कपालभाति करने की विधि

  1. कपालभाती प्राणायाम के अद्भुत फायदे विधि और सावधानी Amazing Benefits Of Kapalbhati Pranayama Method And Precautions In Hindi – Sanatan Group
  2. Proven 21 Kapalbhati Benefits in Hindi
  3. Kapalbhati Kaise Karen
  4. कपालभाती करने का उत्तम तरीका और फ़ायदे
  5. कपालभाति प्राणायाम करने की प्रक्रिया क्या है?
  6. कपालभाति प्राणायाम के 27 फायदे, विधि और सावधानियां
  7. कपालभाति के चमत्कार
  8. ध्यान की शुरुआत कैसे और कब करें/ Meditation kaise kare in Hindi


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कपालभाती प्राणायाम के अद्भुत फायदे विधि और सावधानी Amazing Benefits Of Kapalbhati Pranayama Method And Precautions In Hindi – Sanatan Group

योग में प्राणायाम को स्वास् को नियंत्रण करने की विधि कहते हैं। योग का अभ्यास करने वाले लोगों में रोगों के होने की संभावनाएं कम हो जाती है। योग के अभ्यास से उनका इम्यून सिस्टम मजबूत हो जाता है, जिससे कोई भी बीमारी उनके शरीर पर इतनी जल्दी हावी नहीं हो पाती है। कपालभाती प्राणायाम क्या है-What Is Kapalbhati Pranayam कपालभाति प्राणायाम हठयोग की एक क्रिया है। यह प्राणायाम दो शब्दों से मिलकर बना है कपाल और भाती। कपाल का अर्थ होता है मस्तक या ललाट। भाती का अर्थ होता है मांजना या चमकाना। कपालभाति प्राणायाम करने से मस्तक पर एक प्रकार का तेज उत्पन्न होता है। इस प्राणायाम को करने से मस्तिष्क पूरी तरह से स्वच्छ हो जाता है और मस्तिष्क की कार्य प्रणाली सुचारू रूप से संचालित होने लगती है। कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करने वाले लोगों के मस्तक पर एक विशेष प्रकार का तेज या चमक आ जाती है। शरीर के 80 परसेंट विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है कपालभाति प्राणायाम। लिवर किडनी और गैस से संबंधित बीमारियों को दूर करने के साथ-साथ 100 से भी अधिक बीमारियों को दूर करने का कार्य करता है कपालभाति प्राणायाम। आइए जानते हैं इस उपयोगी प्राणायाम को करने की विधि क्या है और कैसे किया जाता है। कपालभाति प्राणायाम करने की विधि-Steps Of Kapalbhati Pranayama 1- कपालभाति प्राणायाम करने के लिए 2- अपने हाथों को आकाश की तरफ रखते हुए आराम से घुटनों पर रखें। 3- कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए आपकी रीढ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए। 4- अब एक लंबी गहरी सांस अंदर भरे। 5- स्वास् को छोड़ते हुए अपने पेट को अंदर की तरफ खींचे। खिंचाव इस तरीके से हो कि वह आपकी रीढ की हड्डी को छू ले। लेकिन प्रारंभिक दौर में जितना आ...

Proven 21 Kapalbhati Benefits in Hindi

भारतीय जीवन शैली का एक अभिन्न भाग रहा है – प्राणायाम। जब जिम और फ़िटनेस कोच नहीं हुआ करते थे, लोग प्रतिदिन प्राणायाम कर, स्वयं को तंदरुस्त एवं सेहतमंद रखते थे। प्राचीन भारत और आज के भारत को देखा जाए, कई बदलाव आ चुके हैं। लोगों ने मौडर्न लाइफस्टाइल के नाम पर, पुराने वेदों के ज्ञान को त्याग दिया है। लोग आज जिम जाना ज्यादा पसंद करते है, किन्तु प्राणायाम के लिए चंद मिनट नहीं निकाल पाते। रोज़ाना अगर आप तनावरहित और सुखद जीवन जीना चाहते हैं तो प्राणायाम की यह शक्तिशाली क्रिया – कपालभाति का अभ्यास आपको अवश्य करना चाहिए। कपालभाति मस्तिष्क की क्रियाप्रणाली को सुचारू रूप से संचालित करने में सहायक है। आइये जानते हैं, क्या है कपालभाति और इसके कुछ प्रमुख लाभ – Kapalbhati ke Fayde योग के छः षट्कर्मों में से एक, कपालभाति प्राणायाम। कपालभाति दो शब्दों के मेल से बना है – कपाल एवं भाति। कपाल का अर्थ संस्कृत में ललाट होता है और भाति का अर्थ होता है तेज़, अर्थात कपालभाति का समुचित अर्थ – माथे का तेज होता है। इसे अंग्रेज़ी में “ ब्रेथ ऑफ फायर” भी कहा जाता है। कपालभाति मस्तिष्क को स्वच्छ करता है और इसके निरंतर अभ्यास से आपके ललाट पर एक दिव्य आभा आती है। यह उच्च उदर श्वास व्यायाम है। कपालभाति शरीर और मस्तिष्क की ऊर्जा को बढ़ाता है और आपको चमत्कारी लाभ पहुँचाता है। आइये जानते हैं क्या है कपालभाति करने का सही तरीका – How to Do Kapalbhati In Hindi • एक शान्तिप्रद स्थान का चयन करें। उस स्थान पर एक आरामदायक मुद्रा, सुखासन अथवा पद्मासन में बैठ जाएँ। रीढ़ की हड्डी एवं मस्तिष्क को सीधा रखें। आँखे बंद कर लें। • अपने दोनो हाथों को अपने घुटनों पर रखें। ध्यान रहे, आपकी हथेली की दिशा आकाश की ओर खुली हो। • एक लंबी औ...

Kapalbhati Kaise Karen

Advertisement kapalbhati योगा आसन बहुत ही महत्वपूर्ण है और इस योगासन के बहुत सारे फायदे हैं। इस आर्टिकल पर आपको कपालभाति की विधि लाभ और सीमाएं के बारे में सारी जानकारी दी जाएगी। कपालभाति योगा आसन बहुत ही फायदेमंद और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। सभी योगा आसन में कपालभाति योगा आसन का भी महत्वपूर्ण योगदान है। कपालभाति योगा आसन बहुत सारी बीमारियों से लड़ता है और सभी लोगों को कपालभाति योगा आसन करना चाहिए क्योंकि इससे हमारे दैनिक जीवन और स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं प्राचीन काल से भारत में योगासन किया जाता है और योगा से मन और दिमाग को एकदम शांत किया जा सकता है। योगा का कोई एक प्रकार नहीं है कई प्रकार के योगा आसन प्राचीन काल से ही किए जाते हैं और इनमें से सबसे प्रसिद्ध योगा आसन कपालभाति योगा आसन भी है। भारत के अलावा और विदेशों में भी योगा आसन किया जाता है ताकि घरेलू तरीके से शरीर को स्वस्थ किया जा सके। kapalbhati योगा आसन को दैनिक जीवन में जरूर करना चाहिए इससे आपको बहुत ही ज्यादा शांति का महसूस होगा। Table of Contents • • • • • • • • • kapalbhati योगा आसन क्या है? kapalbhati किसी भी प्रकार का प्राणायाम आसन नहीं है यह केवल एक क्लोजिंग टेक्निक मानी जाती है और इसे षट्कर्म क्रिया के अंतर्गत शामिल किया गया है। षट्कर्म उन क्रिया को कहते हैं जिन्हें व्यक्ति नियमित रूप से दैनिक जीवन में करता है। kapalbhati योगासन को आप सांस के साथ कर सकते हैं इसलिए इसे प्राणायाम एवं के रूप में भी जाना जाता है लेकिन यह एक प्रकार से प्राणायाम आसन नहीं है। kapalbhati योगासन करके आप अपने दिमाग और मन को मजबूत बना सकते हैं और कपालभाति योगा आसन करके आप अपने शरीर को स्...

कपालभाती करने का उत्तम तरीका और फ़ायदे

Kaplabhati एक श्वसन योगिक क्रिया है जिसमे नाक के द्वारा सांस को तेज़ गति से छोड़ कर तेज़ी से पेट का संकुचन और फैलाव करते है। कपालभाति प्राचीन योग ग्रंथ घेरंडा संहिता में उल्लिखित 6 योग क्रियाओं (षठकर्म) में से एक है। षठकर्म की क्रियाएँ हैं: • धौति (Dhauti) – भोजन नली की शुद्धि के लिए • नेति (Neti)- नाक गुहाओं की शुद्धि के लिए • नौली (Nauli) – पाचन अंगों की शुद्धि के लिए • त्राटक (Tratak)- आँखों को मजबूत करने के लिए • बस्ती (Basti) – बड़ी आंत की सफाई के लिए • कपालभाति (Kapalbhati)- सिर क्षेत्र की शुद्धि के लिए इस लेख मे हमने Kapalbhati Pranayama(कपालभाती) योग को करने की विधि,लाभ,सावधानी और ज़रूरी बातों का उल्लेख किया है| • • • • • • • कपालभाति करने के फ़ायदे – Kapalbhati Benefits in Hindi • यह Kapalbhati रक्त परिसंचरण और पाचन में सुधार करता है। • कपालभाती प्राणायाम आंखों को आराम देता है, जिससे काले घेरे और उम्र बढ़ने के समय से पहले लक्षण दूर करने में मदद करता है। • Kapalbhati के नियमित अभ्यास से चहरे पर चमक आती है। • कपालभाति प्राणायाम आपके दिमाग को शांत करता है जिससे तनाव और मन की चिंता दूर होती है। • यह प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है और उन्हें मजबूत बनाता है। • साइनस और अस्थमा रोगों से निजात दिलाने मे मदद करता है। • एसिडिटी और गैस से जुड़ी समस्याओं को खत्म करता है। • स्मरण शक्ति और एकाग्रता में सुधार करता है। • क्रिया आंतरिक अंगों को उत्तेजित करती है, विशेष रूप से पेट वाले, और इसलिए, • kapalbhati शरीर में चक्रों को सक्रिय करता है। कपालभाति से पहले किये जाने वाले प्राणायाम – Kapalbhati pranayama say pahlay kiye janay walay Pranayama • भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika pr...

कपालभाति प्राणायाम करने की प्रक्रिया क्या है?

कपालभाति प्राणायाम की प्रक्रिया श्वास प्रक्रिया से संबंधित है। कपालभाती शब्द दो शब्दों से बना है, कपाल का अर्थ है खोपड़ी (यहां खोपड़ी में खोपड़ी के नीचे भी सभी अंग शामिल हैं) और भाति का अर्थ है चमकना, रोशनी करना। कपालभाति प्राणायाम आसन करने की विधि चरण 1:– सबसे पहले आपको पद्मासन में बैठना चाहिए क्योंकि पद्मासन ध्यान मुद्रा के लिए बहुत उपयुक्त आसन है। यह स्वस्तिकासन या वज्रासन करके भी किया जा सकता है। चरण 2:– पद्मासन में बैठते हुए धीरे-धीरे सांस लेते रहें। चरण 3: – श्वास लें और पहले बताए गए कपालभाती का प्रदर्शन शुरू करें। इसका मतलब है कि एक मजबूत रेचका, प्राकृतिक पूर्वाका, और फिर से मजबूत रेचका और प्राकृतिक बेचका। चरण 4:– इस घुमाव को तेजी से लयबद्ध तरीके से करते रहें। चरण 5: – अधिक से अधिक चक्रों का प्रदर्शन करें और फिर धीरे-धीरे सांस लेते रहें। ये सभी प्रक्रियाएं कपालभाति के एक चक्र के तहत शामिल हैं। कपालभाति योग में षट्कर्म (हठ योग) की एक विधि (क्रिया) है। कपाल का अर्थ होता है माथा या ललाट और भाति का अर्थ है तेज। इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से मुख पर आंतरिक प्रभा (चमक) से उत्पन्न तेज रहता है। कपाल भाति बहुत ऊर्जावान उच्च उदर श्वास व्यायाम है। कपाल अर्थात मस्तिष्क और भाति यानी स्वच्छता। अर्थात ‘कपाल भाति’ वह प्राणायाम है जिससे मस्तिष्क स्वच्छ होता है और इस स्थिति में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से संचालित होती है। वैसे इस प्राणायाम के अन्य लाभ भी है। लीवर किडनी गैस आदि के लिए बहुत लाभ कारी है Ido it on an empty stomach only. विधि कपाल भाति प्राणायाम करने के लिए रीढ़ को सीधा रखते हुए किसी भी ध्यानात्मक आसन, सुखासन या फिर कुर्सी पर बैठें। इसके बाद तेजी से नाक ...

कपालभाति प्राणायाम के 27 फायदे, विधि और सावधानियां

शायद हम में से बहुत से लोग कपालभाति प्राणायाम के फायदे पूरी तरह से नहीं जानते। कपालभाति प्राणायाम शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही अबस्यक है। और आज इस लेख में कपालभाति प्राणायाम के फायदे, विधि और सावधानियां के बारे में पूरी बातें बताने की कोशिश किया गया है। प्राणायाम से लोग निरोगी, खूबसूरत और युवा बनकर रह सकते है। इस प्राणायाम से कई तरह के लाभ होते है। जो लोग कपालभाति करते है, उनके माथे पर एक चमक आती है । यह एक ऐसा लाभकारी श्वास अभ्यास है, जिस से मस्तिष्क के सभी हिस्सों को लाभ होता है। • • • • • • • • • • • • • कपालभाति प्राणायाम के फायदे और नुकसान कपालभाति प्राणायाम से मूल आधार चक्र जाग्रत होता है और इस से हमारी कुं‍डलिनी शक्ति भी जागृत होती है। कपालभाति करने के बहुत ही ज्यादा फायदे हमे होते है। कपालभातिप्राणायाम हमारे शरीर की सफाई करता है। कपालभाति से हम जोर से अपनी साँसों को बाहर निकाल देते है, जिस से हमारे मस्तिष्क में से सारे टोक्सिन या विषैला तत्व जो नाक से सांसों के जरिए हमारे मस्तिष्क में जमा होता है। ये मस्तिष्क के साथ शरीर से भी विषैले (toxic) तत्व को बहार निकल देता है। जिस से हम कई बीमारियों से छुटकारा पाते है। आज हम इस लेख में कपालभाति की विधि लाभ और सीमाएं जानेंगे। यह भी पढ़ें: सूर्य नमस्कार के फायदे, नुकसान और सावधानी यह भी पढ़ें: अनुलोम विलोम के फायदे और नुकसान कपालभाति प्राणायाम क्या है – What is Kapalbhati Pranayama in Hindi कपालभाति प्राणायाम योग का ही एक भाग है। यह व्यायाम श्वास संबंधित है, जिस से हमारे शरीर को कई लाभ होता है। कपालभाति शरीर को शुद्धिकरण करने का एक क्रिया है। कपालभाति दो शब्द से बना है, ‘कपाल’ और ‘भाती’। ‘कपाल’ यानी ‘मस्तिष्क’ और ‘भाती’...

कपालभाति के चमत्कार

इसलिए कपालभाति प्राणायाम की उचित व्याख्या होगी- चमकने वाला माथा, तेजस्वी मस्तक तथा इस तेजस्वी प्रकाश को प्राप्त करने का एक ही मार्ग है प्रतिदिन कपालभाति का अभ्यास करना कपालभाति प्राणायाम को यद्यपि हम महर्षि पतंजलि के योग सूत्र द्वारा जानते हैं। किंतु स्वामी रामदेव के अभूतपूर्व प्रयासों ने इसे विश्व भर में व्याप्त बना दिया है। कपालभाति प्राणायाम स्वामी रामदेव के 6 प्राणायामों सेटो का एक हिस्सा है। कपालभाती प्राणायाम स्वास – प्रवास की एक योगिक क्रिया हैं। इसमें दोनों नथुनों से सांसो को तृष्ण गति से बाहर निष्कासित कर पेट में संकुचन (कसाव) लाया जाता है। कपालभाति प्राचीन योग ग्रंथ घेरेंडा संहिता में उल्लेखित योग क्रियाओं का एक महत्वपूर्ण अंग है। जिसमें विभिन्न शारीरिक अंगो की शुद्धि के लिए प्राणायाम का अभ्यास किया जाता है जैसे – धौती (dhauti) – भोजनली शुद्धि हेतु नेती (neti) – नाक गुहाओं की शुद्धि हेतु नौली (nauli) – पाचन अंगों की शुद्धि हेतु त्राटक (tratak) – आंखों को मजबूत करने बस्ती (basti) – बड़ी आंतों की सफाई हेतु कपालभाती (kapalbhati) – सिर क्षेत्र की शुद्धि हेतु कपालभाति प्राणायाम के प्रकार – Types of Kapalbhati Pranayama | Kapalbhati kaise kare वातक्रम कपालभाति (vatakarma kapalbhati) इसका कपालभाति में स्वास छोड़ना सक्रिय तथा स्वास लेना निष्क्रिय रहता है। व्युत्क्रम कपालभाति (vyutkrama kapalbhati) इस कपालभाति क्रिया में नथुने में पानी डालकर मुंह तक बहने दिया जाता है और अंततः होठों से बाहर निकाला जाता हैं शीतकर्मा कपालभाति (sheetkrama kapalbhati) यह व्युत्क्रम कपालभाति के विपरीत है इसमें आपको मुंह में पानी लेना होता हैं और नथुने से बाहर निकालना होता है। कपालभाति प्राणायाम...

ध्यान की शुरुआत कैसे और कब करें/ Meditation kaise kare in Hindi

यदि मेरा अंदाजा सही है तो मुबारक हो आपने ध्यान की पहली सीढ़ी पार कर दी है। जी हां, ध्यान की शुरुआत इस सवाल से ही होती है। ध्यान वह छुपा रहस्य है जिसे तलाशने के बाद ही अनुभव किया जा सकता है। MysticMind के इस आर्टिकल में आज ध्यान क्या है, आसानी से ध्यान का अनुभव कैसे करें, इससे क्या लाभ होते हैं, Meditation Kaise kare in Hindi इत्यादि सवालों के जवाब विस्तार से जानेंगे। Advertisement अपने 8 वर्ष के अनुभव से जितना मैंने सीखा है उन अनुभवों के आधार पर सरल तरीके बताऊंगी जिसे अपनाकर आप ध्यान का अभ्यास शुरू कर सकते हैं। कुछ ही हफ्तों में इसका लाभ अनुभव कर सकते हैं। ध्यान कैसे करें/ Meditation Kaise kare in Hindi इसका जवाब जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि ध्यान क्या है तथा क्यों करना चाहिए? What is Meditation in Hindi/ ध्यान तकनीक क्या है? अंग्रेजी में मेडिटेशन शब्द से प्रसिद्ध ध्यान कुछ और नहीं बल्कि अपने विचारों के प्रति सजगता है। ना सिर्फ़ विचार बल्कि स्वयं एवं स्वयं की रचियता अर्थात ईश्वर के प्रति जागरुकता है। Advertisement ध्यान योग, अक्षर इन दो शब्दों का प्रयोग एक साथ किया जाता है। योग का अर्थ होता है जोड़ना। ध्यान योग के संदर्भ में इस शब्द का अर्थ है संबंध स्थापित करना। इस प्रकार यदि ध्यान योग अर्थात मेडिटेशन का शाब्दिक अर्थ देखा जाए तो, “ध्यान एक विस्तार में पढ़ें- Meditation meaning in Hindi/मेडिटेशन का क्या अर्थ है Advertisement ध्यान योग कैसे करें/Meditation Kaise kare in Hindi, इसके बारे में जानने से पहले जानते हैं ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्यों करना चाहिए इस सवाल का जवाब देने से पहले मैं चाहती हूं कि आप एक बार उन योगियों एवं सन्यासियों के बारे में सोचें जो पर्वतो...