कनकधारा स्तोत्र

  1. कनकधारा स्तोत्रम
  2. कनकधारा स्तोत्र
  3. Kanakdhara Stotram
  4. Kanakdhara Strot Hindi Path
  5. धन, सुख
  6. श्री कनकधारा स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित
  7. कनकधारा स्तोत्र (Kanakadhara Stotram) से करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न [Lyrics
  8. Kanak Dhara Strotra in Hindi


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कनकधारा स्तोत्रम

कनकधारा स्तोत्रम पाठ – 2023 (वैदिक संस्कृत) (Kanakadhara Stotram Sanskrit, Hindi and English)- अपार धन की प्राप्ति हेतु एक बहुत ही प्रभाव शाली स्तोत्र है। आज जब हर एक अपने जीवन में ‍आर्थिक तंगी को परेशान हैं और धन की प्राप्ति के लिए कोई भी उपाय करने को तैयार है – कनकधारा स्तोत्रम धन प्राप्ति के लिए एक अचूक उपाय है. ऐसा माना गया है के इस प्राचीन पाठ में अपर शक्ति है और – कनकधारा स्तोत्रम सिर्फ दिन में एक बार पढ़ना पर्याप्त है। पूजा में कनकधारा स्तोत्रम के सामने दीपक और अगरबत्ती लगाना आवश्यक मन गया है लेकिन यदि आप कभी भूल जाएं तो बाधा नहीं आती, वह इसलिए की यह चैतन्य माना जाता है। कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से चमत्कारिक रूप से अपार धन प्राप्ति और धन संचय के लिए लाभ प्राप्त होता है। कनकधारा स्तोत्रम (Kanakadhara Stotram in Sanskrit) अंगहरे पुलकभूषण माश्रयन्ती भृगांगनैव मुकुलाभरणं तमालम। अंगीकृताखिल विभूतिरपांगलीला मांगल्यदास्तु मम मंगलदेवताया:।।1।। मुग्ध्या मुहुर्विदधती वदनै मुरारै: प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि। माला दृशोर्मधुकर विमहोत्पले या सा मै श्रियं दिशतु सागर सम्भवाया:।।2।। विश्वामरेन्द्रपदविभ्रमदानदक्षमानन्द हेतु रधिकं मधुविद्विषोपि। ईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्द्धमिन्दोवरोदर सहोदरमिन्दिराय:।।3।। आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्दमानन्दकन्दम निमेषमनंगतन्त्रम्। आकेकर स्थित कनी निकपक्ष्म नेत्रं भूत्यै भवेन्मम भुजंगरायांगनाया:।।4।। बाह्यन्तरे मधुजित: श्रितकौस्तुभै या हारावलीव हरि‍नीलमयी विभाति। कामप्रदा भगवतो पि कटाक्षमाला कल्याण भावहतु मे कमलालयाया:।।5।। कालाम्बुदालिललितोरसि कैटभारेर्धाराधरे स्फुरति या तडिदंगनेव्। मातु: समस्त जगतां महनीय मूर्तिभद्राणि मे दिशतु भार्गवनन्द...

कनकधारा स्तोत्र

Kanakadhara Stotram in Marathi अन्न वस्त्र आणि निवारा या मानवाच्या तीन प्रमुख गरजा आहे. या गरजा पूर्ण करण्यासाठी तो दिवस रात्र मेहनत करीत असतो. दिवस रात्र मेहनत करून सुद्धा त्यांच्या या गरजा पूर्ण होत नाहीत. परिणामी तो हताश होतो, काय करावे हे त्याला सुचत नाही. मनुष्याच्या या प्राथमिक गरजा धनाशी संबंधित असल्याने दिवस रात्र त्यांना यांचीच चिंता सतावत असते. परंतु, मनुष्यांच्या या समस्यांचे निराकरण करण्याचा मार्ग शास्त्रांमध्ये दिला आहे. आदि शंकराचार्य द्वारा रचित शास्त्रांमधील कनकधारा स्तोत्राला विशेष महत्व असून, या मंत्राच्या पठणाने मानवाच्या या समस्यांचे निराकरण होवू शकते. या मंत्राच्या उच्चाराने माता लक्ष्मी यांची असीन कृपा आपल्यावर होते. माता लक्ष्मी या धनाची देवता असल्याने आपल्या सर्व समस्या नष्ट होतील. त्यामुळे या मंत्राचे नियमित पठन करावे, जेणेकरून आपणास कधी या समस्यांचा सामना करावा लागणार नाही. आदी शंकराचार्य द्वारा रचित कनकधारा स्तोत्राबाबत कथा प्रचलित असून आज आपण या लेखाच्या माध्यमातून कनकधारा स्तोत्राबरोबर कथेचे सुद्धा लिखाण करणार आहोत. कनकधारा स्तोत्र – Kanakadhara Stotram in Marathi Kanakadhara Stotram in Marathi अंगहरे पुलकभूषण माश्रयन्ती भृगांगनैव मुकुलाभरणं तमालम। अंगीकृताखिल विभूतिरपांगलीला मांगल्यदास्तु मम मंगलदेवताया:।।1।। मुग्ध्या मुहुर्विदधती वदनै मुरारै: प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि। माला दृशोर्मधुकर विमहोत्पले या सा मै श्रियं दिशतु सागर सम्भवाया:।।2।। विश्वामरेन्द्रपदविभ्रमदानदक्षमानन्द हेतु रधिकं मधुविद्विषोपि। ईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्द्धमिन्दोवरोदर सहोदरमिन्दिराय:।।3।। आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्दमानन्दकन्दम निमेषमनंगतन्त्रम्। आकेकर स्थित कनी...

Kanakdhara Stotram

यदि आप धन की इच्छा रखते है और आर्थिक तंगी से परेशान भी है या घर में धन रुक नहीं पा रहा है तो नियमित रूप से श्री कनकधारा स्तोत्र का पाठ करे निश्चित ही आपकी समस्याएं दूर हो जाएंगी। पुराणों में कनकधारा यंत्र एवं स्तोत्र चमत्कारिक वर्णन मिलता है। श्री कनकधारा स्तोत्र के रचनाकार आदि शंकराचार्य है । एक बार शंकराचार्य किसी ब्राह्मणी के घर भिक्षाटन के लिए गए उस समय उस ब्राह्मणी के पास भिक्षा देने के लिए कुछ भी नहीं था ऐसा जानकर शंकराचार्य ने इस स्तोत्र का पाठ किया पाठ करते ही स्वर्ण मुद्रा की वर्षा होने लगी( यह पौराणिक भाषा है ) उसी समय से यह स्तोत्र कनकधारा स्तोत्र के नाम से जाना जाने लगा। माता लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए जिस भी यंत्र का प्रयोग किया जाता हैं, उनमें कनकधारा यंत्र तथा स्तोत्र सबसे ज्यादा प्रभावशाली, कल्याणकारी एवं शीघ्र ही फल प्रदान करने वाली है। कनक धारा स्वयं सिद्ध यंत्र है यही कारण इस यन्त्र को विशेष पूजा माला, जाप, पूजन, विधि-विधान की जरुरत नहीं होती है हां मंदिर में इस यंत्र की स्थापना करनी चाहिए तथा नियमित पूजा के दौरान शुभ संकल्पपूर्वक धुप, दीप अगरबत्ती से स्तुति अवश्य ही करनी चाहिए। यह यंत्र केवल मानसिक या वाचिक पाठ करने मात्र से ही फल प्रदान करने में समर्थ है। यदि आप अचूक धन करना चाहते है तो कनकधारा स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन श्रद्धा और विशवास के साथ करे निश्चित ही मनोवांछित धन लाभ होगा । जरूर पढ़े :- ऐसे दीपावली पूजा करने से मालामाल हो सकते हैं। Kanakdhara Stotram | धनप्रदायिनी श्री कनकधारा स्तोत्रम् अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्। अङ्गीकृताऽखिल-विभूतिरपाङ्गलीला माङ्गल्यदाऽस्तु मम मङ्गळदेवतायाः ॥1॥ मुग्धा मुहुर्विदधती वदने मुरारे...

Kanakdhara Strot Hindi Path

FILE कनकधारा स्तोत्र की विशेषता यही है कि यह किसी भी प्रकार की विशेष माला, जाप, पूजन, विधि-विधान की मांग नहीं करता बल्कि सिर्फ दिन में एक बार इसको पढ़ना पर्याप्त है। साथ ही प्रतिदिन कनकधारा यंत्र के सामने दीपक और अगरबत्ती लगाना आवश्यक है। अगर किसी दिन यह भी भूल जाएं तो बाधा नहीं आती क्योंकि यह सिद्ध मंत्र होने के कारण चैतन्य माना जाता है। यहां प्रस्तुत है कनकधारा स्तोत्र का हिन्दी अनुवाद। आपको सिर्फ कनकधारा यंत्र कहीं से लाकर पूजाघर में रखना है। यह किसी भी तंत्र-मंत्र संबंधी सामग्री की दुकान पर आसानी से उपलब्ध है। मां लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए जितने भी यंत्र हैं, उनमें कनकधारा यंत्र तथा स्तोत्र सबसे ज्यादा प्रभावशाली एवं अतिशीघ्र फलदायी है। अगले पेज पर पढ़ें श्री कनकधारा स्तोत्रम् हिन्दी पाठ FILE * समुद्र कन्या कमला की वह मंद, अलस, मंथर और अर्धोन्मीलित दृष्टि, जिसके प्रभाव से कामदेव ने मंगलमय भगवान मधुसूदन के हृदय में प्रथम बार स्थान प्राप्त किया था, यहां मुझ पर पड़े।।7।। * भगवान नारायण की प्रेयसी लक्ष्मी का नेत्र रूपी मेघ दयारूपी अनुकूल पवन से प्रेरित हो दुष्कर्म (धनागम विरोधी अशुभ प्रारब्ध) रूपी धाम को चिरकाल के लिए दूर हटाकर विषाद रूपी धर्मजन्य ताप से पीड़ित मुझ दीन रूपी चातक पर धनरूपी जलधारा की वृष्टि करें।।8।। FILE * जो सृष्टि लीला के समय वाग्देवता (ब्रह्मशक्ति-सरस्वती) के रूप में विराजमान होती है तथा प्रलय लीला के काल में शाकम्भरी (भगवती दुर्गा) अथवा चन्द्रशेखर वल्लभा पार्वती (रुद्रशक्ति) के रूप में अवस्थित होती है, त्रिभुवन के एकमात्र पिता भगवान नारायण की उन नित्य यौवना प्रेयसी श्रीलक्ष्मीजी को नमस्कार है।।10।। * मात:। शुभ कर्मों का फल देने वाली श्रुति के रूप में ...

धन, सुख

हम सभी जीवन में आर्थिक तंगी को लेकर बेहद परेशान रहते हैं। धन प्राप्ति के लिए हरसंभव श्रेष्ठ उपाय करना चाहते हैं। धन प्राप्ति और धन संचय के लिए पुराणों में वर्णित कनकधारा यंत्र एवं स्तोत्र चमत्कारिक रूप से लाभ प्रदान करते हैं। इसकी विशेषता भी यही है कि यह किसी भी प्रकार की विशेष माला, जाप, पूजन, विधि-विधान की मांग नहीं करता बल्कि सिर्फ दिन में एक बार इसको पढ़ना पर्याप्त है।

श्री कनकधारा स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित

कनकधारा स्तोत्र | Kanakadhara Stotram in Hindi | कनकधारा स्तोत्र हिंदी में | Kanak Dhara Stotra | Kanakadhara Stotram in Sanskrit with Hindi Meaning | कनकधारा स्तोत्र लिरिक्स इन हिंदी | Kanakdhara Stotra | Kanakdhara Strot | Choose Language– कनकधारा स्तोत्र में माँ लक्ष्मी के गुणों का वर्णन किया गया है। इस स्तोत्र का पाठ मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस स्तोत्र की रचना कैसे हुई इस पर एक कहानी बहुत प्रख्यात हे जो की हमने स्तोत्र के नीचे दी हुई है। कनकधारा स्तोत्र ( Kanakadhara Stotram) के रचनाकार आदिगुरु माता लक्ष्मी को प्रसन्न करके उन्होंने सोने की वर्षा कराई थी। (कहानी नीचे है) इस स्त्रोत का नित्य पाठ करने वाले को मां लक्ष्मी जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है और बहुत ही अदभुत और चमत्कारी लाभ होता है। सिद्ध मंत्र होने के कारण शुक्रवार के दिन कनकधारा स्तोत्र का जाप करने का विशेष महत्व है इस दिन कनकधारा स्तोत्र का 11 बार पाठ करने से माता लक्ष्मी उसके जीवन से सभी परेशानियों को हटा कर सुख सम्पदा प्रदान करती हैं। इसलिए शुक्रवार के दिन कनकधारास्तोत्र (Kanakadhara Stotram in Hindi Arth Sahit) अवश्य करना चाहिए। Table of Contents • • • Kanakadhara Stotram in Sanskrit with Hindi Meaning | कनकधारा स्तोत्र हिंदी में धन संचय के लिए कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से चमत्कारिक रूप से लाभ प्राप्त होता है। कनकधारा स्तोत्र से जीवन में धन अभाव दूर करने का सबसे शक्तिशाली उपाय माना गया है। कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में वैभव की प्राप्ति होती है और धन संचय को बल मिलता है। यहां हम कनकधारा स्तोत्र को हिंदी अनुवाद के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं। माँ लक्ष्मी | Image: Pinterest ॥ ...

कनकधारा स्तोत्र (Kanakadhara Stotram) से करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न [Lyrics

kanakadhara stotram in sanskrit • माँ लक्ष्मी हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवियों में से एक है। धर्म ग्रंथों के मुताबिक भगवान विष्णु उसके पति है। वह धन, सम्पदा, शान्ति और समृद्धि अदि की देवी मानी जाती हैं। • कनकधाराकी स्तोत्र में माँ लक्ष्मी के गुणों का वर्णन 21 श्लोक में किया गया है। इस स्तोत्र का पाठ मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस स्तोत्र की रचना कैसे हुई इस पर एक कहानी बहुत प्रख्यात हे जो की हमने आपके लिए स्तोत्र के नीचे दी हुई है। कनकधारा स्तोत्र अगं हरे: पुलकभूषण माश्रयन्ती भूङ्गाङ्गनेव मुकुलाधरणं तमालम्। अगीकृताखिलविभतिरपागलीला माङ्गल्यदास्तु मम मगळदेवतायाः ।।1।। मुग्धा मुहुर्विदधती वदने मुरारे: प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि। माला दृशोर्मधुकरीव महोत्पले या सा मे श्रियं दिशतु सागर सम्भवाया: ।।2।। विश्वामरेन्द्र पदविभ्रम दान दक्षम् आनन्द हेतु रधिकं मधुविद्विषोपि। ईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्द्धम् इन्दीवरोदर सहोदरमिन्दिराय: ।।3।। आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्दम् आनन्दकन्दम निमेषमनंगतन्त्रम्। आकेकर स्थित कनी निकपक्ष्म नेत्रं भूत्यै भवेन्मम भुजंगशयांगनाया: ।।4।। बाह्यन्तरे मधुजित: श्रितकौस्तुभे या हारावलीव हरि‍नीलमयी विभाति। कामप्रदा भगवतो पि कटाक्षमाला कल्याण मावहतु मे कमलालयाया: ।।5।। कालाम्बुदालिललितोरसि कैटभारेर् धाराधरे स्फुरति या तडिदंगनेव्। मातु: समस्त जगतां महनीय मूर्ति भद्राणि मे दिशतु भार्गवनन्दनाया: ।।6।। प्राप्तं पदं प्रथमत: किल यत्प्रभावान् मांगल्य भाजि मधुमाथिनि मन्मथेन। मय्यापतेत दिह मन्थर मीक्षणार्धं मन्दालसं च मकरालयकन्यकाया: ।।7।। दद्याद् दयानुपवनो द्रविणाम्बुधाराम् अस्मिन्नकिञ्चन विहंग शिशौ विषण्णे। दुष्कर्मधर्ममपनीय चिराय दूरं नाराय...

Kanak Dhara Strotra in Hindi

WhatsApp Telegram Facebook Twitter LinkedIn Kanak Dhara means “stream” (dhārā) of “gold” (kanak). Kanak Dhara Strotra is a hymn composed in Sanskrit by the legendary Hindu saint and philosopher Sri Adi Sankaracharya. It consists of 21 stanzas praising the goddess Lakshmi. Only Goddess Lakshmi can change one’s destiny or fortunes. Get Sri Kanak Dhara Strotra or Kanakadhara Stotram in Hindi lyrics Pdf here and chant it with devotion for good fortune, riches, and success in life. कनकधारा का अर्थ है “सोना” (कनक) का “प्रवाह” (धारा)। कनकधारा स्तोत्र एक स्तोत्र (स्तोत्रम) है जो संस्कृत में प्रसिद्ध हिंदू संत और दार्शनिक श्री आदि शंकराचार्य द्वारा रचित है। इसमें देवी लक्ष्मी की स्तुति करने वाले 21 छंद शामिल हैं। केवल लक्ष्मी देवी ही किसी के भाग्य को बदल सकती हैं। कारक धारा स्तोत्र का जप करें और अपनी किस्मत बढ़ाएं. Kanak dhara Strotra in Hindi – कनकधारा स्तोत्र वन्दे वन्दारु मन्दारमिन्दिरानन्द कन्दलं अमन्दानन्द सन्दोह बन्धुरं सिन्धुराननम् अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम् | अङ्गीकृताखिल विभूतिरपाङ्गलीला माङ्गल्यदास्तु मम मङ्गलदेवतायाः ‖ 1 ‖ मुग्धा मुहुर्विदधती वदने मुरारेः प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि | मालादृशोर्मधुकरीव महोत्पले या सा मे श्रियं दिशतु सागर सम्भवा याः ‖ 2 ‖ आमीलिताक्षमधिग्यम मुदा मुकुन्दम् आनन्दकन्दमनिमेषमनङ्ग तन्त्रं | आकेकरस्थितकनीनिकपक्ष्मनेत्रं भूत्यै भवन्मम भुजङ्ग शयाङ्गना याः ‖ 3 ‖ बाह्वन्तरे मधुजितः श्रितकौस्तुभे या हारावलीव हरिनीलमयी विभाति | कामप्रदा भगवतोऽपि कटाक्षमाला कल्याणमावहतु मे कमलालया याः ‖ 4 ‖ कालाम्बुदालि ललितोरसि कैट...