कौंच के बीज का सेवन कैसे करें

  1. कौंच के बीज के स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ क्या हैं?
  2. Uric Acid Control Tips: सीमेंट की तरह हड्डियों में जमे यूरिए एसिड के क्रिस्टल को गला देगा ये काला बीज, जोड़ों का दर्द होगा दूर
  3. कौंच के बीज के फायदे और नुकसान
  4. कौंच बीज के {घातक} नुकसान
  5. औरतें पिएं गर्म दूध के साथ इस नोरोगी कौंच बीज का पाउडर, 65 की उम्र में दिखेगी 25 की फुर्ती
  6. Kaunch Ke Beej ke Nuksan in Hindi: कौंच के बीज के फायदों के साथ जानें इसके गंभीर नुकसान
  7. कौंच बीज चूर्ण की तासीर, नुकसान, सेवन कैसे करें और मूल्य


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कौंच के बीज के स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ क्या हैं?

कौंच के बीज भारत, चीन और एशिया, अमेरिका और अफ्रीका के अन्य गर्म क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय है। यह फलीदार खाद्य फसल फैबेसी पादप परिवार की है। यह आमतौर पर चमकीले हरे पत्ते और लंबी शाखाओं के साथ 15 मीटर लंबा होता है। कौंच के बीज किस काम आते हैं? इसका उपयोग आयुर्वेद में चिकित्सा प्रयोजनों के लिए किया जाता है। पहले इसका उपयोग बांझपन, यौन अक्षमता, नपुंसकता, तंत्रिका संबंधी विकारों और कामोत्तेजक गतिविधियों जैसी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता था। आइए कौंच के बीज के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करें और देखें कि वे कुछ चिकित्सीय स्थितियों के इलाज में कैसे सहायक हैं। Table of Contents • • • • • • • • • • • कौंच के बीज के फायदे आइये नीचे दिए कौंच बीज के फायदों को पढ़ें – 1. प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ाता है कौंच के बीज टॉनिक का काम करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, यह प्रजनन अंगों की सहायता करता है। बेहतर यौन ऊर्जा और कामेच्छा को बनाए रखने के लिए ये बीज एक बेहतरीन कामोत्तेजक हो सकते हैं। इसके अलावा, वे सामान्य प्रजनन क्षमता का समर्थन करते हैं, और शुक्राणु और डिंब के स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं। 2. शरीर सौष्ठव को बढ़ावा देता है कौंच के बीज में पाए जाने वाले एसिड एल-डोपा की उच्च मात्रा ग्रोथ हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होती है। मनुष्य का शरीर मांसपेशियों के द्रव्यमान को बढ़ाने और शक्ति प्रदान करने के लिए इस हार्मोन का उत्पादन करता है। 3. तंत्रिका तंत्र को बेहतर करे कई कौंच बीज के फायदे में से एक यह है कि इसमें लेवोडोपा होता है, जो न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन का प्रवर्तक है। डोपामाइन द्वारा अनैच्छिक गति, कार्यशील स्मृति, सीखने, अनुभूति और मनोदशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती ...

Uric Acid Control Tips: सीमेंट की तरह हड्डियों में जमे यूरिए एसिड के क्रिस्टल को गला देगा ये काला बीज, जोड़ों का दर्द होगा दूर

Uric Acid Control Tips: सीमेंट की तरह हड्डियों में जमे यूरिए एसिड के क्रिस्टल को गला देगा ये काला बीज, जोड़ों का दर्द होगा दूर यूरिक एसिड का शरीर में बढ़ना यानी आर्थराइटिस का खतरा दोगुना होना है. जोड़ों के बीच गैप में ये एसिड क्रिस्टल बनकर सीमेंट की तरह जम जाता है और हड्डियों को घिसने लगता है और तब जानलेवा दर्द होता है. डीएनए हिंदीः कलौंजी को गठिया का प्राकृतिक उपचार माना जाता है.आयुर्वेदिक चिकित्सा में कलौंजी एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में जानी जाती है क्योंकि इसमें एनोरेक्सिया, तंत्रिका संबंधी विकार और स्त्री रोग संबंधी समस्याओं का इलाज करने की क्षमता है. यह किसी के मूड को सुधारने और मेटाबॉलिज्म को उत्तेजित करने में भी मदद करती है. कई शताब्दियों से कलौंजी पारंपरिक चिकित्सा का हिस्सा रही है, उस समय भी इसके बीज का उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों जैसे कि श्वसन समस्याओं, गुर्दे और यकृत की बीमारी, पाचन संबंधी दिक्कतों, गठिया और प्रतिरक्षा प्रणाली के इलाज के लिए किया जाता था. इतना ही नहीं इसके बीज थकान और कमजोरी का भी इलाज करते हैं. इस बीज के औषधिय महत्व का जिक्र बाइबिल के ओल्ड टेस्टामेंट में मिलता है जहां इसे "केत्जाह" कहा जाता था. गाउट यानी गठिया में कैसे फायदेमंद है कलौंजी हाई एंटीऑक्सीडेंट रिच कलौंजी मुक्त कणों से लड़ती है और ये एंटीऑक्सिडेंट प्रक्रियाओं पर कार्य करती है जैसे लिवर एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम को बढ़ाना, होमोसिस्टीन को कम करना और कुछ सेल्स को ऑक्सीडेटिव चोट से बचाना. कलौंजी में पाए जाने वाले विशिष्ट एंटीऑक्सीडेंट यौगिकों -थाइमोक्विनोन, कारवाक्रोल, टी-एनेथोल, 4-टेरपिनोल ही दवा का काम करते हैं. थाइमोक्विनोन विशेष रूप से सूजन को कम करने और लिवर की रक्षा करने के लिए प...

कौंच के बीज के फायदे और नुकसान

Mucuna Pruriens Benefits in Hindi कौंच बीज (Kaunch Beej) एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे कपिकच्छु (Kapikacchu) भी कहा जाता है, जो पुरुष बांझपन और तंत्रिका विकारों के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। इसका उपयोग कामोद्दीपक औषधी (aphrodisiac) के रूप में भी किया जाता है। शुक्राणुता से लेकर पार्किंसंस रोग तक के इलाज के लिए कौंच का उपयोग आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली में किया जाता है। कौंच बीज को मखमली सेम (velvet bean) के रूप में भी जाना जाता है। कौंच बीज पुरुषों की • • • • • • • • 3. 4. कौंच का पौधा – Kaunch plant in Hindi कपिकच्छु का वानस्पतिक नाम मुकुना प्रूरिएंस है जो फाबेसी परिवार से सम्बंधित है कौंच का पौधा (Kaunch plant) भारत के मैदानी इलाकों में झाडि़यों के रूप में फैला होता है। इसकी पत्तियां नीचे की तरफ झुकी होती हैं। कौंच के पौधे में झुके हुए गहरे बैंगनी रंग के फूलों के गुच्छे लगे होते हैं, जिस में करीब 5 से 25 तक फूल लगे होते हैं इस पौधे में सेम के समान फलियां लगती हैं। कौंच के पौधे के सभी भाग में औषधीय गुण होते हैं इसलिए इसकी पत्तियों, व बीजों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवा के रूप में किया जाता है। कौंच का इस्तेमाल मुख्य रूप से कौंच बीज के फायदे – Kaunch Beej Ke Fayde in Hindi • • • • • • • • मुकुना प्रुरियंस में बहुत सारे पोषक तत्‍व होते है जो हमारे स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। कौंच बीज में ग्‍लूथियोन, लेसितिण, गैलिक एसिड, ग्‍लाइकोसाइड्स, निकोटीन, प्रुरिनिन, प्रुरनिडाइन, अल्‍कोलोइड्स म्‍यूकेनाइन (Alkaloids mucanine), टैनिक एसिड आदि की अच्‍छी मात्रा होती है। इनके अलावा कौंच सेम में प्रोटीन, टेस्‍टोस्‍टेरान को बढ़ाए कौंच के बीज के गुण – Kaunch Beej Ke Fayde increases...

कौंच बीज के {घातक} नुकसान

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • कौंच के बीज के नुकसान–Kaunch Beej Ke Nukshan– Side Effects of Kaunch Beej in Hindi वैसे तो आमतौर पर • तनाव, पागलपन व अन्‍य मानसिक रोगों से ग्रसित व्यक्ति को कौंच बीज का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आपको पहले से ही कोई दिमाग से सम्बन्धित बिमारी हो तो इसके प्रयोग से पहले किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह अवश्य कर लेनी चाहिए। • अगर आप कौंच बीज का जरूरत से ज्यादा प्रयोग कर रहे हैं तो वजन कम होने की व कमजोरी की समस्या पैदा हो सकती है अत: इसको नियंत्रित मात्रा में ही प्रयोग में लाना चाहिए।अधिक प्रयोग करने से आपको दस्त व पेचिश की परेशानी हो सकती है। • महिलाओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि अगर वह गर्भवती हैं या अपने छोटे बच्चे को स्तनपान कराती हैं तो इसका सेवन न करें क्योंकि स्‍तनपान के लिए आवश्‍यक प्रोलैक्टिन की मात्रा को यह कम कर देता है। अत: अगर आप इसका प्रयोग कर रहे हैं तो अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह अवश्य करें। • अगर आपको कोई पुरानी बिमारी है या आप किसी अन्य बिमारी से जूझ रहे हैं तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से पूछ लें। • कौंच बीज शरीर में एल—डोपा द्वारा मेलेनिन बनाने का काम करता है। यह हमारे लिए हानिकारक नहीं हैं लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह त्‍वचा कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है। अत: इससे बचने के लिए एल—डोपा को नियंत्रित रखना आवश्यक होता है। • कौंच बीज के प्रयोग से उल्टी होना, दिल की धड़कन का अनियमित होना व भूख कम लगने की समस्या हो सकती है। • यह ध्यान रखना आवश्यक है कि इसका प्रयोग बच्चों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इसके प्रयोग से बच्चों के स्वास्थ्य में विपरीत प्रभाव पढ़ सकता है। • डायबिटीज या मधुमेह के रोगी कौंच बीज क...

औरतें पिएं गर्म दूध के साथ इस नोरोगी कौंच बीज का पाउडर, 65 की उम्र में दिखेगी 25 की फुर्ती

नोरोगी कौंच बीज कपिकाजू जड़ी-बूटी का बीज है, जो अपने औषधी गुणों के लिए मशहूर है। इसका पौधा फलीदार होता है और बहुत हद तक राजमा जैसा दिखता है। नोरोगी कौंच बीज के बारे में कम ही लोग जानते हैं, लेकिन यह महिलाओं में कामेच्छा और यौन इच्छा को बढ़ाने का बहुत अच्छा उपाय है। इस जड़ी-बूटी का लगभग हर हिस्सा अपने गुणों के लिए प्रसिद्ध है। नोरोगी ​कौंच बीज पाउडर का सेवन कैसे करें –नोरोगी कौंच बीज पाउडर का इस्तेमाल करना काफी आसान है। आधा चम्मच नोरोगी कौंच बीज के चूर्ण को शहद या फिर एक कप गर्म दूध में मिलाएं। दिन में दो बार भोजन के बाद इसका सेवन करें। हालांकि, कोई भी खुराक लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। खासतौर से अगर आप गर्भवती हो तों। नोरोगी कौंच बीज के उपयोग और फायदे पाचन के लिए –नोरोगी कौंच के बीज विटामिन- सी , विटामिन ई, बी-कॉम्प्लेक्स, आयरन, कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन , फाइबर और फायदेमंद सैचुरेटेड फैट से भरपूर है। सुबह नोरोगी कौंच बीज का सेवन अच्छा माना जाता है। यदि नोरोगी कौंच के बीज का उपयोग लंबे समय तक सुबह-सुबह किया जाता है, तो पेट और आंत का मेटाबॉलिज्म लेवल अच्छा रहेगा। स्त्री कामेच्छा के लिए –नोरोगी कौंच बीज महिला प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। यह महिलाओं को उनके प्रजनन अंगों में स्वस्थ ब्लड सकुर्लेशन में सुधार करके लो लिबिडो के बढ़ाने में मदद करता है। गर्भावस्था में –नोरोगी कौंच बीज को रातभर पानी में भिगोने से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बहुत फायदा हो सकता है। इसमें मौजूद कैल्शियम और आयरन दूध के उत्पादन को बढ़ाता है। जिन महिलाओं ने बच्चे को जन्म दिया है, उन्हें डिलीवरी के बाद अवसाद का सामना करना पड़ता है। अपने न्यूरोट्रांसमीटर विनियमन...

Kaunch Ke Beej ke Nuksan in Hindi: कौंच के बीज के फायदों के साथ जानें इसके गंभीर नुकसान

1/7 • • • • • कौंच के बीज के नुकसान Kaunch Ke Beej ke Nuksan in Hindi: कौंच के बीज (Kaunch Ke Beej in Hindi) के बारे में शायद आपने सुना हो और यदि नहीं सुना तो जरूर जानें इस फायदेमंद बीज के बारे में। वर्षों से कौंच के पत्ते, बीज, जड़ को आयुर्देव में कई रोगों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता आ रहा है। कौंच बेल के रूप में उगती है। दिमाग से लेकर दिल तक कौंच के बीज लाभ (Kaunch Beej ke fayde in hindi) पहुंचाता है। कई रोगों से छुटकारा दिलाता है। कौंच के बीज को मुकुना प्रुरिएंस (Mucuna Pruriens) भी कहते हैं, जो इसका एक वैज्ञानिक नाम है। दो तरह के होते हैं कौंच के बीज, एक की खेती की जाती है, तो दूसरी जंगल में मिलती है। जंगली कौंच को छूने से आपको खुजली, जलन हो सकती है। कौंच के बीज को वेलवेट बीन्स (Velvet Beans) भी कहते हैं। पुरुषों की सेक्सुअल समस्याओं का रामबाण इलाज करती है कौंच के बीज (Benefits of kaunch Beej)। इसके अलावा पार्किंसन्स, अनिद्रा, डायबिटीज, इनफर्टिलिटी, डिप्रेशन, कमर और शरीर दर्द, मिर्गी रोग आदि रोगों से भी बचाता है कौंच (Velvet Beans Benefits in Hindi)। हालांकि, कौंच के भरोसे आप इन सभी रोगों को जड़ से दूर करने के भरोसे ना बैठें, ये लक्षणों को कम कर सकता है, इन रोगों के होने के खतरे को कम करता है, पर किसी रोग का इलाज इसके सेवन से करना गलती होगी। बेहतर है कि आप डॉक्टर से जरूर संपर्क कर लें। अब इतने फायदों के बाद कौंच के बीजों के कुछ नुकसान (Kaunch Ke Beej ke Nuksan in Hindi) भी जान लेना जरूरी है। 2/7 • • • • • कौंच के बीज में मौजूद पोषक तत्व कौंच में कई ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो सेहत को कई रोगों से दूर रखते हैं। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, नियासिन, फॉस्फोरस, आयरन, कॉपर,...

कौंच बीज चूर्ण की तासीर, नुकसान, सेवन कैसे करें और मूल्य

को कपिकच्छु , केवांच, मकूना प्रुरीन्स और आत्मगुप्ता नाम से भी जाना जाता है। केंवाच बीज क्या होता है? केवांच, एक लता वाला पौधा है और भारत भर में 3000 फीट की ऊंचाई तक पहाड़ियों वाले इलाके में पाया जाता है। फली पर पाए जाने वाले रोएं बंदर के बाल जैसे दिखते हैं और यही कारण है कि इस कपिकच्छू , कपिलोमा, कपि, मर्कटी और वानारी जैसे नाम दिए गए हैं। यौन रोगों और बांझपन के आयुर्वेदिक उपचार में इसका इस्तेमाल पुराने समय से होता आया है। केवांच के बीज दो तरह के पौधों से मिलते हैं, जंगली और खेती वाली किस्म। मेडिकली, जंगली किस्म में बेहतर उपयोगिता है व काले बीज, सफ़ेद बीज की तुलना में अधिक फायदेमंद हैं। कौंच बीज के पाउडर का मुख्य रूप से पुरुषों के गुप्त रोगों में इस्तेमाल करते हैं। इससे , पेनिस का नहीं खड़ा हो पाना, धात गिरना, रात में सपने वीर्य निकल जाना, सेक्स का मन नहीं करना आदि में लाभदायक है। क्योंकि यह रसायन है, इसलिए स्त्रियों के लिए भी लाभप्रद है। यह प्रजजन अंगों पर काम करने वाली दवा है इसलिए औरतों में पीरियड्स की दिक्कत, कमोरी, आदि में फायदेमंद है। कौंच एक ऐसी आयुर्वेदिक दवाई है जो पार्किन्सन रोग में बहुत लाभ कर सकती है। कौंच बीजों का मुख्य घटक फिक्स्ड ऑयल, एल्कालोइड और 3, 4-डायहाइड्रोक्सीफिनेलिएलाइनिन है। एल-डोपा (एल – 3,4- डाइहाइड्रॉक्सीफिनेलिएनाइन) के पूरक से शरीर में डोपामिन स्तर को बढ़ा सकते हैं। एल-डोपा को पार्किंसंस की बीमारी का सबसे प्रभावी उपचार माना जाता है। Kaunch Beej Churna or Kapikacchu powder has aphrodisiac, nervine tonic, anti-parkinsonism, anti-inflammatory, and hypocholesterolaemic properties. It is useful in various sexual disorders including loss of libido, erect...