केदारनाथ मंदिर कितने साल पुराना है

  1. केदारनाथ मंदिर उत्तराखण्ड
  2. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर का इतिहास
  3. Verify You
  4. केदारनाथ मंदिर का इतिहास और केदारनाथ कैसे जाएँ?
  5. केदारनाथ मंदिर से जुड़े सभी सवालों के जवाब
  6. केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड
  7. केदारनाथ मंदिर प्रसिद्ध क्यों है?


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केदारनाथ मंदिर उत्तराखण्ड

केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के चारधाम और पंचकेदार दोनों का एक प्रसिद्ध अंग है, जो भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। हर साल लाखों पर्यटकों और श्रद्धालुओं द्वारा विजिट किया जाने वाला केदारनाथ मंदिर देश भर में काफी प्रसिद्ध है। केदारनाथ मंदिर जाने के लिए लगभग 16 किमी. का ट्रेकिंग करना पड़ता है और इसके बावजूद भी केदारनाथ मंदिर जाने वाले पर्यटकों की भीड़ कम नहीं होती है। आइए जानते हैं केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड से जुड़े सभी चीजों के बारे में- विषय - सूची • • • • • • • • • • • • • केदारनाथ मंदिर कहां स्थित है ? केदारनाथ मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। केदारनाथ मंदिर तीन तरफ से ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है, जिसमें केदारनाथ (22000 फीट), खर्चकुंड (21,600 फीट) और भरतकुंड (22,700 फीट) शामिल है। केदारनाथ न केवल पहाड़ बल्कि पांच नदियों का संगम भी है, जिसमें सरस्वती, स्वर्णगौरी, क्षीरगंगा, मंदाकिनी और मधुगंगा शामिल है। इन नदियों में से कुछ का तो अस्तित्व ही खत्म हो गया, लेकिन अलकनंदा की सहायक नदी मंदाकिनी को आज भी यहां पर देखा जा सकता है, जिसमें सर्दियों के समय भारी बर्फ और बारिश की वजह से जल की काफी ज्यादा मात्रा देखने को मिलती है। केदारनाथ मंदिर की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई कितनी है ? केदारनाथ मंदिर समुद्रतल से करीब 3584 मीटर (11,758 फूट) की ऊंचाई पर स्थित है, जिसे 6 फूट ऊंचे चबूतरे पर बनाया गया है। केदारनाथ मंदिर की लंबाई 187 फूट, चौड़ाई 80 फूट और ऊंचाई 85 फूट है, जिसकी दीवारें 12 फूट मोटी है और इसे कत्यूरी पत्थरों से बेहद मजबूती के साथ बनाया गया है। इस मंदिर की हैरान कर देने वाली बात ये है कि कैसे इतने भारी पत्थरों को इतनी ऊंचाई पर ले जाने के बाद इन्हे...

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर का इतिहास

kedarnath-temple भारत भूमि, जो अनेको वरसॉ से संतो – महंतो की भूमि रही है. यहाँ पर ऐसे कई तीर्थस्थल मौजूद है जिनका अपना – अपना धार्मिक महत्व है…और उनसे लाखो लोगो की आस्था जुड़ी हुई है. ऐसा ही एक तीर्थस्थल देवभूमि उत्तराखंड में मौजूद है. उत्तराखंड राज्य केरुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर (kedarnath temple) चारधाम और पंचकेदार में से एक है. भारतीय पुराणों के अनुसार भगवान शिव ने लोककल्याण एवं प्रकृतिकल्याण हेतु भारत मे 12 जगहों पर स्वयंभू प्रगट हुए और लिंग रूप में बिराजमान रहे…उन 12 जगहों को ज्योतिर्लिंग (jyotirlinga) के रूप में पूजा जाने लगा. उन 12 ज्योतिर्लिंग (12 jyotirlinga) में से एक केदारनाथ( kedarnath) भी है. केदारनाथ मंदिर (kedarnath temple) तीन तरफ से पहाड़ो से गिरा हुआ है. एक तरफ 22,000 फुट ऊंचा केदार पर्वत है तो दूसरी तरफ 21,600 फुट ख़र्चकुंज पर्वत है तो तीसरी तरफ 22,000 फुट ऊंचा भरतकुंज पर्वत है. इतना ही नही यहां पर पांच नदियों का संगम भी है…जैसे कि मन्दाकिनी, मधुगंगा, चीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी है. Advertisements केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का इतिहास – History of Kedarnath Jyotirlinga केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर (kedarnath temple ) शिव भगवान के 12 ज्योतिर्लिंगों ( 12 jyotirlinga list) में से पांचवा प्रमुख ज्योतिर्लिंग है. इस ज्योतिर्लिंग (jyotirlinga) के निर्माण की 2 कथा प्रचलित है. जिसमे एक कथा का वर्णन शिवपुराण (shivapuran) में मिलता है और दूसरा महाभारत ग्रंथ (mahabharat Granth) में मिलता है. केदारनाथ ज्योतिलिंग कि कहानी नं. एक -Kedarnath Jyotirlinga Story no. 1 केदारनाथ मंदिर (kedarnath temple) के निर्माण का वर्णन शिवपुराण (shivpuran) में कोटिरुद्रसंहिता के ...

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केदारनाथ मंदिर कितने साल पुराना है? | How Old is Kedarnath Temple? केदारनाथ मंदिर, भारत के पवित्र चार धाम यात्रा का हिस्सा है। यह मंदिर भगवान शिव की उपासना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि केदारनाथ मंदिर कितने साल पुराना है? केदारनाथ मंदिर के बनने के वर्ष का कोई सटीक ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है लेकिन 1000 वर्षों से केदारनाथ एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में दर्शनार्थियों के लिए रहा है।राहुल सांकृत्यानंन के अनुसार ये १२-१३ वी शताब्दी का है। केदरनाथ मंदिर पांडवों द्वारा निर्मत किया गया था । जो कि प्राचीन काल में बना था। Also Read- केदारनाथ मंदिर का इतिहास | History of Kedarnath Temple ऐतिहासिक खोज | Historical Exploration केदारनाथ मंदिर के निर्माण के संदर्भ में विभिन्न धारणाएँ हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल (Mahabharata era) में पांडवों द्वारा किया गया था। दूसरी ओर, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी (8th century) में अदि गुरु शंकराचार्य (Adi Shankaracharya) द्वारा किया गया था। आधिकारिक रिकॉर्ड | Official Records आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, केदारनाथ मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी (8th century) में अदि गुरु शंकराचार्य (Adi Shankaracharya) द्वारा किया गया था। इसके अलावा, मंदिर के कुछ हिस्से और विस्तारण 12वीं और 16वीं शताब्दी में किए गए थे। केदारनाथ मंदिर ओर किसने क्यों बनाया गया था? केदारनाथ मंदिर पांडवों ने अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए बनाया था लेकिन कहा यह भी जाता है कि नर और नारायण की तपस्या को देखकर भगवान शिव ने प्रार्थना अनुसार केदारनाथ में ज्योतिर्लिंग के रूप में निवास किया। अधिक जान...

केदारनाथ मंदिर का इतिहास और केदारनाथ कैसे जाएँ?

केदारनाथ मंदिर केदारनाथ मंदिर में लगभग सभी भक्तों की जाने की इच्छा अवश्य होती है। वह अपने जीवन में ऐसी इच्छा तो अवश्य ही करते हैं कि वह काश एक बार केदारनाथ मंदिर जा पाते और महादेव के दर्शन कर पाते। आज हम आपके सामने इसी मकसद से आए हैं ताकि आप लोगों को महादेव के प्रमुख स्थान केदारनाथ मंदिर जाने का समय एवं सफल यात्रा के साथ-साथ केदारनाथ मंदिर के इतिहास एवं कुछ तथ्यों के विषय में भी जानकारी प्राप्त हो सके। विषय सूची • • • • • • • • केदारनाथ मंदिर का इतिहास (Kedarnath Temple History in Hindi) केदारनाथ शब्द संस्कृत भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है, केदारा और नाथ। केदारा का अर्थ होता है क्षेत्र, एवं नाथ का अर्थ होता है स्वामी। अतः केदारनाथ का शाब्दिक अर्थ होता है क्षेत्र के स्वामी। देवों के देव महादेव का यह मंदिर लगभग समुद्र तल से 3580 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। महादेव का यह मंदिर हिमालय की गोंद उत्तराखंड में बसा हुआ है। यह ऋषिकेश से लगभग 220 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो गंगा की सहायक नदी मंदाकिनी के किनारे हिमालय की गोद में स्थित है। केदारनाथ मंदिर को लेकर बहुत कथाएँ लिखी जा चुकी है। अतः ऐसे में ही पांच केदार की लोक कथा के अनुसार वर्णित किया गया है कि जब पांडा कुरुक्षेत्र में अपने कौरव भाइयों को पराजित कर युद्ध में विजय प्राप्त कर लिए थे, तब युद्ध के दौरान ही यह अपने गोत्र भाइयों और ब्रह्म हत्या के अपराध से प्रायश्चित करना चाहते थे। इन पांच पांडवों ने अपनी ब्रह्महत्या और गोत्र भाई की हत्या के प्रायश्चित को पूरा करने के लिए अपने संपूर्ण साम्राज्य को अपने परिजनों को सौंपने के पश्चात वह पांचों भाई भगवान शिव की खोज में चले गए। यह पांचों भाई भगवान शिव की खोज करते हुए सर्वप्र...

केदारनाथ मंदिर से जुड़े सभी सवालों के जवाब

आज इस पोस्ट में मैं आपको केदारनाथ मंदिर से संबंधित बहुत सारे सवालों के जवाब देने वाला हूं, ताकि अगर आप कभी केदारनाथ मंदिर जाएं, तो आपको किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो सके। इनमें से कुछ सवाल मेरे पाठकों द्वारा पूछा गया है और कुछ सवाल मैंने गूगल से उठाया है। आइए जानते हैं केदारनाथ मंदिर से संबंधित सभी सवालों और जवाबों के बारे में- विषय - सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • केदारनाथ मंदिर किस राज्य में है, केदारनाथ मंदिर किस राज्य में स्थित है या केदारनाथ मंदिर किस राज्य में पड़ता है? केदारनाथ मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है, जहां हर साल लाखों भारतीय भगवान शिव के दर्शन करने जाते हैं। केदारनाथ मंदिर किस जिले में है? या केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के किस जिले में स्थित है? केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है, जो उत्तराखंड के चार धाम और पंच केदार दोनों मंदिरों में शामिल है। केदारनाथ की ऊंचाई कितनी है? या केदारनाथ मंदिर की ऊंचाई कितनी है? केदारनाथ मंदिर की समुद्र तल से ऊंचाई करीब 3584 मीटर यानी लगभग 11,758 फूट है। केदारनाथ के पास कौन-सी नदी है? केदारनाथ मंदिर के पास मंदाकिनी नदी है, जो चौरीबारी हिमनद के कुंड से निकलती है। केदारनाथ मंदिर में भोलेनाथ के किस अंग की पूजा होती है? केदारनाथ मंदिर में भोलेनाथ के आकृति-पिंड की पूजा होती है। केदारनाथ मंदिर में आरती कब होती है और दिन में कुल कितने बार आरती होती है? केदारनाथ मंदिर में भगवान भोलेनाथ की आरती प्रतिदिन दो बार होती है, जिसका समय सुबह 7:30 बजे और शाम 7:30 बजे का है। हेलीकॉप्टर से केदारनाथ कैसे जाएं? गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी इन तीनों जगहों से केदारनाथ मंदिर जाने के लिए हेलीकॉप्ट...

केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड

कैलाश मानसरोवर - Kailash Mansarovar अब कैलाश मानसरोवर असल में सबसे चुनौतीपूर्ण और धार्मिक स्थलों में सबसे मुश्किल माना जाता है। आज यह जगह चीन के कब्जे वाले तिब्बत (1962 के युद्ध के बाद) में पड़ती है। कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तीर्थयात्रा के प्रमुख आकर्षण हैं। आस्था और चमत्कार से घिरा है मां चूड़ामणि का मंदिर, जहां चोरी करने हो जाती है श्रद्धालुओं की हर इच्छा पूरी(फोटो साभार : TOI.com) कार्तिक स्वामी मंदिर, उत्तराखंड - Kartik Swami Temple, Uttarakhand कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। 200 साल पुराना मंदिर उत्तराखंड का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जो भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। 3050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर एडवेंचर प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। यहां पहुंचने के लिए यात्रियों को कनकचौरी गांव से 3 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है और यह रास्ता में बेहद कठिन है।भयंकर जलप्रलय में केदारनाथ मंदिर के पीछे अचानक प्रकट हुई थी ‘भीम शिला चट्टान’, रहस्य आपको भी न कर दे हैरान(फोटो साभार : TOI.com) तुंगनाथ मंदिर, उत्तराखंड - Tungnath Temple, Uttarakhand तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक पहाड़ी मंदिर भी है। जो लोग नहीं जानते उनके लिए यह दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है जो पहाड़ों में लगभग 3680 मीटर की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण लगभग 1000 साल पहले हुआ था।वर्ष में एक बार दिवाली पर खुलता है ये मंदिर, सालभर जलता है दीपक और फूल भी रहते हैं एकदम ताजा(फोटो साभार : wikimedia commons) शिखर जी, झारखंड - Shikhar Ji, Jharkhand शिखर जी जैनियों के लिए सबसे अधिक पूजनीय स्थलों में से एक है। यह म...

केदारनाथ मंदिर प्रसिद्ध क्यों है?

▼ • • • उत्तराखंड में स्थित 3583 मीटर ऊपर है। केदारनाथ राजसी पहाड़ों से घिरा हुआ है, और इसके चरम मौसम के कारण ये पहाड़, अधिकांश समय में बर्फ से ढका रहता हैं, और अप्रैल से नवंबर तक केवल 8 महीनों के लिए खुला रहता है। हिन्दू पुराणों में, 6 महीने बर्फ से ढके रहने वाले इस पवित्र धाम को भगवान शिव (Lord Shiva) का निवास स्थान बताया जाता है। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शंकर प्रकट हुए और उनके प्रार्थनानुसार ज्योतिर्लिंग के रूप में हमेशा के लिए वास करने का वर प्रदान किया। Kedarnath। केदारनाथ केदारनाथ मंदिर प्रसिद्ध होने के कारण • यह शिव उपासकों के सबसे प्रमुख स्थलों में से एक है। • यह भव्य मंदिर एक चरम स्थान पर स्थित है और समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और चित्रमय चमत्कारों से घिरा हुआ है। • इस विशाल प्राचीन मंदिर के मनोरम परिदृश्य और आश्चर्यजनक परिवेश इसे पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध बनाता है। • केदारनाथ में लाखों तीर्थयात्री पूरी दुनिया के विभिन्न स्थानों से आते हैं और वह भी तब जब यह एक वार्षिक तीर्थयात्रा है। • इसकी उत्पत्ति के पीछे की किंवदंतियां और दिलचस्प पौराणिक कथाएं इसे हिंदू धर्म में और अधिक महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण बनाती हैं। • शिव जी की भुजाएं तुंगनाथ में, मुख रुद्रनाथ में, नाभि मद्महेश्वर में और जटा कल्पेश्वर में प्रकट हुए। इसलिए इन चार स्थानों सहित श्री केदारनाथ को पंचकेदार कहा जाता है। यहां शिवजी के भव्य मंदिर बने हुए हैं। इसलिए भीम, पांडवों में से एक भाई, उसे खोजने में कामयाब रहे, और उन्होंने उसकी पूंछ पकड़ ली और शिव से उनके सामने पेश होने और उन्हें माफ करने की विनती की। पांडवों द्वारा पाए जाने पर, भगवान शिव भूमिगत हो गए और भीम केवल अपने कूबड़ को पकड़ने...