Karyapalika kise kahate hain

  1. न्यायपालिका किसे कहते है ?
  2. कार्यालयी हिंदी किसे कहते हैं कार्यालयी हिंदी के प्रमुख प्रकार ?
  3. कार्यालयी हिंदी/कार्यालयी हिंदी
  4. कारक किसे कहते हैं, परिभाषा, भेद, उदहारण
  5. कार्यपालिका किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार, कार्य, महत्व।
  6. कार्यपालिका न्यायपालिका और विधान पालिका में क्या अंतर है? » Karyapalika Nyaypalika Aur Vidhan Palika Mein Kya Antar Hai
  7. इतिहास किसे कहते हैं


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न्यायपालिका किसे कहते है ?

अनुक्रम (Contents) • • • न्यायपालिका किसे कहते है ? न्यायपालिका राजनीतिक प्रक्रिया का एक ऐसा अंग है जो सरकार के हाथों में राजनीतिक शक्ति के अत्यधिक केन्द्रीकरण की रोकथाम और ‘लोकतंत्र की धांधलियों या बहुमत के निरकुंश शासन से जनता को बचाने की व्यवस्था करती है। इसी कारण न्यायाधीश और साधारण अर्थ में कानूनों की व्याख्या करने व उनका उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को दण्डित करने की संस्थागत व्यवस्था को न्यायपालिका कहा जाता है। यह उन व्यक्तियों का समूह है जिन्हें कानून के अनुसार समाज के विवादों को हल करने का अधिकार प्राप्त रहता है। इस अर्थ में न्यायपालिका सरकार का एक विशिष्ट अंग है जिसको कानूनों का पालन कराने के लिये विशेष अधिकार प्राप्त रहते हैं। लास्की ने न्यायपालिका की परिभाषा करते हुये लिखा है –“एक राज्य की न्यायपालिका, अधिकाकारियों के ऐसे समूह के रूप में परिभाषित की जा सकती है, जिनका कार्य राज्य के किसी कानून विशेष के उल्लंघन या तोड़ने संबंधी शिकायत जो विभिन्न लोगों के बीच या नागरिकों व राज्य के बीच एक-दूसरे के विरुद्ध होती है, का समाधान व फैसला करना है। इस तरह न्यायपालिका, न्यायिक प्रक्रिया न्यायाधीशों के द्वारा मुकदमों का निर्णय करने की मानसिक प्रविधि को कहा जाता है। यह व्यवस्थित कानूनी लड़ाई के लिये की गयी व्यवस्था के अन्तर्गत जांच करने का तरीका है। इस तरह न्यायपालिका, न्यायिक प्रक्रिया की संरचित व्यवस्था के रूप में समाज के स्थापित कानून को लेकर उठने वाले विवादों का समाधान करने का संस्थागत यंत्र है।

कार्यालयी हिंदी किसे कहते हैं कार्यालयी हिंदी के प्रमुख प्रकार ?

देश के राजकीय कार्यों में प्रयुक्त होने वाली भाषा को राजभाषा कहते हैं। प्रत्येक देश की राष्ट्रभाषा ही उस देश की राजभाषा होती है। इसे अंग्रेजी में Official Language कहते हैं। इसी के माध्यम से वहाँ का राजकार्य चलता है। इसी भाषा को कार्यालयी हिंदी भी कहा जाता है। कार्यालयी हिंदी वह हिंदी है, जिसका दैनिक व्यवहार, वाणिज्यिक, पत्राचार, प्रशासन, व्यापार, चिकित्सा, संगीत, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में प्रयोग होता है। कार्यालयी भाषा में भाव, कल्पना आदि को अभिव्यक्त करने वाले शब्द नहीं होते। कार्यालयी भाषा में शिल्प पक्ष की सशक्तता नहीं होती। कार्यालय की अपनी एक शब्दावली होती है, अपने पारिभाषिक शब्द होते हैं, उनका सीमित अर्थ होता है, जिनका प्रयोग कार्यालय के कर्मचारी एवं अधिकारी, प्रशासन नित्य प्रति करते रहते हैं। कार्यालयी हिंदी के प्रमुख प्रकार कार्यालयी हिंदी के प्रमुख चार प्रकार हैं - • प्रशासनिक हिंदी, • व्यावसायिक हिंदी, • साहित्यिक हिंदी, • तकनीकी हिंदी। कार्यालयी हिंदी के प्रमुख कार्य कार्यालयी हिंदी का अर्थ है - वह हिंदी, जिसका प्रयोग कार्यालयों में दैनिक कामकाज में होता है। शासकीय कार्यालयों, न्याय, विधि आदि में उसी भाषा का प्रयोग होता है। सरकार के अनुसार हिंदी भारत की राजभाषा अथवा कार्यालयी भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 (i) में यह बात स्पष्ट रूप से कहीं गई है। इस प्रकार 26 जनवरी, 1950 को हिंदी को भारत संघ की राजभाषा घोषित किया गया। राजभाषा का प्रयोग मुख्यतया शासन, विधान, न्यायपालिका एवम् विधानपालिका में किया जाता है। कार्यालयी या राजभाषा हिंदी के प्रमुख चार कार्य हैं - प्रारूपण, टिप्पण, पल्लवन एवं संक्षेपण । 1. प्रारूपण प्रारुपण का समानार्थी अंग्रेज...

कार्यालयी हिंदी/कार्यालयी हिंदी

कार्यालयी हिंदी 'स्वरुप, उद्देश्य, क्षेत्र' मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और 'भाषा' समाज के सदस्यों के बीच संपर्क एवं संवाद का माध्यम बनती है। बिना संपर्क और संवाद के कोई भी समाज जीवंत नहीं माना जा सकता अर्थात् बिना भाषा के किसी भी समाज का अस्तित्व संभव ही नहीं है। जिस प्रकार मनुष्य को खाने के लिए अन्न, पीने के लिए पानी, पहनने के लिए कपड़े की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार आपस में सम्पर्क और संबंध बनाए रखने के लिए भाषा की आवश्यकता होती है। भाषा से ही मनुष्य अपना जीवन सुगम बनाता है। वर्षों की यात्रा के पश्चात् भाषा में निरन्तर परिवर्तन होते रहे हैं और भाषा का महत्त्व भी लगातार बढ़ता गया है। समाज के बीच संवाद-सम्प्रेषण और संबंध स्थापन भाषा का प्राथमिक कार्य है, किन्तु भाषा समाज की एक सीधी और सरल रेखा में चलने वाली इकाई नहीं है । समाज तथा इसके सदस्यों के अस्तित्व और चरित्र के अनेक आयाम होते हैं और इन सभी आयामों के संदर्भ में भाषा की विशिष्ट भूमिका होती है। भारत में विभिन्न भाषाओं में संवाद होता है। इन सभी भाषाओं की अपनी एक यात्रा रही है लेकिन भारतीय समाज की सम्पर्क भाषा 'हिन्दी' ने जहाँ वैदिक संस्कृत से यात्रा करते हुए आधुनिक हिन्दी का स्वरूप ग्रहण किया है वह एक सामाजिक क्रिया का आधार है। समाज निरन्तर अपने विकास के साथ-साथ भाषाओं का भी विकास करता है। समाज में होने वाले परिवर्तन की तरह ही उसकी अपनी भाषा में भी कभी स्थैर्य नहीं रहा। इसीलिए निरन्तर परिवर्तनों की धार पर चलकर हिन्दी अपने अनेक रूपों के साथ वर्तमान में समाज के सम्मुख उपस्थित है। हिन्दी की प्रयोजनीयता के आधार पर उसके विभिन्न रूप इस प्रकार हैं- 1. साहित्यिक हिन्दी 2. कार्यालयी हिन्दी 3. व्यावसायिक हिन्दी 4. विधिपरक हिन्दी...

कारक किसे कहते हैं, परिभाषा, भेद, उदहारण

• 1 Karak Kise Kahate Hain in Hindi – कारक की परिभाषा • 2 Karak Ke Bhed in Hindi-कारक के भेद एवं प्रकार • 3 कारक के भेदो की परिभाषा • 3.1 कर्ता कारक किसे कहते हैं? – Karta Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.2 कर्म कारक किसे कहते हैं? – Karm Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.3 करण कारक किसे कहते हैं? – Karan Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.4 सम्प्रधान कारक किसे कहते हैं? – Sampradan Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.5 आपादान कारक किसे कहते हैं? – Aapadaan Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.6 संबंध कारक किसे कहते हैं? – Sambhand Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.7 अधिकरण कारक किसे कहते हैं? – Adhikaran Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.8 संबोधन कारक किसे कहते हैं? – Sambodhan Karak Kise Kahate Hain in Hindi Karak Kise Kahate Hain in Hindi – कारक की परिभाषा आसान भाषा में कारक की निम्न परिभाषाएं होती हैं: • जो भी जीव किसी कार्य को करता है अर्थात क्रिया करने की भूमिका निभाता है, वह कारक कहलाता है| • किसी काम को करने वाले को कारक कहते हैं| जैसे- • वह सब खेलते हैं| • रेखा ने आजा गाना गाया| • अलीना खाना खाती है| Karak Ke Bhed in Hindi-कारक के भेद एवं प्रकार कारक के 8 मुख्य भेद होते हैं: • कर्ता कारक • कर्म कारक • कारण कारक • सम्प्रधान कारक • आपादान कारक • संबंध कारक • अधिकरण कारक • संबोधन कारक कारक के भेदो की परिभाषा कर्ता कारक किसे कहते हैं? – Karta Karak Kise Kahate Hain in Hindi वाक्य के जिस रूप से हमे क्रिया किसके द्वारा की जा रही है इसका बोध हो अर्थात क्रिया करने वाले का पता चले वह कर्ता कारक कहलाता है| विभक्ति चिन्ह –“ने” जैसे – • राहुल ने श्याम को खाना खाने के...

कार्यपालिका किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार, कार्य, महत्व।

• • • • • • • • राष्ट्रपति: भारत का संविधान कार्यपालिका किसे कहते हैं? (executive) सरकार का दूसरा प्रमुख अंग है। इतना ही नहीं, ‘सरकार’ शब्द का आशय कार्यपालिका (executive) से ही होता है। कार्यपालिका ही व्यवस्थापिका द्वारा बनाये गये कानूनों को क्रियान्वित करती है और उनके आधार पर प्रशासन का संचालन करती है। गार्नर ने (executive) के अधीन वे सभी अधिकारी, राज्य-कर्मचारी तथा एजेन्सियाँ आ जाती हैं, जिनका कार्य राज्य की इच्छा को, जिसे व्यवस्थापिका ने व्यक्त कर कानून का रूप दे दिया है, कार्यरूप में परिणत करना है।” कार्यपालिका के विविध रूप (प्रकार)- 1. नाममात्र की कार्यपालिका – ऐसी कार्यपालिका (executive); जिसके अन्तर्गत एक व्यक्ति, जो सिद्धान्त रूप से शासन का प्रधान होता है तथा जिसके नाम से शासन के समस्त कार्य किये जाते हैं, परन्तु वह स्वयं किसी भी अधिकार का प्रयोग नहीं करता; नाममात्र की होती है। ब्रिटेन की सम्राज्ञी तथा भारत का राष्ट्रपति नाममात्र की कार्यपालिका हैं। 2. वास्तविक कार्यपालिका – वास्तविक कार्यपालिका (executive)उसे कहते हैं जो वास्तव में कार्यकारिणी की शक्तियों का प्रयोग करती है। ब्रिटेन, फ्रांस तथा भारत में मंत्रि-परिषद् वास्तविक कार्यपालिका के उदाहरण हैं। 3. एकल कार्यपालिका – एकल कार्यपालिका वह होती है, जिसमें कार्यपालिका की सम्पूर्ण शक्तियाँ एक व्यक्ति के अधिकार में होती हैं। अमेरिका का राष्ट्रपति एकल कार्यपालिका का उदाहरण है। इन्हें भी पढ़ें:- 4. बहुल कार्यपालिका – बहुल कार्यपालिका में कार्यकारिणी शक्ति किसी एक व्यक्ति में निहित न होकर अधिकारियों के समूह में निहित होती है। इस प्रकार की कार्यपालिका स्विट्जरलैण्ड में है। 5. पैतृक कार्यपालिका – पैतृक कार्यपालिका उस कार...

कार्यपालिका न्यायपालिका और विधान पालिका में क्या अंतर है? » Karyapalika Nyaypalika Aur Vidhan Palika Mein Kya Antar Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। कार्यपालिका न्यायपालिका और विधान पालिका में क्या अंतर है इन तीनों के बारे में अगर यदि हम बात करें तो कार्यपालिका वह होता है जिसमें संघीय कार्यपालिका में राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति को सहायता करने असला देने के लिए देश के रूप में प्रधानमंत्री के साथ मंत्रिपरिषद होती है केंद्रीय की कार्य पहले शक्ति का जो है कि राष्ट्रपति को प्राप्त होती है जो उसके द्वारा केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह पर संविधान सम्मत तरीके से इस्तेमाल की जाती है विधायिका भारत उनके विधायकों को संसद पाया जाता है और राज्यों के विधायक का विधान मंडल विधान सभा चलाती है देश की विधायक का यानी संसद के लिए दो साधन है और उच्च सदन राज्यसभा तथा निचला सदन लोकसभा कलाकार राज्यसभा के लिए गिर अप्रत्यक्ष चुनाव होता है इसमें राज्य को नेतृत्व करने वाले सदस्यों का चुनाव एकल हस्तांतरण के द्वारा समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार राज्यों की विधानसभाओं द्वारा निर्धारित तरीके से लोकसभा जनप्रतिनिधियों की सभा है जिन का चुनाव वयस्क मतदान के आधार पर प्रत्येक चुनाव द्वारा होता है karyapalika nyaypalika aur vidhan palika mein kya antar hai in tatvo ke bare mein agar yadi hum baat kare toh karyapalika vaah hota hai jisme sanghiy karyapalika mein rashtrapati uprashtrapati aur rashtrapati ko sahayta karne ASLA dene ke liye desh ke roop mein pradhanmantri ke saath mantriparishad hoti hai kendriya ki karya pehle shakti ka jo hai ki rashtrapati ko prapt hoti hai jo uske dwara kendriya mantrimandal ki salah par samv...

इतिहास किसे कहते हैं

इतिहास किसे कहते है – itihaas kise kahate hain इतिहास किसे कहते हैं(itihas kise kahate hain )अक्सर इस सवाल का उत्तर जानने की जिज्ञासा लाखों लोगों में होती है। तभी तो हजारों लोग इस प्रश्न का जवाव गूगल पर जानना चाहते हैं। इतिहास से अभिप्राय उने विगत घटनाओं से है। जिसमें देश समाज, ब्रह्मांड से जुड़ी हुई समस्त पिछली घटनाओ और उन घटनाओं के विषय में अवधारणाओं का उल्लेख किया जाता है। इतिहास किसे कहते हैं – ITIHAAS KISE KAHATE HAIN इतिहास का अर्थ – itihaas ka arth kya hai इतिहास का शाब्दिक अर्थ की बाद की जाय तो यह हिन्दी के दो शब्दों के मेल से बना है। इति और हास, इति का मतलब होता है बीती हुई और हास का मतलब कहानी से है। इस प्रकार इतिहास का अर्थ (itihas ka arth) होता है बीती हुई कहानी। इस प्रकार इसे इस रूप में समझा जा सकता है, की इतिहास वह शास्त्र है जिसमें विगत घटित घटनाओं के बारें में हमें जानकारी मिलती है। इतिहास के प्रकार ऊपर आपने इतिहास के अर्थ के बारें में जाना की इतिहास से क्या अभिप्राय है। अब हम इतिहास की उपयोगिता और इतिहास के प्रकार के बारें में जानते हैं। इतिहास को वर्गीकृत करना कठिन है। लेकिन सुविधा की दृष्टि से इतिहास को मुख्य रूप से भागों में बांटा जा सकता है। • प्राचीन इतिहास • मध्यकालीन इतिहास • आधुनिक इतिहास READ खूबसूरत सिटी पैलेस जयपुर का इतिहास | City palace Jaipur history in Hindi इस वर्गीकरण के अलावा भी इतिहास के और भी प्रकार हो सकते हैं। सामाजिक इतिहास, साँस्कृतिक इतिहास, राजनीतिक इतिहास, धार्मिक इतिहास, आर्थिक इतिहास इत्यादि। इतिहास क्या है परिभाषा– itihas ki paribhasha kya hai अक्सर लोग इतिहास की परिभाषा जानना चाहते हैं की इतिहास क्या है। इतिहास की परिभाषा इन ...