कुवेंपु का जन्म किस गांव में हुआ था?

  1. कुँवर सिंह
  2. Jubin Nautiyal Birthday Know Biography Age Girlfriend Of This Popular Singer
  3. Hanuman Jayanti: हनुमान जी का जन्म कहां हुआ? क्‍या वो अजन्मा हैं? क्या वो प्रगट हुए?
  4. कुप्पाली वी गौड़ा पुटप्पा
  5. कश्मीरी भाषा की लोकप्रिय संत कवयित्री ललद्यद का जन्म किस गांव में हुआ था? » Kashmiri Bhasha Ki Lokpriya Sant Kavyitri Laladyad Ka Janam Kis Gaon Me Hua Tha
  6. MCQ Questions for Class 7 Hindi Chapter 17 वीर कुवर सिंह with Answers
  7. शिवाजी
  8. तुलसीदास का जन्म किस गांव में हुआ था?
  9. श्रीनिवास रामानुजन्


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कुँवर सिंह

अनुक्रम • 1 जीवन अवधि • 2 1857 के संग्राम में बाबू कुंवर सिंह • 3 वीरगति • 4 सन्दर्भ • 5 इन्हें भी देखें • 6 बाहरी कड़ियाँ जीवन अवधि [ ] वीर कुंवर सिंह का जन्म 13 नवम्बर 1777 को 1857 के संग्राम में बाबू कुंवर सिंह [ ] 1857 में अंग्रेजों को 27 अप्रैल 1857 को वीरगति [ ] इन्होंने 23 अप्रैल 1858 में, सन्दर्भ [ ]

Jubin Nautiyal Birthday Know Biography Age Girlfriend Of This Popular Singer

Jubin Nautiyal Birthday: पॉपुलर सिंगर जुबिन नौटियाल का जन्म 14 जून, 1989 को उत्तराखंड के देहरादून के पास एक गांव में हुआ था. जुबिन के जन्म के बाद उनका पूरा परिवार गांव से देहरादून शहर शिफ्ट हो गया था. उन्होंने देहरादून के सेंट जोसेफ एकेडमी से शुरुआती शिक्षा प्राप्त की थी. वहां म्यूजिक क्लास ना होने की वजह से जुबिन ने वेलहम्स बॉयज स्कूल में एडमिशन ले लिया था. उनके स्कूल में म्यूजिक की स्पेशल क्लास होती थी. स्कूल से ही उन्होंने क्लासिकल म्यूजिक सीखा था. म्यूजिक में अपना करियर बनाने के लिए जुबिन साल 2007 में मुंबई आ गए थे. वहां उन्होंने मीठीबाई कॉलेज में एडमिशन लिया था. रिएलिटी शो में लिया हिस्सा साल 2011 में जुबिन ने म्यूजिक टैलेंट शो X-Factor में हिस्सा लिया. टॉप 25 में पहुंचने के बाद वह शो के जज सोनू निगम को इम्प्रेस नहीं कर पाए थे. इस राउंड में उन्होंने अंजाना अंजानी फिल्म का गाना तुझे भुला दिया गाया था. यह गाना शो के दूसरे जज संजय लीला भंसाली और श्रेया घोषाल को तो अच्छा लगा, लेकिन सोनू को गाना खास पसंद नहीं आया था. हालांकि ज्यादा वोट जुबिन के समर्थन में होने की वजह से उन्हें अगले राउंड में भेज दिया गया था. 2014 से हुए पॉपुलर जुबिन साल 2014 में आई फिल्म सोनाली केबल के गाने 'एक मुलाकात' को गाकर पॉपुलर हो गए थे. इसके बाद वह रुकने वाले नहीं थे. उन्होंने 'हम्मा हम्मा', 'तुझे कितना चाहे और हम', 'तुम ही आना', 'लुट गए', 'रातां लंबियां' जैसे कई सुपरहिट गाने दिए. जुबिन की लव लाइफ जुबिन ने बॉलीवुड हंगामा को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी जिंदगी में किसी खास लड़की की एंट्री हो चुकी है. उन्होंने बताया- हां, मुझे कोई मिल गई है. मैं नाम बताकर नजर नहीं लगाना चाहता, लेकिन मुझे लगता है...

Hanuman Jayanti: हनुमान जी का जन्म कहां हुआ? क्‍या वो अजन्मा हैं? क्या वो प्रगट हुए?

Hanuman Jayanti: हनुमान जी का जन्म कहां हुआ? क्‍या वो अजन्मा हैं? क्या वो प्रगट हुए? महावीर हनुमान जी (Hanuman) का जन्म किस स्थान पर हुआ था, इसको लेकर काफी मतभेद हैं. हनुमान जी के जन्म स्थान (Birth Place) को लेकर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों के बीच काफी विवाद हैं. हर एक राज्य का कहना है कि हनुमान जी का जन्म उनके ही राज्य में हुआ था. महावीर हनुमान जी का जन्म किस स्थान पर हुआ था, इसको लेकर काफी मतभेद हैं. हनुमान जी के जन्म स्थान को लेकर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों के बीच काफी विवाद हैं. हर एक राज्य का कहना है कि हनुमान जी का जन्म उनके ही राज्य में हुआ था. आखिरक्या है हनुमान जी के जन्म का सच और किन ग्रंथों से जाना जा सकता है हनुमान जी के जन्म स्थान का असली रहस्य? हनुमान जी दक्षिण भारतीय हैं? ऐसी सामान्य मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म दक्षिण भारत में हुआ था और इसलिए उन्हें दक्षिण भारतीय कहना गलत नहीं होगा. इस बात पर ज्यादातर लोग सहमत हैं कि हनुमान जी का जन्म दक्षिण भारत के किसी स्थान पर हुआ था. हनुमान जी और श्रीराम जी का पहली बार आमना-सामना भी दक्षिण भारत मे ही हुआ था. जब श्रीराम माता जानकी की खोज में दक्षिण भारत की तरफ आगे बढ़े थे. जब श्रीराम पंपा सरोवर के पास ऋष्यमुख पर्वत के पास पहुंचे. तब उन्हें देख कर सुग्रीव ने श्रीराम के पास हनुमान जी को दूत बना कर भेजा था. वालि और सुग्रीव का राज्य किष्किंधा आज के आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के क्षेत्रों तक फैला हुआ था. लेकिन, क्या सारे वानर एक ही स्थान पर रहते थे और इसी तर्क से हनुमान जी का जन्म भी इसी स्थान के आस-पास हुआ था. अगर वाल्मीकि रामायण के किष्किंधाकांड को ध्यान से पढ़ें, तो पता चलता है कि वानरों का...

कुप्पाली वी गौड़ा पुटप्पा

अनुक्रम • 1 कृतियाँ • 1.1 काव्य • 1.2 नाटक • 1.3 उपन्यास • 1.4 कथा संकलन • 1.5 ललित प्रबंध • 1.6 गद्य/विचार/विमर्शॆ/प्रबंध • 1.7 भाषण • 1.8 आत्मकथा • 1.9 जीवन चरित्र • 1.10 रामकृष्ण-विवेकानंद साहित्य • 1.11 वेदांत साहित्य • 1.12 अन्य • 2 प्रशस्ति एवं पुरस्कार • 3 इन्हें भी देखें • 4 सन्दर्भ • 5 बाहरी कड़ियाँ कृतियाँ [ ] काव्य [ ] • अमलन कथॆ (शिशुसाहित्य) (१९२४) • बॊम्मनहळ्ळिय किंदरिजोगि (शिशुसाहित्य) (१९२६) • हाळूरु (१९२६) • कॊळलु (१९३०) • पाञ्चजन्य (१९३३) • कलासुंदरि (१९३४) • नविलु (१९३४) • चित्रांगदा (१९३६) (खंडकाव्य) • कथन कवनगळु (१९३६) • कोगिलॆ मत्तु सोवियट् रष्या (१९४४) • कृत्तिकॆ (१९४६) • अग्निहंस (१९४६) • पक्षिकाशि (१९४६) • किंकिणि (१९४६) • प्रेमकाश्मीर (१९४६) • षोडशि (१९४७) • नन्न मनॆ (१९४७) • जेनागुव (१९५२) • चंद्रमंचकॆ बा, चकोरि! (१९५४) • इक्षु गंगोत्रि (१९५७) • अनिकेतन (१९६३) • अनुत्तरा (१९६३) • मंत्राक्षतॆ (१९६६) • कदरडकॆ (१९६७) • प्रेतक्यू (१९६७) • कुटीचक (१९६७) • हॊन्न हॊत्तारॆ (१९७६) • समुद्रलंघन (१९८१) • कॊनॆय तॆनॆ मत्तु विश्वमानव गीतॆ (१९८१) • मरिविज्ञानि (१९४७) (शिशुसाहित्य) • मेघपुर (१९४७) (शिशुसाहित्य) • श्री रामायण दर्शन० (१९४९) (महाकाव्य) अंग्रेजी काव्यसंकलन • बिगिनर्'स् म्यूस् (१९२२) • अलियन् हार्प् (१९७३) नाटक [ ] • मोडण्णन तम्म (१९२६)(मक्कळ नाटक) • जलगार (१९२८) • यमन सोलु (१९२८) • नन्न गोपाल (१९३०) (मक्कळ नाटक) • बिरुगाळि (१९३०) • स्मशान कुरुक्षेत्र (१९३१) • महारात्रि (१९३१) • वाल्मीकिय भाग्य (१९३१) • रक्ताक्षि (१९३२) • शूद्र तपस्वि (१९४४) • बॆरळ्गॆ कॊरळ् (१९४७) • बलिदान (१९४८) • चंद्रहास (१९६३) • कानीन (१९७४) उपन्यास [ ] • कानूरु सुब्बम्म हॆग्गडति...

कश्मीरी भाषा की लोकप्रिय संत कवयित्री ललद्यद का जन्म किस गांव में हुआ था? » Kashmiri Bhasha Ki Lokpriya Sant Kavyitri Laladyad Ka Janam Kis Gaon Me Hua Tha

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। कवित्री लव दत्त का जन्म है कश्मीर के कानपुर के सीन पूरा गांव में हुआ था लगभग सन 1320 के लगभग हुआ था इनकी एक दिन का वर्क है वह इस प्रकार है आई थी सीधी राह में चली नसीब हीरा सुसंस्कृत ऊपर खड़ी थी बीत गया दिन आ जटोली कोड़ी ना पाई माझी को दूं क्या उतराई धन्यवाद यदि आपको अच्छा लगे तो आप इसे शेयर करें kaviyatri love dutt ka janam hai kashmir ke kanpur ke seen pura gaon me hua tha lagbhag san 1320 ke lagbhag hua tha inki ek din ka work hai vaah is prakar hai I thi seedhi raah me chali nasib heera susanskrit upar khadi thi beet gaya din aa jatoli kodi na payi majhi ko doon kya utrai dhanyavad yadi aapko accha lage toh aap ise share kare कवित्री लव दत्त का जन्म है कश्मीर के कानपुर के सीन पूरा गांव में हुआ था लगभग सन 1320 के लग

MCQ Questions for Class 7 Hindi Chapter 17 वीर कुवर सिंह with Answers

वीर कुवर सिंह Class 7 MCQs Questions with Answers Question 1. इस पाठ में किस स्थान पर 1857 में भीषण विद्रोह नहीं हुआ था। (a) कानपुर (b) बुंदेलखंड (c) आजमगढ़ (d) रूहेलखंड। Answer Answer: (d) रूहेलखंड। Question 2. इनमें कौन-सा वीर प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल नहीं था? (a) नाना साहेब (b) तात्या टोपे (c) सरदार भगत सिंह (d) रानी लक्ष्मीबाई। Answer Answer: (c) सरदार भगत सिंह Question 3. वीर कुंवर सिंह का जन्म किस राज्य में हुआ था? (a) बंगाल (b) उत्तर प्रदेश (c) बिहार (d) उड़ीसा। Answer Answer: (c) बिहार Question 4. इस पाठ के लेखक कौन हैं? (a) यतीश अग्रवाल (b) विजय तेंदुलकर (c) विभागीय (d) जैनेंद्र कुमार। Answer Answer: (c) विभागीय Question 5. मंगल पांडे ने अंग्रेजों के विरुद्ध कहाँ बगावत किया था? (a) दानापुर (b) कानपुर (c) आज़मगढ़ (d) बैरकपुर Answer Answer: (d) बैरकपुर Question 6. 11 मई 1857 को भारतीय सैनिकों ने किस पर कब्जा कर लिया? (a) लखनऊ (b) आरा (c) मेरठ (d) दिल्ली Answer Answer: (d) दिल्ली Question 7. अंग्रेज़ी सेना और स्वतंत्रता सेनानियों के मध्य कहाँ भीषण युद्ध हुआ? (a) बरेली (b) कानपुर (c) आरा (d) उपर्युक्त सभी। Answer Answer: (d) उपर्युक्त सभी। Question 8. कुंवर सिंह का जन्म-बिहार राज्य के किस जनपद में हुआ। (a) शाहाबाद (b) आरा (c) जहानाबाद (d) छपरा। Answer Answer: (a) शाहाबाद (1) वीर कुंवर सिंह के बचपन के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं मिलती। कहा जाता है कि कुँवर सिंह का जन्म बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में सन् 1782 ई० में हुआ था। उनके पिता का नाम साहबजादा सिंह और माता का नाम पंचरतन कुँवर था। उनके पिता साहबजादा सिंह जगदीशपुर रियासत के ज़मींदार थे, परंतु उन...

शिवाजी

अनुक्रम • 1 आरम्भिक जीवन • 2 वैवाहिक जीवन • 3 सैनिक वर्चस्व का आरम्भ • 3.1 दुर्गों पर नियंत्रण • 3.2 शाहजी की बन्दी और युद्धविराम • 4 प्रभुता का विस्तार • 4.1 मुगलों से पहली मुठभेड़ • 4.2 कोंकण पर अधिकार • 4.3 बीजापुर से संघर्ष • 5 मुगलों से संघर्ष • 5.1 सूरत में लूट • 5.2 आगरा में आमंत्रण और पलायन • 6 राज्याभिषेक • 6.1 दक्षिण में विजय • 7 मृत्यु और उत्तराधिकार • 8 शासन और व्यक्तित्व • 9 राजमुद्रा • 9.1 धार्मिक नीति • 9.2 चरित्र • 10 प्रमुख तिथियां और घटनाएं • 11 इन्हें भी देखें • 12 सन्दर्भ • 13 बाहरी कड़ियां आरम्भिक जीवन शिवाजी का जन्म 19 फरवरी, 1630 को वैवाहिक जीवन शिवाजी का विवाह सन् 14 मई 1640 में शिवाजी की पत्नियाँ: • • सोयराबाई मोहिते– ( • सकवरबाई गायकवाड – (कमलाबाई) • सगुणाबाई शिर्के – (राजकुवरबाई) • पुतलाबाई पालकर • काशीबाई जाधव • लक्ष्मीबाई विचारे • गुंवांताबाई इंगले सैनिक वर्चस्व का आरम्भ उस समय उस समय दुर्गों पर नियंत्रण रोहिदेश्वर का दुर्ग सबसे पहला दुर्ग था जिसके शिवाजी महाराज ने सबसे पहले अधिकार किया था। उसके बाद तोरणा का दुर्ग जो शाहजी राजे को एक अश्वारोही सेना का गठन कर शिवाजी महाराज ने आबाजी सोन्देर के नेतृत्व में शाहजी की बन्दी और युद्धविराम बीजापुर का सुल्तान शिवाजी महाराज की हरकतों से पहले ही आक्रोश में था। उसने शिवाजी महाराज के पिता को बन्दी बनाने का आदेश दे दिया। शाहजी राजे उस समय प्रभुता का विस्तार शाहजी की मुक्ति की शर्तों के मुताबिक शिवाजी राजाने बीजापुर के क्षेत्रों पर आक्रमण तो नहीं किया पर उन्होंने दक्षिण-पश्चिम में अपनी शक्ति बढ़ाने की चेष्टा की। पर इस क्रम में जावली का मुगलों से पहली मुठभेड़ शिवाजी के बीजापुर तथा कोंकण पर अधिकार बीजापुर से सं...

तुलसीदास का जन्म किस गांव में हुआ था?

क्या आप जानते हैं कि तुलसीदास का जन्म किस गांव में हुआ था? अगर नही तो इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े। तुलसीदास का जन्म किस गांव में हुआ था? तुलसीदास एक प्रसिद्ध हिन्दू कवि तथा संत थे जो राम भक्त शाखा के कवि है और हमेशा से ही राम भक्ति के लिए जाने जाते हैं। यह रामचरितमानस, हनुमान चालीसा के रचियता भी है। इनका जन्म चित्रकूट जिले के राजापुर में हुआ था। कई लोगो का मानना है कि इनका जन्म स्थान विवादित है क्योकि कुछ लोगो का मानना है कि इनका जन्म स्थान चित्रकूट है तथा कुछ लोगो का मानना है कि इनका जन्मस्थान कासगंज (एटा) उत्तर प्रदेश है। आश्चर्य की बात यह है कि उनका जन्म माता के गर्भ में 12 महीने रहने के बाद हुआ था और सबसे पहले इन्होने राम शब्द का ही उच्चारण किया था। इन्हें गोस्वामी, अभिनववाल्मीकि, इत्यादि खिलाब प्राप्त है। दुर्भाग्य की बात यह है कि इनके जन्म के दुसरे दिन ही इनकी माता का निधन हो गया था। कहा जाता है कि तुलसीदास जी ने राम, लक्ष्मण तथा हनुमान से भेट भी की थी इसके पीछे एक विस्तृत कहानी भी है। कुछ और महत्वपूर्ण लेख – • • • Editor’s Picks • Do You Love Me Ka Reply Kya Hoga – डु यु लव मी का रिप्लाई क्या होगा? • लौकी को इंग्लिश में क्या कहते हैं – Lauki Ko English Mein Kya Kahate Hain? • यदा यदा ही धर्मस्य श्लोक का अर्थ हिंदी में • गायत्री मंत्र का अर्थ, लाभ तथा सावधानियां • लैंडमार्क क्या होता है – Landmark Kya Hota Hai, Meaning in Hindi • आसमान नीला क्यों होता है? यह है इसके पीछे की वजह! • बागेश्वर धाम में घर बैठे अर्जी कैसे लगाएं? 100% करेगी काम! – Bageshwardham Sarkar • चाँद धरती से कितना दूर है? Follow Us • Facebook • Twitter • Instagram • Pinterest • Flipboard • Google News

श्रीनिवास रामानुजन्

श्रीनिवास रामानुजन् श्रीनिवास रामानुजन् (1887-1920) जन्म मृत्यु आवास राष्ट्रीयता क्षेत्र गॉडफ्रे हेरॉल्ड हार्डी और जॉन इडेन्सर लिटलवुड प्रसिद्धि लैंडॉ-रामानुजन् स्थिरांक रामानुजन्-सोल्डनर स्थिरांक रामानुजन् थीटा फलन रॉजर्स-रामानुजन् तत्समक रामानुजन् अभाज्य कृत्रिम थीटा फलन रामानुजन् योग श्रीनिवास रामानुजन् इयंगर (तमिल ஸ்ரீனிவாஸ ராமானுஜன் ஐயங்கார்) (22 दिसम्बर 1887 – 26 अप्रैल 1920) एक महान ये बचपन से ही विलक्षण प्रतिभावान थे। रामानुजन जर्नल की स्थापना की गई है। अनुक्रम • 1 आरंभिक जीवनकाल • 2 औपचारिक शिक्षा की समाप्ति और संघर्ष का समय • 3 विवाह और गणित साधना • 4 प्रोफेसर हार्डी के साथ पत्रव्यावहार • 5 विदेश गमन • 6 रॉयल सोसाइटी की सदस्यता • 7 स्वदेश आगमन • 8 मृत्यु • 9 रामानुजन की कार्यशैली और शोध • 10 गणितीय कार्य एवं उपलब्धियाँ • 10.1 सूत्र • 10.2 रामानुजन संख्याएँ • 11 रामानुजन अटकल (Ramanujan conjecture) • 12 इन्हें भी देखें • 13 सन्दर्भ • 14 बाहरी कड़ियाँ आरंभिक जीवनकाल रामानुजन का जन्म 22 दिसम्बर कोमलताम्मल और इनके पिता का नाम श्रीनिवास अय्यंगर था। इनका बचपन मुख्यतः कुंभकोणम में बीता था जो कि अपने प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। बचपन में रामानुजन का बौद्धिक विकास सामान्य बालकों जैसा नहीं था। यह तीन वर्ष की आयु तक बोलना भी नहीं सीख पाए थे। जब इतनी बड़ी आयु तक जब रामानुजन ने बोलना आरंभ नहीं किया तो सबको चिंता हुई कि कहीं यह गूंगे तो नहीं हैं। बाद के वर्षों में जब उन्होंने विद्यालय में प्रवेश लिया तो भी पारम्परिक शिक्षा में इनका कभी भी मन नहीं लगा। रामानुजन ने दस वर्षों की आयु में प्राइमरी परीक्षा में पूरे जिले में सबसे अधिक अङ्क प्राप्त किया और आगे की शिक्षा के लिए...