खिलाफत आंदोलन किसने शुरू किया

  1. खिलाफत आंदोलन किसने शुरू किया था
  2. Pratiyogita Today
  3. Independence Day 2021: Summary of Indian National Movement
  4. [Solved] खिलाफत आंदोलन किसके द्वारा शुरू किया गया था?
  5. [Solved] खिलाफत आंदोलन किसके द्वारा शुरू किया गया था?
  6. Pratiyogita Today
  7. Independence Day 2021: Summary of Indian National Movement
  8. खिलाफत आंदोलन किसने शुरू किया था
  9. [Solved] खिलाफत आंदोलन किसके द्वारा शुरू किया गया था?
  10. खिलाफत आंदोलन किसने शुरू किया था


Download: खिलाफत आंदोलन किसने शुरू किया
Size: 56.38 MB

खिलाफत आंदोलन किसने शुरू किया था

ख़िलाफ़त आन्दोलन (1919-1922) भारत में मुख्य तौर पर मुसलमानों द्वारा चलाया गया राजनीतिक-धार्मिक आन्दोलन था। इस आन्दोलन का उद्देश्य (सुन्नी) इस्लाम के मुखिया माने जाने वाले तुर्की के ख़लीफ़ा के पद की पुन:स्थापना कराने के लिये अंग्रेज़ों पर दबाव बनाना था। सन् 1924 में मुस्तफ़ा कमाल के ख़लीफ़ा पद को समाप्त किये जाने के बाद यह अपने-आप समाप्त हो गया। लेकिन इसकी वजह से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और आजकल की भारतीय राजनीति में एक बहस का मुद्दा छिड़ गया। इसके मुख्य प्रणेता उत्तर प्रदेश के अली बंधुओं को पाकिस्तान में बहुत आदर से देखा जाता है। इतिहास सन् 1908 ई. में तुर्की में युवा तुर्क दल द्वारा शक्तिहीन ख़लीफ़ा के प्रभुत्व का उन्मूलन ख़लीफ़त (ख़लीफ़ा के पद) की समाप्ति का प्रथम चरण था। इसका भारतीय मुसलमान जनता पर नगण्य प्रभाव पड़ा। किंतु, 1912 में तुर्की-इतालवी तथा बाल्कन युद्धों में, तुर्की के विपक्ष में, ब्रिटेन के योगदान को इस्लामी संस्कृति तथा सर्व इस्लामवाद पर प्रहार समझकर भारतीय मुसलमान ब्रिटेन के प्रति उत्तेजित हो उठे। यह विरोध भारत में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध रोषरूप में परिवर्तित हो गया। इस उत्तेजना को अबुलकलाम आज़ाद, ज़फ़र अली ख़ाँ तथा मोहम्मद अली ने अपने समाचारपत्रों अल-हिलाल, जमींदार तथा कामरेड और हमदर्द द्वारा बड़ा व्यापक रूप दिया। प्रथम महायुद्ध में तुर्की पर ब्रिटेन के आक्रमण ने असंतोष को प्रज्वलित किया। सरकार की दमननीति ने इसे और भी उत्तेजित किया। राष्ट्रीय भावना तथा मुस्लिम धार्मिक असंतोष का समन्वय आरंभ हुआ। महायुद्ध की समाप्ति के बाद राजनीतिक स्वत्वों के बदले भारत को रौलट बिल, दमनचक्र, तथा जलियानवाला बाग हत्याकांड मिले, जिसने राष्ट्रीय भावना में आग में घी का काम किया...

Pratiyogita Today

Table of Contents • • • • • • • • ब्रिटेन की सरकार ने भारतीय मुसलमानों से विश्वासघात करते हुए खिलाफत आंदोलन कहा गया। खिलाफत आंदोलन के क्या कारण थे प्रथम महायुद्ध में ट्रकी अंग्रेजों के विरुद्ध जर्मनी के साथ था। अतः भारतीय मुसलमानों की यह आशंका थी कि युद्ध के बाद ब्रिटेन टर्की के विरुद्ध कार्यवाही करेगा। युद्ध के दौरान भारतीय मुसलमानों का सहयोग प्राप्त करने की दृष्टि से ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि युद्ध समाप्ति के बाद ब्रिटेन ट्रकी के विरुद्ध प्रतिशोध की नीति नहीं अपनायेगा तथा उसके साम्राज्य को छिन्न-भिन्न नहीं होने देगा। लेकिन युद्ध के बाद ब्रिटेन ने अपने आश्वासनों को पूरा नहीं किया और ट्रकी के साम्राज्य को न केवल छिन्न-भिन्न कर दिया बल्कि खलीफा के पद के लिए ट्रकी के सुल्तान के स्थान पर शेख हसन के दावों को स्वीकार किया गया और उसका प्रचार किया गया। ब्रिटेन के इस विश्वासघात से भारतीय मुसलमानों को तीव्र आघात पहुंचा और एक शक्तिशाली खिलाफत आंदोलन प्रारंभ हुआ, जिसका लक्ष्य था – “लौकिक और आध्यात्मिक संस्था के रूप में खलीफा का अस्तित्व बनाए रखना।” खिलाफत आन्दोलन का स्वरूप कैसा था अगर देखा जाए तो ख़िलाफत आंदोलन का स्वरूप राजनीतिक कम तथा धार्मिक ही ज्यादा था। इसीलिए तुर्की के खलीफा की बहाली के लिए खिलाफत आंदोलन छेड़ा गया था। तुर्की के खलीफा की बहाली के लिए छिड़े इस आंदोलन को गांधी जी ने तुरंत समर्थन दे दिया और देखते ही देखते आंदोलन का स्वरूप हिंदू विरोधी आंदोलन में तब्दील हो जाता है जिसके नतीजे हम मोपला विद्रोह में देखने को मिलते हैं। गांधी जी खिलाफत आन्दोलन को समर्थन देकर हिंदू मुस्लिम एकता स्थापित करना चाहते थे परंतु सफलता नहीं मिली। खिलाफत आन्दोलन किसने शुरू किया था ख...

Independence Day 2021: Summary of Indian National Movement

Independence Day 2021: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन भारत के लोगों के हित से संबंधित जन आंदोलन था जो पूरे देश में फैल गया था। देश भर में कई बड़े और छोटे विद्रोह हुए थे और कई क्रांतिकारियों ने ब्रिटिशों को बल से या अहिंसक उपायों से देश से बाहर करने के लिए मिल कर लड़ाई लड़ी और देश भर में राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया। Independence Day 2021: स्वतंत्रता के लिए भारत का आंदोलन चरणों में हुआ, जो अंग्रेजों की अनम्यता और विभिन्न उदाहरणों में, अहिंसक विरोधों के प्रति उनकी हिंसक प्रतिक्रियाओं के कारण हुआ। हर साल की तरह इस साल भी स्वतंत्रता दिवस धूमधाम, हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का सारांश यह देखा गया है कि भारत में स्वतंत्रता संघर्ष कई राजनीतिक, सामाजिक– सांस्कृतिक और आर्थिक कारकों के श्रृंखला का मेल था जिसने राष्ट्रवाद को बढ़ाने का काम किया। • 2 8 दिसंबर 1885 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) का गठन गोकुलदास तेजपाल संस्कृत स्कूल, बॉम्बे में किया गया। इसकी अध्यक्षता डब्ल्यू.सी. बैनर्जी ने की थी और इसमें 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। ए.ओ. ह्यूम ने आईएनसी के गठन में अहम भूमिका निभाई थी और इनका उद्देश्य था ब्रिटिश सरकार को सेफ्टी वॉल्व प्रदान करना। • ए.ओ. ह्यूम ने आईएनसी के पहले महासचिव के तौर पर काम किया। • कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य भारतीय युवाओं को राजनीतिक आंदोलन में प्रशिक्षित करना और देश में जनता की राय बनाना था। इसके लिए इन्होंने वार्षिक सत्र पद्धति को अपनाया जहां वे समस्याओं पर चर्चा करते थे और संकल्प पारित करते थे। • भारतीय राष्ट्रवाद का पहला या आरंभिक चरण मध्यम दर्जे ( नरमदल) का चरण (1885-1905) भी कहलाता है। नरमदल के नेता थे, डब्ल्यू.सी. बनर्ज...

[Solved] खिलाफत आंदोलन किसके द्वारा शुरू किया गया था?

सही उत्तर अली बंधू है। खिलाफत आंदोलन के बारे में तथ्य : • यह अभियान भारत में दो भाइयों मोहम्मद अली और शौकत अली के नेतृत्व मेंअबुल कलाम आज़ाद द्वारा शुरू किया गया था। • कुछ नेता भारतीय स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में खिलाफत आंदोलन के समर्थन में अहिंसक गतिविधियों के साथशामिल हुए । • खिलाफत आंदोलन तुर्की के सुल्तान को समर्थन देने के लिए शुरू किया गया था, जिसे भारत में मुसलमानअपना धार्मिक गुरु मानते थे। • आंदोलन के तीन मुख्य उद्देश्य थे :​ • तुर्क खलीफा को तुर्की में अपना साम्राज्य बनाए रखना चाहिए। • खलीफा को पर्याप्त क्षेत्र प्रदान किया जाना चाहिए ताकि वह विश्व भर में इस्लामी विश्वास को बनाये रखनेमें सक्षम हो सके। • अरब भूमि जो सीरिया, इराक, फिलिस्तीन और अरब में हैं, को मुस्लिम शासन के अधीन रहना चाहिए। ​ • 17 अक्टूबर 1919 को 'खिलाफत आंदोलन दिवस' मनाया गया। खिलाफत आंदोलन के प्रतिभागियों की छवि : RRB Group D Application Refund Notice has been released.The Railway Recruitment Board has initiated the Refund for RRB Group B Application Fee. The candidates can update their bank details from 14th April 2023 to 30th April 2023.The exam was conducted from 17th August to11th October 2022.The RRB (Railway Recruitment Board) had conducted the

[Solved] खिलाफत आंदोलन किसके द्वारा शुरू किया गया था?

सही उत्तर अली बंधू है। खिलाफत आंदोलन के बारे में तथ्य : • यह अभियान भारत में दो भाइयों मोहम्मद अली और शौकत अली के नेतृत्व मेंअबुल कलाम आज़ाद द्वारा शुरू किया गया था। • कुछ नेता भारतीय स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में खिलाफत आंदोलन के समर्थन में अहिंसक गतिविधियों के साथशामिल हुए । • खिलाफत आंदोलन तुर्की के सुल्तान को समर्थन देने के लिए शुरू किया गया था, जिसे भारत में मुसलमानअपना धार्मिक गुरु मानते थे। • आंदोलन के तीन मुख्य उद्देश्य थे :​ • तुर्क खलीफा को तुर्की में अपना साम्राज्य बनाए रखना चाहिए। • खलीफा को पर्याप्त क्षेत्र प्रदान किया जाना चाहिए ताकि वह विश्व भर में इस्लामी विश्वास को बनाये रखनेमें सक्षम हो सके। • अरब भूमि जो सीरिया, इराक, फिलिस्तीन और अरब में हैं, को मुस्लिम शासन के अधीन रहना चाहिए। ​ • 17 अक्टूबर 1919 को 'खिलाफत आंदोलन दिवस' मनाया गया। खिलाफत आंदोलन के प्रतिभागियों की छवि : RRB Group D Application Refund Notice has been released.The Railway Recruitment Board has initiated the Refund for RRB Group B Application Fee. The candidates can update their bank details from 14th April 2023 to 30th April 2023.The exam was conducted from 17th August to11th October 2022.The RRB (Railway Recruitment Board) had conducted the

Pratiyogita Today

Table of Contents • • • • • • • • ब्रिटेन की सरकार ने भारतीय मुसलमानों से विश्वासघात करते हुए खिलाफत आंदोलन कहा गया। खिलाफत आंदोलन के क्या कारण थे प्रथम महायुद्ध में ट्रकी अंग्रेजों के विरुद्ध जर्मनी के साथ था। अतः भारतीय मुसलमानों की यह आशंका थी कि युद्ध के बाद ब्रिटेन टर्की के विरुद्ध कार्यवाही करेगा। युद्ध के दौरान भारतीय मुसलमानों का सहयोग प्राप्त करने की दृष्टि से ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि युद्ध समाप्ति के बाद ब्रिटेन ट्रकी के विरुद्ध प्रतिशोध की नीति नहीं अपनायेगा तथा उसके साम्राज्य को छिन्न-भिन्न नहीं होने देगा। लेकिन युद्ध के बाद ब्रिटेन ने अपने आश्वासनों को पूरा नहीं किया और ट्रकी के साम्राज्य को न केवल छिन्न-भिन्न कर दिया बल्कि खलीफा के पद के लिए ट्रकी के सुल्तान के स्थान पर शेख हसन के दावों को स्वीकार किया गया और उसका प्रचार किया गया। ब्रिटेन के इस विश्वासघात से भारतीय मुसलमानों को तीव्र आघात पहुंचा और एक शक्तिशाली खिलाफत आंदोलन प्रारंभ हुआ, जिसका लक्ष्य था – “लौकिक और आध्यात्मिक संस्था के रूप में खलीफा का अस्तित्व बनाए रखना।” खिलाफत आन्दोलन का स्वरूप कैसा था अगर देखा जाए तो ख़िलाफत आंदोलन का स्वरूप राजनीतिक कम तथा धार्मिक ही ज्यादा था। इसीलिए तुर्की के खलीफा की बहाली के लिए खिलाफत आंदोलन छेड़ा गया था। तुर्की के खलीफा की बहाली के लिए छिड़े इस आंदोलन को गांधी जी ने तुरंत समर्थन दे दिया और देखते ही देखते आंदोलन का स्वरूप हिंदू विरोधी आंदोलन में तब्दील हो जाता है जिसके नतीजे हम मोपला विद्रोह में देखने को मिलते हैं। गांधी जी खिलाफत आन्दोलन को समर्थन देकर हिंदू मुस्लिम एकता स्थापित करना चाहते थे परंतु सफलता नहीं मिली। खिलाफत आन्दोलन किसने शुरू किया था ख...

Independence Day 2021: Summary of Indian National Movement

Independence Day 2021: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन भारत के लोगों के हित से संबंधित जन आंदोलन था जो पूरे देश में फैल गया था। देश भर में कई बड़े और छोटे विद्रोह हुए थे और कई क्रांतिकारियों ने ब्रिटिशों को बल से या अहिंसक उपायों से देश से बाहर करने के लिए मिल कर लड़ाई लड़ी और देश भर में राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया। Independence Day 2021: स्वतंत्रता के लिए भारत का आंदोलन चरणों में हुआ, जो अंग्रेजों की अनम्यता और विभिन्न उदाहरणों में, अहिंसक विरोधों के प्रति उनकी हिंसक प्रतिक्रियाओं के कारण हुआ। हर साल की तरह इस साल भी स्वतंत्रता दिवस धूमधाम, हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का सारांश यह देखा गया है कि भारत में स्वतंत्रता संघर्ष कई राजनीतिक, सामाजिक– सांस्कृतिक और आर्थिक कारकों के श्रृंखला का मेल था जिसने राष्ट्रवाद को बढ़ाने का काम किया। • 2 8 दिसंबर 1885 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) का गठन गोकुलदास तेजपाल संस्कृत स्कूल, बॉम्बे में किया गया। इसकी अध्यक्षता डब्ल्यू.सी. बैनर्जी ने की थी और इसमें 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। ए.ओ. ह्यूम ने आईएनसी के गठन में अहम भूमिका निभाई थी और इनका उद्देश्य था ब्रिटिश सरकार को सेफ्टी वॉल्व प्रदान करना। • ए.ओ. ह्यूम ने आईएनसी के पहले महासचिव के तौर पर काम किया। • कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य भारतीय युवाओं को राजनीतिक आंदोलन में प्रशिक्षित करना और देश में जनता की राय बनाना था। इसके लिए इन्होंने वार्षिक सत्र पद्धति को अपनाया जहां वे समस्याओं पर चर्चा करते थे और संकल्प पारित करते थे। • भारतीय राष्ट्रवाद का पहला या आरंभिक चरण मध्यम दर्जे ( नरमदल) का चरण (1885-1905) भी कहलाता है। नरमदल के नेता थे, डब्ल्यू.सी. बनर्ज...

खिलाफत आंदोलन किसने शुरू किया था

ख़िलाफ़त आन्दोलन (1919-1922) भारत में मुख्य तौर पर मुसलमानों द्वारा चलाया गया राजनीतिक-धार्मिक आन्दोलन था। इस आन्दोलन का उद्देश्य (सुन्नी) इस्लाम के मुखिया माने जाने वाले तुर्की के ख़लीफ़ा के पद की पुन:स्थापना कराने के लिये अंग्रेज़ों पर दबाव बनाना था। सन् 1924 में मुस्तफ़ा कमाल के ख़लीफ़ा पद को समाप्त किये जाने के बाद यह अपने-आप समाप्त हो गया। लेकिन इसकी वजह से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और आजकल की भारतीय राजनीति में एक बहस का मुद्दा छिड़ गया। इसके मुख्य प्रणेता उत्तर प्रदेश के अली बंधुओं को पाकिस्तान में बहुत आदर से देखा जाता है। इतिहास सन् 1908 ई. में तुर्की में युवा तुर्क दल द्वारा शक्तिहीन ख़लीफ़ा के प्रभुत्व का उन्मूलन ख़लीफ़त (ख़लीफ़ा के पद) की समाप्ति का प्रथम चरण था। इसका भारतीय मुसलमान जनता पर नगण्य प्रभाव पड़ा। किंतु, 1912 में तुर्की-इतालवी तथा बाल्कन युद्धों में, तुर्की के विपक्ष में, ब्रिटेन के योगदान को इस्लामी संस्कृति तथा सर्व इस्लामवाद पर प्रहार समझकर भारतीय मुसलमान ब्रिटेन के प्रति उत्तेजित हो उठे। यह विरोध भारत में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध रोषरूप में परिवर्तित हो गया। इस उत्तेजना को अबुलकलाम आज़ाद, ज़फ़र अली ख़ाँ तथा मोहम्मद अली ने अपने समाचारपत्रों अल-हिलाल, जमींदार तथा कामरेड और हमदर्द द्वारा बड़ा व्यापक रूप दिया। प्रथम महायुद्ध में तुर्की पर ब्रिटेन के आक्रमण ने असंतोष को प्रज्वलित किया। सरकार की दमननीति ने इसे और भी उत्तेजित किया। राष्ट्रीय भावना तथा मुस्लिम धार्मिक असंतोष का समन्वय आरंभ हुआ। महायुद्ध की समाप्ति के बाद राजनीतिक स्वत्वों के बदले भारत को रौलट बिल, दमनचक्र, तथा जलियानवाला बाग हत्याकांड मिले, जिसने राष्ट्रीय भावना में आग में घी का काम किया...

[Solved] खिलाफत आंदोलन किसके द्वारा शुरू किया गया था?

सही उत्तर अली बंधू है। खिलाफत आंदोलन के बारे में तथ्य : • यह अभियान भारत में दो भाइयों मोहम्मद अली और शौकत अली के नेतृत्व मेंअबुल कलाम आज़ाद द्वारा शुरू किया गया था। • कुछ नेता भारतीय स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में खिलाफत आंदोलन के समर्थन में अहिंसक गतिविधियों के साथशामिल हुए । • खिलाफत आंदोलन तुर्की के सुल्तान को समर्थन देने के लिए शुरू किया गया था, जिसे भारत में मुसलमानअपना धार्मिक गुरु मानते थे। • आंदोलन के तीन मुख्य उद्देश्य थे :​ • तुर्क खलीफा को तुर्की में अपना साम्राज्य बनाए रखना चाहिए। • खलीफा को पर्याप्त क्षेत्र प्रदान किया जाना चाहिए ताकि वह विश्व भर में इस्लामी विश्वास को बनाये रखनेमें सक्षम हो सके। • अरब भूमि जो सीरिया, इराक, फिलिस्तीन और अरब में हैं, को मुस्लिम शासन के अधीन रहना चाहिए। ​ • 17 अक्टूबर 1919 को 'खिलाफत आंदोलन दिवस' मनाया गया। खिलाफत आंदोलन के प्रतिभागियों की छवि : RRB Group D Application Refund Notice has been released.The Railway Recruitment Board has initiated the Refund for RRB Group B Application Fee. The candidates can update their bank details from 14th April 2023 to 30th April 2023.The exam was conducted from 17th August to11th October 2022.The RRB (Railway Recruitment Board) had conducted the

खिलाफत आंदोलन किसने शुरू किया था

ख़िलाफ़त आन्दोलन (1919-1922) भारत में मुख्य तौर पर मुसलमानों द्वारा चलाया गया राजनीतिक-धार्मिक आन्दोलन था। इस आन्दोलन का उद्देश्य (सुन्नी) इस्लाम के मुखिया माने जाने वाले तुर्की के ख़लीफ़ा के पद की पुन:स्थापना कराने के लिये अंग्रेज़ों पर दबाव बनाना था। सन् 1924 में मुस्तफ़ा कमाल के ख़लीफ़ा पद को समाप्त किये जाने के बाद यह अपने-आप समाप्त हो गया। लेकिन इसकी वजह से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और आजकल की भारतीय राजनीति में एक बहस का मुद्दा छिड़ गया। इसके मुख्य प्रणेता उत्तर प्रदेश के अली बंधुओं को पाकिस्तान में बहुत आदर से देखा जाता है। इतिहास सन् 1908 ई. में तुर्की में युवा तुर्क दल द्वारा शक्तिहीन ख़लीफ़ा के प्रभुत्व का उन्मूलन ख़लीफ़त (ख़लीफ़ा के पद) की समाप्ति का प्रथम चरण था। इसका भारतीय मुसलमान जनता पर नगण्य प्रभाव पड़ा। किंतु, 1912 में तुर्की-इतालवी तथा बाल्कन युद्धों में, तुर्की के विपक्ष में, ब्रिटेन के योगदान को इस्लामी संस्कृति तथा सर्व इस्लामवाद पर प्रहार समझकर भारतीय मुसलमान ब्रिटेन के प्रति उत्तेजित हो उठे। यह विरोध भारत में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध रोषरूप में परिवर्तित हो गया। इस उत्तेजना को अबुलकलाम आज़ाद, ज़फ़र अली ख़ाँ तथा मोहम्मद अली ने अपने समाचारपत्रों अल-हिलाल, जमींदार तथा कामरेड और हमदर्द द्वारा बड़ा व्यापक रूप दिया। प्रथम महायुद्ध में तुर्की पर ब्रिटेन के आक्रमण ने असंतोष को प्रज्वलित किया। सरकार की दमननीति ने इसे और भी उत्तेजित किया। राष्ट्रीय भावना तथा मुस्लिम धार्मिक असंतोष का समन्वय आरंभ हुआ। महायुद्ध की समाप्ति के बाद राजनीतिक स्वत्वों के बदले भारत को रौलट बिल, दमनचक्र, तथा जलियानवाला बाग हत्याकांड मिले, जिसने राष्ट्रीय भावना में आग में घी का काम किया...