कन्याकुमारी से श्रीलंका की दूरी

  1. भारत जोड़ो यात्रा
  2. कन्याकुमारी जिला
  3. Know why Sri Lanka is in the map of India reason is very interesting
  4. Tourist Places in Kanyakumari in Hindi
  5. कन्याकुमारी
  6. कन्याकुमारी में घूमने की जगह


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भारत जोड़ो यात्रा

भारत जोड़ो यात्रा तिथि सितम्बर 7, 2022 ( 2022-09-07) - वर्तमान स्थान कारण आर्थिक समस्याएं और सामाजिक असामंजस्य प्रतिभागी (पार्टिसिपेंट्स) राजनेता, नागरिक, नागरिक समाज संगठन, राजनीतिक कार्यकर्ता वेबसाइट .bharatjodoyatra .in /hi राहुल गांधी पार्टी कैडर और जनता को भारत के दक्षिणी सिरे पर कन्याकुमारी से जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश तक चलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे, जो लगभग 136 दिनों में 4,080 किलोमीटर (2,540 मील) की यात्रा थी। अनुक्रम • 1 पार्श्वभूमि • 2 सारणी • 3 उल्लेखनीय आंकड़े/संगठन • 3.1 गैर-पक्षपातपूर्ण हस्तियां • 4 प्रगति • 4.1 अन्य नियोजित यात्राएं • 4.2 समयरेखा • 4.2.1 सप्ताह 1 (7-13 सितंबर) • 4.2.2 सप्ताह 14 (6 - 12 दिसंबर) • 4.2.3 सप्ताह 15 (13 - 19 दिसंबर) • 4.2.4 सप्ताह 16 (20 - 26 दिसंबर) • 4.2.5 सप्ताह 17 (3-9 जनवरी 2023) • 4.2.6 सप्ताह 18 (10-16 जनवरी 2023) • 4.2.7 सप्ताह 19 (17-23 जनवरी 2023) • 4.2.8 सप्ताह 20 (24-30 जनवरी 2023) • 5 प्रतिक्रियाएं • 5.1 राष्ट्रीय • 5.1.1 राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन • 5.1.2 संयुक्त प्रगतशील गठबंधन • 5.1.3 अन्य • 5.2 अंतरराष्ट्रीय • 6 विवाद • 7 झूठी खबर • 8 भारत जोड़ो यात्रा II • 9 संदर्भ • 10 बाहरी कड़ियाँ पार्श्वभूमि [ ] कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार 23 अगस्त को AICC मुख्यालय में 'भारत जोड़ो यात्रा' के लिए लोगो, टैगलाइन और वेबसाइट लॉन्च की। 'भारत जोड़ो यात्रा' 7 सितंबर, 2022 को कन्याकुमारी से शुरू हुई। यह 3,570 किमी लंबी, 150-दिवसीय 'नॉन-स्टॉप' पदयात्रा होगी जो देश भर के 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेश को कवर करेगी। सारणी [ ] अखिल भारतिय - संभावित यात्रा सारणी प्रदेश प्रवेश की तिथि दिनों की संख्या महत्वपूर्ण स्थ...

कन्याकुमारी जिला

अनुक्रम • 1 भूगोल • 2 सम्बंधित पौराणिक कथा • 3 दर्शनीय स्थल • 3.1 6 नागराज मंदिर • 3.2 भौगोलिक स्थिति से सम्बन्धित पर्यटन • 3.3 यातायात • 3.4 विक्रय • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ भूगोल [ ] कन्या कुमारी तमिलनाडु प्रान्त के सुदूर दक्षिण तट पर बसा एक शहर है। यह हिन्द महासागर, बंगाल की खाङी तथा अरब सागर का संगम स्थल है, जहां भिन्न सागर अपने विभिन्न रंगो से मनोरम छटा बिखेरते हैं। यह स्थान वर्षो से कला, संस्कृति, सभ्यता का प्रतीक रहा है। सम्बंधित पौराणिक कथा [ ] भगवान शिव ने असुर बानासुरन को वरदान दिया था कि कुंवारी कन्या के अलावा किसी के हाथों उसका वध नहीं होगा। प्राचीन काल में भारत पर शासन करने वाले राजा भरत को आठ पुत्री और एक पुत्र था। भरत ने अपना साम्राज्य को नौ बराबर हिस्सों में बांटकर अपनी संतानों को दे दिया। दक्षिण का हिस्सा उसकी पुत्री कुमारी को मिला। कुमारी को शक्ति देवी का अवतार माना जाता था। कुमारी शिव से विवाह करना चाहती थीं। वहीँ बानासुरन को जब कुमारी की सुंदरता के बारे में पता चला तो उसने कुमारी के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा। कुमारी ने कहा कि यदि वह उसे युद्ध में हरा देगा तो वह उससे विवाह कर लेगी. दोनों के बीच युद्ध हुआ और बानासुरन को मृत्यु की प्राप्ति हुई। कुमारी की याद में ही दक्षिण भारत के इस स्थान को कन्याकुमारी कहा जाता है। माना जाता है कि शिव और कुमारी के विवाह की तैयारी का सामान आगे चलकर रंग बिरंगी रेत में परिवर्तित हो गया। दर्शनीय स्थल [ ] 1- कन्याकुमारी अम्मन मंदिर- कुमारी अम्मन मंदिर समुद्र तट पर स्थित है। पूर्वाभिमुख इस मंदिर का मुख्य द्वार केवल विशेष अवसरों पर ही खुलता है, इसलिए श्रद्धालुओं को उत्तरी द्वार से प्रवेश करना होता है। इस द्वार का एक छोटा-...

Know why Sri Lanka is in the map of India reason is very interesting

Sri Lanka is in Map of India: आपने हमेशा देखा होगा भारत के मानचित्र पर श्रीलंका का नक्शा भी दिखाया जाता है. जबकि भारत के मानचित्र पर पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश अथवा म्यांमार अथवा किसी भी पड़ोसी देश का नक्शा नहीं होता है. जबकि श्रीलंका कभी भारत का हिस्सा भी नहीं रहा है. वहीं पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत से अलग होकर दूसरे देश बने हैं. इसके बाद भी क्या आपने कभी सोचा है कि श्रीलंका का नक्शा भारत के मानचित्र पर क्यों होता है? कहीं आप ऐसा तो नहीं सोच रहे हैं कि भारत का श्रीलंका पर किसी तरह का कोई अधिकार है? जी नहीं, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. भारत के मानचित्र में श्रीलंका का नक्शा होता है, इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि भारत का श्रीलंका पर कोई अधिकार है अथवा दोनों देशों के बीच नक्शे को लेकर ऐसा कोई करार है. बल्कि इसके पीछे एक बहुत रोचक वजह है. बता दें कि ऐसा करने के पीछे एक समुद्री कानून है. इसे ऑसियन लॉ कहते हैं. इस कानून को संयुक्त राष्ट्र ने बनाया है साल 1956 में इस कानून को बनाने के लिए यूनाइटेड नेशंस कंवेन्शन ऑन द लॉ ऑफ द सी (UNCLOS-1) नामक एक सम्मेलन का आयोजन किया गया. साल 1958 में संयुक्त राष्ट्र ने इस सम्मेलन का रिजल्ट घोषित किया. इस सम्मेलन में समुद्र से जुड़ी सीमाओं को लेकर एकमत रखा गया था. साल 1982 तक इसके तीन सम्मेलन आयोजित किए गए. इसने समुद्र से जुड़े कानूनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी. ये भी पढ़ें- 200 नॉटिकल माइल की दूरी का क्षेत्र दिखाना जरूरी कानून में तय हुआ कि भारत के मानचित्र में किसी भी देश की बेस लाइन से 200 नॉटिकल माइल्स के बीच आने वाली जगह को दिखाया जाना अनिवार्य है. यानी कोई देश समुद्र के किनारे बसा है तो इस स्थिति में उस देश के नक्शे में उसकी ...

Tourist Places in Kanyakumari in Hindi

Tourist Places in Kanyakumari in Hindi: कन्याकुमारी तमिलनाडु राज्य में दक्षिण में बसा एक खूबसूरत ओर लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी ओर आरब सागर के संयोग स्थल है।कन्याकुमारी शहर भारत के सबसे दक्षिण छोर पर बसा भारत के आकर्षण स्थल मैं शामिल है। यहां का विशाल समुद्र की लहरें तटों, सुर्यास्त, सूर्यदय ओर चंद्रदोय का नजारा काफी आकर्षक लगता हैं। भारतीय संस्कृति और सव्यता का वर्णन जब भी किया जाता है कश्मीर से कन्याकुमारी का नाम पहले आता है क्योंकि कन्याकुमारी भारत माता का चरण है तो कश्मीर भारत माता का मस्तिष्क है। भारतीय प्रायद्वीप का सबसे दक्षिण छोर पर स्तिथ सभी को मेरा नमस्कार है, मुझे यकीन हैआप सभी स्वस्थ होंगे और अच्छे होंगे। कन्याकुमारी एक तीर्थ केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। यह शहर अपनी सदियों पुरानी कला,संस्कृति ओर सभ्यता से पर्यटकों को अपने तरफ आकर्षित करता है। यह स्थान आकर्षणों से भरा पड़ा है जो किसी को भी मत्रमुग्ध कर सकता है। यहां पर उदयगिरि किला, विवेकानंद समारक शिला, पद्मनाभपुरम महल, मणिमंडपम, ओलाकरुवी झरना आदि कन्याकुमारी मैं घुमने के लिए कुछ लोकप्रिय स्थान है। किया आप भी इस आश्चर्यजनक और खूबसूरत तटीय शहर की यात्रा करना अगर चाहते हैं तो कृपया हमरे इस लेख को जरूर पढ़े ताकि कन्याकुमारी यात्रा करने से पहले आपको भरपूर जानकारी मिल सके। और पढ़े : Table Contents • • • • • • • • • • • • • • कन्याकुमारी के पर्यटन स्थल उदयगिरि किला – Tourist Places in Kanyakumari Udayagiri Fort कन्याकुमारी से उदयगिरि किला लागभग 32 किलोमीटर दूरी पर स्थित हैं। यह किला को राजा मार्तड वर्मा ने बनाया था ओर उनके शासनकाल इस किला का नाम डे लंनॉय किला था ।इस किला मैं आप डे लंनॉय, उ...

कन्याकुमारी

कन्याकुमारी –भारत के कई ऐसे पर्यटन स्थल है जहां विशाल संमदर की मस्त लहरों में मौज-मस्ती करने के लिए लोग अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ जाते हैं. ऐसे में अगर खूबसूरत नजारों के साथ आध्यात्म भी जुड़ जाए तो कितना आनंद आता है. वैसे अधिकांश लोग विशाल समंदर के किनारे जाकर अपनी छुट्टियों को यादगार बनाते हैं अगर आप भी अपनी छुट्टियों को यादगार बनाना चाहते हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के दक्षिणी छोर पर स्थित एक ऐसे खूबसूरत पर्यटन व धार्मिक स्थल के बारे में जो तीन तरफ से विशाल समंदरों से घिरा हुआ है. तीन सागरों का संगम स्थल है कन्याकुमारी भारत के दक्षिणी छोर पर स्थित कन्याकुमारी कई वजहों से महत्वपूर्ण माना जाता है. कन्याकुमारी तमिलनाडु में केरल की सीमा के पास सागर तट पर स्थित है. यह धार्मिक पर्यटन स्थल तीन ओर से सागर जल से घिरा हुआ है यानि यहां तीन अलग-अलग समंदरों का संगम देखने को मिलता है. पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में सुदूर दक्षिणी ध्रुव तक हिन्द महासागर फैला हुआ है. यहां स्थित विवेकानंद शिला से अरब सागर की पीले और बंगाल की खाड़ी की नीले रंग की लहरें साफ-साफ दिखाई देती हैं. रामायण में भी इस पावन स्थान का उल्लेख मिलता है. कहा जाता है कि जब माता सीता की खोज में भटकते हुए श्रीराम यहां पहुंचे थे तब कन्याकुमारी देवी ने ही उन्हें गंधनादन पर्वत यानि रामेश्वरम की ओर जाने का संकेत दिया था. यहां स्थित है कन्याकुमारी देवी का भव्य मंदिर कन्याकुमारी देवी का मंदिर ऊंचे चौकोर व पथरीले स्थान पर स्थित है जिसके तीन ओर सागर की मदमस्त लहरें हरदम अटखेलियां करती रहती हैं. इस मंदिर के चार दिशाओं की ओर चार द्वार हैं जिनमें तीन द्वार ही खुले रहते हैं. प्रस्तर खंडों...

कन्याकुमारी में घूमने की जगह

आज मैं आपको कन्याकुमारी में घूमने की जगह के बारे में जानकारी देने वाला हूं, जो भारत के तमिलनाडु राज्य राज्य में स्थित भारत का सबसे दक्षिणतम शहर है। मैं आपको यकीन के साथ कह सकता हूं कि अगर आप समुद्र के किनारे स्थित कन्याकुमारी जाते हैं, तो आपको भारत के संस्कृति पर गर्व महसूस होगा। आइए विस्तार से जानते हैं कन्याकुमारी में घूमने की जगह के बारे में- विषय - सूची • • • • • • • • • • 1. विवेकानंद रॉक मेमोरियल – Vivekananda Rock Memorial Kanyakumari In Hindi. समुद्र के बीच त्रिवेणी संगम (यहां पर हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का मिलन होता है।) पर स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल कन्याकुमारी जाने वाले पर्यटकों के द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला पर्यटन स्थल है। इस रॉक मेमोरियल तक जाने के लिए आपको जहाज (ship) मिलेगी, जिसमें बैठकर आप विवेकानंद रॉक मेमोरियल जा सकते हैं। विवेकानंद रॉक मेमोरियल जाने पर आपको विवेकानंद जी का 8.5 फीट ऊंचा स्मारक देखने को मिलेगा। साथ ही आपको वहां पर एक मेडिटेशन हॉल और कन्याकुमारी माता का चरण पादुका भी देखने को मिलेगा। आप इन तीनों जगहों को विजिट करने के बाद त्रिवेणी संगम को भी थोड़ा समय देकर अच्छे से एंजॉय करें और फोटो वगैरह शूट करें। 2. कन्याकुमारी माता मंदिर – Kanyakumari Mata Temple In Hindi. कन्याकुमारी बीच (सनसेट प्वाइंट) के बगल में स्थित इस मंदिर को अम्मन माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जो माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करना मना है। कन्याकुमारी माता का यह मंदिर सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है, जिसके खुलने और बंद होने का समय नीचे दर्शाया गया है- सोमवार से रविवार – प्रातः 4:30 बजे से दोप...