Katyayani mata ki katha in hindi

  1. Maa Katyayani ki Katha
  2. Know what is the divine story of Mata Katyayani worship her like this


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Maa Katyayani ki Katha

Table of Contents • • • • • • • Maa Katyayani ki Katha: मां कात्यायनी, माँ दुर्गा का छठा स्वरुप हैं और नवरात्री के छठे दिन इनकी आराधना की जाती है। महर्षि कात्यायन की पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इन्हें माता कात्यायनी के नाम से जाना जाता है। कात्यायनी का मतलब होता है “अहंकार का नाश करने वाली”। माँ दुर्गा का यह स्वरुप संयम और साधना का प्रतीक है। इनकी पूजा करने से हमारे शरीर में आज्ञा चक्र जागृत होता है, जिससे हमें अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है और अनावश्यक भय से मुक्ति मिलती है। इन्हें बृहस्पति ग्रह की स्वामिनी भी कहा जाता है। माता कात्यायनी की कथा (Maa Katyayani ki Katha), उनका स्वरुप, प्रिय रंग, पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़िए। माता कात्यायनी का स्वरुप (Forms of Mata Katyayani) मां दुर्गा के नौ स्वरूपों में से यह सबसे विकराल रूप है और उनका यह रूप एक योद्धा के लिए जाना जाता है। उन्होंने महिषासुर के वध के लिए यह रूप धारण किया था। उनका यह स्वरुप चमकीला और तेजमय है। इनकी चार भुजाएँ है, जिनमे दाहिने हाथों में से एक हाथ अभय मुद्रा में और दूसरा हाथ वर मुद्रा में रहता है, जबकि बाएँ हाथों में से एक हाथ में तलवार धारण किये हुए रहती है और दूसरे हाथ में कमल का फूल सुशोभित रहता है। इनकी सवारी सिंह है और इन्हें बृहस्पति ग्रह की स्वामिनी के रूप में भी जाना जाता हैं। इनकी पूजा करने से बृहस्पति ग्रह के दोष से मुक्ति मिलती है। मां कात्यायनी की कथा (Maa Katyayani ki Katha) पौराणिक कथाओंके अनुसार महर्षि कात्यायन, माँ आदिशक्ति का परम भक्त था। उन्होंने कई वर्षो तक माता आदिशक्ति की कठोर तपस्या की। उनकी इच्छा थी, माँ भगवती उनकी पुत...

Know what is the divine story of Mata Katyayani worship her like this

Mata Katyayani Story: शारदीय नवरात्र के छठवें दिन देवी कात्यायनी की पूजा का विधान है. कात्यायनी माता दुर्गा देवी के नौ रूपों में छठे स्वरूप के रूप में पूज्य हैं. माता ने यह रूप अपने भक्त ऋषि कात्यायन के लिए धारण किया था. देवी भागवत पुराण में ऐसी कथा मिलती है कि, ऋषि कात्यायन मां आदिशक्ति के परम भक्त थे. इनकी इच्छा थी कि देवी उनकी पुत्री के रूप में उनके घर पधारें. इसके लिए ऋषि कात्यायन ने वर्षों कठोर तपस्या की ! zee bihar jharkhand news,Zee Bihar Jharkhand,Jharkhand news,RanchiNews,durga puja,Durga Puja kab hai,Durga Puja 2022,durga puja pujan vidhi,Shardiya Navratri 2022,Navratri 2022,astrology today,Astrology Today In Hindi,शारदीय नवरात्रि 2022,नवरात्रि 2022,Navratri 2022,maa katyayani mantra,Maa Katyayani aarti,maa katyayani bhajan,maa katyayani puja vidhi for marriage,Maa Katyayani puja vidhi,katyayani mantra,katyayani mata ki aarti,katyayani mata ki katha,