कीमोथेरेपी हिंदी

  1. कीमो (कीमोथेरपी) क्या है, प्रकार, ट्रीटमेंट, फायदे, नुकसान
  2. कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव
  3. कीमोथेरेपी : कैंसर के उपचार में इसे दुश्‍मन नहीं, दोस्‍त समझें 
  4. कीमोथेरपी के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज
  5. Zeeva Oncology: Best Cancer Hospital in Noida & Delhi NCR
  6. कैंसर के इलाज में बेहद असरदार है कीमोथेरेपी, जानिए कैसे करती है काम
  7. आवश्यक कीमोथेरेपी (aavashyak keemotherepee) मीनिंग इन अंग्रेज़ी
  8. क्या ब्रेस्ट कैंसर के लिए कीमोथेरेपी जरूरी है?


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कीमो (कीमोथेरपी) क्या है, प्रकार, ट्रीटमेंट, फायदे, नुकसान

हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से पुरानी कोशिकाएँ की जगह नयी कोशिकाएँ ले लेती हैं। लेकिन जब किसी को कैंसर होता है तो ये कैंसर कोशिकाएँ अनियंत्रित हो जाती हैं। इस कारण तेजी से नयी कोशिकाएं बनती हैंऔर दूसरी उपयोगी कोशिकाओं की जगह ये ले लेती हैं। कीमोथेरेपी दवाएँ इन कैंसर कोशिकाओं की विभाजित होने और पुनर्निर्माण की क्षमता को प्रभावित करती हैं। कोई एक प्रकार की दवा या अलग-अलग दवाओं को एक साथ दिया जाता है। ये दवाएँ या तो सीधे नसों में चढ़ाई जाती हैं, या कैंसर वाले अंग पर केंद्रित होती हैं। (और पढ़ें - myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। कीमोथेरेपी दवाओं के और उनके उपयोग के विभिन्न तरीकेहोते हैं। चार मुख्य प्रकार निम्न हैं:- • आल्कयलटिंग एजेंट(क्षारीकरण एजेंट) -ये एजेंट सीधे हमारे डीएनए पर कार्य करतेहैं और कैंसर कोशिकाओं को मार देते हैं। इसमें क्लोरमबुसिल, साईक्लोफॉस्फेमाइड, थिओटेपा, और बूसुल्फान आदि शामिल हैं। • एंटीमेटाबोलाइट्स - ये कैंसर कोशिकाओं के लिए नकली प्रोटीन्स का निर्माण करती हैं, जिसे खाने से इन कोशिकाओं को कोई फायदा नहीं होता और वे भूख से मर जाती हैं। इसमें प्यूरीन एंटागोनिस्ट्स, पाईरिमीडाइन एंटागोनिस्ट्स, और फोलेट एंटागोनिस्ट्स आदि आते हैं।(और पढ़ें - • प्लांट एल्कलॉइड्स - ये कैंसर कोशिकाओं की विभाजित होने और वृद्धि की क्षमता को अवरुद्ध कर देते हैं। इनमें एक्टिनोमायसिन डी, डॉक्सोरूबिसिन, और माइटोमायसिन आदि शामिल हैं। • एंटीट्य...

कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव

आपको कीमोथेरेपी के बारे में कुछ जानकारी हो सकती है। आपने सुना होगा कि यह कैंसर के उपचारों में से एक है। कीमोथेरेपी एक कैंसर उपचार है जो तेजी से बढ़ने वाली कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए कीमो दवाओं का उपयोग करता है। यह कैंसर से छुटकारा दिला सकता है ताकि यह वापस न आए। यह कैंसर रोगियों के लक्षणों को भी कम कर सकता है और आप बालों के झड़ने जैसे इसके प्रतिकूल दुष्प्रभावों से अवगत हो सकते हैं। वास्तव में, कीमोथेरेपी की जटिलताओं की तुलना में साइड इफेक्ट का डर अधिक व्यापक है। लेकिन साइड इफेक्ट हर मरीज में अलग तरह से प्रकट होते हैं और काफी हद तक कीमो दवाओं के प्रकार पर निर्भर करते हैं। हम यहां दुष्प्रभावों के बारे में अधिक विस्तार से चर्चा करेंगे। कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव क्यों होते हैं? कीमोथेरेपी एक ऐसी दवा का उपयोग करती है जो शरीर की सभी सक्रिय कोशिकाओं को लक्षित करती है। सभी कोशिकाएँ जो विकसित होती हैं और विभाजित होती हैं, सक्रिय कोशिकाएँ होती हैं। इसलिए, स्वस्थ कोशिकाएं के अलावा कीमो दवाओं का भी लक्ष्य बन जाती हैं साइड इफेक्ट का उपचार अच्छी खबर यह है कि दुष्प्रभाव उपचार योग्य हैं। साइड इफेक्ट से निपटने के लिए आप अपनी मेडिकल टीम से बात कर सकते हैं। अपने विशेषज्ञ से कीमो दवा के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में पूछें और साइड इफेक्ट को रोकने या कम करने के लिए आप क्या कर सकते हैं। याद रखें कि कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव हर मरीज के लिए अलग-अलग होते हैं। यहां तक ​​कि अगर कोई फिर से उसी प्रक्रिया से गुजरता है, तो भी दुष्प्रभाव भिन्न हो सकते हैं। इसलिए, आपको अपनी टीम को अपनी सभी समस्याओं और लक्षणों के बारे में सूचित करना चाहिए कुछ सामान्य दुष्प्रभाव कीमोथेरेपी के कई साइड इफेक्ट होते हैं। उन...

कीमोथेरेपी : कैंसर के उपचार में इसे दुश्‍मन नहीं, दोस्‍त समझें 

Written by |Published : February 22, 2019 1:45 PM IST • • • • • कीमोथेरेपी को लेकर अकसर लोग बहुत घबराए हुए होते हैं। वे इसके साइड इफैक्‍ट के कारण थेरेपी होने से पहले ही अपना मन हारने लगते हैं। जबकि यह थेरेपी कैंसर के मरीजों के लिए किसी दोस्‍त से कम नहीं है। इसलिए जरूरी है कि इसके साइड इफैक्‍ट को भुलाकर कीमोथेरेपी के बारे में जाना जाए। यह भी पढ़ें - क्‍या है कीमोथेरेपी Also Read • • • कीमोथेरेपी एक ऐसी प्रक्रिया है जो कैंसर के मरीजो को दी जाती है। कीमोथेरेपी शरीर में तेजी से बढ़ती कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए बनाई गई एक आक्रामक रासायनिक दवा चिकित्सा का रूप है। जो कैंसर की कोशिकाओ को तेजी से बढ़ने से रोकती है। यह कैंसर की कोशिकाओ की क्षमता को कम कर देती है सामान्यत: कीमोथेरेपी में उपयोग की जाने वाली सभी प्रकार की ड्रग्स कैंसर की कोशिकाओ को ख़त्म करने का काम करती है। इसे हमारे शरीर के उस भाग में दिया जाता है, जहां कैंसर कोशिकाएं या कैंसर की गांठ (Tumour) होती है एक डॉक्टर जो कैंसर के इलाज में माहिर है उन्हें ऑन्कोलॉजिस्ट (oncologist) के रूप में जाना जाता है। यह भी पढ़ें - किस स्‍तर की दी जानी है कीमो कीमोथेरेपी का उपयोग अक्सर अन्य उपचारों जैसे कि सर्जरी, विकिरण, या हार्मोन थेरेपी के साथ किया जाता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर का चरण और प्रकार कौन सा है, आपका समग्र स्वास्थ्य कैसा है,आपके पिछले कैंसर के उपचार, कैंसर कोशिकाओं का स्थान क्या है, आपकी व्यक्तिगत उपचार प्राथमिकताएं। इसे एक प्रणालीगत उपचार माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह पूरे शरीर को प्रभावित करता है। कीमोथेरेपी के दौरान गंभीर दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं। पर इसके लिए काउंसलर प्रक्रिया से पहले ही मरीज को ...

कीमोथेरपी के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज

कीमोथेरेपी का इस्तेमाल कभी-कभी कीमोथेरेपी का उपयोग कैंसर के उपचार में विकिरण और सर्जरी के संयोजन में किया जाता है। इसका उपयोग उन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है जो विकिरण चिकित्सा के बाद रहती हैं या सर्जरी या विकिरण चिकित्सा से पहले कैंसर के विकास को कम करने के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती हैं। उपचार शरीर में कैंसर कोशिकाओं की संख्या को कम करने में प्रभावी है और कैंसर के लक्षणों को प्रबंधित करने में भी मदद करता है। जबकि कीमोथेरेपी उपचार का एक प्रभावी तरीका है, कैंसर को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। कैंसर के दोबारा होने की संभावना हमेशा बनी रहती है। कीमोथेरेपी एक कैंसर रोगी के लिए कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने के लिए उपचार है। इस प्रक्रिया के दौरान कैंसर कोशिकाएं मर जाती हैं या विभाजित होना बंद हो जाती हैं। जब कीमोथेरेपी मुंह से दी जाती है या नसों में इंजेक्ट की जाती है तो दवा सीधे रक्तप्रवाह के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं में प्रवेश करती है। कीमोथेरेपी के तीन प्रमुख प्रकार हैं: • निओएड्जुवेंट कीमोथेरेपी: यह सर्जरी से पहले दी जाती है ताकि • एडजुवेंट कीमोथेरेपी: सर्जरी के बाद इसका उपयोग किया जाता है ताकि पुनरावृत्ति के जोखिम को कम किया जा सके। • उपशामक कीमोथेरेपी: इसका उपयोग कैंसर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है लेकिन इसे ठीक करने में मदद नहीं करता है। • संयुक्त उपचार: बेहतर परिणाम प्राप्त करने और विषाक्तता को सीमित करने के लिए गैर-दवा उपचारों को स्थानीय कीमोथेरेपी के साथ जोड़ा जाता है। कीमोथेरेपी उपचार का एक आक्रामक रूप है जिसमें दवा कैंसर कोशिकाओं पर हमला करती है और उन्हें नष्ट कर देती है। उपचार के इस रूप को कई तरीकों से प्रशासित किया जाता है...

Zeeva Oncology: Best Cancer Hospital in Noida & Delhi NCR

• Zeeva Oncology • Best Oncologist in Vaishali • Best Oncologist in Ghaziabad • Breast Cancer • Ovarian Cancer • Blood Cancer • Lung Cancer • Colon Cancer • Stomach Cancer • Head And Neck Cancer • Brain Cancer • Cervical Cancer • Thyroid Cancer • Bladder Cancer • Kidney Cancer • Skin Cancer • Fertility • Zeeva Fertility • IUI Treatment • ICSI • Egg Donation • Blastocyst And Embryo Transfer • Embryo Cryopreservation • Preimplantation Genetic Testing • Surgical Sperm Retrieval • PICSI Treatment • IMSI Treatment • Egg Freezing Treatment • Hysteroscopy Treatment • Ovulation Induction • Fertility Preservation(Cancer Patients) • Our Doctors Dr. Vikas Goswami is a highly experienced Medical Oncology Senior Consultant at Max Healthcare (Vaishali, Patparganj, Greater Noida, and Noida). Before joining Max Hospital, he was associated with the Fortis Group of Hospitals & IOSPL. He is a well-trained cancer specialist, having great recognition and reputation at a national and international level. He has received much appreciation for his ethical and professional clinical approach. A group of cancer that starts in the mouth, nose, throat, larynx, sinuses, or salivary glands. This type of cancer commonly begins in the thin tissue layer of squamous cells. #la_icon_boxes_648bf8b2481ec.la-sc-icon-boxes .wrap-icon .box-icon span Ovarian cancer forms when multiple cells grow rapidly into tumours in the ovaries (reproductive glands in women that produce eggs). The cells can spread to other body...

कैंसर के इलाज में बेहद असरदार है कीमोथेरेपी, जानिए कैसे करती है काम

कैंसर या कर्क रोग एक बहुत ही घातक बीमारी है। इस बीमारी में शरीर के किसी भी हिस्से की कोशिकाओं का अनियंत्रित विभाजन होने लगता है। कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी सबसे ज्यादा प्रचलित ट्रीटमेंट है। कीमोथेरेपी का इस्तेमाल कैंसर के सेल्स को खत्म करने के लिए किया जाता है। कीमोथेरेपी कैंसर के सेल्स को फैलने से रोकते हैं। इसका इस्तेमाल कैंसर के आखिरी स्टेज में उसे रोकने के लिए किया जाता है। कीमोथेरेपी के दौरान कैंसर को खत्म करने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इन दवाओं के वजह से कैंसर ट्यूमर सिकुड़ जाते हैं और फैलते नहीं हैं। कैंसर और कीमोथेरेपी कैंसर के सेल्स शरीर में कई तरीकों से फैलते हैं। कीमोथेरेपी इन सेल्स को बढ़ने से रोकने पर कई हद तक प्रभावी होता है। कैंसर से पीड़ित हर मरीज के सेल्स एक-दूसरे से काफी अलग होते हैं। भले ही किसी का स्टेज लगभग एक ही हो लेकिन उनके शरीर में कैंसर के कितने सेल्स कहां-कहां फैले हैं इस पर निर्भर करते हैं। एंटी कैंसर ड्रग्स को हमेशा दवाइयों या इंजेक्शन के माध्यम से लिया जा सकता है। कीमोथेरेपी कैसे होती है? ऐसा जरूरी नहीं है कि कैंसर के हर रोगी को कीमोथेरेपी दी जाए। रोगी के स्थिति पर यह बात निर्भर करती है कि उसे कीमोथेरेपी की जरूरत है कि नहीं। इसके बाद ही कीमोथेरेपी दी जाती है। कीमोथेरेपी के कई तरीके होते हैं। निओएडजुवेंट कीमोथेरेपी: सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी के जरिए ट्यूमर को सिकुड़ने वाली एक थेरेपी है, जिसे निओएडजुवेंट कीमोथेरेपी के तौर पर जाना जाता है। एडजुवेंट कीमोथेरेपी: एडजुवेंट कीमोथेरेपी कैंसर के बचे हुए सेल्स को मारने के लिए दिया जाता है। कीमोथेरेपी के फायदे क्या है? कई शोधों में यह बात सामने आई है कि कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी सबसे बढ़...

आवश्यक कीमोथेरेपी (aavashyak keemotherepee) मीनिंग इन अंग्रेज़ी

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क्या ब्रेस्ट कैंसर के लिए कीमोथेरेपी जरूरी है?

जम्मू में रहने वाली कमल कामरा को ब्रेस्ट कैंसर था। नवंबर में उनकी ब्रेस्ट सर्जरी हुई और जनवरी में कीमोथेरेपी शुरू हो गई। कमल कहती हैं कि अगर मैं अपने केस को देखते हुए बोलूं तो मुझे लगता है कि लोगों में डर ज़्यादा है। जबकि इतना घबराने की ज़रूरत है नहीं। पहले कीमो सेशन के दौरान मुझे डर लगा था। मुझे कीमो के आठ सेशन लेने के लिए बोला गया था, लेकिन बाद में मुझे कहा गया कि चार ही सेशन काफी हैं। अपने अनुभव के बारे में कमल बताती हैं, "यह बिल्कुल वैसे ही है, जैसे ग्लूकोज़ चढ़ता है। तीन घंटे के भीतर दवा शरीर में घुल जाती है। हालांकि थोड़ी कमज़ोरी महसूस होती है और मुंह में छाले भी पड़ जाते हैं, लेकिन बहुत अधिक डरने की ज़रूरत नहीं है।" कमल कहती हैं कि ब्रेस्ट सर्जरी के बाद सबसे अधिक साइकोलॉजिकल दबाव होता है। शरीर का एक हिस्सा कट चुका होता है...बाल झड़ रहे होते हैं। लोगों के सवाल ज़्यादा एहसास कराते हैं। कमल जैसी बहुत सी महिलाएं हैं जो पहले कैंसर के दर्द से जूझती हैं और बाद में साइकोलॉजिकल दबाव से, लेकिन हाल में हुई एक स्टडी बहुत सी महिलाओं के लिए वरदान साबित हो सकती है। इस रिसर्च में ये दावा किया गया है कि अगर शुरुआत में ही महिलाएं सजगता बरतें और जांच कराएं तो वे कीमोथेरेपी कराने से बच सकती हैं। इसके अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर पीड़ित क़रीब 70 फ़ीसदी औरतों को तो कीमोथेरेपी की ज़रूरत ही नहीं होती। अगर ब्रेस्ट कैंसर के ख़तरे को शुरुआती वक़्त में ही भांप लिया जाए तो बहुत सी महिलाओं को कीमोथेरेपी के दर्द से बचाया जा सकता है। इसमें आनुवांशिक जांच भी शामिल है। इस रिसर्च के सामने आने के बाद कैंसर का इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि इससे महिलाओं को कीमोथेरेपी के दर्द को नहीं सहना पड़ेगा। सिर्फ़...