल हैं तेरे नाथ निराले , शिव जी के भजन आ लौट के आजा भोलेनाथ लिरिक्स मेरा भोला है भंडारी करे नंदी की सवारी लिरिक्स हे भोळ्या शंकरा आवड तुला बेलाची लिरिक्स हे शम्भु बाबा मेरे भोलेनाथ लिरिक्स ये तेरा करम है भोले मेरी बात जो बनी है लिरिक्स फरियाद मेरी सुनकर भोलेनाथ चले आना लिरिक्स सजा दो घर को गुलशन सा मेरे भोलेनाथ आये है लिरिक्स नगर में जोगी आया भेद कोई समझ ना पाया लिरिक्स शिवजी तेरे द्वार हम भी आयेंगे लिरिक्स सांसो की माला पे सिमरु मै शिव का नाम लिरिक्स डम डम डमरू बजाना होगा भोले मेरी कुटिया में आना होगा लिरिक्स मेरे भोले से भोले बाबा लिरिक्स भोलेनाथ का चेला लिरिक्स भोले चेला बना लेना लिरिक्स सिर पे विराजे गंगा की धार लिरिक्स महादेवा - Mahadeva Hansraj Raghuwanshi मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा लिरिक्स शिव शंकर को जिसने पूजा लिरिक्स ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने लिरिक्स शिव शंकर औघड दानी बम भोला लिरिक्स शिव कैलाशों के वासी शंकर संकट हरना लिरिक्स भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे वो तो गौरा से प्यार ...