Kabir ke dohe in hindi

  1. 200+ अनमोल Kabir das de dohe in Hindi
  2. कबीर दास जी के 40 दोहे अर्थ सहित
  3. दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय


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200+ अनमोल Kabir das de dohe in Hindi

कबीर रामानन्द के शिष्य थे। उनसे उन्होंने निर्गुण ब्रह्मवाद, अच्छाई, अहिंसा और मांस न खाने के सिद्धांत सीखे। उन्होंने शंकराचार्य से अद्वैत और मायावाद की शिक्षा ली। उन्होंने वामपंथी ऋषियों से वेदों, ब्राह्मणों, पंडितों का विरोध किया और हठयोग का अभ्यास प्राप्त किया और सूफियों से प्रेम की पीर प्राप्त की। प्रकृति – कबीर सत्य के साधक थे। वे निडर और स्वतंत्र स्वभाव के महात्मा थे। ” दोहे ” Kabir das de dohe in Hindi | Kabir ke dohe with meaning | kabir das | kabir ke dohe 1.जीवत कोय समुझे नहीं, मुवा न कह संदेश । तन मन से परिचय नहीं, ताको क्या उपदेश ॥ भावार्थ- सद्गुरु कहते हैं कि जब किसी व्यक्ति का शरीर जीवित होता है, तो कोई भी वास्तविक ज्ञान सुनने को तैयार नहीं होता है, जो उसकी मृत्यु के बाद उसका प्रचार करेगा। ऐसा मूर्ख व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से अनजान (संयमित) व्यक्ति कैसे बन सकता है? 2.जो कोई समझे सैन में, तासो कहिये बैन । सैन बैन समझे नहीं, तासों कछु न कैन । भावार्थ -सद्‌गुरु अब कहते हैं कि प्रतीक के रूप में केवल उन्हीं लोगों से बात करना उचित है , जो उनकी बात को समझते हैं। कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति से कुछ भी कहने की कोशिश न करें जो आपको नहीं समझता हो। 3. “यह मन ताको दीजिए, सांचा सेवक होय । सिर ऊपर आरा सहै, तऊ न दूजा होय ॥” भावार्थ– कबीर ने कहा कि सद्गुरु को केवल उनका मार्गदर्शन करना चाहिए जिनके दिल में सेवा की सच्ची भावना है। यहां तक ​​कि अगर वे आपके सिर पर एक आरी लगाते हैं, तो यह आपको दूसरा एहसास नहीं देना चाहिए। 4.धर्म किये धन ना घटै, नदी न घट्टै नीर । अपनी आंखों देखिले, यों कथि कहहिं कबीर ।। भावार्थ- कबीर ने कहा कि धर्म (दान, दान, सेवा) करने से कभी धन की कमी नहीं होगी।उन...

कबीर दास जी के 40 दोहे अर्थ सहित

Kabir Ke Dohe In Hindi लेख में आपको कुछ ऐसे कबीर के दोहे पढने को मिलेंगे जिनका बखान हम अर्थ सहित करने वाले हैं. संत कबीर दास जी के इन दोहों का मतलब यानी Meaning क्या है वो भी हम आपको अच्छे से समझायेंगे. कबीर जी एक महान हस्ती थे और उन्होंने अपने जीवनकाल में कई तरह की रचनाएँ की. यदि हिंदी भाषा के विकास का जिक्र किया जाए तो कबीर उस समय के प्रमुख कवि और एक समाज सुधारक थे. इन्होने जितनी भी रचनाएँ की, जैसे दोहे और पद वगैरह, उनमें हरयाणवी, पंजाबी और राजस्थानी बोली की अधिकता प्रतीत होती थी. संत कबीर दास जी के जन्म स्थान को लेकर कई तरह की धारणाएं हैं. कोई कहता है की उनका जन्म मगहर में हुआ था, तो कोई आजमगढ़ का बताता है. लेकिन ज्यादातर लोग इस बात को लेकर एकमत हैं की उनका जन्म काशी में हुआ था. ये बात कबीर दास के दोहे की ही एक लाइन “ काशी में परघट भये, रामानंद चेताये”से भी साबित हो जाती है. कबीर का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था लेकिन कुछ घटनाओं के चलते उनका पालन पोषण एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. कबीर को पढने लिखने में कोई रुचि नहीं थी. शायद आप लोग जानते नहीं होंगे की जितने भी Kabir Ke Dohe आज हम पढ़ते हैं उन्हें उनके शिष्यों द्वारा अक्षरों में उतारा गया था. क्योंकि कबीर को लिखना आता ही नहीं था. उन्होंने अपने दोहे बनाये और उन्हें अपने मुहं से अपने शिष्यों को सुनाया. उनके शिष्य उनके द्वारा बोले गए दोहों और पदों को रचना के तौर पर उतारते थे, यानी लिखते थे. कबीर धर्म के नाम पर की जा रही मनमानी और कुप्रथाओं से काफी व्यथित थे और उनका विरोध करते थे. उनसे पूछने पर वो कहते थे की ना तो वो हिन्दू हैं और ना ही मुसलमान. सबसे पहले वो एक इंसान हैं जो मानवता में विश्वास रखता है. कबीर ने अपना पूरा ब...

दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय

कबीर के दोहे Kabir ke dohe in hindi दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय । जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे को होय । भावार्थ: दुःख में हर इंसान ईश्वर को याद करता है लेकिन सुख में सब ईश्वर को भूल जाते हैं। अगर सुख में भी ईश्वर को याद करो तो दुःख कभी आएगा ही नहीं। duh kh mein sumiran sab kare, sukh mein kare n koy . jo sukh mein sumiran kare, to duh kh kaahe ko hoy . bhaavaarth: duh kh mein har imsaan eeshvar ko yaad karata hai lekin sukh mein sab eeshvar ko bhool jaate hain. agar sukh mein bhee eeshvar ko yaad karo to duh kh kabhee aaega hee nahee. Related Posts: • पानी केरा बुदबुदा, अस मानस की जात - Kabir Ke Dohe • sukh ka Vilom shabd in Hindi सुख का विलोम शब्द sukh Antonyms… • निज सुख आतम राम है, दूजा दुख अपार - Kabir Ke Dohe • लेश का पर्यायवाची शब्द क्या होता है? लेश का समानार्थी शब्द • खेद का पर्यायवाची शब्द क्या होता है? खेद का समानार्थी शब्द • पीर का पर्यायवाची शब्द क्या होता है? पीर का समानार्थी शब्द • पीड़ा का पर्यायवाची शब्द क्या होता है? पीड़ा का समानार्थी… • कष्ट का पर्यायवाची शब्द क्या होता है? कष्ट का समानार्थी शब्द

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