कोणीय संवेग का मात्रक

  1. जड़ता के क्षण से आप क्या समझते हैं? – ElegantAnswer.com
  2. कोणीय संवेग क्या है , परिभाषा , विमा , इकाई , मात्रक सूत्र (angular momentum in hindi) – 11th , 12th notes In hindi
  3. कोणीय संवेग क्या है, सूत्र संबंध
  4. [Solved] (प्लांक स्थिरांक / कोणीय संवेग) की विमा निम्न
  5. संवेग क्या है? सूत्र, मात्रक, प्रकार


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जड़ता के क्षण से आप क्या समझते हैं? – ElegantAnswer.com

जड़ता के क्षण से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंजब वस्तु की घूर्णन अक्ष के सापेक्ष अवस्था में परिवर्तन होता है तो वस्तु इस अवस्था परिवर्तन का विरोध करती है इसे ही जडत्व आघूर्ण कहा जाता है। जड़त्व और द्रव्यमान में क्या संबंध है? इसे सुनेंरोकेंदूसरे शब्दों में, जड़त्व ही वह गुण है जिसके कारण वस्तु बिना दिशा बदले, एक सरल रेखा में, समान वेग से चलती रहती है। जड़त्व का माप द्रव्यमान होता हैं। अगर किसी वस्तु का द्रव्यमान अधिक है तो उस वस्तु की गति का प्रतिरोध भी अधिक होगा। जड़ता के क्षण और उत्पाद क्या है? इसे सुनेंरोकेंजड़त्व आघूर्ण का सूत्र I = m1r12 + m2r22 + m3r32 + ………. अतः इस समीकरण द्वारा स्पष्ट होता है कि किसी पिंड का किसी अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण, पिंड के प्रत्येक कण के द्रव्यमान तथा उसकी घूर्णन अक्ष से दूरी के वर्ग के गुणनफल के बराबर होता है। जड़त्व आघूर्ण का SI मात्रक किग्रा-मीटर2 होता है। कोणीय संवेग का मात्रक क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंकोणीय संवेग का मात्रक किग्रा-मीटर2/सेकंड अथवा जूल-सेकंड होता है एवं विमीय सूत्र [ML2T-1] होता है। जड़त्व आघूर्ण तथा कोणीय त्वरण के गुणनफल को क्या कहते हैं? इसे सुनेंरोकेंबल आघूर्ण किसी वस्तु पर बल लगाने की मात्रा का माप है जो उसे घुमाने का कारण बना सकती है। कोणीय त्वरण का उत्पादन करने के लिए आवश्यक बल आघूर्ण उस वस्तु के द्रव्यमान के वितरण पर निर्भर करता है जिसे जड़त्त्वाघूर्ण द्वारा वर्णित किया जाता है। इसलिए बल आघूर्ण ( ) कोणीय त्वरण (a) और जड़त्त्वाघूर्ण (I) का गुणनफल है। कोड़ी संवेग बराबर क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंकिसी अक्ष के सापेक्ष किसी गतिशील पिण्ड का कोणीय संवेग, उस अक्ष के सापेक्ष उस पिण्ड के जड़त्वाघूर्ण एवं उसके कोणीय...

कोणीय संवेग क्या है , परिभाषा , विमा , इकाई , मात्रक सूत्र (angular momentum in hindi) – 11th , 12th notes In hindi

(angular momentum in hindi) कोणीय संवेग क्या है , परिभाषा , विमा , इकाई , मात्रक सूत्र : सबसे पहले हम बात करते है कि किसी कण का रेखीय संवेग क्या है ? रेखीय संवेग : किसी गतिशील कण का द्रव्यमान का मान अथवा किसी गतिशील कण की “किसी गतिशील कण जिसका वेग v है तथा द्रव्यमान m है तो उसका रेखीय संवेग का मान p = mv होता है। ” कोणीय संवेग : जब कोई पिण्ड किसी अक्ष के परित: घूम रहा हो अर्थात माना एक कण जो घूर्णन गति कर रहा है उसका रेखीय संवेग p है तथा इस कण का स्थिति सदिश r है तो इस कण के कोणीय संवेग को निम्न सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है – कोणीय संवेग = रेखीय संवेग x स्थिति सदिश कोणीय संवेग (L) = p x r यह p = रेखीय संवेग है जिसका मान , p = mv होता है जो हमने ऊपर ज्ञात किया है। सूत्र में p = mv रखने पर कोणीय संवेग का सूत्र – कोणीय संवेग (L) = mv x r कोणीय संवेग एक 2T -1] होती है। कोणीय संवेग को निम्न प्रकार भी परिभाषित किया जा सकता है – किसी पिण्ड के जडत्व आघूर्ण और माना किसी पिण्ड का जड़त्व आघूर्ण का मान I है और इस पिंड का कोणीय वेग w है तो इस पिण्ड का कोणीय संवेग का मान निम्न सूत्र द्वारा दी जाती है – कोणीय संवेग (L) = I x w कोणीय संवेग का 2-सेकंड -1 होता है। कोणीय संवेग : किसी कण का बिन्दु के परित: कोणीय संवेग : L = r x P L = rpsinθ अथवा |L| = r ⊥ x P अथवा |L| = P ⊥ x r यहाँ P = कण का रेखीय संवेग r = बिंदु O , जिसके परित: कण का कोणीय संवेग ज्ञात करना है। θ = सदिश r और P के मध्य का कोण r ⊥ = बिंदु O से कण की गति की दिशा के मध्य की लम्बवत दूरी। P ⊥ = r के लम्बवत संवेग का घटक कोणीय संवेग का SI मात्रक Kg.m 2/sec. होता है। प्रश्न : एक m द्रव्यमान का कण बिंदु (o,d) से गति प्रारंभ करके...

कोणीय संवेग क्या है, सूत्र संबंध

प्रस्तुत अध्याय के अंतर्गत कोणीय संवेग की परिभाषा, उदाहरण तथा कोणीय संवेग एवं बल आघूर्ण में संबंध और जड़त्व आघूर्ण में संबंध स्थापित करेंगे। आशा करते हैं कि आपको यह अध्याय पसंद आएगा। कोणीय संवेग (angular momentum in Hindi) जिस प्रकार रेखीय गति में कण के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को कण का रेखीय संवेग कहते हैं। उसी प्रकार घूर्णन गति में, घूर्णन अक्ष के परितः कण के रेखीय संवेगों के आघूर्णों के योग को कण का कोणीय संवेग कहते हैं। इसे J अथवा L द्वारा दर्शाया जाता है कोणीय संवेग एक सदिश राशि है। इसकी दिशा घूर्णन अक्ष के अनुदिश होती है। उपरोक्त परिभाषा के अनुसार \footnotesize \boxed कोणीय संवेग का मात्रक किग्रा-मीटर 2/सेकंड अथवा जूल-सेकंड होता है एवं विमीय सूत्र [ML 2T -1] होता है। कोणीय संवेग तथा जड़त्व आघूर्ण में संबंध माना कोई पिंड ω कोणीय वेग से किसी अक्ष के परितः घूर्णन करता है तो पिंड के सभी कोणों का कोणीय वेग समान तथा रेखीय वेग भिन्न-भिन्न होंगे। यदि किसी पिंड की घूर्णन अक्ष से दूरी r 1 है तो उसका रेखीय वेग v 1 = r 1ω माना पिंड के किसी कण का द्रव्यमान m 1 है तो उसका रेखीय संवेग P 1 = m 1v 1 P 1 = m 1r 1ω इसका कोणीय संवेग J 1 = P 1 × r 1 J 1 = (m 1r 1ω) × r 1 J 1 = m 1r 1 2ω इसी प्रकार अन्य कणों के कोणीय संवेग क्रमशः m 2r 2 2ω, m 3r 3 2ω……. होंगे। अतः पूरे पिंड का कोणीय संवेग J = J 1 + J 2 + ……… J = m 1r 1 2ω + m 2r 2 2ω + …….. J = ω(m 1r 1 2 + m 2r 2 2 + ……..) J = ω(Σmr 2) अतः \footnotesize \boxed अर्थात् किसी पिंड के कोणीय संवेग के परिवर्तन की दर उस पिंड पर आरोपित बल आघूर्ण के बराबर होती है यही कोणीय संवेग एवं बल आघूर्ण में संबंध है। पढ़ें… कोणीय संवेग संबंधित प्रश्न उत...

[Solved] (प्लांक स्थिरांक / कोणीय संवेग) की विमा निम्न

संकल्पना: • किसी भी भौतिक मात्रा के मापन में एक निश्चित आधारभूत, निरंकुश ढंग से चुनी गई, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत संदर्भ मानक नामक मात्रकके साथ तुलना शामिल है और विमा एक गणितीय मापहै जिसका उपयोग भौतिक मात्रा की प्रकृति का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। • विमाओं की मूल अवधारणा यह है कि हम केवल उन्हीं राशियोंको जोड़ या घटा सकते हैं जिनकीविमा समानहैं। • और विमा सूत्र को द्रव्यमान, लंबाई और समय के संदर्भ में भौतिक राशि की अभिव्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है। • विद्युत चुम्बकीय तरंगों कीऊर्जा, विमा विश्लेषण द्वारा दी गई है और यह सूत्रE = hvद्वारा दर्शाई गई है कोणीय संवेग : • घूर्णन अक्ष के बारे में कण के वर्तन संवेग को कण का कोणीय संवेग कहा जाता है। गणितीय रूप से कोणीय संवेग को निम्न रूप में लिखा जा सकता है • या तो कोणीय संवेग रैखिक संवेग का घूर्णन अनुरूप है। किसी वस्तु का कोणीय संवेग को जड़त्व-आघूर्ण I के माध्यम से वस्तु के कोणीय वेग ω से भी संबद्ध किया जा सकता है। ∴ L = I x ω= r x p जहाँ, L= कोणीय संवेग, I= जड़त्व-आघूर्ण, ω= कोणीय वेग, r= दूरी और p= रेखीय संवेग = (m × v). व्याख्या: हम जानते हैं कि एक उत्सर्जित फोटॉन की ऊर्जा को निम्न रूप में दिया जाता है E = hν जहां E फोटॉन की ऊर्जा है और h, प्लांक स्थिरांकऔर यदि ν उत्सर्जित फोटॉन की आवृत्ति है ∴ h = E/ν इसलिए, प्लांक स्थिरांक की विमा निम्न प्रकार दी जाती है, \(h = \frac = 1 = Dimensionless\) अब, दिए गए पदों की विमा है– ऊर्जा= [ML 2T -2] तरंगदैर्ध्य = [L] आवृत्ति = [T -1] कोण= यह एक विमा रहित राशि है। इसलिए, सभी विकल्प कोण है । Important Points कुछ आधारभूत विमाए है- क्र. सं. राशि सामान्य प्रतीक SI मात्रक विमा 1 ...

संवेग क्या है? सूत्र, मात्रक, प्रकार

संवेग की परिभाषा: किसी भी वस्तु के द्रव्यमान और उसके वेग के गुणनफल को ही संवेगकहते हैं । यानी कि किसी भी वस्तु का द्रव्यमान और वेग दोनों को आपस में गुणा कर दिया जाए तब उस वस्तु का संवेग ( samveg ) प्राप्त हो जाता है । samveg एक सदिश राशि है । सदिश राशि का परिमाण और दिशा दोनों होता है । इसी तरह से संवेग का भी परिमाण और दिशा दोनों होता है। संवेग एक सदिश राशि है, जिसको अंग्रेजी के अक्षर ‘P’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है, और इसकी दिशा वेग के समान होती है। संवेग = द्रव्यमान × वेग P =m x v जहां, P = संवेग m = वस्तु का द्रव्यमान n = वस्तु का वेगकार संवेग का मात्रक क्या है? संवेग में दिशा और परिमाण दोनों होते हैं। इसकी दिशा वेग की दिशा के समान है, संवेग की SI इकाई किलोग्राम-मीटर प्रति सेकंड (kg.ms-1) है। संवेग संरक्षण क्या है? संवेग का संरक्षण भौतिकी का एक प्रमुख नियम है जिसमें कहा गया है कि यदि कोई बाहरी बल प्रणाली पर कार्य नहीं कर रहे हैं तो किसी निकाय का संवेग स्थिर रहता है। यह न्यूटन के प्रथम नियम या जड़त्व के नियम में सन्निहित है। संवेग के संरक्षण के नियम की उदारतापूर्वक प्रयोग द्वारा पुष्टि की जाती है और इसे गणितीय रूप से उचित अनुमान पर भी निकाला जा सकता है कि अंतरिक्ष एक समान है। संवेग संरक्षण का सूत्र क्या है? संवेग संरक्षण के नियम का सूत्र है – p=p’ या m1v1+m2v2=m1v1’+m2v2′ संवेग का सूत्र क्या है? संवेग का सूत्र है – p = mv • p = गति (momentum) • m = द्रव्यमान (mass) • v = वेग (velocity) संवेग ऑपरेटर क्या है? संवेग संवाहक रैखिक संवेग से जुड़ा संवाहक है। मोमेंटम ऑपरेटर, पोजीशन रिप्रेजेंटेशन में, डिफरेंशियल ऑपरेटर का एक उदाहरण है। एक स्थानिक आयाम में एक कण के मामले के लिए स...