लाल बहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमंत्री कब बने

  1. Lal Bahadur Shastri Birth Anniversary Special a Prime Minister on whose appeal people of India left one time meal during Indo Pak 1965 war
  2. Lal Bahadur Shastri Jayanti 2022 लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़ी पांच बड़ी घटनाएं
  3. Death Anniversary Of Second India Prime Minister Lal Bahadur Shastri
  4. लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी
  5. लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी (इतिहास Lal Bahadur Shastri Biography In Hindi


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Lal Bahadur Shastri Birth Anniversary Special a Prime Minister on whose appeal people of India left one time meal during Indo Pak 1965 war

Lal Bahadur Shastri Birth Anniversary Special a Prime Minister on whose appeal people of India left one time meal during Indo Pak 1965 war | लाल बहादुर शास्त्री: स्वाभिमानी, ईमानदार और सादगी पसंद PM, जिनकी अपील पर लोगों ने एक वक्त का खाना छोड़ा लाल बहादुर शास्त्री: स्वाभिमानी और सादगी पसंद PM, जिनकी अपील पर लोगों ने एक वक्त का खाना छोड़ा नोएडा: लाल बहादुर शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में 2 अक्टूबर, 1904 को शारदा प्रसाद और रामदुलारी देवी के घर हुआ था. लाल बहादुर शास्त्री मात्र 16 वर्ष की उम्र में साल 1920 में भारत की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे. स्वाधीनता संग्राम के जिन आंदोलनों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही, उनमें 1921 का असहयोग आंदोलन, 1930 का दांडी मार्च और 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन उल्लेखनीय हैं. उन्होंने ही देश को 'जय जवान, जय किसान' का नारा दिया था. एक बेहद साधारण से घर में जन्मे लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री बने और सार्वजनिक जीवन में दूसरे नेताओं के लिए ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता की तमाम मिसालें पेश कीं. लाल बहादुर शास्त्री के पास ना तो आलीशान घर था, ना ही कार और ना ही बैंक बैलेंस. रेल मंत्री रहते हुए एक रेल दुर्घटना हुई तो इसकी जिम्मेदारी लेते हुए लाल बहादुर शास्त्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता ऐसी रही कि उनके चरित्र पर कोई सवाल उठाने की जुर्रत नहीं कर सकता था. विपक्षी भी शास्त्री जी का सम्मान करते थे. उनका जीवन जितना सादा रहा उनकी मृत्यु उतनी ही रहस्यमय परिस्थितियों में हुई. आइए जानते हैं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण किस्से... पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान को द...

Lal Bahadur Shastri Jayanti 2022 लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़ी पांच बड़ी घटनाएं

Lal Bahadur Shastri Life Story देशकेदूसरेप्रधानमंत्रीलालबहादुरशास्त्रीजीकाजन्म 2 अक्टूबरकोशारदाप्रसादऔररामदुलारीदेवीकेघरउत्तरप्रदेशमेंमुगलसरायशहरकेपासरामनगरमेंहुआथा।नेहरूजीकेनिधनकेबादशास्त्रीजीदेशकेदूसरेप्रधानमंत्रीबने।शास्त्रीजीनेअपनेजीवनमेंकईऐसेकार्यकिएजिससेआजसभीलोगप्रेरणालेतेहैं।शास्त्रीजीकेईमानदारीऔरसादगी-पूर्णजीवनकेअनेककिस्सेहै। 2 अक्टूबर 2022 कोलालबहादुरशास्त्रीकी 118वींजयंतीमनाईजारहीहै।जबकिमहात्मागांधीकी 153वींजयंतीमनाईजारहीहै।महात्मागांधीऔरलालबहादुरशास्त्रीजीदोनोंनेहीदेशकेलिएअपनापूराजीवनलगादिया।ऐसेमेंसभीकोलालबहादुरशास्त्रीकेजीवनसेजुड़ीकुछबातोंकोजरूरजाननाचाहिए, ताकिहमउनकेजीवनमेंमूल्योंकोअपनेजीवनमेंउतारसकें।आइयेजानतेहैंलालबहादुरशास्त्रीकेजीवनसेजुड़ीपांचबड़ीघटनाएं। 1.जबशास्त्रीजीदेशकेप्रधानमंत्रीथे, एकबारउनकेबेटेसुनीलशास्त्रीजीनेरातकहीजानेहेतुसरकारीगाड़ीलेकरचलेगएऔरजबवापसआएतोलालबहादुरशास्त्रीजीनेपूछाकहागएथे, सरकारीगाड़ीलेकरइसपरसुनीलजीकुछकहपातेकीइससेपहलेलालबहादुरशास्त्रीजीनेकहाकिसरकारीगाड़ीदेशकेप्रधानमंत्रीकोमिलीहैनाकीउसकेबेटेको, आगेसेकहीजानाहोतोसरकारीगाड़ीकाप्रयोगनाकियाकरो, शास्त्रीजीयहीनहींरुकेउन्होंनेअपनेड्राइवरसेपताकरवायाकीगाड़ीकितनेकिलोमीटरचलीहैऔरउसकापैसासरकारीराजकोषमेंभीजमाकरवाया।हमारेदेशमेंआजकलजनप्रतिनिधियोंकेपरिजनोंकेसाथउनकेकरीबीलोगभीउन्हीकेसरकारीगाड़ीमेंघूमतेहैंअपनेव्यक्तिगतकार्योंकेलिए। 2.लालालाजपतरायनेआजादीकीलड़ाईलड़रहेगरीबदेशभक्तोंकेलिएसर्वेंट्सऑफइंडियासोसाइटीबनायींथीजोगरीबदेशभक्तोंकोपचासरुपयेकीआर्थिकमददप्रदानकरतीथी, एकबारजेलसेउन्होंनेअपनीपत्नीललिताजीकोपत्रलिखकरपूछाकिक्यासोसाइटीकीतरफसेजो 50 रुपयेकीआर्थिकमददमिलतीहैंउन्हें, जवाबमेंललिताजीनेकहाहाँजिसमेसे 40 रुपयेमेंघ...

Death Anniversary Of Second India Prime Minister Lal Bahadur Shastri

लाल बहादुर शास्त्री पुण्यतिथि: वो प्रधानमंत्री जिसकी अपील पर पूरे देश ने एक वक्त का खाना छोड़ दिया उनके नेतृत्व में भारत ने 1965 की जंग में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी. ताशकन्द में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई. नई दिल्ली: देश के दूसरे प्रधानमंत्री और ‘जय किसान, जय जवान’ का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री की आज पुण्यतिथि है. 11 जनवरी 1966 को उनका निधन हो गया था. अपनी साफ सुथरी छवि और सदागीपूर्ण जीवन के प्रसिद्ध शास्त्री ने प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद नौ जून 1964 को प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण किया था. वो करीब 18 महीने तक देश के प्रधानमंत्री रहे. उनके नेतृत्व में भारत ने 1965 की जंग में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी. ताशकन्द में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई. लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर एक नजर लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 मुगलसराय में हुआ था. उन्होंने काशी विद्यापीठ से अपनी पढ़ाई पूरी की. 1928 में उनका विवाह ललिता से हुआ. उनके कुल 6 बच्चे हुए. दो बेटियां-कुसुम और सुमन. चार बेटे-हरिकृष्ण, अनिल, सुनील और अशोक. उनके दो बेटों का निधन हो चुका है. आजादी की लड़ाई में 9 बार गए जेल स्वतंत्रता संग्राम में लाल बहादुर शास्त्री कई बार शास्त्री भी गए. 1930 में हुए ‘नमक सत्याग्रह’ के चलते उन्हें ढाई साल जेल में रहने पड़ा. इसके बाद फिर स्वतंत्रता आंदोलन की वजह से उन्हें 1 साल जेल की सजा ...

लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी

मित्र इस आर्टिकल लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी (Lal Bahadur Shastri in Hindi) में हम जानेंगे शास्त्री जी के व्यक्तित्व और उनके जीवन को संक्षिप्त में । इसे पूरा पढ़ने के पश्चात अपने सुझावों और विचारों को कमेन्ट बॉक्स में लिख कर हमें जरूर यह बताएं कि यह आपको कैसा लगा ? और इसमें क्या सुधार किया जा सकता है । 7. कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां लाल बहादुर शास्त्री के बारे में शास्त्री जी का प्रारम्भिक जीवन लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय (उत्तर प्रदेश) में हुआ था । इनके पिता का नाम मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और माता का नाम रामदुलारी देवी था । इनके पिता एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक की थे । लाल बहादुर शास्त्री को बचपन में नन्हे और मुंशी भी लोग कहते थे । पारिवारिक स्थिति Lal Bahadur Shastri in Hindi में आगे जानिए शास्त्री जी के पारिवारिक स्थिति के बारे में । बचपन में ही पिता का साया सर से उठ जाने के बाद काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा । छोटे कद के होने के कारण कई बार शास्त्री जी का मजाक भी बनाया गया लेकिन इन्होंने अपनी मेहनत और इमानदारी से यह सिद्ध कर दिया कि आदमी कद से नहीं अपने कर्म से महान होता है । Advt.-ez बचपन से ही शास्त्री जी सिद्धांत और उसूल के पक्के थे । प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने निजी स्वार्थ के लिए कभी भी सरकारी सुविधा का उपयोग नहीं किया । सादा जीवन उच्च विचार की लोकोक्ति को उन्होंने अपने जीवन में चरितार्थ कर दिखाया । निष्ठा और त्याग की झलक बचपन से ही उनके जीवन में देखने को मिलता है । छोटी सी कहानी है जो की इन्हीं बातों को दर्शाती है बचपन में परिवारिक की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मेला देखने के लिए उनकी मां ने पैसे उधार लिए थे लेकिन उन्...

लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी (इतिहास Lal Bahadur Shastri Biography In Hindi

Table of Contents • • • • • • भारत को जय जवान – जय किसान का नारा देने वाले और साधारण जीवन जीने के लिए प्रसिद्ध लाल बहादुर शास्त्री हमारे देश के दूसरे प्रधानमंत्री रहे है. लाल बहादुर शास्त्री ने अपने प्रधानमंत्री काल में कई ऐसे अहम फैसले उठाये जिसके लिए उनको ख्याति प्राप्त हुई. लाल बहादुर शास्त्री ताशकंद में उस समय के पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिये दौरे पर गए हुए और यही ताशकंद में उनकी रहस्यमय तरीके से मौत हो गयी थी. शास्त्री जी को मरणोपरांत भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय पुरस्कार लाल बहादुर शास्त्री पूरा नाम – लाल बहादुर शास्त्री जन्म – 2 अक्टूबर 1904, मुगलसराय, उत्तर प्रदेश, भारत मृत्यु – 11 जनवरी 1966, ताशकंद, रूस पिता का नाम – मुंशी शारदा प्रसाद माता का नाम – राम दुलारी देवी शिक्षा – काशी विश्वविद्यालय से तत्वज्ञान और शास्त्री की मानद उपाधि राजनैतिक पार्टी – काँग्रेस विवाह – ललिता शास्त्री, 1928 में पेशा – एक राजनेता और स्वतंत्रता सेनानी पुरस्कार – भारत रत्न (मरणोपरांत) फेमस स्लोगन – भारत की आजादी के कुछ समय बाद शास्त्री जी को युपी के संसदीय सचिव पद पर नियुक्त किया गया था. उस समय के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री गोविन्द वल्लभ पन्त के मंत्रीमंडल में शास्त्री जी को पुलिस और परिवहन विभाग की जिम्मेदारी सौपीं गयी थी. शास्त्री जी ने अपने विभाग के समय पुलिस डिपार्टमेंट के लोगो से कहा था की लाठी का प्रयोग मत कीजिये और जनता की भीड़ को कण्ट्रोल करने के लिये पानी की बौछारों का प्रयोग शुरू करवाया. सन 1951 के समय शास्त्री जी पंडित नेहरू के नेतृत्व में अखिल भारतीय काँग्रेस कमेटी के महासचिव बनाये गए थे. महासचिव के पद पर रहते हुए ...