कुष्मांडा देवी का बीज मंत्र

  1. Das Mahavidya Mantra
  2. मां कूष्मांडा की आरती
  3. नवरात्रि की चौथी देवी मां कूष्मांडा के मंत्र : मालपुए का भोग करेगा इन्हें प्रसन्न
  4. माँ कुष्मांडा की पूजा विधि, कथा, मंत्र और आरती


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Das Mahavidya Mantra

दस महाविद्या माँ पार्वती से उत्पन्न रूप है। जिनकी उत्पत्ति कल्याणकारी है। माँ के इन स्वरूपों की साधना करने से अपार शक्ति मिलती है। महाविद्या की साधना करने के लिए “दस महाविद्या मंत्र (Das Mahavidya Mantra)” निर्मित किया गया है। एक साधारण सा व्यक्ति भी 10 महाविद्या के बीज मंत्र की साधना करके सिद्धियां प्राप्त कर सकता है। इस लेख में हम आपको महाविद्या मंत्र (mahavidyas mantras) की जानकारी दे रहे है। चलिए जानते है “दस महाविद्या मंत्र (Das Mahavidya Mantra)” विस्तार से। 10 महाविद्या के बीज मंत्र व उसके लाभ (Das Mahavidya Mantra) “दस महाविद्या मंत्र (Das Mahavidya Mantra)” की साधना करने से शरीर स्वस्थ रहता है। माँ के बीज मंत्र में अद्भुत शक्ति होती है। माँ जिस पर प्रसन्न होती है उसे मनवांछित वर प्रदान करती है। इसलिए व्यक्ति इनके मंत्र का जाप कर माँ को प्रसन्न करता है। तांत्रिक लोग माँ की साधना कर तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करते है। “दस महाविद्या मंत्र (Das Mahavidya Mantra)” निम्न है। 1) महाविद्या काली बीज मंत्र “दस महाविद्या मंत्र (Das Mahavidya Mantra)” में प्रथम महाविद्या माता काली पृथ्वी की रक्षक हैं, जिन्हें हिंदू धर्म में कालिका के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार काली शब्द संस्कृत शब्द कला से निर्मित है, जिसका अर्थ है समय। इसलिए देवी काली समय, शक्ति, परिवर्तन, संरक्षण, विनाश और सृजन का प्रतिनिधित्व करती हैं। बीज मंत्र: ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिका क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा। बीज मंत्र के चमत्कारिक फायदे: • दस महाविद्या मंत्र में माँ के इस बीज मंत्र का जाप करने से जप जातक को माता की परिवर्तनकारी ऊर्जाएं अपने आसपास औ...

मां कूष्मांडा की आरती

लाखों नाम निराले तेरे। भक्त कई मतवाले तेरे॥ भीमा पर्वत पर है डेरा। स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥ कुष्मांडा जय जग सुखदानी। सबकी सुनती हो जगदम्बे। सुख पहुंचती हो मां अम्बे॥ तेरे दर्शन का मैं प्यासा। पूर्ण कर दो मेरी आशा॥ कुष्मांडा जय जग सुखदानी। मां के मन में ममता भारी। क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥ तेरे दर पर किया है डेरा। दूर करो मां संकट मेरा॥ मेरे कारज पूरे कर दो। मेरे तुम भंडारे भर दो॥ तेरा दास तुझे ही ध्याए। भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥ कुष्मांडा जय जग सुखदानी। माँ कुष्मांडा मंत्र Kushmanda Mata Mantra मां कूष्मांडा बीज मंत्र ऐं ह्री देव्यै नम: मां कूष्मांडा स्तुति मंत्र या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ मां कूष्मांडा की प्रार्थना सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

नवरात्रि की चौथी देवी मां कूष्मांडा के मंत्र : मालपुए का भोग करेगा इन्हें प्रसन्न

Halharini amavasya 2023 : आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। किसानों के लिए यह शुभ दिन है। यह दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आषाढ़ में पड़ने वाली इस अमावस्या के समय तक वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाता है और धरती भी नम पड़ जाती है। फसल की बुआई के लिए यह समय उत्तम होता है। इसे आषाढ़ी अमावस्या भी कहा जाता है। Vidur Niti : भारत में कई महान नीतिज्ञ हुए। जैसे भीष्म, विदुर, मनु, चर्वाक, शुक्राचार्य, बृहस्पति, परशुराम, गर्ग, चाणक्य, भर्तृहरि, हर्षवर्धन, बाणभट्ट आदि अनेकों नीतिज्ञ हुए हैं। इन्हें में एक थे महात्मा विदुर। विदुर धृतराष्ट्र के सौतेले भाई थे जो एक दासी के पुत्र थे। आओ जानते हैं कि विदुरजी ने कौनसी 5 ऐसी आदतों का जिक्र किया है जिसके चलते जीवन अंधकार में हो जाता है। Amarnaath Yatra: इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर की ऑनलाइन बुकिंग सेवा शुरू हो गई है। यह सेवा श्रीनगर, बालटाल और पहलगाम से मिलेगी। इस सेवा के शुरू होने से बुजुर्ग लोगों को विशेष तौर पर राहत मिलेगी। इसके अलावा जिनके पास समय कम है, वे भी इसका लाभ उठा सकते हैं। हालांकि इस बार देरी से ऑनलाइन हेलीकॉप्टर बुकिंग सेवा शुरू हो रही है। Astrology : पंचांग में तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार ये पांच अंग महत्व पूर्ण होते हैं, परंतु इसी के साथ ही मास, मुहूर्त, आनन्दादि योग और सम्वत्सर को भी बहुत महत्वपूर्ण मानया गया है जिन्हें मिलाकर ही संपूर्ण फलादेश निकलता है। आओ जानते हैं कि योग कितने होते हैं और आनन्दादि योग क्या हैं एवं ये कितने होते हैं। गुरु अर्जुन देव जी की निर्मल प्रवृत्ति, सहृदयता, कर्तव्यनिष्ठता तथा धार्मिक एवं मानवीय मूल्यों के प्रति समर्पण भावना को देखते हुए गुरु रामदास जी ...

माँ कुष्मांडा की पूजा विधि, कथा, मंत्र और आरती

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