Khatre ka nishan kis rang ka bana hota hai

  1. भूमि अधिनियम की धारा 143 क्या है? जमीन की 143 क्या है?
  2. सूरज की यह 48 बातें आप नही जानते होंगे
  3. ब्रह्मपुत्र नदी
  4. लिटमस पेपर कैसे बनता है
  5. आसमान का रंग नीला क्यों है असली वजह जाने


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भूमि अधिनियम की धारा 143 क्या है? जमीन की 143 क्या है?

जमीन की 143 क्या है? किसी भी शहर के बाहरी इलाके या गांव से गुजरते हुए आपने देखा होगा कि खेतों के बीच फ्लैट बनते जा रहे हैं। खेती की जमीन कम होती जा रही है। पैसे और अच्छी लाइफ स्टाइल जीने के लिए हमारे किसान भाई अपनी जमीनों का लैंड यूज बदलवाकर उसे माफिया के हाथ का औजार बना रहे हैं। खेतों की जमीन पर अब कालोनियां कटी दिखाई देती हैं। क्या आप जानते हैं कि किसान ऐसा करने में कैसे कामयाब हो पा रहे हैं? वह कौन सी प्रक्रिया है, जिसके तहत कृषि भूमि का लैंड यूज चेंज किया जा सकता है? आज हम आपको इस post के जरिये इसी की जानकारी देंगे। आपको बस इस post को पूरा पढ़ते जाना है। आइए शुरू करें। 1.18.1 अंतिम शब्द… भू अधिनियम की धारा 143 क्या है? जैसा कि आप जानते हैं कि ढेरों किसान ऐसे हैं, जो अपनी खेती की जमीन पर कुछ और काम करना चाहते हैं, जो कि खेती से संबंधित नहीं। लेकिन वह अगर सीधे चाहे तो इसे शुरू नहीं कर सकता। इसके लिए उसे भू उपयोग यानी land use बदलना होता है। भूमि अधिनियम की धारा 143 के तहत प्रशासन इसी कार्रवाई को अंजाम देता है। दोस्तों, आपको यह भी बता दें कि पहले उपजाऊ भूमि का उपयोग अन्य किसी कार्य के लिए नहीं किया जा सकता था। • उत्तर प्रदेश का ही उदाहरण लें। यहां भूमि अधिनियम में 2014 में संशोधन किया गया और कृषि भूमि को अन्य कार्य में उपयोग लाने की इजाजत दे दी गई। इसके लिए प्रक्रिया निर्धारित कर दी गई और अब तो कई राज्यों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी कर दी गई है। अपनी मर्जी से जमीन का उपयोग कर सकता है किसान – साथियों, जैसा कि हमने बताया कि धारा 143 के तहत कृषि भूमि को अकृषि भूमि रूप में बदला जा सकता है। किसान इस जमीन का उपयोग अपनी मर्जी से चाहे जिस काम के लिए कर सकता है, लेकिन जमीन उसी यानी...

सूरज की यह 48 बातें आप नही जानते होंगे

About Sun in Hindi सूरज के बारे में 48 रोचक तथ्य – Amazing Facts about Sun in Hindi 1. चाहे दिन हो जा रात आप जब भी यह तथ्य पढ़ रहे हो जा कभी भी कुछ कर रहे हो तो सूर्य द्वारा छोड़े गए 10 लाख अरब (1013) न्युट्रान आप के शरीर से गुज़र रहे होते हैं। 2. सुर्य मंण्डल का 99.24% वजन सुर्य का है। 3. अगर सूरज का आकार एक फुटबाल जितना और 4. प्रकाश सूरज से धरती पर आने के लिए 8 मिनट 17 सेकेंड लेता है। 5. 6. अगर मान ले कि आप सूर्य की सतह पर रहते हैं तो आप को धरती पर आने कि लिए जो रॉकेट तैयार करना होगा उसकी शुरूआती गति 618 किलोमीटर प्रति सैंकेड होनी चाहिए। 7. सूर्य एक गैस का गोला है यह 72% Hydrogen, 26% Helium और 2% Carbon & Oxygen और बाकी का हिस्सा कई भारी तत्वों जैसे ऑक्सीजन, कार्बन, लोहे और नीयोन से बना है। 8. सुर्य की बाहरी सतह का तापमान 5500 डिगरी सेलसीयस है जबकि अंदरूनी भाग का तापमान 1 करोड 31 लाख डिगरी सेलसीयस है। 9. सूर्य भारी मात्रा में सौर वायु उत्पन्न करता है जिसमें इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन जैसे कण होते है। यह वायु इतनी तेज (लगभग 450 किलोमीटर प्रति सेकेंड) और शक्तिशाली होती है कि इसमें मौजूद इनेक्ट्रॉन और प्रोटॉन सूरज के शक्तिशाली गुरूत्व से भी बाहर निकल जाते हैं। 10. धरती जैसे शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र वाले ग्रह सौर वायु से उत्पन्न इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन को पृथ्वी के पास पहुँचने से पहले ही मोड़ देते हैं। (ध्यान रहें चुंबकीय क्षेत्र मोड़ता है सुर्य ग्रहण – Sun Eclipse 11. सुर्य ग्रहण तब होता है जब चाँद, धरती और सूर्य के मध्य आ जाए। यह स्थिति ज्यादा से ज्यादा 20 मिनट तक रहती है। 12. धरती पर हर जगह 360 दिनो में एक बार सूरज ग्रहण ज़रूर दिखता है। साल में ज्यादा मे ज्यादा 5 बार ही सूर्य ...

ब्रह्मपुत्र नदी

any nam jamuna ( desh rajy udgam sthal visarjan sthal lambaee lagabhag 2,900 kimi adhikatam gaharaee 318 mitar sahayak nadiyaan googal manachitr jalavayu brahmaputr ghati ki jalavayu any janakari brahmaputr nadi ( Brahmaputra River) brahmaputr ke any nam • • • • • • brahmaputr ki upanadiyaan • suvanashri • • torsa • lohit • barak prakritik visheshataean bhoo-akriti • brahmaputr ka • nadi apane poore oopari marg par samanyatah tsaangapo (shodhak) ke nam se jani jati hai, aur apane marg mean kee jagahoan par apane chini nam se aur any sthaniy tibbati namoan se bhi jani jati hai. • • • bharat mean dhuburi ke niche • gvalandoan ghat ke uttar mean jamuna (brahmaputr) jalavayu brahmaputr ghati ki jalavayu tibbat mean paee jane vali rookhi thandi aur shushk paristhitiyoan se asam ghati aur jal vijnan • nadi ke marg mean nirantar badalav brahmaputr ke jal vijnan mean mahattvapoorn bhoomika nibhata hai. inamean sabase ashcharyajanak badalav tista nadi ke poorv ki or mu dane aur phalasvaroop jamuna ki nee nahar ka vikas tha, jo 1787 mean tista mean aee apekshakrit vishal badh se utpann hua tha. tista ka pani achanak poorv ki or ek purane parityakt marg ki or mu d gaya tha. jisake phalasvaroop nadi mayemenasianh zile mean bahadurabad ghat ke samane brahmaputr se mili. 18vian shatabdi ke aant tak brahmaputr mayamenasianh nagar se hokar guzarati thi aur bhairab bazar ke pas meghana nadi mean milati thi (vartaman mean purani brahmaputr dhara ka marg). us samay jamuna nadi ka marg (ab mu...

लिटमस पेपर कैसे बनता है

लिटमस (Litmus) एक प्राकृतिक सूचक (Indicator) है। यह पानी में घुलनशील होता है। लिटमस एक प्रकार का रंग (Dye) है जिसे लाईकेन (Lichen) से प्राप्त किया जाता है। लाईकेन (Lichen) फ़ंगस तथा काई (Algae) का संयुक्त रूप है जिनका आपस में सहजीवी संबंध (symbiotic relationship) होता है। छन्ना पत्र या सोख्ता पत्र (Filter paper) को लिटमस के अर्क (Extract) में में डुबोकर लिटमस पेपर तैयार किया जाता है। लिटमस मूल रूप में बैगनी रंग का होता है तथा इसे बोलचाल की भाषा में लाल रंग का कहा जाता है। लिटमस पेपर का उपयोग प्रयोगशालाओं में अम्ल (Acid) तथा क्षार(Base) की पहचान के लिये किया जाता है। लिटमस पेपर दो रंगों लाल तथा नीले रंग में उपलब्ध होता है। अम्ल नीले रंग के लिटमस पेपर को लाल कर देता है। क्षार लाल रंग के लिटमस पेपर को नीला बना देता है।

आसमान का रंग नीला क्यों है असली वजह जाने

क्या आप जानते हैं आसमान का रंग नीला क्यों है जब भी हम ऊपर स्काई को देखते है तो हमें नीला रंग दिखाई देता है ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हमें आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई देता है. अगर विज्ञान की माने तो आकाश का कोई रंग नहीं है जब हम स्पेस यानी अन्तरिक्ष से पृथ्वी के स्काई को देखते है तो वह काला घुप्प दिखाई देता है लेकिन जब स्काई को पृथ्वी से देखते है तो वह नीला दिखाई देता है ऐसा क्यों होता है. यह सवाल दुनिया के तमाम लोगो के मन में होता है. जिन लोगो ने विज्ञान को पढ़ा है शायद उनको इसके बारे में पता होगा लेकिन आज भी बहुत से लोग जिनको इस बारे में कुछ भी पता नहीं हैं. aasman ka rang nila kyu hai इस दुनिया कई ऐसी चीजे हैं जो सोचने पर मजबूर कर देती है इन्ही में से एक आकाश का रंग भी है. जो कई सदियों से नीला ही दिखाई देता आ रहा है. पहले विज्ञान इतना विकसित नहीं था इसलिए पहले के जमाने को लोगो को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था लेकिन आज विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है हम इस विषय को विज्ञान के माध्यम से जान सकते हैं. तो चलिए जानते है विज्ञान इस विषय के बारे में क्या कहता है. आसमान का रंग नीला क्यों है पृथ्वी का वायुमंडल अलग अलग गैसों के मिश्रण ने बना है इन गैसों के अलावा वायुमंडल में धूल के कण और अन्य सूक्ष्म पदार्थ भी शामिल होते हैं विज्ञान के मुताबिक स्काई का रंग नीला दिखाई देने के पीछे सूर्य की किरणों का अहम योगदान होता है. जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल में प्रवेश करता है तो वह वायुमंडल में मौजूद कणों से टकराता है. सूर्य से आने वाला प्रकाश कई तरंगो से बना होता है. इनमें हमारी आँखे सूर्य के प्रकाश में मौजूद 7 तरंगो को देख सकती है इन तरंगो में अलग अलग रंग होते हैं यदि सूर्य के प्रकाश य...