कर्म में करुणा ही दयालुता है निबंध 500 words

  1. श्रम का महत्व पर निबंध हिंदी में
  2. करुणा (निबन्ध) : आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
  3. दयालुता पर निबंध
  4. कर्म ही धर्म है निबंध Work is Worship Essay in Hindi
  5. कर्म ही पूजा है पर निबंध (work is worship essay in hindi) – HistoryDekho.com
  6. दयालुता पर निबंध (कोमलता) Essay on Kindness in Hindi
  7. कर्म में करुणा ही दयालुता है पर निबंध
  8. Essay on kindness in hindi: दयालुता पर निबंध
  9. कर्म ही पूजा है पर निबंध
  10. Essay on kindness in hindi: दयालुता पर निबंध


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श्रम का महत्व पर निबंध हिंदी में

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करुणा (निबन्ध) : आचार्य रामचन्द्र शुक्ल

जब बच्चे को संबंधज्ञान कुछ कुछ होने लगता है तभी दु:ख के उस भेद की नींव पड़ जाती है जिसे करुणा कहते हैं। बच्चा पहले परखता है कि जैसे हम हैं वैसे ही ये और प्राणी भी हैं और बिना किसी विवेचना क्रम के स्वाभाविक प्रवृत्ति द्वारा, वह अपने अनुभवों का आरोप दूसरे प्राणियों पर करता है। फिर कार्यकारण संबंध से अभ्यस्त होने पर दूसरों के दु:ख के कारण या कार्य को देखकर उनके दु:ख का अनुमन करता है और स्वयं एक प्रकार का दु:ख अनुभव करता है। प्राय: देखा जाता है कि जब माँ झूठमूठ 'ऊँ ऊँ' करके रोने लगती है तब कोई कोई बच्चे भी रो पड़ते हैं। इसी प्रकार जब उसके किसी भी भाई या बहिन को कोई मारने उठता है तब वे कुछ चंचल हो उठते हैं। दु:ख की श्रेणी में प्रवृत्ति के विचार से करुणा का उलटा क्रोध है। क्रोध जिसके प्रति उत्पन्न होता है उसकी हानि की चेष्टा की जाती है। करुणा जिसके प्रति उत्पन्न होती है, उसकी भलाई का उद्योग किया जाता है। किसी पर प्रसन्न होकर भी लोग उसकी भलाई करते हैं। इस प्रकार पात्र की भलाई की उत्तेनजना दु:ख और आनंद दोनों की श्रेणियों में रखी गई है। आनंद की श्रेणी में ऐसा कोई शुद्ध मनोविकार नहीं है, जो पात्र की हानि की उत्ते्जना करे, पर दु:ख की श्रेणी में ऐसा मनोविकार है जो पात्र की भलाई की उत्तेगजना करता है। लोभ से, जिसे मैंने आनंद की श्रेणी में रखा है, चाहे कभी कभी और व्यक्तियों या वस्तुओं की हानि पहुँच जाए पर जिसे जिस व्यक्ति या वस्तु का लोभ होगा, उसकी हानि वह कभी न करेगा। लोभी महमूद ने सोमनाथ को तोड़ा, पर भीतर से जो जवाहरात निकले उनको खूब सँभालकर रखा। नूरजहाँ के रूप में लोभी जहाँगीर ने शेर अफगन को मरवाया, पर नूरजहाँ को बड़े चैन से रखा। ऊपर कहा जा चुका है कि मनुष्य ज्यों ही समाज में प्रवेश क...

दयालुता पर निबंध

प्रत्येक मनुष्य को यह सिखाया जाता है कि उसके अंदर दयालुता का भाव अवश्य होना चाहिए। क्योंकि एक दयालु व्यक्ति एक महान व्यक्ति कहलाता है। क्या आप दयालुता के विषय में जानते हैं? आज हम आपको दयालुता विषय पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। जिसके अंतर्गत आपको दयालुता के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। आइए जानते हैं “दयालुता” विषय पर निबंध… प्रस्तावना दयालुता मानव का एक ऐसा व्यावहारिक गुण है, जिसके भाव से मनुष्य को बेहद खुशी मिलती है। यदि एक मनुष्य दूसरे मनुष्य किसी भी जीवित प्राणी के प्रति दयालुता दिखाता है तो वह ईश्वर की नजर में एक नेक व्यक्ति कहलाता है। दया एक ऐसा गुण है जो हमें ईश्वर की ओर ले जाता है। इसके साथ ही दया के गुण से व्यक्ति का आंतरिक सौंदर्य निखरता है। दयालुता व्यक्ति की है महान विशेषता वर्तमान समय में जीवन की प्रतिस्पर्धा में लोग आगे बढ़ रहे हैं जिसके साथ ही उन्हें दयालुता का भाव अब अधिक लाभकारी नहीं लगता है। बेशक दयालुता का भाव मनुष्य को धन दौलत नहीं देता लेकिन व्यक्ति की महान विशेषता दयालुता के गुण में पाई जाती है। यदि आप किसी व्यक्ति के प्रति दयालुता का भाव प्रदर्शित करते हैं तो उस व्यक्ति के चेहरे पर जो मुस्कान आती है साथ ही उस व्यक्ति को जो तस्सली प्राप्त होती है, उससे आपको एक आनंद की प्राप्ति होगी। एक अच्छा मनुष्य बनने के लिए आपको दयालुता का भाव अपने व्यवहार में लाना महत्वपूर्ण माना गया है। दयालुता का लाभ दयालुता एक मानवीय गुण है, जो कि विशेष रूप से एक प्राणी के अंदर दूसरे प्राणी के लिए पाया जाता है। दयालुता उस भाव को कहते हैं जिसके अन्तर्गत व्यक्ति बिना किसी स्वार्थ के सामने वाले प्राणी पर दया प्रकट करता है। अर्थात उसकी स्थिति को देखते हुए उसकी मदद करता है ...

कर्म ही धर्म है निबंध Work is Worship Essay in Hindi

कर्म ही धर्म है निबंध Work is Worship Essay in Hindi – कार्य ही पूजा है जब हम कर्म(काम) और धर्म(पूजा) दोनों की एक साथ बात करते हैं, तो हमें इन दोनों शब्दों का सही अर्थ समझना बहुत जरुरी हो जाता है। कर्म ही धर्म है निबंध Work is Worship Essay in Hindi – कार्य ही पूजा है कार्य ही पूजा है Labor is Worship in Hindi जैसे जब हम अपने कर्म की इज्जत करते हैं या उस कार्य को पूरे मन लगाकर करते है तो वह इसका मतलब है, कि भगवान भी हमसे कर्म करवाना चाहता है। हमें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कार्य करना अति आवश्यक है। जब कोई जब तक हम प्रयास नहीं करेंगे, तब तक हम अपने सामने रखे भोजन को भी नहीं खा सकते हैं इसलिये जीवन कर्म के बिना अधूरा है। यह जीवन केवल तभी उपयोगी होता है जब तक हम सभी कार्य करते हैं। कार्य करना जीवन का मुख्य उद्देश्य है। सफल उद्योगपतियों ने काम के मूल्य को समझ लिया और अपने जीवन में अपने कर्म में खुद को समर्पित किया। निराशा और अवशोषण जीवन में अभिशाप के अलावा कुछ भी नहीं है। किस्मत भी बहादुर व्यक्ति हमेशा प्रसिद्ध और पुरस्कृत होते हैं। अब, हम इतना काम इसलिए करते है क्योंकि, कार्य का मतलब प्रयास है, और कर्म जीवन का सार है। मुझे लगता है कि अगर हम कर्म करते हैं तो हम जीवन के अमृत को पी रहे हैं। सभी प्रकार के आनंद, सभी उपलब्धि सभी प्रगति का मतलव केवल एक जादुई शब्द है ”कर्म” या ‘काम’। जब हम किसी व्यक्ति, देश या समुदाय की प्रगति पर विचार करते हैं, तो यह संबंधित लोगों द्वारा किये गये कार्यों के साथ स्पष्ट रूप से मापा जा सकता है। 1947 में, विभाजन के बाद भारत में पंजाब के निवासियों को पंजाब में अपने घरों से पूरी तरह से बाहर निकाल दिया गया था और उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया था और वे...

कर्म ही पूजा है पर निबंध (work is worship essay in hindi) – HistoryDekho.com

प्रस्तावना हम अपने जीवन में बहुत सारे कार्य करते हैं। कार्य से तात्पर्य यह है कि, कड़ी मेहनत और जुनून के साथ किया जाने वाला काम और अगर इसे कड़ी मेहनत और लगन के साथ किया जाएँ, तो यह पूजा बन जाता है। मानव जीवन वास्तव में अर्थहीन माना जाता है। लेकिन कर्म मनुष्यों का सबसे बड़ा धर्म होता है और प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में इस धर्म को महत्व देना चाहिए। अगर मनुष्य कड़ी मेहनत व लगन के साथ कार्य करते हैं, तो सफलता निश्चित है। लेकिन सच्चे मन के बिना किया गया काम किसी भी क्षण सफल नहीं माना जाता। काम ही पूजा हम अपने दिनचर्या के मुताबिक दिनों के लिए कार्य करते हैं और इस कर्म को पूजा भी कहा जाता है। इसलिए जो भी लोग कड़ी मेहनत व लगन के साथ अच्छे कर्म करते हैं, उन्हे कुछ समय बाद इस पूजा का फल मिलता है। लेकिन काम के बग़ैर मानव जीवन बहुत खाली रह जाता है, ऐसा जीवन सच मे अर्थहीन होता है। कर्म – एक धर्म कर्म को ही हमारे जीवन का सबसे बड़ा धर्म माना जाता है। जहा ईश्वर ने हम मनुष्यों को दो हाथ और दो पैर दिए हैं, जिनके माध्यम से हमे कड़ी मेहनत व लगन के साथ अच्छे कर्म करते रहना है। जिससे हमे आगे चलकर अपनी मेहनत का फल मिलेगा। कर्म का महत्व समय पर किये गए कार्य पूजा के बराबर ही माने जाते है और जो सफलता आती है वह पूजा का परिणाम है। विकास में वृद्धि लाना और विकास को रोकना मुश्किल है। जो लोग पूर्ण क्षमता के साथ काम को सम्पन्न करते हैं, वे अपूर्ण विचारों के साथ सफलता व विफलता प्राप्त को हासिल करते हैं। जब हम अपने कार्य करने की शक्ति में पूर्ण रूप से अपनी कोशिशें डालते हैं, तो यह पूजा और वह कार्य जो कभी असफल नहीं होने देते। हालांकि, हम धरती पर एक साथ रहने वाले व्यक्ति के प्रकार को अनदेखा नहीं कर सकते ह...

दयालुता पर निबंध (कोमलता) Essay on Kindness in Hindi

Table of Content • • • • • • • दयालुता पर निबंध Essay on Kindness in Hindi दया पर इस निबंध से छात्र अपनी परीक्षा व विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए मदद भी ले सकते हैं। यह निबंध कक्षा 6-10 के छात्रों के लिए बेस्ट है। दयालुता का अर्थ Meaning of kindness in Hindi दूसरों के लिए अच्छी भावना रखना और दया अर्थात पुण्य जो आजकल के स्वार्थ पूर्ण जीवन में एक सवाल बन चुका है, जहां पर अपने स्वार्थ के अलावा लोगों को कुछ भी दिखाई नहीं देता वहां अपने जीवन में कुछ समय निकालकर किसी की मदद करना, किसी के आज के समय में लोग अपने में ही इतना लिप्त हो गए हैं, कि वह कभी किसी और के बारे में नहीं सोच सकते है। दया दूसरों के लिए विनम्र और विचारशील होने का एक गुण है, जो आजकल बहुत कम लोगों में देखने को मिलता है। मानव अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए निरंतर दयालुता का गुण सैकड़ों में से केवल कुछ व्यक्तियों में पाया जाता है और यह व्यक्ति जिसके आसपास भी रहते हैं, उनके लिए वरदान सिद्ध होते हैं। जिस तरह मोमबत्ती स्वयं जलकर संसार को रोशन करती है, उसी तरह ऐसे विचार वाले व्यक्ति भी अपनी परवाह किए बिना दूसरों के लिए कुछ अच्छा करने से नहीं कतराते हैं। दूसरे शब्दों में दयालुता का अर्थ है, कि किसी के ऊपर बिना किसी निजी स्वार्थ के उपकार करना। कुछ दार्शनिकों ने दयावान व्यक्ति को राष्ट्र की सबसे कीमती संपत्ति बताया है। एरिस्टोटल नामक दार्शनिक ने कहा है, कि यदि हम बिना किसी मांग के किसी की मदद करते हैं, तो वह दया कहलाता है। हमने पौराणिक कथाओं में सुना है, कि स्वामी महावीर द्वारा कुख्यात अंगुलिमाल डाकू के ऊपर दया की बरसात से हम भली-भांति अवगत हैं, जो कि क्रूरता पूर्वक रास्ते में मिलने वाले आगंतुकों की उंग...

कर्म में करुणा ही दयालुता है पर निबंध

Karam Mein Karuna Hi Dayaluta Hai Par Nibandh: मनुष्य एक सामाजिक प्राणी होता है जिसके अंदर विभिन्न प्रकार की भावनाएं उत्पन्न होती हैं। यह भावना मोह, माया प्यार, लालच, ईर्ष्या, दया करुणा इत्यादि प्रकार से भिन्न भिन्न हो सकती है। इन सभी भावनाओं को अलग अलग तरीके से प्रदर्शित किया जाता है। आज के समय में हमें आमतौर पर लोगों में ईर्ष्या, लालच, मोह, माया इत्यादि प्रकार की भावनाएं देखने को मिलते हैं। ऐसे लोगों में दयालुता एवं करुणा जैसे शब्द ना के बराबर ही देखने के लिए मिलते हैं। ऐसी स्थिति में हमें यह निश्चित करना चाहिए कि कर्म करते समय हमेशा करुणा का भाव रखना चाहिए। व्यक्ति के अंदर दयालुता की भावना से व्यक्तित्व को परखा जाता है। यह इस बात की ओर संकेत करता है कि व्यक्ति अपने कर्म के अंतर्गत किस तरह से दयालुता और करुणा की भावना रखता है। अगर कोई मनुष्य इस तरह से कर्म करता है तो यह सही दिशा में मनुष्य कहलाने लायक कर्म होता है। Image: Karam Mein Karuna Hi Dayaluta Hai Par Nibandh मनुष्य का दयालु हो ना दूसरे लोगों की ओर दयालु बना होता है। दयालु व्यक्ति में विभिन्न प्रकार के विचारशील गुण पाए जाते हैं। यह गुण मनुष्य को हमेशा कर्म के दौरान करुणा की भावना रखने की प्रेरणा देता है और दयालु बनकर कर्म करने की ओर अग्रसर करता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कर्म में करुणा ही दयालुता है पर निबंध 150 और 500 शब्दों में निबंध बताने वाले हैं, तो चलिए शुरू करते हैं। Read Also: विषय सूची • • • • • • • कर्म में करुणा ही दयालुता है पर निबंध 150 शब्दो में ( Karam Mein Karuna Hi Dayaluta Hai Par Nibandh) दयालुता शब्द का अर्थ एक ऐसे व्यक्ति से हैं जो सुखी जीवन जीते हुए भी दूसरों के लिए चिंता करते हैं। दूस...

Essay on kindness in hindi: दयालुता पर निबंध

By Aug 5, 2019 दयालुताएकऐसागुणहैजोइनदिनोंबहुतकमपायाजाताहै।इनदिनोंलोगअपनीजरूरतोंऔरइच्छाओंकोपूराकरनेमेंइतनेव्यस्तहैंकिवेदूसरोंकीअनदेखीकरतेहैं। दूसरोंकेप्रतिदयालुहोनाअधिकांशकेलिएप्रश्नसेबाहरहै।दयालुताविनम्रहोनेऔरदूसरोंकेप्रतिविचारकरनेकागुणहै।यहएकऐसागुणहैजोहरकिसीकेपासनहींहै।इसदुनियामेंबहुतकमलोगइसगुणसेधन्यहैंऔरउनकीउपस्थितिउनकेआसपासकेलोगोंकेलिएएकआशीर्वादहै। दयालुतापरनिबंध, 200 शब्द: दयालुताकाअर्थहैहमारेआस-पासकेलोगोंकेलिएअच्छाहोना।यहउनकेप्रतिविनम्रहोकर, उन्हेंभावनात्मकसमर्थनप्रदानकरने, उन्हेंआर्थिकरूपसेमददकरने, उनकामनोबलबढ़ानेयाबसउनकासमर्थनकरनेकेद्वाराकियाजासकताहै। हमारेद्वाराकिएगएदयालुकार्यनकेवलप्राप्तकर्ताकेलिएएकवरदानहैं, बल्किहमारेलिएएकआशीर्वादभीहैं।जबहमदूसरोंकोउनकेकार्योंमेंमददकरतेहैं, तोउनकेप्रतिविनम्रहोतेहैंऔरदयालुताकेऐसेअन्यकार्यकरतेहैंजोहमेंउपलब्धिऔरआनंदकीअनुभूतिकरातेहैं। अतीतमेंविभिन्नधार्मिकपुस्तकोंऔरसाहित्यमेंदयालुताकाअलग-अलगतरीकेसेवर्णनकियागयाहै।हालांकि, वेसभीएकहीविचारकोप्रतिध्वनितकरतेहैं।येसभीइसबातकीवकालतकरतेहैंकिइंसानकोइंसानोंकेसाथ-साथदूसरेजीवोंपरभीदयादिखानीचाहिए।हमेंविनम्र, मित्रवतऔरमददगारहोनाचाहिए।जबकिहमेंदयालुताप्रदर्शितकरनीचाहिए, बदलेमेंकुछभीपानेकेउद्देश्यसेहमेंऐसानहींकरनाचाहिए।दयालुताएकनिस्वार्थकार्यहै। अगरईश्वरहमेंदयालुबनानेकेलिएपर्याप्तहै, तोहमेंअपनीज़रूरतोंकेलिएदूसरोंकेप्रतिदयालुहोनाचाहिएऔरजोकुछभीहोसकताहै, उसकीमददकरनाचाहिए।जैसाकिभगवानबुद्धनेकहा, “एकउदारहृदय, दयालुभाषणऔरसेवाऔरकरुणाकाजीवनमानवताकोनवीनीकृतकरनेवालीचीजेंहैं”। दयालुतापरनिबंध, 300 शब्द: प्रस्तावना: सुखदस्वभाववालाव्यक्तिऔरदूसरोंकेलिएचिंताकाविषयदयालुहोताहै।ऐसेलोगदूसरोंकेप्रतिसहानुभूतिरखतेहैं।जबभीकोईआव...

कर्म ही पूजा है पर निबंध

काम पूजा है पर 500+ शब्द निबंध मनुष्य के लिए काम के महत्व और महत्व को समझना महत्वपूर्ण है, क्योंकि काम के बिना जीवन पूरी तरह से बेकार है।काम का सही तरीके से पालन करके हम खुशी, सफलता और प्रगति प्राप्त कर सकते हैं।यदि लोग काम का अर्थ समझने लगे तो यह विश्व आर्थिक परिदृश्य को बदल सकता है, जिससे जीवन की चुनौतियों का सामना करना संभव हो सकता है। लेकिन, हम इस तथ्य से बच नहीं सकते कि इस दुनिया में अलग-अलग लोग मौजूद हैं। अगर हम काम नहीं करते हैं, तो हमारा शरीर और जीवन बिना किसी उद्देश्य या उद्देश्य के जंग खाकर और बेकार हो जाएगा।यदि आप जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको कड़ी मेहनत करनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग अपने काम में रुचि लेते हैं वे दिल से पूजा करते हैं। लोगों को काम के प्रति अपना दृढ़ संकल्प और समर्पण दिखाना चाहिए।इसलिए, काम और सफलता के प्रति प्रतिबद्धता के बीच संबंध को समझना महत्वपूर्ण है।काम ऑफिस या घर के काम से जुड़ा हो सकता है।छोटा हो या बड़ा, हर काम सम्मानजनक और सम्मानजनक होता है।कड़ी मेहनत, प्रयास और जुनून के बिना हम अपने जीवन में कठिन लड़ाई नहीं जीत सकते।अगर हम अपना काम पूरी लगन के साथ करते हैं तो यह हमें हमेशा अच्छा और संतुष्ट महसूस कराता है। काम पूजा है पर निबंध कहावत 'काम ही पूजा है' हमारे जीवन में कड़ी मेहनत के महत्व को दर्शाती है।यह हर स्कूल में पढ़ाया जाता है।यह काम और भगवान के बीच मूल्यवान संबंध का भी प्रतिनिधित्व करता है।ऐसी मान्यता है कि जो लोग आज्ञाकारी और धार्मिक रूप से अपना काम करते हैं, भगवान उन्हें आशीर्वाद देते हैं।लोगों को कभी भी अवसरों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा यदि वे मानते हैं कि 'काम ही पूजा है'। ऐसा माना जाता है क...

Essay on kindness in hindi: दयालुता पर निबंध

By Aug 5, 2019 दयालुताएकऐसागुणहैजोइनदिनोंबहुतकमपायाजाताहै।इनदिनोंलोगअपनीजरूरतोंऔरइच्छाओंकोपूराकरनेमेंइतनेव्यस्तहैंकिवेदूसरोंकीअनदेखीकरतेहैं। दूसरोंकेप्रतिदयालुहोनाअधिकांशकेलिएप्रश्नसेबाहरहै।दयालुताविनम्रहोनेऔरदूसरोंकेप्रतिविचारकरनेकागुणहै।यहएकऐसागुणहैजोहरकिसीकेपासनहींहै।इसदुनियामेंबहुतकमलोगइसगुणसेधन्यहैंऔरउनकीउपस्थितिउनकेआसपासकेलोगोंकेलिएएकआशीर्वादहै। दयालुतापरनिबंध, 200 शब्द: दयालुताकाअर्थहैहमारेआस-पासकेलोगोंकेलिएअच्छाहोना।यहउनकेप्रतिविनम्रहोकर, उन्हेंभावनात्मकसमर्थनप्रदानकरने, उन्हेंआर्थिकरूपसेमददकरने, उनकामनोबलबढ़ानेयाबसउनकासमर्थनकरनेकेद्वाराकियाजासकताहै। हमारेद्वाराकिएगएदयालुकार्यनकेवलप्राप्तकर्ताकेलिएएकवरदानहैं, बल्किहमारेलिएएकआशीर्वादभीहैं।जबहमदूसरोंकोउनकेकार्योंमेंमददकरतेहैं, तोउनकेप्रतिविनम्रहोतेहैंऔरदयालुताकेऐसेअन्यकार्यकरतेहैंजोहमेंउपलब्धिऔरआनंदकीअनुभूतिकरातेहैं। अतीतमेंविभिन्नधार्मिकपुस्तकोंऔरसाहित्यमेंदयालुताकाअलग-अलगतरीकेसेवर्णनकियागयाहै।हालांकि, वेसभीएकहीविचारकोप्रतिध्वनितकरतेहैं।येसभीइसबातकीवकालतकरतेहैंकिइंसानकोइंसानोंकेसाथ-साथदूसरेजीवोंपरभीदयादिखानीचाहिए।हमेंविनम्र, मित्रवतऔरमददगारहोनाचाहिए।जबकिहमेंदयालुताप्रदर्शितकरनीचाहिए, बदलेमेंकुछभीपानेकेउद्देश्यसेहमेंऐसानहींकरनाचाहिए।दयालुताएकनिस्वार्थकार्यहै। अगरईश्वरहमेंदयालुबनानेकेलिएपर्याप्तहै, तोहमेंअपनीज़रूरतोंकेलिएदूसरोंकेप्रतिदयालुहोनाचाहिएऔरजोकुछभीहोसकताहै, उसकीमददकरनाचाहिए।जैसाकिभगवानबुद्धनेकहा, “एकउदारहृदय, दयालुभाषणऔरसेवाऔरकरुणाकाजीवनमानवताकोनवीनीकृतकरनेवालीचीजेंहैं”। दयालुतापरनिबंध, 300 शब्द: प्रस्तावना: सुखदस्वभाववालाव्यक्तिऔरदूसरोंकेलिएचिंताकाविषयदयालुहोताहै।ऐसेलोगदूसरोंकेप्रतिसहानुभूतिरखतेहैं।जबभीकोईआव...