कलयुग में मनुष्य की आयु कितनी है

  1. द्वापर युग में मनुष्य की आयु कितनी थी
  2. वैज्ञानिको के अनुसार मनुष्य की आयु कितनी होती है
  3. कलयुग कितने वर्ष का हो गया है?
  4. पुराणों में भविष्यवाणी, कलयुग के अंत तक मनुष्य की उम्र रह जाएगी सिर्फ 20 साल, भगवान विष्णु लेंगे कल्कि अवतार
  5. कलयुग की भविष्यवाणी क्या है? – ElegantAnswer.com
  6. कलयुग में मनुष्य की उम्र घटकर रह जाएगी 20 साल, तप के लिए यह युग है श्रेष्ट
  7. कलयुग का प्रारंभ कब हुआ था, जानिए


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द्वापर युग में मनुष्य की आयु कितनी थी

जानिए तमाम युगों की आयु और विशेषताएं... हिंदू शास्त्रों में सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग यानी चार युगों की बात कही गई है. हम सब भी बचपन से अपने बड़े बुजुर्गों से हर युग की तमाम कहानियां सुनते आए हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि किस युग की कितनी आयु थी और व्यक्ति का कैसा जीवन था ? नहीं तो आइए आपको बताते हैं. सतयुग शास्त्रों में सबसे पहला और बड़ा युग सतयुग माना गया है. ये 17,28,000 वर्ष तक रहा है. इसमें मनुष्य की आयु करीब 1,00,000 वर्ष के आसपास बताई गई है. उसकी लंबाई 32 फीट होती थी. इस युग में भगवान ने मत्स्य, कूर्म, वाराह और नरसिंह के रूप में अवतार लिया. इस युग की मुद्रा रत्नमय और पात्र स्वर्ण के थे. त्रेतायुग सतयुग के बाद दूसरा बड़ा युग त्रेतायुग था. इसकी आयु करीब 12,96,000 वर्ष की बताई गई है. इस युग में मनुष्य की आयु लगभग 10,000 वर्ष होती थी. मनुष्य की लम्बाई 21 फीट होती थी. इस युग में भगवान राम ने रावण का वध किया था. राम के अलावा वामन अवतार, परशुराम के भी अवतार हुए हैं. इस युग की मुद्रा स्वर्ण और पात्र चांदी के थे. द्वापरयुग तीसरे नंबर पर है द्वापरयुग. इसकी आयु करीब 8,64,000 वर्ष थी और इसमें मनुष्य लगभग 1000 वर्ष तक की आयु तक जीवित रहे हैं. इस युग में मनुष्य की लंबाई 11 फीट हुआ करती थी. कंस के संहार के लिए भगवान कृष्ण का अवतार द्वापर में ही हुआ था. इस युग की मुद्रा चांदी और पात्र तांबे के थे. कलयुग शास्त्रों में इसे सबसे आखिरी और छोटा युग बताया गया है. इसकी कुल आयु करीब 4,32,000 वर्ष की है. मनुष्य की अधिकतम आयु 100 वर्ष के आसपास है और लंबाई 5 से 6 फीट तक है. माना जाता है कि इस युग में भगवान कल्कि के रूप में एक ब्राह्मण परिवार में अवतरित होंगे. इस युग की मुद्रा लोहा और...

वैज्ञानिको के अनुसार मनुष्य की आयु कितनी होती है

वैज्ञानिको के अनुसार मनुष्य की आयु कितनी होती है – सम्पूर्ण जानकारी –हमारे दिमाग में कभी-कभी यह सवाल आता है. की मनुष्य की अधिकतम आयु कितनी होती होगी. हम कभी-कभी सुनते है की कोई व्यक्ति 110 साल तक जीवित रहा. लेकिन वैज्ञानिकों के एक रिसर्च के अनुसार मनुष्य की आयु कितनी हो सकती हैं. इस बारे में कामयाबी हांसिल कर ली हैं. मनुष्य की अधिकतम आयु कितनी हो सकती हैं. इस बारे में वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में सफलता पा ली हैं. • • • • • • • वैज्ञानिको के अनुसार मनुष्य की आयु कितनी होती है एक रिसर्च के अनुसार पाया गया है की मनुष्य की अधिकतम आयु 150 वर्ष के करीब हो सकती हैं. कोई भी मनुष्य का शरीर ऐसा बना हुआ है. की वह 150 वर्ष से अधिक जीवित नहीं रह सकता हैं. तिल किस कमी से होते है / शरीर पर तिल के फायदे / काला तिल कैसे हटाए सिंगापूर के बायोटेक कंपनी में हुआ रिसर्च सिंगापूर के कुछ शोधकर्ताओं ने एक सवाल किया है. की अगर मनुष्य को सभी प्रकार की सुख सुविधा दी जाए तो मनुष्य अधिकतम कितने वर्ष तक जीवित रह सकता हैं. आमतौर पर अभी तक ऐसा माना गया है. की मनुष्य 100 साल की उम्र तक जीवित रहता हैं. अगर कोई 100 वर्ष से अधिक जीवित रहता है. तो वह उस मनुष्य का सौभाग्य माना जाता हैं. इस धरती पर सबसे अधिक वर्ष तक जीवित रहने वाले व्यक्ति का नाम जिन्ने कामेंट है. जो फ़्रांस के रहने वाले थे. वह 122 वर्ष की उम्र तक जीवित रहे थे. सबसे अधिक जीवित रहने का रेकोर्ड इनके नाम ही हैं. यह रिसर्च रक्त कोशिकाओं के विश्लेषण के आधार पर किया गया हैं. कोई व्यक्ति 150 वर्ष से अधिक जीवित नही रह सकता हैं. इसकी गणना वैज्ञानिकों ने कैसे की इस बारे में थोडा विस्तारपूर्वक जान लीजिए. सिर पर तिल होने का मतलब | हाथ, नाक, कमर, गले पर तिल...

कलयुग कितने वर्ष का हो गया है?

विषयसूची Show • • • • • • • • • • क्योंकि कई ग्रंथों में कलियुग से जुड़े ऐसे सत्य के बारे में बताया गया है जो आज के युग (कलियुग) में सच हो रहे हैं। ये भी पढ़ें- कलयुग के तीन महत्वपूर्ण सूत्र सत्य ज्योतिष ग्रंथ सूर्य सिद्धांत में कलियुग की उम्र 432000 मनुष्य वर्ष बताई गई है। आइए जानते हैं अलग-अलग ग्रंथों के मुताबिक कलियुग के बारे में कुछ दिलचस्प बातें - - द्वापर युग की समाप्ति के बाद कलयुग के 5000 वर्ष बीत गए हैं इसके मुताबिक, अब भी कलियुग के 427000 वर्ष बाकि हैं। - ब्रह्मपुराण के अनुसार ये युग (कलियुग) 10000 साल का है। इस दौरान धीरे-धीरे मनुष्य जाति का पतन होने लगेगा। एक समय ऐसा भी होगा कि जब धरती पर चारों और ईष्या व द्वेष बढ़ जाएगा। ये भी पढ़ें- 5000 साल पहले हुई थी ये भविष्यवाणियां, आज हो रही हैं सच - मनुष्य अस्त्य कामों की ओर अग्रसर होने लगेगा। धर्म पर अधर्म का बोलबाला होने लगेगा। तब धर्म की रक्षा के लिए भगवान विष्णु एक बार फिर अवतार लेंगे। भगवान विष्णु के धरती पर इस अवतार का नाम 'कल्कि अवतार' होगा। दर्शकों ये तो हम सभी जानते हैं कि हिन्दू पुराणों के अनुसार कालखंड यानि समय को चार युगों में बांटा गया है और इसी कालखंड को ( सतयुग , त्रेता युग , द्वापर युग , ओर कलयुग के नाम से जाना जाता हैं । आज में आपको इन चारों युगों के अवधि के बारे में बताता हूं । लास्ट में ये भी जानेगें की कलयुग कितना बाकी है अभी | कलियुग का अंत कब होगा? सबसे पहले आता है ( सतयुग ) सतयुग की आयु कितनी है सतयुग के अवधि 17 लाख 28 हजार वर्ष थी और इसमे मानव की आयु 1 लाख वर्ष होती थी त्रेता युग की आयु कितनी है त्रेता युग की अवधि 12 लाख 96 हजार होती थी और इसमें मानव की आयु 10 हजार वर्ष की थी । द्वापर युग में मन...

पुराणों में भविष्यवाणी, कलयुग के अंत तक मनुष्य की उम्र रह जाएगी सिर्फ 20 साल, भगवान विष्णु लेंगे कल्कि अवतार

Kalyug: ऐसा कहा जाता है कि ये कलयुग चल रहा है। सनातन धर्म और वेदों में चार युगों की मान्यता है। जिसके अनुसार सतयुग में स्वयं देवता, किन्नर और गंधर्व धरती पर निवास करते थे। त्रेता युग में श्रीराम का जन्म हुआ था। फिर द्वापर युग में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। वर्तमान में चर रहे कलयुग का कालखंड सबसे छोटा कहा गया है। माना जाता है कि कलयुग में भगवान विष्णु का दसवां अवतार होगा जिसका नाम होगा कल्कि (Kalki)। ऐसा होगा कलयुग: विष्णु पुराण में कलयुग से संबंधित कई जानकारी दी गई है। जिसके अनुसार इस युग में पाप इतना अधिक होगा कि पूरी सृष्टि का ही संतुलन बिगड़ जायेगा। मनुष्य की आयु घटकर 20 वर्ष ही रह जायेगी। कलियुग में लोगों के बाल अल्पायु में ही सफेद होने लगेंगे। पुराण में बताया गया है कि चालाक और लालची व्यक्ति को कलयुग में विद्वान माना जायेगा। शास्त्रों और वेदों का पालन कोई नहीं करेगा। धर्मगुरु अपने फायदे के लिए लोगों का इस्तेमाल करेंगे। पुराणों के अनुसार कलियुग के 5 हजार वर्ष बीत जाने के बाद पृथ्‍वी पर पाप का साम्राज्य होगा। ढोंगी और पाखंडी भक्तों और साधुओं का बोलबाला होगा। ढोंगी संतजन धर्म की गलत व्याख्‍या कर समाज को दिशाहीन कर देंगे, धरती पर मनुष्यों के पाप को धोने वाली गंगा स्वर्ग लौट जाएगी। पुराणों में बद्री-केदारनाथ के रूठने का जिक्र मिलता है। भविष्योत्तर पुराण अनुसार ब्रह्माजी ने कहा- हे नारद! भयंकर कलियुग के आने पर मनुष्य का आचरण दुष्ट हो जाएगा और योगी भी दुष्ट चित्त वाले होंगे। संसार में परस्पर विरोध फैल जाएगा। द्विज (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य) दुष्ट कर्म करने वाले होंगे और विशेषकर राजाओं में चरित्रहीनता आ जाएगी। देश-देश और गांव-गांव में कष्ट बढ़ जाएंगे। संतजन दुःखी होंगे। अपने धर्...

कलयुग की भविष्यवाणी क्या है? – ElegantAnswer.com

कलयुग की भविष्यवाणी क्या है? इसे सुनेंरोकेंविष्णु पुराण में बताया गया है कि कलियुग जैसे-जैसे अंत की ओर बढ़ेगा सृष्टि प्रलय की ओर बढ़ती जाएगी। जल प्रलय से पहले सृष्टि को विनाश की ओर ले जाएगी गर्मी। आसमान से बरसात की बूंदों के लिए लोग तरसेंगे लेकिन आसमान जल नहीं बरसाएगा और अनावृष्टि से खेती नष्ट हो जाएगी। नदी, तालाब, जलाशय सब सूख जाएंगे। इसे सुनेंरोकेंतब श्रीकृष्ण ने कहा- ‘कलियुग में मानव का मन नीचे गिरेगा, उसका जीवन पतित होगा। यह पतित जीवन धन की शिलाओं से नहीं रुकेगा, न ही सत्ता के वृक्षों से रुकेगा। किंतु हरि नाम के एक छोटे से पौधे से, हरि कीर्तन के एक छोटे से पौधे से मनुष्य जीवन का पतन होना रुक जाएगा। कलयुग में मनुष्य की आयु कितनी है? इसे सुनेंरोकेंशास्त्रों में इसे सबसे आखिरी और छोटा युग बताया गया है. इसकी कुल आयु करीब 4,32,000 वर्ष की है. मनुष्य की अधिकतम आयु 100 वर्ष के आसपास है और लंबाई 5 से 6 फीट तक है. कलयुग में किसकी पूजा करनी चाहिए? इसे सुनेंरोकेंकलयुग के देवता कौन है कलिकाल में देवता के रूप में शिव के विभिन्न अवतारों की पूजा की जाती है जो कि विशेष फलदायक मानी जाती हैं। कलयुग के देवता के रूप में बाबा महाकाल के विभिन्न अवतार जैंसे कि बाबा भैरवनाथ, एकादश रुद्र के रूप में श्री हनुमान जी, भगवान शंकर के अवतार श्री शनि देवता आदि माने जाते हैं। कलयुग के पिता कौन है? इसे सुनेंरोकेंकलयुग में भगवान कल्कि के पिता विष्णु भक्त तथा तथा उन्हें वेद और पुराण का भी ज्ञान होगा। उनके पिता का नाम विष्णुयश और माता का नाम सुमति होगा। कलयुग में कौन से भगवान जीवित है? इसे सुनेंरोकेंअजर-अमर होने का वरदान लिए मोक्ष के लिए भटक रहे हैं ये कलयुग के देवता राजा बलि – सतयुग में भगवान वामन के अवता...

कलयुग में मनुष्य की उम्र घटकर रह जाएगी 20 साल, तप के लिए यह युग है श्रेष्ट

रिलिजन डेस्क. हिंदू घर्म में वेद और पुराणों में चार युग बताए गए हैं। माना जाता है कि सतयुग में स्वयं देवता, किन्नर और गंधर्व पृथ्वी पर निवास करते थे। सतयुग के बाद आया त्रेता युग। इस युग में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। इसके बाद द्वापर युग की शुरुआत हुई , इस युग में श्रीकृष्ण भवान ने जन्म लेकर पृथ्वी से दुष्टों का संहार किया। द्वापर युग के बाद कलयुग की शुरूआत हुई। वेदों और पुराणों के अनुसार कलयुग का कालखंड सबसे छोटा माना गया है इस युग में भगवान विष्णु का दसवां अवतार होगा, जिसका नाम होगा कल्कि। विष्णु पुराण के अनुसार इस युग में कन्याएं 12 साल में ही गर्भवती होने लगेंगी, मनुष्य की औसत आयु घटकर 20 साल रह जाएगी। 1) कलयुग से जुड़ी विशेष बातें विष्णु पुराण के अनुसार देवताओं के पूछे जाने पर कि किस युग में तप और पुण्य का फल जल्दी मिलेगा तो पराशर ऋषि ने वेदव्यासजी के कथनों का जिक्र करते हुए कलियुग को सबसे उत्तम बताया। - श्रीवेदव्यास जी को ही वेदों का रचनाकार माना जाता है। वेदव्यास जी से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार, वेदव्यास जी ने सभी युगों में कलयुग को श्रेष्ठ युग कहा है। विष्णुपुराण में वर्णित एक घटना के अनुसार, मुनिजनों और ऋषियों के साथ चर्चा करते हुए वेदव्यास जी कहते हैं सभी युगों में कलयुग ही सबसे श्रेष्ठ युग है। क्योंकि दस वर्ष में जितना व्रत और तप करके कोई मनुष्य सतयुग में पुण्य प्राप्त करता है, त्रेतायुग में वही पुण्य एक साल के तप द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। - ठीक इसी प्रकार उतना ही पुण्य द्वापर युग में एक महीने के तप से प्राप्त किया जा सकता है तो कलयुग में इतना ही बड़ा पुण्य मात्र एक दिन के तप से प्राप्त किया जा सकता है। इस तरह व्रत और तप के फल की प्राप्ति के लिए कलयुग ह...

कलयुग का प्रारंभ कब हुआ था, जानिए

कलियुग संवत के विषय में सबसे प्राचीन संकेत आर्यभट्ट द्वारा दिया गया है। उन्होंने कहा है कि जब वे 23 वर्ष के थे तब कलियुग के 3600 वर्ष व्यतीत हो चुके थे अर्थात वे 476 ई. में उत्पन्न हुए। पश्चात्कालीन ज्योतिःशास्त्रीय ग्रन्थों के अनुसार कलियुग संवत के 3719 वर्षों के उपरान्त शक संवत का आरम्भ हुआ। मध्यकाल के भारतीय ज्योतिषियों ने माना है कि कलियुग एवं कल्प के प्रारम्भ में सभी ग्रह, सूर्य एवं चन्द्र को मिलाकर चैत्र शुक्ल-प्रतिपदा को रविवार के सूर्योदय के समय एक साथ एकत्र थे। अधिकतर विद्वानों के अनुसार कलियुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व हुआ था। इस मान से कलियुग का काल 4,36,000 साल लंबा चलेगा। अभी कलियुग का प्रथम चरण ही चल रहा। कलियुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व से हुआ था, जब पांच ग्रह; मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्‍पति और शनि, मेष राशि पर 0 डिग्री पर हो गए थे। इसका मतलब 3102+2020= 5122 वर्ष कलियुग के बित चुके हैं और 426882 वर्ष अभी बाकी है। शुभ विक्रम संवत्-2080, शक संवत्-1945, हिजरी सन्-1444, ईस्वी सन्-2023 संवत्सर नाम-पिंगल अयन-उत्तरायण मास-आषाढ़ पक्ष-कृष्ण ऋतु-ग्रीष्म वार-बुधवार तिथि (सूर्योदयकालीन)-एकादशी नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-अश्विनी योग (सूर्योदयकालीन)-अतिगण्ड करण (सूर्योदयकालीन)-बालव लग्न (सूर्योदयकालीन)-वृषभ शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक दिशा शूल-ईशान योगिनी वास-आग्नेय गुरु तारा-उदित शुक्र तारा-उदित चंद्र स्थिति-मेष व्रत/मुहूर्त-योगिनी एकादशी व्रत (सर्वे.) यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें। आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:। आज का उपाय-किसी बटुक को हरे फल भेंट करें। वनस्पति तंत्र उपाय-अपामार्ग के वृक्ष मे...