कवि ने अपने खेत में कौन सा बीज बोया था

  1. Apathit Kavyansh Class 10th
  2. छोटा मेरा खेत ( सप्रसंग व्याख्या ) ( आरोह
  3. Class 12 Hindi Important Questions Aroh Chapter 10 छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख
  4. उमाशंकर जोशी Important Question & Answers
  5. NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 10 छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख
  6. Class 12 Chota Mera Khet Summary


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Apathit Kavyansh Class 10th

1.हिरणी के बिन जंगल सूना हिरणी जैसा दौड़े कौन पर प्रभु के बाघों के आगे अपनी हिरणी छोड़े कौन ? बिन मछली के नदिया सूनी पर हिम्मत दिखलाए कौन ? मगरमच्छ से भरी नदी में अपनी मछली लाए कौन ? बिन कुलवधुओं के कुल सूना घर – आंगन महकाए कौन ? पर अंधों के राज महल में द्रुपदसुता को लाए कौन ? गैया बिन वृंदावन सूना गो बिन वंशी बजाए कौन ? पर बूचड़ खानों के भय से अपनी गैया लाए कौन ? प्रश्न – 1.इस कविता का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए. 2.हिरणी किसकी प्रतीक है ? स्पष्ट कीजिए. 3.मछली के माध्यम से कवि ने क्या आशंका प्रकट की है ? 4.भारत में गायों की दुर्दशा क्या कारण है ? 5.‘अंधों के राज महल’ में कौन – सा गहरा व्यंग्य है ? 6.यदि यह कविता नारी – जीवन पर हो तो आप इससे क्या समझते हैं ? 2. जून का महीना झुलसते दिन-रात, और उधर मसूरी में रिमझिम बरसात! मैं व्यंग से मुस्कुराया और पांच बैठे बेटे को समझाया बेटा ! तू भी मसूरी सा वन, जलते रेगिस्तान में नंदनवन – सा तन लोगों की आहों से एक फव्वारा बना और उसमें खूब नहा ! पानी के खेल खेल, झरने बहा, घर सजा, श्रंगार कर झुलसने दे अभागों को, तू अपना घर भर ! सुनकर यह व्यंग की बोली मसूरी चीखकर बोली – सुन ! न तो मैं आग बरसाती हूं, न किसी को तपाती हूं ये तो तुम्हारी ही आहें हैं, जो किसी बड़े का कंधा खोजती हैं जिस पर सर रखकर वे रो सकें ! और मैं ! जिसे तुम अपनी आहों का शोषक कहते हो मैं तुम्हारी आहों को आंखों में बसाती हूं उनमें डूबती हूं छटपटाती हूं उनमें बसे आंसुओं को अपनी आंखों में लिए बरस जाती हूं फिर भी तुम मेरे वक्ष पर मंडराते मेघों को कहते हो मेरा श्रंगार. दरअसल जब भी कोई किसी के दुख दर्द को गले लगाता है बहुत प्यारा हो जाता है, उसके नयनों का पोर – पोर उज्जवल हो जाता है. औ...

छोटा मेरा खेत ( सप्रसंग व्याख्या ) ( आरोह

परिचय इस कविता में कवि ने अपने कवि-कर्म को कृषक के सामान बताया है | किसान अपने खेत में बीज बोता है | बीज अंकुरित होकर पौधा बनता है, फिर पुष्पित होकर जब परिपक्व होता है, तब उसकी कटाई होती है | इस कविता में जोशी जी ने एक कवि के रचना कर्म की व्याख्या की है | सन्दर्भ प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘आरोह-भाग -2’ में संकलित उमाशंकर जोशी द्वारा रचित ‘छोटा मेरा खेत’ शीर्षक से लिया गया है | प्रसंग छोटा मेरा खेत चौकोना कागज़ का एक पन्ना, कोई अंधड़ कहीं से आया क्षण का बीज वहाँ बोया गया। कल्पना के रसायनों को पी बीज गल गया नि:शेष; शब्द के अंकुर फूटे, पल्लव-पुष्पों से नमित हुआ विशेष। व्याख्या कविता की इन पंक्तियों में खेती के रूपकों अर्थात् बीज बोने, अंकुरित होने, फलने फूलने और अंततः फसल काटने का वर्णन करते हुए कवि कहता है की कोई भी रचना ठीक खेती की फसल की तरह होती है | कवि कहता है – मैं भी एक प्रकार का किसान हूँ | कागज़ का एक पन्ना मेरे लिए छोटे –से चौकोर खेत के समान है | अंतर इतना ही है की किसान ज़मीन पर कुछ बोता है और मैं कागज़ पर कविता उगाता हूँ | जिस प्रकार किसान धरती पर फसल उगाने के लिए कोई बीज उगाता है, उसी प्रकार मेरे मन में अचानक आई आंधी के समान कोई भाव रुपी बीज न जाने कहाँ से चला आता है | यह भाव रुपी बीज मेरे मन रुपी खेत में अचानक बोया जाता है | वास्तव में कविता या साहित्य मनोभावों की ही उपज है | जिस प्रकार धरती में बोया बीज विभिन्न रसायनों – हवा, पानी, खाद आदि को पीकर स्वयं को गला देता है वैसे ही कवि के मनोभाव काव्य-शब्दों के अंकुर के रूप में कागज़ पर अंकित हो गए | कवि आगे इन शब्द रुपी अंकुरों के पल्लव और पुष्पों से युक्त हो जाने की बात कहता है | जिस प्रकार अंकुर पूरे खेत मे...

Class 12 Hindi Important Questions Aroh Chapter 10 छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख

छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख Class 12 Important Extra Questions Hindi Aroh Chapter 10 प्रश्न 1. छोटा मेरा खेत चौकोना कागज़ का एक पन्ना, कोई अंधड़ कहीं से आया क्षण का बीज वहाँ बोया गया। काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए उत्तर (i) यह काव्यांश ‘आरोह भाग-2’ में संकलित ‘छोटा मेरा खेत’ नामक कविता से अवतरित उमाशंकर जोशी द्वारा रचित है। (ii) इस काव्यांश में कवि ने खेती के रूपक में कवि-कर्म को बाँधकर चित्रित किया है। (iii) यहाँ छोटा खेत-कागज़ के पन्ने तथा अंधड़ भावनात्मक आँधी का तथा बीज विचार तथा अभिव्यक्ति का प्रतीक हैं। (iv) प्रतीकात्मक शैली का बोध है। (v) सांगरूपक, अनुप्रास, पदमैत्री, स्वरमैत्री अलंकारों की छटा दर्शनीय है। (vi) बिंब योजना अत्यंत सुंदर है। (vii) खड़ी बोली भाषा सरल, सरस एवं प्रवाहमयी है। (viii) तत्सम, तद्भव तथा विदेशी शब्दावली का प्रयोग हुआ है। प्रश्न 2. ‘छोटा मेरा खेत’ कविता का मुख्य भाव स्पष्ट कीजिए। उत्तर ‘छोटा मेरा खेत’ कविता में कवि ने कवि-कर्म के प्रत्येक चरण को खेती के रूपक में बाँधने की कोशिश की है। इस खेत में भावनात्मक आँधी के प्रभाव से किसी क्षण एक रचना-विचार तथा अभिव्यक्ति का बीज बोया जाता है, जो मूल कल्पना का सहारा लेकर स्वयं विगलित हो जाता है। उससे शब्दों के अंकुर निकलते हैं जो निरंतर पल्लवित-पुष्पित होकर एक पूर्ण कृति का स्वरूप ग्रहण करते हैं। साहित्यिक कृति से जो अलौकिक रस-धारा फूटती है वह रस-धारा क्षण भर में होने वाली रोपाई के परिणामस्वरूप होती है। लेकिन यह रस-धारा अनंत काल तक चलने वाली खेती की कटाई के समान होती है। इस साहित्य के अक्षय पात्र का रस कभी खत्म नहीं होता। प्रश्न 3. ‘छोटा मेरा खेत’ कविता का प्रतिपाद्य क्या है? उत्तर कवि की कविता ‘छोटा मेरा खेत’...

उमाशंकर जोशी Important Question & Answers

(i) निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- छोटा मेरा खेत चैकाना कागज का एक पन्ना कोई अंधड़ कहीं से आया क्षण का बीज वहाँ बोया गया। कल्पना के रसायनों को पी बीज गल गया निःशेष; शब्द के अंकूर फूटे पल्लव पुष्पों से नमित हुआ विशेष। प्रश्न 1. (क) कवि खेत किसे मानता है और क्यों? (ख) ‘अंधर’ से क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए। (ग) ‘शब्द के अंकुर फूटे’ में निहित भाव को स्पष्ट कीजिए। उत्तर ;(क) • कवि कागज के पन्ने को खेत मानता है। • जिस प्रकार खेत में बीज बोकर अन्न उपजाया जाता है उसी प्रकार हृदय में उमड़ी भावनाओं को कागज पर व्यक्त किया जाता है। (ख) • भावनाओं की आँधी। • विचारों की उथल-पुथल। (ग) • शब्दों में भावाभिव्यक्ति का विकास होना। • रचनाशील होना। • सांसारिक और व्यावहारिक अनुभव से रचना करना। (ii) निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- झूमने लगे फल, रस अलौकिक अमृत धाराएँ फूटतीं रोपाई क्षण की, कटाई अनंतता की लुटते रहने से जरा भी कम नहीं होती। रस का अक्षय पात्र सदा का छोटा मेरा खेत चैकोना। प्रश्न ; (क) ‘रस अलौकिक अमृत धाराएँ फूटती’ कब, कहाँ और क्यों फूटती हैं? (ख) ‘लुटते रहने से भी’ क्या कम नहीं होता और क्यों? (ग) कवि इन पंक्तियों में खेत से किसकी तुलना कर रहा है? उत्तर ; (क) (i) फलों से रस की व मिठास की अनेक धाराएँ फूटती हैं। (ii) फलों के पेड़ की डाल पर पक जाने पर, फलों को काटने पर इसकी धाराएँ पूळटती हैं। (ख) अनंतकाल तक साहित्य का आनंद लूटने पर भी उसमें कमी नहीं आती क्योंकि सभी अपने-अपने पठन में रस का अनुभव करते हैं। (ग) कवि खेत की तुलना कागज के उस पन्ने से कर रहा है जिस पर कवि ने अपनी रचना लेखनीबद्ध की है। इसी में विचार या भाव का बीज बोया जाता ...

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 10 छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख

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Class 12 Chota Mera Khet Summary

उमाशंकर जोशी का जीवन परिचय: कवि उमाशंकर जोशी जी का जन्म गुजरात में सन् 1911 ई . को हुआ था। इनकी कविता का प्रसिद्ध होने का एक ही कारण था कि यह कविता को मन से लिखते थे। लोगों को अपने हृदय से जोड़ते थे और उनको अपनी कविता में जगह देते थे। शायद यही कारण है कि आज उमाशंकर जोशी हमारे बीच बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हैं। ना सिर्फ हिंदी साहित्य में बल्कि गुजराती साहित्य में भी उनका नाम बहुत ही बहुचर्चित है। 20 वीं सदी में प्रवेश करते ही इन्होंने गुजराती साहित्य को एक नई पहचान दी, एक नई दिशा दिखाई। इतना ही नहीं कवि उमाशंकर जोशी अपनी मातृभूमि से बहुत ज्यादा प्रेम करते थे। तभी तो वह देश की आजादी की लड़ाई में भाग भी लेते थे एवं अपनी मातृभूमि के खातिर वह कई बार जेल भी गए थे । उमाशंकर जोशी की प्रमुख रचनाएं: इन्होनें वसंत वर्षा , विश्वशांति जैसी एकांकी लिखी। अभिज्ञान शकुंतलम का इन्होंने गुजराती भाषा में अनुवाद भी किया। इस तरह से कहा जा सकता है कि उमाशंकर जोशी ना सिर्फ एकांकी, निबंध, कहानी, उपन्यास लिखा करते थे बल्कि अनुवाद कार्य में भी वे निपुण थे। उमाशंकर जोशी जी ने जो भी योगदान हिंदी साहित्य एवं गुजराती साहित्य को प्रदान किया वह सारे योगदान भारतीय साहित्य के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। इनके प्रसिद्ध होने का एक और कारण यह भी है कि यह बहुत ही सरल भाषा में लिखा करते थे और इनकी कविता जनसाधारण को भी समझ में आती थी। उमाशंकर जोशी जी ने जितना योगदान गुजराती साहित्य में दिया, उतना ही योगदान इन्होंने हिंदी साहित्य में भी दिया। मगर एक मजबूत निबंधकार के रूप में उमाशंकर जोशी गुजराती साहित्य में बहुत ज्यादा ही प्रसिद्ध हैं एवं यह स्थान आज तक कोई और नहीं ले पाया है। इस कविता में कवि ने एक किसान के रूप में ...