केदारनाथ प्रलय कब हुआ था

  1. केदारनाथ धाम का इतिहास History of Kedarnath Dham
  2. केदारनाथ मंदिर का इतिहास
  3. केदारनाथ महाप्रलय: पढ़िए उस कयामत की रात की रूह सर्द कर देने वाली कहानी
  4. केदारनाथ मंदिर का इतिहास, रहस्य व कहानी। Kedarnath Temple history in hindi – HindiKhojijankari
  5. [Solved] केदारनाथ त्रासदी कब हुई थी? 


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केदारनाथ धाम का इतिहास History of Kedarnath Dham

केदारनाथ धाम का इतिहास II History of Kedarnath Dham History of Kedarnath Dham ( क्या है केदारनाथ धाम का इतिहास ? ) केदारनाथ धाम भारत के उत्तराखंड राज्य में रुद्रप्रयाग जिले में हिमालय पर्वत की गोद मैं स्थित हैँ। रुद्रप्रयाग से केदारनाथ 72 km, उत्तरकाशी से रुद्रप्रयाग 172 km, हरिदवार से रुद्रप्रयाग 161km, ऋषिकेष से रुद्रप्रयाग 141 km सड़क मार्ग से जुड़ा है। समुद्र तल से ३४६२ मीटर की ऊँचाई पर बना हुआ एक भव्य एवं विशाल मंदिर है। केदारनाथ की यात्रा गौरीकुण्ड से आरंभ होती हैं। गौरीकुण्ड से १४ किमी लंबा पक्का पैदल मार्ग हैँ। गौरीकुण्ड उत्तराखंड के प्रमुख स्थान जैसे ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून इत्यादि से जुड़ा हुआ है। ©By Naresh Balakrishnan – Own work, CC BY-SA 4.0, https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=36520176 केदारनाथ धाम में हर साल लाखो की संख्या में श्रद्धालुओ आते है। इस धाम के प्रति लोगो की अतुट श्रद्धा और विश्वास हैँ। केदानाथ मंदिर तीनो तरफ से पहाड़ो से घिरा हैं। एक तरफ २२००० फिट ऊँचा केदारनाथ पर्वत तो दूसरी तरफ २१६०० फिट ऊँचा खर्च कुण्ड और तीसरी तरफ २२६०० फिट ऊँचा भरत कुण्ड और दूसरी तरफ ५ नदियों का संगम हैँ। उसमे (१) मन्दाकिनी (२) मधुगंगा (३) छीरगंगा (४) सरस्वती (५) स्वर्णगौरी इनमें शामिल हैँ। इन नदियों में कुछ को काल्पनिक माना जाता हैँ। इस इलाके में मन्दाकिनी ही साफ दौर से दिखाई देती हैँ। मन्दाकिनी नदी के पास ही केदारनाथ मंदिर का निर्माण करवाया गया था। पंच केदार (Panch Kedar ) : हिन्दू धर्मो के पुराणो के अनुसर शिव भगवान ने प्रकृति के कल्याण हेतु भारत वर्ष मे १२ जगहों पर ज्योतिर्लिंग के रूप में वे प्रकट हुवे। उन १२ जगहों पर स्थित शिवलिंगो को ज्योतिर्लिंग के रूप म...

केदारनाथ मंदिर का इतिहास

Table of Contents • • • • • • • • • • • • केदारनाथ मंदिर – हिमालय तू केदार भू-स्वर्ग केदारनाथ मंदिर केदारनाथ मंदिर कहां है ? केदारनाथ मंदिर धाम भारत के उत्तराखंड में केदारनाथ की मंदाकिनी नदी के पास वाली घरवाल हिमालय पर्वत श्रुंखालओ पर बना हुआ है। केदारनाथ मंदिर के कपाट कब तक खुले रहेंगे ? इस साल २०२३ में केदारनाथ मंदिर के कपाट भक्तों के लिए 25 अप्रैल 2023 को खुल रहे है। भक्त बाबा केदारनाथ के दर्शन 25अप्रैल से कर सकते है। बहुत ठंडा मौसम होने के कारण यह मंदिर अप्रैल ( चरम सर्दियों के मौसम में केदारनाथ भगवान शिव की मूर्ति को उखीमठ ले जाया जाता है और वहाँ 6 महीनो तक उनकी पूजा की जाती है। हिंदु धर्म में भगवान शिव का बहुत ऊँचा स्थान है | भगवान शिव के इनके अनुसार केदारनाथ धाम के दर्शन करने वाले भगत की हर मनोकामना तो पूरी होती ही है साथ ही केदारनाथ धाम का हिंदु धर्म में इतनी आस्था क्यों है इसके बारे में आपको निचे विस्तार से बताते है केदारनाथ मंदिर का इतिहास यह हम सब जानते हैकेदारनाथ धाम भगवान शिव को समर्पित हिन्दू मंदिर है। भगवान शिव यहाँ ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे और मन्दिर की पूजा श्री केदारनाथ केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने किया ? महाभारत की लड़ाई के बाद पंचकेदार की कथा ऐसी मानी जाती है कि महाभारत के युद्ध में विजयी होने पर पांडव भ्रातृहत्या का पाप के भोझ से चिंतित थे और इस पाप से मुक्ति पाना चाहते थे। इसके लिए वे भगवान इसलिए भगवान शंकर अंतर्ध्यान होकर केदार में जा बसे। पांडव उनका पीछा करते-करते केदार पहुंच गए। भगवान शिव ने तब बैल का रूप धारण कर लिया और वे अन्य पशुओं में जा मिले। अत: भीम ने अपना विशाल रूप धारण कर दो पहाडों पर पैर फैला दिया। अन्य सब गाय-बैल और भैंसे त...

केदारनाथ महाप्रलय: पढ़िए उस कयामत की रात की रूह सर्द कर देने वाली कहानी

केदारनाथ। 15 जून 2013 से केदारनाथ घाटी में भारी बारिश शुरू हुई। ऐसी बारिश वहां के लोगों ने पहले कभी नहीं देखी थी। 16 जून को भी बारिश जारी रही। इस दौरान केदारनाथ के आसपास के पहाड़ों पर झीलों में भारी मात्रा में पानी भर गया था और ग्लेशियर भी पिघलने लगे थे। केदारनाथ में तीर्थयात्रियों, पुजारियों समेत अन्य लोगों की भारी भीड़ थी और वे बारिश रुकने का इंतजार कर रहे थे लेकिन किसी को यह खबर नहीं थी कि 16 जून की शाम में क्या होनेवाला है? कयामत की रात से अंजान थे लोग केदारनाथ में शाम ढल चुकी थी और बारिश जारी थी। केदारनाथ के आसपास बहने वाली नदियां मंदाकिनी और सरस्वती उफान पर थी। खासकर मंदाकिनी की गर्जना डराने वाली थी। इसका स्रोत केदारनाथ के पास के पहाड़ पर चोराबाड़ी झील थी जिसमें पानी लबालब भर गया था। केदारनाथ के आसपास पहाड़ों पर बादल फट रहे थे। सभी तीर्थयात्री केदारनाथ मंदिर के आसपास बने होटलों और धर्मशालाओं में आराम कर रहे थे। पुजारी समेत अन्य स्थानीय लोग भी इस बात से अंजान थे कि केदारनाथ के लिए वो रात भारी गुजरने वाली थी। करीब 8.30 बजे केदारनाथ में पहली बार मौत के भयानक मंजर से लोगों का सामना हुआ। लैंडस्लाइड के मलबे के साथ आया पहला सैलाब दो दिनों से पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश और बादल फटने से लैंडस्लाइड शुरू हो गए। केदारनाथ में 16 जून 2013 की रात में करीब 8.30 बजे लैंडस्लाइड हुआ और मलबे के साथ पहाड़ों में जमा भारी मात्रा में पानी तेज रफ्तार से केदारनाथ घाटी की तरफ बढ़ा और बस्ती को छूता हुआ गुजरा। जो बह गए, सो बह गए लेकिन इसमें कई लोग जो बाल-बाल बच गए वो जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। जहां बाबा केदारनाथ की जय की गूंज थी, वहां रात के सन्नाटे में लोगों की चीखें गूंज रही थी। जान ...

केदारनाथ मंदिर का इतिहास, रहस्य व कहानी। Kedarnath Temple history in hindi – HindiKhojijankari

केदारनाथ मंदिर कहां पर स्थित है? इतिहास, महत्व, रहस्य व पौराणिक कथा, कहानी (Kedarnath Temple history in hindi, Kedarnath ki pouranik katha, stroy in hindi, facts about kedarnath temple hindi) आज का हमारा यह आर्टिकल भगवान केदारनाथ मंदिर पर आधारित है। इस आर्टिकल में हम आपको केदारनाथ मंदिर का इतिहास (Kedarnath Temple history in hindi)और अन्य मुख्य बातो से संबंधित जानकारी देंगे। Advertisements जब भी भारत के तीर्थ स्थलों का नाम लिया जाता है तो उसमें केदारनाथ धाम का नाम मुख्य रूप से लिया जाता है। भगवान शिव का यह भव्य ज्योतिर्लिंग धाम हिमालय की गोद में उत्तराखंड में स्थित है। भगवान शिव का यह केदारनाथ धाम केवल भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग की श्रृंखला में ही नहीं बल्कि कहा जाता है कि केदारनाथ मंदिर का इतिहास पांडवों से जुड़ा हुआ है जिसका निर्माण पांडव वंश के जन्मेजय ने करवाया था लेकिन कुछ मान्यताएं ऐसी भी हैं कि भगवान शिव के इस भव्य धाम की स्थापना आदिगुरु शंकराचार्य नके द्वारा की गई थी। हालांकि केदारनाथ का इतिहास क्या है? इस लेख में हम इस बात पर पूरी चर्चा करेंगे। विषय–सूची • • • • • • • • • केदारनाथ मंदिर का इतिहास, महत्व (Kedarnath Temple history in hindi) केदारनाथ मंदिर कहां है और केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने और कब करवाया था? केदारनाथ मंदिर हिंदू धर्म में प्रचलित है तथा यह मंदिर भारत के राज्य उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। केदारनाथ मंदिर हिमालय पर्वत की गोद में स्थित 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल है। इस मंदिर का निर्माण कत्यूरी शैली से किया गया है और इसके निर्माता पांडव वंश जनमेजय है। केदारनाथ मंदिर का निर्माण द्वापर युग में हुआ था। इस मंदिर में स्थित स्वयंभू शिवलिंग...

[Solved] केदारनाथ त्रासदी कब हुई थी? 

सही उत्‍तर जून 2013 ई.है । Key Points • केदारनाथ त्रासदी​ • 16-17 जून 2013 को उत्तराखंड में बहुत भारी वर्षा और बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने उत्तराखंड के 13 में से 12 जिलों को प्रभावित किया। • सबसे ज्यादा प्रभावित 4 जिले रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ थे। • केदारनाथ में चोराबाड़ी झील के किनारे बादल फटने के कारण ढह गए थे, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ी बाढ़ आई थी, जिससे उत्तराखंड में व्यापक विनाश हुआ था और बुनियादी ढांचे, कृषि भूमि, मानव और पशु जीवन को भारी नुकसान हुआ था। • केदारनाथ त्रासदी के कारण : • मंदाकिनी नदी का अतिप्रवाह। • केदारनाथ में बादल फटने और भारी बारिश। • चोराबारी झील का अतिप्रवाह। • केदारनाथ मंदिर​ • यह मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ शहर में मंदाकिनी नदी के पास स्थित है । • यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भारत के उत्तरी हिमालय के छोटा चार धाम तीर्थ यात्रा के चार प्रमुख स्थलों में से एक है। • केदारनाथ मंदिर के प्रमुख पुजारी कर्नाटक से वीरशैव दर्शन समुदाय के अंतर्गत आता है । • यह मंदिर 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ के दौरान सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र था। UKSSSC Graduate Level Re-exam to be conducted on 9th July 2023. This is with reference to the 2020 cycle. Earlier, theexamination for the same was cancelled by the authorities.The for recruitment to posts like Assistant Social Welfare Officer, Gram Panchayat Development Officer, Assistant Manager Industries, and others under the Government of Uttarakhand.Candidates with Graduatedegrees can apply for this exam. Thosewho get selected will get a range between Rs.19900 - Rs.1,1240...