कोयंबटूर शिव प्रतिमा

  1. आदियोगी शिव की प्रतिमा कहाँ है । Adiyogi Shiva in Hindi
  2. कोयम्बटूर में 112 फीट ऊंची शिव प्रतिमा का पीएम ने किया अनावरण
  3. 10+ तमिलनाडु में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय 2023
  4. कोयंबटूर: शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का पीएम मोदी ने किया अनावरण
  5. जानिए, कोयंबटूर स्थित 112 फीट शिव की प्रतिमा की खास बातें
  6. कोयंबटूर में 112 फुट ऊंची शिव प्रतिमा का अनावरण करेंगे नरेंद्र मोदी
  7. कोयंबटूर: शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे PM मोदी
  8. कोयंबटूर: शिव की 112 फुट की प्रतिमा का PM मोदी करेंगे अनावरण – Vishwavarta
  9. भारत में इन 11 स्थानों में भगवान शिव (Lord Shiva) की सबसे ऊंची प्रतिमा मौजूद है।
  10. कोयम्बटूर में 112 फीट ऊंची शिव प्रतिमा का पीएम ने किया अनावरण


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आदियोगी शिव की प्रतिमा कहाँ है । Adiyogi Shiva in Hindi

Adiyogi Shiva: आदियोगी शिव जी की प्रतिमा तमिलनाड्डू के कोयंबटूर मे स्थापित है। जो की सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी द्वारा स्थापित किया गया है। इस प्रतिमा की उचाई 112 फीट है, जो की आदियोगी प्रतिमा की स्थापना आदियोगी प्रतिमा की स्थापना आदियोगी शिव का इतिहास– History of Adiyogi Shiva ये इतिहास 15 हजार वर्ष से पहले का है या ये कहे की सभी धर्मो से भी पहले का है, प्रथम योगी जिन्हे हम आदियोगी कहते है, वो हिमालय पर प्रकट हुये। जो की परमाअनंद से प्रफुल्लित होकर कभी नाचने-गाने लगते तो कभी शांत स्थिर बैठकर खुद मे मग्न हो जाते। ऐसी प्रक्रिया से यह निश्चित हो गया था की वो एक ऐसा अनुभव पा रहे थे, जिसकी कल्पना मानव नही कर सकता। ऐसे व्योहार के कारण धीरे-धीरे लोग इकठ्ठा होने लगे, लेकिन आदियोगी ने कोई प्रतिक्रिया नही दिया, जिसके कारण धीरे-धीरे लोग हटने लगे, अंत: वहाँ सिर्फ सात (7) लोग ही बचे, और अंत मे उन्होने आदियोगी से विनती किया, और पूछा आप क्या जानते है, उनके आग्रह को देखते हुये, आदियोगी ने उन्हे दीक्षा दी, उन्होंने चौरासी वर्षों तक पूरी एकाग्रता व चैतन्यता से ध्यान किया, आदियोगी ने दक्षिणायन के प्रारंभ के समय पाया की वे सब कुछ जान चुके है अट्ठाईस दिन निरीक्षण करने के बाद, पूर्ण चंद्रमा की रात को उन्होंने अपने आपको प्रथम गुरु या आदि गुरु के रूप में बदल दिया। इस रात को हम गुरु पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। आज हम उनके सात शिष्य को सप्त ऋषि के नाम से जानते हैं। Adiyogi Shiva आदियोगी ने ऐसे 112 उपाय बताये, जिसके द्वारा मनुष्य अपनी सीमाओं से परे जा कर, सब कुछ हाशिल कर सकता है। अपनी उच्चतम संभावना तक पहुँच सकता हैं। आदियोगी ने व्यक्तिगत रूपांतरण के भी साधन दिए क्योंकि यही साधन संसार के रूपांतरण का...

कोयम्बटूर में 112 फीट ऊंची शिव प्रतिमा का पीएम ने किया अनावरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर तमिल नाडू के कोयंबटूर में भगवान शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। आदियोगी शिव के रूप में बनाई गई इस मूर्ति को धर्मगुरू जग्गी वासुदेव की संस्था ईशा फाउंडेशन ने बनवाया है।अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App – प्रधानमंत्री ने प्रतिमा का अनावरण करने के बाद दुनिया भर में चलने वाले महायोग यज्ञ का भी आगाज किया। इस यज्ञ का मकसद अगली महाशिवरात्रि तक 10 करोड़ लोगों को योग की शिक्षा देना है। प्रतिमा की खासियत | 112 फीट ऊंची इस प्रतिमा में शिव के आदियोगी स्वरूप का चेहरा दिखाया गया है। ईशा फाउंडेशन का दावा है कि ये दुनिया में किसी चेहरे की सबसे बड़ी प्रतिमा है। खुद जग्गी वासुदेव ने प्रतिमा को डिजाइन किया है। इसके बनाने में पत्थर की जगह स्टील के टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया है। नंदी की प्रतिमा को तिल के बीज, हल्दी, भस्म और रेत-मिट्टी भरकर बनाया गया है।

10+ तमिलनाडु में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय 2023

Tamilnadu Me Ghumne ki Jagah : तमिलनाडु राज्य भारत के दक्षिण में स्थित सबसे अच्छा राज्य हैं। यहां पर प्राचीन मंदिर, हिल स्टेशन, समुद्र, बीच और म्यूजियम देखने को मिलेंगे। इसके अलावा और भी कई चीजे है, जो घूमने के लिए काफी फेमस हैं। तमिलनाडु राज्य में भारत के प्रसिद्ध हिंदू मंदिर मीनाक्षी मंदिर काफी फेमस हैं। इसके अलावा प्राचीन किले भी बने हुए हैं, जो पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। तमिलनाडु को मंदिर और तीर्थ स्थल की भूमि के नाम से भी जाना जाता हैं। यदि आप तमिलनाडु में घूमने के लिए आना चाहते है, तो आपको यहां की घूमने की सभी जगह के बारे में जानकारी होनी चाहिए। Image: Tamilnadu Me Ghumne ki Jagah आज के इस लेख में हम आपको तमिलनाडु में घूमने की कौन कौन सी जगह हैं? तमिलनाडु घूमने के लिए कब जाना चाहिए? तमिलनाडु का प्रसिद्ध भोजन क्या हैं? तमिलनाडु में कहां पर रुके? तमिलनाडु कैसे पहुंचें? आपके इन सभी प्रश्नों के उत्तर इस लेख में मिलेंगे? इसके लिए आपको लेख अंत तक पढ़ना होगा। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • तमिलनाडु के बारे में रोचक तथ्य • तमिलनाडु राज्य का राष्ट्रीय पक्षी पन्ना तथा राष्ट्रीय पशु नीलगिरी हैं। • तमिलनाडु राज्य में 37 जिले हैं। • सबसे अधिक जीडीपी वाला राज्य तमिलनाडु हैं। • यहां पर कई वश के राजाओं ने राज्य किया हैं, जिसमे चोल, चालुक्य वश हैं। • तमिलनाडु में तमिल भाषा बोली जाती हैं, जो की सबसे पुरानी भाषा में से एक हैं। तमिलनाडु में लोकप्रिय पर्यटक स्थल ( Tamilnadu Tourist Places in Hindi) ऊटी ऊटी तमिलनाडु राज्य के नीलगिरी जिले में स्थित हैं। कोयंबटूर से 86 किमी की दूरी पर ऊटी स्थित हैं। इस जगह पर जाने के लिए आप बस और ट्रेन के द्वारा जा सकते हैं। ...

कोयंबटूर: शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का पीएम मोदी ने किया अनावरण

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जानिए, कोयंबटूर स्थित 112 फीट शिव की प्रतिमा की खास बातें

इस मूर्ति कीखास बातहै कि यह112 मार्गों को दर्शाती है, जिनसे इंसान योग विज्ञान के जरिए अपनी परम प्रकृति को हासिल कर सकता है।112 फुट ऊंची प्रतिमा की स्थापना आदियोगी शिव के खास योगदान के सम्मान में की गई है।प्रतिमा का डिजाइन और प्राण-प्रतिष्ठा ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वसुदेव ने की है।पर्यटन मंत्रालय ने अपने आधिकारिक अतुल्य भारत अभियान में भी इस भव्य प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा को एक पर्यटक इवेंटके रूप में शामिल किया है। Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें

कोयंबटूर में 112 फुट ऊंची शिव प्रतिमा का अनावरण करेंगे नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली| आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोयंबटूर में 112 फुट ऊंची शिव प्रतिमा का अनावरण करेंगे। ईशा फाउंडेशन के ईशा योग केंद्र में इस मूर्ति की स्थापना है की गई है। यह प्रतिमा मुक्ति का प्रतीक है और उन 112 मार्गों को दर्शाता है, जिनसे इंसान योग विज्ञान के जरिए अपनी परम प्रकृति को प्राप्त कर सकता है। इसे ईशा फाउंडेशन के फाउंडर सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने डिजाइन किया है। इतनी बड़ी शिव की प्रतिमा अपने आप में बड़ी अनोखी है। यही कारण है कि इस भव्य चेहरे की प्राण-प्रतिष्ठा को एक गंतव्य स्थल के रूप में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने अपने आधिकारिक अतुल्य भारत अभियान में शामिल किया है। 112 फुट ऊंची इस प्रतिमा को स्टील से बनाया गया है और धातु के टुकड़ों को जोड़कर इसे तैयार किया गया है। नंदी को भी बड़े खास तरीके से तैयार किया गया है। धातु के 6 से 9 इंच बड़े टुकड़ों को जोड़कर नंदी का ऊपरी हिस्सा तैयार किया गया है।

कोयंबटूर: शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे PM मोदी

ईशा फाउंडेशन के ईशा योग केंद्र में इस मूर्ति की स्थापना है। बताया जाता है कि इस प्रतिमा को आठ महीने के भीतर बनाया गया है। शिव की ये प्रतिमा करीबये 112 फुट उंची है। इसे ईशा फाउंडेशन के फाउंडर सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने डिजाइन किया है।इतनी बड़ी शिव की प्रतिमा अपने आप में बड़ी अनोखी है। यही कारण है कि इस भव्य चेहरे की प्राण-प्रतिष्ठा को एक गंतव्य स्थल के रूप में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने अपने आधिकारिक अतुल्य भारत अभियान में शामिल किया है। जबकि येप्रतिमा उन 112 मार्गों को दर्शाती है, जिनसे इंसान योग विज्ञान के जरिए अपनी परम प्रकृति को हासिल कर सकता है। Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Top News • लंदन में मंत्री आतिशी ने भारत में सबसे ज्यादा कुपोषितों का किया जिक्र • यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति को सुप्रीम कोर्ट ने... • गोल्ड बॉन्ड स्कीम के लिए मोदी सरकार ने तय किया इश्यू प्राइज • सार्वजनिक क्षेत्र की SBI ने मोदी सरकार को दिया 5,740 करोड़ रुपये का... • ‘निरंकुश' भाजपा के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी विपक्षी दलों की... • राहुल गांधी और आतिशी की टिप्पणी को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं:... • विपक्षी एकता में तेजी आने से भयभीत BJP समय से पहले करा सकती है चुनाव... • भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को देना चाहिए साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर... • मणिपुर हिंसा को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर कांग्रेस • जी-20 देश वैश्विक खाद्य सुरक्षा के तरीकों पर विचार करेंः PM मोदी

कोयंबटूर: शिव की 112 फुट की प्रतिमा का PM मोदी करेंगे अनावरण – Vishwavarta

कोयंबटूर। पीएम मोदी महाशिवरात्रि के मौके पर कुछ ही देर में कोयंबटूर के ईशा योग केंद्र में आदियोगी शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसे 23 सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों और अनेकों ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म्स पर 5 करोड़ से अधिक लोगों के लिए 7 भाषाओं में एक साथ टेलिकास्ट किया जाएगा। महोत्सव शाम 6 बजे शुरू होकर अगली सुबह 6 बजे तक चलेगा। रातभर चलने वाले इस महोत्सव में सद्गुर के साथ सत्संग का आयोजन होगा और सद्गुर शक्तिशाली ध्यान कराएंगे। यह प्रतिमा मुक्ति का प्रतीक है और उन 112 मार्गों को दर्शाता है, जिनसे इंसान योग विज्ञान के जरिए अपनी परम प्रकृति को प्राप्त कर सकता है। इसे ईशा फाउंडेशन के फाउंडर सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने डिजाइन किया है। बताया गया है कि ईशा फाउंडेशन की टीम ने इसे आठ महीने के अंदर बनाया है। 2017-02-24

भारत में इन 11 स्थानों में भगवान शिव (Lord Shiva) की सबसे ऊंची प्रतिमा मौजूद है।

Rate this post भारत में इन 11 स्थानों में भगवान शिव (Lord Shiva) की सबसे ऊंची प्रतिमा मौजूद है। शिवरात्रि के अवसर पर आसपास के शिव मंदिर में ऐसी भीड़ होती है जहां दर्शन करना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि शिवरात्रि की छुट्टी शनिवार और रविवार के साथ होती है, तो तीन दिन की छुट्टी पर्याप्त होती है जब आप भारत में मौजूद भगवान शिव की विशालकाय मूर्तियों के दर्शन करने की योजना बना सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि भारत में भगवान शिव की ऐसी प्रतिमा कहां मौजूद है। लेकिन दुनिया में भगवान शिव (Lord Shiva) की सबसे ऊंची मूर्ति नेपाल में है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शिव प्रतिमा (Lord Shiva) मुरुदेश्वर में अरब सागर के किनारे स्थित है। जहां भगवान शिव के अवशोषित रूप को देखा जा सकता है। मुरुदेश्वर कर्नाटक में उत्तर कन्नड़ जिले की भटकल तहसील में अरब सागर के तट पर स्थित एक शहर है। कंडुका पहाड़ी पर तीन ओर से पानी से घिरा मुरुदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह माना जाता है कि जब रावण अमर होने की कृपा कर रहा था, जब भगवान शिव को उसके साथ लंका ले जाया जा रहा था, तो रास्ते में इस स्थान पर आत्मा को रखने के कारण उसे यहां स्थापित किया गया था। ये भी पढ़े:- नागेश्वर महादेव (गुजरात) ऊँचाई – 82 फीट भारत में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंगों में से केवल 2 गुजरात में हैं, पहला सोमनाथ महादेव (Lord Shiva) और दूसरा नागेश्वर महादेव। पहले यह मंदिर इतना विशाल नहीं था लेकिन टी-सीरीज़ के निर्माता गुलशन कुमार ने इसे इतना भव्य स्वरूप दिया। मंदिर परिसर के बाहर भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति है जो 82 फीट ऊंची और 25 फीट चौड़ी है। यहां शिव का एक हाथ जप मुद्रा में और दूसरा वरदान मुद्रा में है। भगवान शिव (Lord Shiva) की यह खड़ी प्रतिमा...

कोयम्बटूर में 112 फीट ऊंची शिव प्रतिमा का पीएम ने किया अनावरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर तमिल नाडू के कोयंबटूर में भगवान शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। आदियोगी शिव के रूप में बनाई गई इस मूर्ति को धर्मगुरू जग्गी वासुदेव की संस्था ईशा फाउंडेशन ने बनवाया है।अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App – प्रधानमंत्री ने प्रतिमा का अनावरण करने के बाद दुनिया भर में चलने वाले महायोग यज्ञ का भी आगाज किया। इस यज्ञ का मकसद अगली महाशिवरात्रि तक 10 करोड़ लोगों को योग की शिक्षा देना है। प्रतिमा की खासियत | 112 फीट ऊंची इस प्रतिमा में शिव के आदियोगी स्वरूप का चेहरा दिखाया गया है। ईशा फाउंडेशन का दावा है कि ये दुनिया में किसी चेहरे की सबसे बड़ी प्रतिमा है। खुद जग्गी वासुदेव ने प्रतिमा को डिजाइन किया है। इसके बनाने में पत्थर की जगह स्टील के टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया है। नंदी की प्रतिमा को तिल के बीज, हल्दी, भस्म और रेत-मिट्टी भरकर बनाया गया है।