क्रिया किसे कहते हैं

  1. क्रिया किसे कहते हैं? क्रिया की परिभाषा, भेद, प्रकार और उदाहरण
  2. Nam Dhatu Kriya
  3. क्रिया किसे कहते हैं
  4. क्रिया किसे कहते हैं ?
  5. Purv Kalik Kriya


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क्रिया किसे कहते हैं? क्रिया की परिभाषा, भेद, प्रकार और उदाहरण

क्रिया किसे कहते हैं? : क्या आप क्रिया की जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं. इस पोस्ट में हमने आपको क्रिया से जुडी सारी जानकारियां प्राप्त कराई हैं, पोस्ट को नीचे की ओर स्क्रॉल करें और क्रिया से सम्बंधित सभी क्रिया किसे कहते हैं? क्रिया की परिभाषा, भेद, प्रकार और उदाहरण क्रिया वाक्य को पूर्ण बनाती हैं इसे ही वाक्य का ‘विधेय’ कहा जाता है। वाक्य में किसी काम के करने या होने का भाव क्रिया ही बताती है। अतएव, ‘जिससे काम का होना या करना समझा जाए, उसे ही ‘क्रिया’ कहते हैं।’ जैसे- लड़का मन से पढ़ता है और परीक्षा पास करता है। उक्त वाक्य में ‘पढ़ता है’ और ‘पास करता है’ क्रियापद हैं। 1. क्रिया का सामान्य रूप ‘ना’ अन्तवाला होता है। यानी क्रिया के सामान्य रूप में ‘ना’ लगा रहता है। जैसे- खाना : खा पढ़ना : पढ़ सुनना : सुन लिखना : लिख आदि। क्रिया किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद, उदाहरण GK, GS, Maths, Reasoning Quiz के लिए टेलीग्राम चैनल ज्वाइन करें - नोट: यदि किसी काम या व्यापार का बोध न हो तो ‘ना’ अंत वाले शब्द क्रिया नहीं कहला सकते। जैसे- सोना महंगा है। (एक धातु है) वह व्यक्ति एक आँख से काना है। (विशेषण) उसका दाना बड़ा ही पुष्ट है। (संज्ञा) 2. क्रिया का साधारण रूप क्रियार्थक संज्ञा का काम भी करता है। जैसे- सुबह का टहलना बड़ा ही अच्छा होता है। इस वाक्य में ‘टहलना’ क्रिया नहीं है। निम्नलिखित क्रियाओं के सामान्य रूपों का प्रयोग क्रियार्थक संज्ञा के रूप में करें: नहाना कहना गलना रगड़ना सोचना हँसना देखना बचना धकेलना रोना निम्नलिखित क्रियाओं के सामान्य रूपों का प्रयोग क्रियार्थक संज्ञा के रूप में करें: 1. माता से बच्चों का रोना देखा नहीं जाता। 2. अपने माता-पिता का कहना मानो। 3. कौन देखता है मेरा तिल-तिल ...

Nam Dhatu Kriya

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • Nam Dhatu Kriya | नामधातु क्रिया नामधातु क्रिया (Nam Dhatu Kriya) क्रियाओं का निर्माण संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण शब्दों में प्रत्यय जोड़कर किया जाता है। दरअसल, सभी क्रियाओं का निर्माण धातुओं से होता है, लेकिन हिंदी के बहुत से शब्द संज्ञा, विशेषण और सर्वनाम शब्दों में ना प्रत्यय जोड़ देने से बनाए जाते हैं। इस तरह बनाए जाने वाले क्रिया शब्द ही नामधातु क्रिया (Nam Dhatu Kriya) शब्द कहलाते हैं। इस लेख में हम नामधातु क्रियापद के बारे में विस्तारपूर्वक बता रहे हैं। अतः नाम धातु क्रियाओं के बारे में विस्तार से जानने के लिए लेख को धैर्यपूर्वक पूरा पढ़ें। Nam Dhatu Kriya Nam Dhatu Kriya Kise Kahate Hain | नामधातु क्रिया किसे कहते हैं क्रिया का वह रूप जिसमें क्रिया का निर्माण संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण में प्रत्यय जोड़ने से होता हो उसे नामधातु क्रिया कहते हैं। आमतौर पर क्रियाओं का निर्माण धातु से होता है, लेकिन नामधातु क्रियाओं को संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण शब्दों में ‘ना’ प्रत्यय जोड़कर बनाया जाता है। संस्कृत शब्दों से नामधातु क्रिया का निर्माण • धिक्कार + ना = धिक्कारना • अनुराग + ना = अनुरागना अरबी, फारसी शब्दों से नामधातु क्रिया का निर्माण • गुजर + ना गुजरना • बदल + ना बदलना • खरीद + ना खरीदना • ख़र्च + ना ख़र्चना • दाग़ + ना दाग़ना • आजमा + ना आजमाना हिंदी भाषा के शब्दों से नामधातु क्रिया का निर्माण हिंदी भाषा के शब्द के अन्त में ‘आ’ तथा आद्य ‘आ’ को हृस्व कर दिया जाता है। • दुख + ना दुखाना • लाठी + ना लठियाना • बिलग + ना बिलगाना संज्ञा शब्दों से नामधातु क्रिया का निर्माण • बात से बतियाना • लात से लतियाना • हाथ से हथियाना • लाज से ...

क्रिया किसे कहते हैं

क्रियाकिसेकहतेहैं–परिभाषा, भेदएवंउदाहरण ‘क्रिया’किसेकहतेहैं? परिभाषा, भेदएवंउदारहण | kriya Kise Kahate Hain:-क्रियाहिंदीव्याकरणकाएकमहत्वपूर्णऔरज़रूरीहिस्साहै, जिसेसमझनेमेंछात्रोंकोअक्सरपरेशानीकासामनाकरनापड़ताहै।क्रियाशब्दकाशाब्दिकअर्थकामहोताहै, अर्थातकिसीवाक्यमेंकर्ताद्वाराकियाजानेवालाकार्यहीक्रियाहोतीहै।आजहमइसपोस्टमेंपढ़ेंगेक्रियाकिसेकहतेहै? क्रियाकेकितनेप्रकारहोतेहै।निचेदिएलेखकोध्यानपूर्वकपढ़े क्रियाकिसेकहतेहैं जिस 1. मोहनपढ़ताहै 2. कमलालिखतीहै 3. सोहनजारहाहै 4. राजेशगानागारहाहै 5. भगतसिंहबड़ेवीरथे 6. सरोजखानाखारहीहै 7. गीताचायबनारहीहै। 8. महेशपत्रलिखताहै। 9. उसीनेबोलाथा। 10. रामहीसदालिखताहै। 11. अध्यापकछात्रोंकोपाठपढ़ारहाथा। 12. रामनेकृष्णकोपत्रलिखा। 13. आजसभीपतंगउड़ारहेहैं। 14. धनश्यामदूधपीरहाहै। इनवाक्योंमेंपढ़ताहै, लिखताहै ,जारहाहै,गारहाहैआदियहसभीशब्दसेकिसीकार्यकेकरनेअथवाहोनेकापताचलताहै|इसे क्रियाकहतेहै धातु–यदिकिसीक्रियाकेविभिन्नरूपोंकोदेखाजाए ;जैसे–करेगा ,कररहाहै ,करचुका ,करलेगा ,करताहै ,होगाकरनाचाहिए ,करोकरवाइएआदिइनसबक्रियामेंकरऐसाअंशहैजोसभीक्रियारूपोंमेंसमानरूपसेआरहाहै |इससमानरूपसेमिलनेवालेअंशकोहीक्रियाकीधातुकहाजाताहै. क्रियाकेदोप्रकारहै– 1. सकर्मकक्रिया 2. अकर्मकक्रिया 1. सकर्मकक्रिया वहक्रियाजोवाक्यमेंकर्मकीअपेक्षाकरतीअर्थातजिसक्रियाकेप्रयोगमेंकर्मकीआवश्यकतापडतीहैउसेसकर्मकक्रियाकहतेहैदूसरेशब्दोंमेंजिसक्रियाकेव्यापारकाफलकर्मपरपड़ताहैउसेसकर्मकक्रियाकहतेहैजैसे– सुनीलपत्रलिखताहै 1. मोहनभागताहै 2. विनोदखानाखाएगा 3. टिंकूनेदूधपियाहै 4. सरोजपुस्तकलातीहै इनवाक्योंमेंलिखता,भागता,खाएगा,पिया,तथालातीइनशब्दोंकोसकर्मकक्रियाकहतेहै सकर्मकक्रियातीनतरहकीहोतीहै 1. पूर्णएककर्मकसकर्मकक्रियाए...

क्रिया किसे कहते हैं ?

क्रिया Verb Definition :जिस पद से किसी कार्य के करने या होने का बोध होता है, उसे क्रिया कहते हैं । जैसे- पढ़ना, जाना, लिखना, दौड़ना आदि। क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं। जैसे – पढ़, जा, लिख, दौड़ क्रिया के कितने भेद होते हैं ? क्रिया के भेदों में से कुछ प्रमुख भेदों पर यहाँ चर्चा की जा रही हैं। 1.रचना के आधार पर क्रिया रचना के आधार पर क्रिया दो प्रकार की है। (i) मूल क्रिया : जैसे – पढ़ना, देखना, दौड़ना आदि (II) यौगिक क्रिया : जैसे – पढ़ सकना, देख लेना दौड़ सकना आदि। संयुक्त क्रिया और प्रेरणार्थक क्रिया इसके प्रमुख भेद हैं। 2. कर्म के आधार पर क्रिया कर्म के आधार पर क्रिया के तीन भेद होते हैं। (i) सकर्मक (ii) द्विकर्मक (ii) अकर्मक सकर्मक क्रिया – जिस वाक्य में कर्म का आना या उसकी संभावना बनी रहना सुनिश्चित है, उस वाक्य की क्रिया को सकर्मक क्रिया कहते हैं । जैसे- सुरेश पत्र लिखता है । इस वाक्य में लिखने वाल ‘ सुरेश‘ कर्ता है। लिखा जाने वाला ‘ पत्र’ कर्म है। अतः ‘लिखना’ क्रिया सकर्मक है। इसी प्रकार पढ़ना, देखना, खाना ,पीना, काटना, खोदना गाना आदि सकर्मक क्रियाएँ हैं। द्विकर्मक क्रिया– जिस वाक्य में दो कर्म आते हैं, उस वाक्य की क्रिया को द्विकर्मक क्रिया कहते हैं । जैसे- शिक्षक ने छात्र को इतिहास पढ़ाया । यहाँ दो प्रश्न पूछने पर दो उत्तर मिलते है | शिक्षक ने किसको पढ़ाया ?– छात्र को । शिक्षक ने छात्रको क्या पढ़ाया ?– इतिहास अर्थात् छात्र को और इतिहास दो कर्म हैं। दो कर्म लेने वाली क्रिया को द्विकर्मक क्रिया कहते हैं। इसी प्रकार कहना पूछना देना, खिलाना आदि द्विकर्मक क्रियाएँ हैं। अकर्मक क्रिया : अकर्मक क्रिया अपने साथ कर्म नहीं ले सकती। जैसे – बच्चे दौड़ते हैं। इस वाक्य में बच...

Purv Kalik Kriya

Table of Contents • • • • • • • • • Purv Kalik Kriya पूर्वकालिक क्रिया (Purv Kalik Kriya) का मतलब पहले संपन्न हुई क्रिया होता है। आपने बहुत से ऐसे वाक्य देखे होंगे जिनमें दो क्रियाएँ एक ही वाक्य में आती हैं, जिनमें से एक क्रिया पहले संपन्न होती है और दूसरी क्रिया पहली क्रिया के बाद घटित होती है। हिंदी व्याकरण में इस पहले घटित होने वाली क्रिया को पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है। इस लेख में हम इसी पूर्वकालिक क्रिया के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। अतः लेख को धैर्यपूर्वक पढ़ें। पूर्वकालिक क्रिया किसे कहते हैं | Purv Kalik Kriya Kise Kahate Hain जब किसी वाक्य में दो क्रियाएं एक साथ प्रयुक्त हुई हों और उनमें से एक क्रिया दूसरी मूल धातु शब्द में ‘कर’ जोड़कर सामान्य क्रिया को पूर्वकालिक क्रिया (Purv Kalik Kriya) में बदला जाता है। जैसे:- • मोहित खेलकर पढ़ने बैठेगा। उपरोक्त वाक्य में खेलने की क्रिया और पढ़ने की पूर्वकालिक क्रिया की परिभाषा से हम जानते हैं कि “जब किसी वाक्य में दो क्रियाएं एक साथ प्रयुक्त हुई हों और उनमें से एक क्रिया दूसरी क्रिया से पहले संपन्न हुई हो तो पहले संपन्न होने वाली क्रिया को पूर्वकालिक क्रिया (Purv Kalik Kriya) कहते हैं।” अतः उपरोक्त वाक्य में ‘खेलकर’ क्रिया पूर्वकालिक क्रिया है, जिसे मूल धातु ‘खेल’ में ‘कर’ जोड़कर बनाया गया है। • राजू पढ़कर खेलने गया। आप देख सकते हैं कि उपरोक्त वाक्य में दो क्रियाएं एक साथ प्रयुक्त हुई हैं, जिसमें एक क्रिया दूसरी क्रिया से पहले खत्म हुई है। वाक्य के अनुसार राजू द्वारा पहले पढ़ने का कार्य पूर्ण किया गया है और उसके बाद वह खेलने गया। अतः इस वाक्य में पढ़कर पूर्वकालिक क्रिया होगी और यह वाक्य पूर्वकालिक क्रिया का उदाहरण होगा। ...