केवड़ा फूल

  1. तीज महोत्सव
  2. केतकी का फूल कैसा होता है?, सम्पूर्ण जानकारी
  3. केवड़ा
  4. केतकी का फूल कैसा होता है
  5. Which Flower Is Offered To Which God
  6. केतकी का फूल केसा होता है? नाम, श्राप & उपयोग
  7. केतकी


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तीज महोत्सव

महत्वपूर्ण जानकारी • • शनिवार, 19 अगस्त 2023 • तृतीया तिथि प्रारंभ - 18 अगस्त 2023 अपराह्न 08:01 बजे • तृतीया तिथि समाप्त - 19 अगस्त 2022 रात 10:19 बजे तीज हिन्दू धर्म के कई त्योहारों का नाम है। यह त्योहार हिन्दू महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। तीज के त्योहार नेपाल और उत्तरी भारत में बहुत प्रसिद्ध है। हरियाली तीज और हरतालिका तीज मानसून के मौसम का स्वागत करते हैं और मुख्य रूप से लड़कियों और महिलाओं द्वारा हाथों में मेंहदी लगाना, लाल और हरे रंग के कपडे पहनना, गीत, नृत्य और प्रार्थना अनुष्ठानों के साथ मनाते हैं। तीज के मानसून त्योहार मुख्य रूप से पार्वती और शिव के साथ उनके मिलन को समर्पित हैं। तीज के उत्सव में महिलाएं उपवास रखती हैं। तीज का त्योहार भारत के राज्य में अगल-अगल दिन व अगल-अगल नाम से मनाया जाता है। परन्तु तीज के त्योहार का उद्देश्य एक ही है, महिलाओं में उत्साह और खुशी। भारत के तरह पाकिस्तान के सिंधी समुदाय में इस त्योहार को तीजड़ी व तीजरी के नाम से मनाते है और सावन पूर्णिमा के तीसरे दिन मनाते है। तीज त्योहार के प्रकार हरियाली तीज उत्तरी भारत के राज्य - उत्तर प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में प्रसिद्ध है। करजी तीज को छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है। भारत के राज्य - उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार में काफी प्रसिद्ध है। हरतालिका हिंदी शब्द हरित और आलिका का एक संयोजन है जिसका अर्थ क्रमशः “अपहरण“ और “महिला मित्र“ है। हरतालिका तीज की कथा के अनुसार, पार्वती ने शैलपुत्री के रूप में अवतार लिया। है। भारत के राज्य - उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में काफी प्रसिद्ध है। महाराष्ट्र में यह त्योहार गौरी हब्बा के त्योहार से जुड़ा हुआ ...

केतकी का फूल कैसा होता है?, सम्पूर्ण जानकारी

फुल तो आपने देश और दुनिया भर में अनेक तरह के देखे ही होंगे, जिसमें विशेष रुप से लाल, पीले या फिर गुलाबी रंग के फूल होते हैं। क‌ई बार तो हमें नीले रंग और सुनहरे रंग के फूल देखने को मिल जाते हैं। देश और दुनिया में अनेक तरह के फूल पाए जाते हैं, जिनमें छोटे-बड़े एवं अलग-अलग आकृति के फुल होते हैं। विशेष रूप से गुलाब के फूल काफी ज्यादा प्रचलित हैं, लेकिन क्या आपने कभी केतकी के फूल के बारे में सुना है? आइए जानते हैं। विषय सूची • • • • • • • केतकी के फूल कैसे होते हैं? केतकी के फूल अत्यंत सुगंधित, अत्यंत कोमल एवं अत्यंत खूबसूरत होते हैं। केतकी के फूल हाथ लगाने पर अत्यंत मुलायम लगते हैं। खुशबूदार एवं सफेद तथा पीले रंग का मिश्रण केतकी के फूल को काफी लाजबाव बनाता है। केतकी के फूल चपटे एवं नुकीले होते हैं। केतकी के पौधे पर छोटे-छोटे कांटे भी होते हैं। अत्यंत खुशबू वाले इन फूलों को केवड़ा भी कहते हैं। इसी की एक और प्रजाति होती है, जिस पर विशेष रूप से पीले रंग के फूल लगते हैं, उसे स्वर्ण केतकी कहते हैं। इस फूल पर छोटी-छोटी पांच पत्तियों होती है। जिस तरह से गुलाब का फूल अपनी बनावट और अपनी पहचान से जाना जाता है। ठीक उसी तरह केतकी का फूल भी अपनी खुशबूदार महक, कोमलता एवं अपनी बनावट के लिए जाना जाता है। केतकी के फूल की दो प्रजातियां होती हैं। पौधे पर केतकी के पुष्प कब लगते हैं? केतकी के पुष्प केतकी के पौधे पर बरसात के मौसम में लगते हैं। बरसात शुरू होते ही केतकी के पुष्प खिलने शुरू हो जाते हैं। केतकी के फूल लगते ही आसपास के क्षेत्र में इस की महक फैल जाती है। इसकी खुशबू अत्यंत सुहावनी होती हैं। इसकी खुशबू से ही पता चल जाता है कि यहां पर आसपास में केतकी का पौधा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें क...

केवड़ा

चर्चित शब्द (विशेषण) जो किसी वस्तु, स्थान आदि के मध्य या बीच में स्थित हो। (संज्ञा) स्त्रियों का गहने, कपड़े आदि से अपने आपको सजाने की क्रिया। (संज्ञा) राजा जनक की पुत्री तथा राम की पत्नी। (संज्ञा) शिक्षा संबंधी योग्यता। (विशेषण) अच्छे चरित्रवाली। (विशेषण) धोखा देने के लिए किसी प्रकार की झूठी कार्रवाई करने वाला। (विशेषण) कहीं-कहीं पर होने वाला। (संज्ञा) सेना का प्रधान और सबसे बड़ा अधिकारी। (संज्ञा) वह रोग जिसमें भोजन नहीं पचता। (विशेषण) जो प्रशंसा के योग्य हो।

केतकी का फूल कैसा होता है

Ketki Ka Phool Kaisa Hota Hai: इस दुनिया में कई तरह के फूल हैं। कुछ सुगन्धित तो कुछ असुगंधित, कुछ छोटे तो कुछ बड़े, कुछ रंगी तो कुछ बेरंगी। केतकी का फूल भी कुछ ऐसा ही है। केतकी के फूल बारे में प्राचीन काल से ही हमारे शास्त्रों में बताया गया है। लेकिन इसे भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता है। आज के इस लेख में आप जानेंगे की केतकी का फूल कैसा होता है, केतकी का फूल भगवान शिव को क्यों नही चढ़ाया जाता है और केतकी का फूल श्रापित क्यों है आदि। इसलिए इस लेख के अंत तक बने रहे। तो चलिए आज का यह लेख शुरू केतकी का फूल शुरू करते है और जानते है केतकी का पेड़ कैसे होता है (Ketki Ka Ped Kaisa Hota Hai) – केतकी का फूल कैसा होता है? (Ketki Ka Phool Kaisa Hota Hai) केतकी का फूल सुगंधित फूल होता है जिसके पत्ते लंबे, नुकीले, चपटे और मुलायम होते हैं। केतकी का फूल सफेद और पीले रंग का होता है। इसमें से सफेद रंग के केतकी के फूल को केवड़ा भी कहा जाता है और जो पीले रंग का होता है उसे सुवर्ण केतकी के नाम से जाना जाता है। इस पुष्प के पत्तों की संख्या पाँच होती है। यह फूल सुगंधित होने के साथ-साथ देखने में भी बहुत ही कोमल और मनोरम होता है। केतकी का फूल कब लगता है? केतकी का फूल अक्सर सावन के आगमन के साथ यानी बरसात के मौसम में देखा जाता है। यह फूल केतकी के पौधे पर उगता है और यह आसपास के वातावरण को इतना सुगंधित कर देता है कि दूर से ही पता चल जाता है कि उस क्षेत्र में केतकी का पेड़ है। केतकी का पेड़ कैसा दिखता है? यह लगभग खजूर के पेड़ जैसा दिखता है। इसकी लंबाई 4 मीटर (12 फीट) तक हो सकती है। यह एक शाखित, ताड़ जैसा पेड़ होता है। । इसकी पत्तियाँ चमकदार, 40 से 70 सेंटीमीटर लंबी तथा इनका रंग नीला-हरा होता है। वे शाखाओं ...

Which Flower Is Offered To Which God

इस लेख में सबसे पहले भगवान विष्णु के बारे में जिक्र करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु का सबसे प्रिय फूल 'कदंब का फूल' है। कहा जाता है कि इस फूल को चढ़ाने से विष्णु जी बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और घर में धन की वर्षा भी होती है। कदंब के फूल के अलावा चेमली, चंपा, केवड़ा और कमल को भी भगवान विष्णु का प्रिय फूल माना जाता है। इसे भी पढ़ें: शास्त्रों के अनुसार पूजा के बाद आरती करनी क्यों है जरूरी, जानें इसका महत्व भगवान शिव का प्रिय फूल यह तो सब जानते हैं कि भगवान शिव का प्रिय फूल बेल का पत्ता और धतूरा फूल हैं। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव शमी के फूल और पत्ते भी बहुत प्पसंद करते हैं। इसके अलावा हरसिंगार का फूल, नाग केसर का फूल और कनेर का फूल भी भगवान शिव बहुत पसंद करते हैं।( सोमवार के दिन 1 फूल से करें ये अचूक उपाय) भगवान कृष्ण का प्रिय फूल कहा जाता है कि भगवान कृष्ण के प्रिय फूलों का जिक्र महाभारत में भी है। जी हां, परंपरा के अनुसार भगवान कृष्ण कुमुद, करवरी, पलाश और वनमाला बहुत पसंद करते हैं। इसके अलावा कृष्ण कमल भी कृष्ण जी को बहुत पसंद हैं। भगवान गणेश का प्रिय फूल धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश जी लाल फूल को बहुत पसंद करते हैं। यह मान्यता है कि वो दूर्वा सबसे अधिक पसंद करते हैं। इसके अलावा गुड़हल और लाल गुलाब भी बहुत पसंद करते हैं। गेंदा का फूल भी भगवान गणेश बहुत पसंद करते हैं।( गणपति स्थापना के लिए वास्तु टिप्स) इसे भी पढ़ें: आपका फेवरेट कलर बता सकता है आपकी पर्सनैलिटी का राज हनुमान जी का प्रिय फूल पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान हनुमान को लाल पुष्प बहुत प्रिय हैं। इसलिए कई लोग हनुमान जी का पूजा करते वक्त लाल गुलाल भी चढ़ाते हैं। उन्हें लाल गेंदा और ला...

केतकी का फूल केसा होता है? नाम, श्राप & उपयोग

हमारे दैनिक जीवन में फूलो( Flowers) का काफी महत्व है| दुनिया के अंदर कई सारे फूल है, कुछ सुगन्धित कुछ सुगंधहिन, छोटे और बड़े, रंगीन और बेरंग, जिनमे से एक ketki ka phool (केतकी का फूल) भी है | सामान्य भाषा में इसे केवड़ा का फूल भी कहा जाता है| यह फूल अत्यंत ही मनोरम, आकर्षक और मुलायम होता हैग्रंथो के अनुसार, यह भगवन शंकर का पसंदीदा फूल माना जाता है लेकिन इसे शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता है , इसके पीछे की कहानी हम इस लेख में जानेंगे| इसके अलावा, हम इस लेख में जानेंगे कि केतकी का फूल कैसा होता है?, इसके पेड़ का आकार , पर्यायवाची, उपयोग और यह भगवान शिव को क्यों नही चढ़ता है? केतकी का फूल को किसने और क्यों श्राप दिया? इस लेख को पूरा पढ़े तथा ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ शेयर करे| Table of Contents • • • • • • • • केतकी के फूल की प्रजाति और इतिहास जैसा की आप सभी जानते है कि विश्व में कई प्रजातियो के फूल है जिनमे से केतकी का फूल (ketaki flower) भी एक है| जानकारी के अनुसार, केतकी का फूल “पांडानैसी (Pandanaceae)” नामक प्रजाति का एक सुंगधित और मनोहर फूल है, जिसका वैज्ञानिक नाम पांडनस ओडोरिफेर (Pandanus odorifer) है| इस फूल को अलग-अलग नाम से जाना जाता है| कई लोग इसे केवड़ा का फूल (Kevda Ka Phool) बोलते है तो कई लोग अंग्रेजी भाषा में इसे फूल स्क्रू-पाइन (Screwpine) के नाम से बुलाते है|केतकी फूल में सफेद केतकी यानि “केवडा” नर (male) होता है और पीली केतकी यानि “ सुवर्ण केतकी” मादा (female) होती है| इन दोनों के जोड़े को “Ketakidvayam” कहा जाता है| भारत में केतकी के फूल का इतिहास में माना जाता है कि यह सुगंधित फूल केवल मोहम्मदी नगर की ऐतिहासिक मेहंदी बाग में ही खिलता है| १७९९-१८२० के समय म...

केतकी

केतकी एक छोटा सुवासित झाड़। इसकी पत्तियाँ लंबी, नुकीली, चपटी, कोमल और चिकनी होती हैं जिसके किनारे और पीठ पर छोटे छोटे काँटे होते हैं। यह दो प्रकार की होती है। एक सफेद, दूसरी पीली। सफेद केतकी को लोग प्राय: ' बरसात में इसमें फूल लगते हैं जो लंबे और सफेद होते है और उसमें तीव्र सुगंध होती है। इसका फूल बाल की तरह होता है और ऊपर से लंबी पत्तियों से ढका रहता है। इसके फूल से इत्र बनाया और जल सुगंधित किया जाता है। इससे अनुक्रम • 1 केतकी के अन्य नाम: • 2 केतकी के फूल के उपयोग • 3 इन्हें भी देखें • 4 बाहरी कड़ियाँ केतकी के अन्य नाम: [ ] इसका मूल नाम केतकी संस्कृत भाषा से आया है। तमिल में इसे कैथाई और ताई कहा जाता है केतकी के फूल के उपयोग [ ] केतकी का यह फूल काफी सुगन्धित होता है।केतकी के फूल से खासकर फैंसी परफ्यूम बनाए जाते हैं, (2) इन्हें भी देखें [ ] • बाहरी कड़ियाँ [ ] • العربية • مصرى • Basa Bali • Български • Bislama • Català • Cebuano • Chamoru • Deutsch • ދިވެހިބަސް • English • Esperanto • Español • فارسی • Suomi • Na Vosa Vakaviti • Français • Nordfriisk • Gaeilge • Magyar • Bahasa Indonesia • Italiano • 日本語 • Jawa • ქართული • 한국어 • Latina • Lietuvių • Madhurâ • Bahasa Melayu • Nederlands • Diné bizaad • Polski • Português • Русский • Sunda • Svenska • తెలుగు • ไทย • Türkçe • Українська • Tiếng Việt • Winaray • მარგალური • 中文