केजरीवाल

  1. अरविंद केजरीवाल
  2. केजरीवाल ने सुनाई चौथी पास राजा की कहानी, वायरल हो रहा विधानसभा में दिया भाषण
  3. Arvind Kejriwal Will Met Akhilesh Yadav On Wednesday To Get Support Against Centre Ordinance On Delhi
  4. डिग्री की डिटेल ना देने के फैसले की समीक्षा की मांग; 30 जून को सुनवाई
  5. Delhi: Arvind Kejriwal Government Announces One Time Settlement Scheme For Outstanding Water Bills
  6. Delhi Politics: 'LG पलट सकता है कैबिनेट का फैसला,' अरविंद केजरीवाल का दावा
  7. Why Kejriwal Is Necessary For Opposition Unity Understand Equation Of 2024 Behind Nitish Second Meeting


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अरविंद केजरीवाल

अनुक्रम • 1 जीवनी • 2 राजनीति में पदार्पण • 2.1 आम आदमी पार्टी का गठन • 2.2 2013 के दिल्ली विधान सभा चुनाव • 2.3 2015 के दिल्ली विधान सभा चुनाव • 3 दिल्ली के मुख्यमन्त्री • 4 पुरस्कार • 5 व्यक्तिगत जीवन • 6 पुस्तकें • 7 इन्हें भी देखें • 8 सन्दर्भ • 9 बाहरी कड़ियाँ जीवनी अरविंद केजरीवाल का जन्म 1968 में जनवरी २००० में, उन्होंने काम से विश्राम ले लिया और इसके बाद, जुलाई २००६ में, उन्होंने पूरे भारत में आरटीआई के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए एक अभियान शुरू किया। ६ फ़रवरी २००७ को, अरविन्द को वर्ष 2006 के लिए लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन 'इस वर्ष का भारतीय' के लिए नामित किया गया। अरविंद ने [ राजनीति में पदार्पण २ अक्टूबर २०१२ को अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत कर दी। उन्होंने बाकायदा गांधी टोपी, जो अब "अण्णा टोपी" भी कहलाने लगी है, पहनी थी। उन्होंने टोपी पर लिखवाया, "मैं आम आदमी हूं।" उन्होंने २ अक्टूबर २०१२ को ही अपने भावी राजनीतिक दल का दृष्टिकोण पत्र भी जारी किया। राजनीतिक दल बनाने की विधिवत घोषणा के साथ उन्होंने कांग्रेस नेता आम आदमी पार्टी का गठन आम आदमी पार्टी के गठन की आधिकारिक घोषणा अरविंद केजरीवाल एवं 2013 के दिल्ली विधान सभा चुनाव मुख्य लेख: अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में फरवरी दिल्ली के मुख्यमन्त्री २८ दिसम्बर २०१३ से १४ फ़रवरी २०१४ मुख्यमन्त्री बनते ही पहले तो उन्होंने सिक्योरिटी वापस लौटायी। लोकपाल बिल भी एक प्रमुख मुद्दा रहा जिस पर उनका दिल्ली के लेफ्टिनेण्ट गवर्नर, विपक्षी दल भाजपा और यहाँ तक कि समर्थक दल काँग्रेस से भी गतिरोध बना रहा। पुरस्कार • 2004: • 2005: • 2006: उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए • 2006: लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन, 'इन्डियन ऑ...

केजरीवाल ने सुनाई चौथी पास राजा की कहानी, वायरल हो रहा विधानसभा में दिया भाषण

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज विधानसभा में एक कहानी सुनाई – चौथी पास राजा की कहानी! किस्सागोई के अंदाज में मजे लेकर सुनाई गई उनकी ये कहानी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. हैशटैग “#चौथी पास राजा” ट्विटर पर काफी देर तक ट्रेंड भी हो रहा था. अरविंद केजरीवाल ने अपनी कहानी में किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उन्होंने जो बातें कहीं, उन्हें सुनने वाले पीएम मोदी पर बिना नाम लिए निशाना साधने की कोशिशके तौर पर देख रहे हैं. इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल विधानसभा में भाषण देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिक्षा और डिग्री पर सवाल उठा चुके हैं. केजरीवाल ने सोमवार को विधानसभा में अपनी बात शुरू करते ही सबसे पहले ये बताया कि वे आज एक कहानी सुनाने जा रहे हैं. चौथी पास राजा बहुत बड़ा भ्रष्टाचारी था: सीएम केजरीवाल केजरीवाल सदन में कहानी की शुरूआत कुछ ऐसे करते हुए कहते हैं कि एक महान देश में एक चौथी पास राजा था. जो बहुत अहंकारी था और उसे पैसे की बहुत हवस थी, बहुत बड़ा भ्रष्टाचारी था. उससे अफ़सर अंग्रेज़ी में बोलकर किस-किस फाइल पर सिग्नेचर करवा ले जाते थे उसे पता ही नहीं चलता था. इस दौरान सीएम केजरीवाल वजह भी बताते हैं कि और उस किस्सागोई के दौरान वह कहते हैं कि क्योंकि राजा अनपढ़ था, पूछता तो बेइज़्ज़ती होती. कहानी में आगे बताते हैं कि धीरे-धीरे चौथी पास राजा को अपने नाम से बुरा लगने लगा. तो उसने फ़र्ज़ी डिग्री बना ली! लोगों ने RTI डाली. जो RTI डालता उसपर ₹25,000 जुर्माना. नोटबंदी और कृषि कानून से देश को हुआ नुकसान: दिल्ली मुख्यमंत्री सीएम केजरीवाल अपनी कहानी में आगे बताते है कि कुछ लोगों ने चौथी पास राजा को आइडिया दिया- नोटबंदी कर दो, भ्रष्टाचार ख़त्म हो जाएगा. नोटबंदी लान...

Arvind Kejriwal Will Met Akhilesh Yadav On Wednesday To Get Support Against Centre Ordinance On Delhi

Delhi Ordinance Row: क्या AAP को मिल पाएगा समाजवादी पार्टी का साथ? अखिलेश यादव से कल मुलाकात करेंगे अरविंद केजरीवाल Center Ordinance on Delhi: अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ उनका पूरा डेलिगेशन यानी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यसभा सासंद संजय सिंह, राघव चड्ढा भी मौजूद रहेंगे. Delhi News: केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अध्यादेश लाने के बाद से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम में जुटे हैं. इस अभियान के तहत विपक्षी पार्टी शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों व अन्य नेताओं से वह मुलाकात कर चुके हैं. अब वो समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से सात जून को लखनऊ में मुलाकात करेंगे. मुलाकात के दौरान दिल्ली के सीएम सपा प्रमुख से केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगेंगे. साथ ही लोकसभा चुनाव, विपक्षी एकता सहित सियासी मुद्दों पर चर्चा भी करेंगे. अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ उनका पूरा डेलिगेशन यानी पंजाब के मुख्यमंत्री इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव से सीएम अरविंद केजरीवाल की मुलाकात का मामला पब्लिक डोमेन में आने के बाद से इस बात की चर्चा भी है कि अगर सपा का समर्थन आम आदमी पार्टी को मिल भी जाए तो उन्हें इसका सियासी लाभ कितना मिलेगा? क्या केंद्र की ओर से अध्यादेश को लेकर प्रस्तावित कानून को राज्यसभा में रोकने में मदद मिलेगी? अगर नहीं तो आप प्रमुख की इस मुलाकात के ​सियासी निहितार्थ क्या हैं? इसके बावजूद दोनों के बीच मुलाकात को लेकर चर्चा करना लाजमी है. हर हाल में कांग्रेस का साथ जरूरी दरअसल, सीएम अरविंद केजरीवाल की सपा प्रमुख से मुलाकात का...

डिग्री की डिटेल ना देने के फैसले की समीक्षा की मांग; 30 जून को सुनवाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के मामले में अरविंद केजरीवाल गुजरात हाईकोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने हाईकोर्ट से अपने 31 मार्च के फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। इस फैसले में गुजरात हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री से जुड़ी डिटेल्स देने के चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर (CIC) के आदेश को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की याचिका को स्वीकार कर सभी पक्षों को नोटिस दे दिया है। मामले में अगली सुनवाई 30 जून को होगी। जानें क्या है मामला… CM केजरीवाल ने अप्रैल 2016 में केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) को एक लेटर लिखकर पीएम मोदी की शैक्षिक योग्यता से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की थी। उन्होंने लेटर में लिखा कि इस मुद्दे पर किसी भी तरह के भ्रम को दूर करने के लिए डिग्री को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। इसके बाद CIC ने गुजरात यूनिवर्सिटी से PM मोदी की एमए डिग्री के बारे में केजरीवाल को जानकारी मुहैया कराने को कहा गया था। CIC के इस आदेश को यूनिवर्सिटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। गुजरात हाईकोर्ट ने 31 मार्च के अपने फैसले में CIC के इस आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। 31 मार्च को फैसला आने के बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा था। केजरीवाल बोले- वेबसाइट पर नहीं है प्रधानमंत्री की डिग्री केजरीवाल ने याचिका में कहा- कोर्ट में यूनिवर्सिटी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पीएम मोदी की डिग्री गुजरात यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। लेकिन, हमें वेबसाइट पर प्रधानमंत्री की डिग्री नहीं मिली। वहां सिर्फ ऑफिस रजिस्टर की कॉपी उपलब्ध है, जो डिग्री से अलग होती है। 25 हजार के जुर्माने का भी विरोध क...

Delhi: Arvind Kejriwal Government Announces One Time Settlement Scheme For Outstanding Water Bills

दिल्ली सरकार ने सभी बकाया बिलों को दो श्रेणी में बांटा है अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो उपभोक्ता जिनकी दो या दो से ज्यादा OK रीडिंग आई हैं. यानी मीटर रीडर ने एक्चुअल रीडिंग ली और दोनों पक्ष उससे सहमत हैं. अगर किसी की 2 मीटर रीडिंग है तो दोनों का औसत निकाल लिया जाएगा और बिल बना दिया जाएगा. अगर किसी की 3 मीटर रीडिंग है तो अगर बीच वाली मीटर की रीडिंग से अगली रीडिंग दोगुने से ज्यादा है तो उसको खरीद कर नया मीटर देंगे और मान लेंगे कि यह गलत रीडिंग हो सकती है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि अगर किसी की 3 मीटर रीडिंग है 50, 75, 200... तो उस केस में 200 को हटा देंगे और 50, 75 इन दोनों रीडिंग की औसत निकाल ली जाएगी और इस हिसाब से बिल कम करके भेजा जाएगा. जिन लोगों की एक या एक भी OK रीडिंग नहीं है? इस मामले में पड़ोसियों की मीटर रीडिंग देखी जाएगी. इलाके में आसपास के बिल्कुल वैसे ही मकान की रीडिंग देखकर कम बिल बनाकर भेजा जाएगा. दिल्ली में कुल 27.6 लाख पानी के उपभोक्ता हैं जिनके पास कनेक्शन है इसमें से 11.7 लाख कनेक्शन पर बकाया है. दिल्ली सरकार के मुताबिक इस फार्मूले के तहत जिन 11.7 लाख उपभोक्ताओं के बिल बकाया हैं उनमें से 7 लाख उपभोक्ताओं का पुराना बिल जीरो हो जाएगा क्योंकि वह प्रतिमाह 20 किलो लीटर मुफ्त पानी की श्रेणी में आ जाएंगे. दिल्ली में 1.5 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जिनका 20 से 30 किलोलीटर के बीच में खपत हैं बाकी 30 किलोलीटर के ऊपर हैं. जिन लोगों का बिल गलत मीटर रीडिंग की वजह बकाया हो गया है उनको 1 अगस्त के बाद जो बिल कम करके भेजा जाएगा केवल वह चुकाना होगा. ऐसे लोग अगर 3 महीने की अवधि में बिल नहीं चुकाते हैं तो उसके बाद उनको सारा बिल चुकाना होगा 5733 करोड़ रुपये के पानी के बिल दिल्ली में इस...

खड़गे

केजरीवाल को समर्थन देने को लेकर पार्टी के नेता दो गुट में बंटे हुए हैं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पिछले हफ्ते कहा था कि अगर केंद्र सरकार अध्यादेश को लेकर राज्यसभा के मानसून सेशन में बिल लाती है तो हमारे सांसद इसका विरोध करेंगे। वेणुगोपाल के इस बयान के बाद 23 मई को दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस नेताओं ने बैठक की थी। इसमें प्रताप सिंह बाजवा, अजय माकन, संदीप दीक्षित समेत अन्य कांग्रेसी नेता शामिल थे। इसमें दोनों राज्यों के नेताओं ने शराब नीति केस में केजरीवाल और उनके मंत्रियों के खिलाफ केस दर्ज होने का हवाला देकर उन्हें समर्थन देने से इनकार कर दिया था। आज ही खड़गे, केसी वेणुगोपाल और राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय में मध्यप्रदेश के पार्टी नेताओं से मुलाकात की। इस बैठक में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह मौजूद रहे। दिल्ली के नेता समर्थन के पक्ष में नहीं पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बैठक में दिल्ली से पार्टी प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, अजय माकन, अरविंदर लवली, हारून यूसुफ, चौधरी अनिल कुमार और अन्य शामिल थे। इन नेताओं ने एक सुर में केजरीवाल से किसी भी प्रकार के गठबंधन या समर्थन से इनकार कर दिया। इन नेताओं ने दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ भी आप का साथ देने से मना किया है। हालांकि नेताओं ने फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया। वहीं, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा ने कहा- सभी नेताओं ने अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है। नवजोत सिद्धू ने कहा कि केंद्र की सरकार संविधान को रौंद रही है। संवैधानिक मूल्यों को खत्म करने की कोशिश हो रही है। बैठक में जो कुछ हुआ वो पार्टी अध्यक्ष और राहुल गांधी ही बताएंगे। नीतीश कुमार ने 22 मई को दिल्ली ...

Delhi Politics: 'LG पलट सकता है कैबिनेट का फैसला,' अरविंद केजरीवाल का दावा

Delhi Politics: 'LG पलट सकता है कैबिनेट का फैसला,' अरविंद केजरीवाल का दावा- भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ Arvind Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल को अधिकार दे दिया गया है कि कि वो कैबिनेट का कोई भी फैसला पलट सकता है. इस दौरान उन्होंने साथ देने के सीपीआई का शुक्रिया अदा किया. Delhi News: दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान केंद्र सरकार और एलजी विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केंद्र के अध्यादेश में यह प्रावधान है कि प्रदेश का मुख्य सचिव तय करेगा कि दिल्ली कैबिनेट का कौन सा निर्णय कानूनी (Legal) है और कौन सा गैर कानूनी (Illegal). सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल को अधिकार दे दिया गया है कि कि वो कैबिनेट का कोई भी फैसला पलट सकता है. उन्होंने कहा कि आज तक भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. ऐसा नहीं कि दिल्ली अर्धशासी राज्य है, इसलिए ये अध्यादेश दिल्ली के लिए आया है. यह अध्यादेश राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और अन्य राज्यों के लिए भी आ सकता है. यह सिर्फ दिल्ली का मामला नहीं है. दिल्ली से इसकी शुरुआत हुई है. इसलिए सब पार्टियों को मिलकर इसका विरोध करना चाहिए. सीएम केजरीवाल ने सीपीआई का जताया आभार दिल्ली के सीएम और आप आदमी पार्टी के संयोजक सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के 2 करोड़ लोगों ने सरकार को चुना है, तो सरकार को काम करने का भी अधिकार होना चाहिए. उन्होंने इस दौरान सीपाआई (CPI) नेताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इस अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के लोगों का साथ देने का निर्णय लिया है. दिल्ली के सीएम ने आज सीपाआई महासचिव ड...

Why Kejriwal Is Necessary For Opposition Unity Understand Equation Of 2024 Behind Nitish Second Meeting

लोकसभा चुनाव होने में अभी 10 महीने का वक्त बचा है, लेकिन इसको लेकर सभी राजनीतिक दल रणनीति बनाने के लिए अपने-अपने हिसाब से जुटे हैं. बीजेपी की ताकत को देखते हुए एक राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत विपक्षी गठबंधन बने, इसके लिए जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिन-रात एक किए हुए हैं. इस मकसद से वे अलग-अलग राज्यों में जाकर विपक्षी दलों के नेताओं से मिलकर समीकरण को साधने की कोशिश कर रहे हैं. इसी सिलसिले में नीतीश कुमार ने 21 मई को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की. इस दौरान आरजेडी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी नीतीश के साथ थे. नीतीश कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बाद केजरीवाल से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे थे. केजरीवाल क्यों है विपक्षी एकता के लिए जरूरी? यहां एक बात गौर करने वाली है कि 20 मई को बेंगलुरु में एक भव्य समारोह में सिद्धारमैया ने कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. इसमें विपक्षी दलों के तमाम बड़े नेता शामिल हुए थे. हालांकि कांग्रेस ने इस समारोह के लिए अरविंद केजरीवाल को आमंत्रित नहीं किया था. शपथ ग्रहण समारोह के अगले ही दिन नीतीश का केजरीवाल से मिलने के लिए आना इस नजरिए से भी महत्वपूर्ण है. मुलाकात के बाद नीतीश और केजरीवाल दोनों ने ही मीडिया के सामने अपनी बातें रखी. यहां पर गौर करने वाली बात है कि अरविंद केजरीवाल ने 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों के संगठित होने को लेकर कुछ नहीं कहा. विपक्षी एकता पर केजरीवाल की क्या है मंशा? अरविंद केजरीवाल ने ये जरूर कहा कि विपक्ष को एकजुट होकर केंद्र की बीजेपी सरकार के उस अध...