कल्पना चावला की मौत कैसे हुई

  1. Kalpana Chawla Death Anniversary Kalpana Chawla 15th Death Anniversary Death Anniversary Of Kalpana Chawla
  2. First Indian Born Woman To Go Space
  3. Kalpana Chawla Death Anniversary 2023 Know The Reason Behind Columbia Disaster
  4. Kalpana Chawla Death Anniversary Truth Behind Death
  5. श्रद्घांजलिः पहली भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की कैसे हुई हवा में मौत


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Kalpana Chawla Death Anniversary Kalpana Chawla 15th Death Anniversary Death Anniversary Of Kalpana Chawla

नई दिल्ली: यह भी पढ़ें: मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं, कहने वाली मोंटू उर्फ कल्पना चावला को वीरू ने यूं किया याद जब नासा से जुड़ी कल्पना- बचपन से स्पेस और साइंस में रुचि की वजह से कल्पना ने वर्ष 1988 में नासा के साथ मिलकर काम करना शुरू किया. उन्होंने यहां काम करते हुए कई तरह के री-सर्च वर्क पर काम किया. इनमें से ही एक खास प्रोग्राम था कंप्यूटेशनल फ्लूयड डायनामिक्स (सीएफडी). नासा के साथ जुड़ने की वजह से उन्होंने 1993 में ओवरसेट मेथड को बतौर वाइस प्रेसीडेंट के तौर पर ज्वाइन किया. 1991 में अमेरिका की नागरिकता लेने के बाद चावला ने नासा एस्ट्रोनॉट कॉर्प्स के लिए आवेदन किया. उन्होंने कॉर्प्स को 1995 में ज्वाइन किया जबकि उन्हें पहली फ्लाइट के लिए 1996 में चुना गया. यह भी पढ़ें: कल्पना चावला और गायत्री देवी पर बायोपिक में काम करना चाहती हैं प्राची पहला स्पेस मिशन- कल्पना चावला को 19 नवंबर 1997 में पहली बार स्पेस में जाने का मौका मिला. वह छह स्पेस यात्रियों में से एक थीं. जिन्हें यह मौका दिया गया था. चावला ऐसा करने वाली पहली महिला और राकेश शर्मा के बाद दूसरी भारतीय थीं. दूसरा स्पेस मिशन- उन्हें वर्ष 2000 में दूसरी बार स्पेस में जाने के लिए फिर से चुना गया. इस बार वह STS-107 क्रू का हिस्सा थीं. हालांकि तकनीकी कारणों से इस मिशन को भेजने में लगातार देरी हो रही थी. आखिरकार 16 जनवरी 2003 के दिन इस मिशन को शुरू किया गया. कैसे हुई दुर्धटना का शिकार- कल्पना चावला का दूसरा स्पेस मिशन ही उनके लिए आखिरी स्पेस मिशन साबित हुआ. कल्पना की मौत 1 फरवरी 2003 को हुई. तकनीकी खराबी की वजह से उनका स्पेस शटल पृथ्वी पर सही-सलामत नहीं लौट पाया. इस हादसे को स्पेश शटल कोलंबिया डिजास्टर के नाम से भी जाना जात...

First Indian Born Woman To Go Space

कल्पना चावला का बचपन भारतीय मूल की अंतरिक्ष वैज्ञानिक कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 में हुआ था। कल्पना अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय मूल की महिला थीं। उनके पिता का नाम बनारसी लाल और मां का नाम संज्योती चावला था। कल्पना घर में सबसे छोटी और बेहद कम उम्र से ही अंतरिक्ष और फ्लाइट के सपने देखने लगीं थी। कल्पना की शुरुआती शिक्षा करनाल के टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की। बचपन से ही विज्ञान में रुचि होने के कारण, उन्होंने फ्लाइट इंजीनियर करने के लिए पंजाब के एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। उच्च शिक्षा के लिए कल्पना टेक्सास विश्वविद्यालय चली गईं, जहां उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विषय से एम ए किया। NASA में मिला काम साल 1988 में इसे भी पढ़ें- 2 बार अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला ने एक बार नहीं , बल्कि 2 बार अंतरिक्ष की यात्रा की। जहां उनकी पहली यात्रा 19 नवंबर साल 1997 से लेकर 5 दिसंबर तक 1997 तक चली। यात्रा पूरी करने के साथ ही कल्पना ने देश के नाम इतिहास रच दिया। इसे भी पढ़ें- कल्पना की दूसरी और आखिरी अंतरिक्ष यात्रा इसके बाद साल 16 जनवरी 2003 को कल्पना ने अपनी दूसरी और आखिरी अंतरिक्ष यात्रा शुरू की। यह किल 16 दिन का मिशन था। मिशन के दौरान उन्होंने अपने सहयोगियों संग कई परीक्षण किए। हालांकि 1 फरवरी को यात्रा के दौरान वापसी करते हुए उनका शटल दुर्घटना ग्रस्त हो गया, जिसे कल्पना चावला समेत 6 अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई।

जानें

1 फरवरी यानि आज ही के दिन कल्पना चावला का निधन हुआ था. वह अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी. कल्पना ने न सिर्फ अंतरिक्ष की दुनिया में उपलब्धियां हासिल कीं, बल्कि तमाम छात्र-छात्राओं को सपनों को जीना सिखाया. भले ही 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ कल्‍पना की उड़ान रुक गई लेकिन आज भी वह दुनिया के लिए एक मिसाल हैं. उनके वे शब्द सत्य हो गए जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं. नासा वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल में हुआ था. कल्पना अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय (उन्होंने अमेरिका की नागरिकता ले ली थी) महिला थी. उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और मां का नाम संज्योती था. कल्पना ने फ्रांस के जान पियर से शादी की जो एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे. जानते हैं उनके बारे में... - करनाल में बनारसी लाल चावला के घर 17 मार्च 1962 को जन्मीं कल्पना अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं. - घर में सब उन्हें प्यार से मोंटू कहते थे. शुरुआती पढ़ाई करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई. जब वह 8वीं क्लास में पहुंचीं तो उन्होंने अपने पिता से इंजीनियर बनने की इच्छा जाहिर की. - कल्पना के पिता उन्हें डॉक्टर या टीचर बनाना चाहते थे. परिजनों का कहना है कि बचपन से ही कल्पना की दिलचस्पी अंतरिक्ष और खगोलीय परिवर्तन में थी. वह अक्सर अपने पिता से पूछा करती थीं कि ये अंतरिक्षयान आकाश में कैसे उड़ते हैं? क्या मैं भी उड़ सकती हूं? पिता उनकी इस बात को हंसकर टाल दिया करते थे. - कल्पना फिर अपने सपनों को साकार करने 1982 में अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई के लिए अमेरिका रवाना हुई. फिर साल 1988 में वो नासा अनुसंधान के साथ जुड़ीं. ...

Kalpana Chawla Death Anniversary 2023 Know The Reason Behind Columbia Disaster

Kalpana Chawla Death Anniversary: कल्पना चावला के साथ धरती पर वापस लौट रहा था शटल कोलंबिया, फिर अचानक क्यों हुआ हादसे का शिकार? Columbia Disaster: 1 फरवरी, 2003 को यान कोलंबिया अपनी अंतरिक्ष यात्रा के बाद 7 चालक दल के सदस्यों के साथ पृथ्वी पर लौट रहा था. इसी दौरान यान क्षतिग्रस्त गया और इसमें मौजूद सभी लोगों की मौत हो गई थी. Kalpana Chawala Death: 1 फरवरी यानी आज अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की पहली महिला कल्पना चावला (Kalpana Chawala) की पुण्यतिथि है. 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष में 16 दिन बिताने के बाद कल्पना चावला अपने 6 अन्य साथियों के साथ धरती पर लौट रही थीं तो उनका यान क्षतिग्रस्त हो गया था. इस दुर्घटना में चावला समेत सभी यात्रियों की मौत हो गई थी. कोलंबिया डिजास्टर (Columbia Disaster ) अंतरिक्ष हादसों की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है. 1 फरवरी, 2003 को नासा का अंतरिक्ष यान कोलंबिया अपनी अंतरिक्ष यात्रा के बाद 7 चालक दल के सदस्यों के साथ पृथ्वी पर लौट रहा था और शटल कोलंबिया पृथ्वी पर लौटते समय वायुमंडल में प्रवेश करते ही दुर्घटना का शिकार हो गया. लोगों ने आसमान से आग का एक गोला धरती पर गिरते देखा. इस हादसे में चालक दल के सभी 7 सदस्यों की मौत हो गई. घटना के कारणों की जांच के लिए नासा ने स्पेस शटल फ्लाइट्स को अगले दो सालों से ज्यादा समय के लिए निलंबित कर दिया था. कोलंबिया कैसे हुआ अचानक क्यों हुआ हादसे का शिकार? जांच से पता चला कि फोम का एक बड़ा टुकड़ा शटल के बाहरी टैंक से टूट गया और स्पेसशिप का विंग भी इसके कारण टूट गया था. बाद में पता चला कि बाएं विंग में एक छेद के कारण बाहरी वातावरण से गैसें शटल के अंदर बहने लगीं. इससे सेंसर खराब हो गए और आखिर में कोलंबिय...

Kalpana Chawla Death Anniversary Truth Behind Death

जानिए हवा में कैसे हुई कल्पना चावला की मौत, इस वजह से खुशियां बदली मातम में अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला की मौत 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष से वापस लौटते वक्त हुई थी. अक्सर कल्पना कहा करती थीं मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनीं हूं, हर पल अंतरिक्ष के लिए बिताया और इसी के लिए मरूंगी. यह बात उनके लिए सच भी साबित हुई. नई दिल्ली: अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला की मौत 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष से वापस लौटते वक्त हुई थी. अक्सर कल्पना कहा करती थीं मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनीं हूं, हर पल अंतरिक्ष के लिए बिताया और इसी के लिए मरूंगी. यह बात उनके लिए सच भी साबित हुई. उन्होंने 41 साल की उम्र में अपनी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा की, जिससे लौटते समय वह एक हादसे का शिकार हो गईं. आइए जानते हैं उनकी लाइफ से जुड़ी ऐसी बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं... कैसे सपना हुआ सच कल्पना हरियाणा के करनाल में बनारसी लाल चावला के घर 17 मार्च 1962 को जन्मी थीं. अपने चार भाई-बहनों में वह सबसे छोटी थीं. प्यार से घर में उन्हें मोंटू पुकारा जाता था. कल्पना में 8वीं क्लास के दौरान ही अपने पिता से इंजीनियर बनने की इच्छा जाहिर कर दी थी, लेकिन उनके पिता की इच्छा थी कि वह डॉक्टर या टीचर बनें. उनकी शुरुआती पढ़ाई करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई. स्कूली पढ़ाई के बाद कल्पना ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज 1982 में ग्रेजुएशन पूरा किया. मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं, कहने वाली मोंटू उर्फ कल्पना चावला को वीरू ने यूं किया याद इसके बाद वह अमेरिका चली गईं और 1984 टेक्सस यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की. 1995 में कल्पना नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुईं और 1998 में उन्हें अपनी पहली उड़ान ...

श्रद्घांजलिः पहली भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की कैसे हुई हवा में मौत

श्रद्घांजलिः पहली भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की कैसे हुई हवा में मौत कल्पना चावला का 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में पैदा हुईं थीं। कल्पना की शुरुआती पढ़ाई करनाल के ही टैगोर बाल निकेतन में हुई थी। वह एक सामान्य परिवार से थीं। उन्होंने चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की पढ़ाई की। इसके बाद वह एम. टेक की पढ़ाई करने अमेरिका चली गईँ। इसी दौरान उन्हें प्यार भी हुई और उन्होंने बाद में शादी भी की। कल्पना चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं। उन्हें प्यार से मोंटू कहते थे। 1995 में कल्पना नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुईं और 1998 में उन्हें अपनी पहली उड़ान के लिए चुना गया। यह यात्रा उनकी सफल रही और दुनिया भर में इस भारत की बेटी ने अपना परचम लहराया। दूसरी बार उन्हें फिर चुना गया। सभी लोग बेसब्री से उनके लौटने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन खबर कुछ ऐसी आई कि सबके चेहरों पर खुशी की जगह आंसू छलक आए। वैज्ञानिकों के मुताबिक जैसे ही कोलंबिया ने पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया, वैसे ही उसकी उष्मारोधी परतें फट गईं और यान का तापमान बढ़ने से यह हादसा हुआ।