लाला लाजपत राय

  1. Lala Lajpat Rai: Know The Inspiring Story of ‘Punjab Kesari’
  2. Lala Lajpat Rai Slogan In Hindi [30+ लाला लाजपत राय पर स्लोगन]
  3. लाला लाजपत राय का जीवन परिचय
  4. Lala Lajpat Rai
  5. लाला लाजपत राय जीवनी
  6. Lala Lajpat Rai Slogan In Hindi [30+ लाला लाजपत राय पर स्लोगन]
  7. Lala Lajpat Rai: Know The Inspiring Story of ‘Punjab Kesari’
  8. Lala Lajpat Rai
  9. लाला लाजपत राय का जीवन परिचय
  10. लाला लाजपत राय जीवनी


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Lala Lajpat Rai: Know The Inspiring Story of ‘Punjab Kesari’

लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) की गिनती भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों में होती है। उनका मानना था कि आजादी हाथ जोड़ने से नहीं मिलती है, बल्कि इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है। लोग उन्हें गर्व से ‘पंजाब केसरी’ भी कहते थे। लाला लाजपत राय ने आजादी की लड़ाई के लिए बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चन्द्र पाल के साथ मिलकर, गरम दल का गठन किया था। यही कारण है कि भारतीय इतिहास में लाल-बाल-पाल का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब के दुधिके (अब मोगा जिला) में हुआ था। उनके पिता राधा कृष्ण हाई स्कूल के शिक्षक थे। वह फारसी और उर्दू के बड़े जानकार थे। वहीं, उनकी माँ गुलाब देवी धार्मिक महिला थीं। लाजपत राय की प्रारंभिक पढ़ाई अपने पिता के स्कूल से ही हुई। फिर, उन्होंने 1880 में कानून की पढ़ाई के लिए लाहौर के सरकारी कॉलेज में दाखिला ले लिया। 1886 में उनका परिवार रहने के लिए हिसार आ गया और उन्होंने वहीं अपनी वकालत शुरू कर दी। लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) को लिखने और भाषण देने का काफी शौक था। स्कूली दिनों में ही उनकी मुलाकात आर्य समाज के संस्थापक फिर, देश में ब्रिटिश राज के अत्याचारों को देखते हुए उन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना योगदान देने का फैसला किया। इस दौरान उनकी मुलाकात लाल हंस राज और पंडित गुरु दत्त से हुई। वह आजादी के लिए कांग्रेस की नरम नीति के सख्त खिलाफ थे। इसी बीच, 1905 में तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने भारत में भेद-भाव को बढ़ावा देने के लिए, बंगाल का विभाजन कर दिया। जिसका लाजपत राय ने हालांकि, भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड मिंटो ने देखा कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं, तो लाजपत राय को भारत आने की अनुमति दी गई। इसके बाद उन...

Lala Lajpat Rai Slogan In Hindi [30+ लाला लाजपत राय पर स्लोगन]

Lala Lajpat Rai Slogan In Hindi [30+ लाला लाजपत राय पर स्लोगन] लाला लाजपत राय भारत के उन प्रमुख नेताओं में से एक नेता थे जिन्होंने राष्ट्र के लिए प्रत्येक संघर्षों में अपना सहयोग दिया। इन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए सम्पूर्ण जीवन न्योछावर कर दिया। ये स्वतंत्रता आंदोलनों के दौरान ‘लाल बाल ‘ फायर ब्रांड तिकड़ी के भी सबसे मुख्य सदस्य थे। इनकी ताकत और स्वतंत्रता के जोश को देखकर तथा इनके शक्तिशाली प्रयासों के कारण इन्हें’ पंजाब केसरी ‘तथा ‘ पंजाब का शेर’ नाम दिया गया। “देशभक्ति का निर्णाण न्याय और सत्य की दृढं चट्टान पर ही किया जा सकता है” “इंसान को सत्य की उपासना करते हुए सांसारिक लाभ पाने की चिंदा किए बिना साहसी और ईमानदार होना चाहिए” नेशनल बैंक की नींव भी इन्हीं के हाथों रखी गई जब साइमन कमीशन भारत आया उसके विरोध करते वक्त लाला लाजपत राय को पुलिस की लाठीचार्ज द्वारा बुरी तरह घायल कर दिया गया,इसी लाठीचार्ज की वजह से कुछ ही दिनों में उनकी मृत्यु हो गई। लाला लाजपत राय का प्रारंभिक जीवन- लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1835 ईस्वी को फिरोजाबाद जिले के गांव में हुआ था इनके पिता का नाम मुंशी राधा कृष्ण तथा माता जी का नाम गुलाब देवी था। मुंशी आजाद फारसी और उर्दू के एक महान और प्रसिद्ध विद्वान थे लाला जी की मां एक धार्मिक महिला जो धार्मिकता पर असीम आस्था रखती थी। • • Contents • • • • Lala Lajpat Rai Slogan In Hindi – लाला लाजपत राय पर स्लोगन लाला जी ने अपने बचपन में ही बेहतर शिक्षा के मूल्यों का आकलन किया जिसके कारण उनमें राजनैतिक शिक्षा का विकास होने लगा और उन्हें इस प्रकार की शिक्षा ने स्वतंत्रता की अनुमति दी। लाला लाजपत राय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल रेव...

लाला लाजपत राय का जीवन परिचय

लाला लाजपत राय का जीवन परिचय ( Lala Lajpatrai Freedom Fighter Family, Education,Birth Details, Caste, Biography in Hindi) लाला लाजपत राय की छवि प्रमुखत: एक राष्ट्रवादी नेता के रूप में हैं और इसी के साथ यें देश की स्वतंत्रता के लिए किये गये संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका में थे,लेकिन वो एक लेखक, वकील,समाज-सुधारक और आर्य समाजी भी थे. ब्रिटिश शासन के खिलाफ दिए जाने वाले शक्तिशाली भाषणों और अपनी देशभक्ति के कारण उन्हें ‘पंजाब केसरी’ या “पंजाब के शेर” भी कहा जाता था. बचपन से ही वह अपने देश की सेवा करने की इच्छा रखतें थे और इसलिए उन्होंने इसे विदेशी शासन से मुक्त करवाने की प्रतिज्ञा ली थी. नाम (Name) लाला लाजपत राय पेशा (Occupation) स्वतंत्रता सेनानी,वकील,राजनीतिज्ञ जन्मदिन (Birth date) 28 जनवरी 1865 पिता (Father) मुंशी राधा कृष्णा आजाद माता (Mother) गुलाब देवी जन्मस्थान (Birth place) फिरोजपुर जिले में धुडिके गाँव में लालाजी के पिता मुंशी आज़ाद पर्सियन और उर्दू के ज्ञाता थे और उनकी माताजी भी एक धार्मिक महिला थी जिन्होंने अपने बच्चों में भी धर्म-कर्म की भावना को प्रेरित किया था, वास्तव में उनके पारिवारिक परिवेश ने ही उन्हें देशभक्ति का काम करने की प्रेरणा दी थी. लाला लाजपत राय की शिक्षा ( Education Details of Lala Lajpatrai) सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, रेवारी में लालाजी के पिता प्राध्यापक थे. इसी विद्यालय से इनका स्वयं का भी प्राथमिक अध्यन संपन्न हुआ था. इसके बाद 1880 में कानून का अध्ययन करने के लिए लाजपत राय ने लाहौर में सरकारी कॉलेज में एडमिशन ले लिया. 1884 में इनके पिता का रोहतक स्थानांतरण हो गया इस कारण उनके साथ यह स्वयं भी रोहतक शिफ्ट हो गए. लाहौर के सरकारी कॉलेज में विधि ...

Lala Lajpat Rai

Lajpat Rai’s most important writings include The Story of My Deportation (1908), Arya Samaj (1915), The United States of America: A Hindu’s Impression (1916), England’s Debt to India: A Historical Narrative of Britain’s Fiscal Policy in India (1917), and Unhappy India (1928). This article was most recently revised and updated by

लाला लाजपत राय जीवनी

आरम्भिक जीवन : लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को धुडिके ग्राम में (मोगा जिला, पंजाब) हुआ. उनके पिता धर्म से अग्रवाल थे. 1870 के अंत और 1880 के प्रारंभ में, जहा उनके पिता एक उर्दू शिक्षक थे तभी राय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रेवारी (तब का पंजाब, अभी का हरयाणा) के सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल से ग्रहण की. राय हिंदुत्वता से बहोत प्रेरित थे, और इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने राजनीती में जाने की सोची. (जब वे लाहौर में कानून की पढाई कर रहे थे तभी से वे हिंदुत्वता का अभ्यास भी कर रहे थे. उनके इस बात पर बहोत भरोसा था की हिंदुत्वता ये राष्ट्र से भी बढ़कर है. वे भारत को एक पूर्ण हिंदु राष्ट्र बनाना चाहते थे). हिंदुत्वता, जिसपे वे भरोसा करते थे, उसके माध्यम से वे भारत में शांति बनाये रखना चाहते थे और मानवता को बढ़ाना चाहते थे. ताकि भारत में लोग आसानी से एक-दुसरे की मदद करते हुए एक-दुसरे पर भरोसा कर सके. क्यूकी उस समय भारतीय हिंदु समाज में भेदभाव, उच्च-नीच जैसी कई कु-प्रथाए फैली हुई थी, लाला लाजपत राय इन प्रथाओ की प्रणाली को ही बदलना चाहते थे. अंत में उनका अभ्यास सफल रहा और वे भारत में एक अहिंसक शांति अभियान बनाने इ सफल रहे और भारत को स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के लिए ये बहोत जरुरी था. वे आर्य समाज के भक्त और आर्य राजपत्र (जब वे विद्यार्थी थे तब उन्होंने इसकी स्थापना की थी) के संपादक भी थे. राजनीतिक जीवन : लाला लाजपत राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तीन प्रमुख हिंदू राष्ट्रवादी नेताओं में से एक थे। वह लाल-बाल-पाल की तिकड़ी का हिस्सा थे। बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चन्द्र पाल इस तिकड़ी के दूसरे दो सदस्य थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में नरम दल (जिसका नेतृत्व पहले गोपाल कृष्ण गोखले...

Lala Lajpat Rai Slogan In Hindi [30+ लाला लाजपत राय पर स्लोगन]

Lala Lajpat Rai Slogan In Hindi [30+ लाला लाजपत राय पर स्लोगन] लाला लाजपत राय भारत के उन प्रमुख नेताओं में से एक नेता थे जिन्होंने राष्ट्र के लिए प्रत्येक संघर्षों में अपना सहयोग दिया। इन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए सम्पूर्ण जीवन न्योछावर कर दिया। ये स्वतंत्रता आंदोलनों के दौरान ‘लाल बाल ‘ फायर ब्रांड तिकड़ी के भी सबसे मुख्य सदस्य थे। इनकी ताकत और स्वतंत्रता के जोश को देखकर तथा इनके शक्तिशाली प्रयासों के कारण इन्हें’ पंजाब केसरी ‘तथा ‘ पंजाब का शेर’ नाम दिया गया। “देशभक्ति का निर्णाण न्याय और सत्य की दृढं चट्टान पर ही किया जा सकता है” “इंसान को सत्य की उपासना करते हुए सांसारिक लाभ पाने की चिंदा किए बिना साहसी और ईमानदार होना चाहिए” नेशनल बैंक की नींव भी इन्हीं के हाथों रखी गई जब साइमन कमीशन भारत आया उसके विरोध करते वक्त लाला लाजपत राय को पुलिस की लाठीचार्ज द्वारा बुरी तरह घायल कर दिया गया,इसी लाठीचार्ज की वजह से कुछ ही दिनों में उनकी मृत्यु हो गई। लाला लाजपत राय का प्रारंभिक जीवन- लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1835 ईस्वी को फिरोजाबाद जिले के गांव में हुआ था इनके पिता का नाम मुंशी राधा कृष्ण तथा माता जी का नाम गुलाब देवी था। मुंशी आजाद फारसी और उर्दू के एक महान और प्रसिद्ध विद्वान थे लाला जी की मां एक धार्मिक महिला जो धार्मिकता पर असीम आस्था रखती थी। • • Contents • • • • Lala Lajpat Rai Slogan In Hindi – लाला लाजपत राय पर स्लोगन लाला जी ने अपने बचपन में ही बेहतर शिक्षा के मूल्यों का आकलन किया जिसके कारण उनमें राजनैतिक शिक्षा का विकास होने लगा और उन्हें इस प्रकार की शिक्षा ने स्वतंत्रता की अनुमति दी। लाला लाजपत राय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल रेव...

Lala Lajpat Rai: Know The Inspiring Story of ‘Punjab Kesari’

लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) की गिनती भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों में होती है। उनका मानना था कि आजादी हाथ जोड़ने से नहीं मिलती है, बल्कि इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है। लोग उन्हें गर्व से ‘पंजाब केसरी’ भी कहते थे। लाला लाजपत राय ने आजादी की लड़ाई के लिए बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चन्द्र पाल के साथ मिलकर, गरम दल का गठन किया था। यही कारण है कि भारतीय इतिहास में लाल-बाल-पाल का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब के दुधिके (अब मोगा जिला) में हुआ था। उनके पिता राधा कृष्ण हाई स्कूल के शिक्षक थे। वह फारसी और उर्दू के बड़े जानकार थे। वहीं, उनकी माँ गुलाब देवी धार्मिक महिला थीं। लाजपत राय की प्रारंभिक पढ़ाई अपने पिता के स्कूल से ही हुई। फिर, उन्होंने 1880 में कानून की पढ़ाई के लिए लाहौर के सरकारी कॉलेज में दाखिला ले लिया। 1886 में उनका परिवार रहने के लिए हिसार आ गया और उन्होंने वहीं अपनी वकालत शुरू कर दी। लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) को लिखने और भाषण देने का काफी शौक था। स्कूली दिनों में ही उनकी मुलाकात आर्य समाज के संस्थापक फिर, देश में ब्रिटिश राज के अत्याचारों को देखते हुए उन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना योगदान देने का फैसला किया। इस दौरान उनकी मुलाकात लाल हंस राज और पंडित गुरु दत्त से हुई। वह आजादी के लिए कांग्रेस की नरम नीति के सख्त खिलाफ थे। इसी बीच, 1905 में तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने भारत में भेद-भाव को बढ़ावा देने के लिए, बंगाल का विभाजन कर दिया। जिसका लाजपत राय ने हालांकि, भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड मिंटो ने देखा कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं, तो लाजपत राय को भारत आने की अनुमति दी गई। इसके बाद उन...

Lala Lajpat Rai

Lajpat Rai’s most important writings include The Story of My Deportation (1908), Arya Samaj (1915), The United States of America: A Hindu’s Impression (1916), England’s Debt to India: A Historical Narrative of Britain’s Fiscal Policy in India (1917), and Unhappy India (1928). This article was most recently revised and updated by

लाला लाजपत राय का जीवन परिचय

लाला लाजपत राय का जीवन परिचय ( Lala Lajpatrai Freedom Fighter Family, Education,Birth Details, Caste, Biography in Hindi) लाला लाजपत राय की छवि प्रमुखत: एक राष्ट्रवादी नेता के रूप में हैं और इसी के साथ यें देश की स्वतंत्रता के लिए किये गये संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका में थे,लेकिन वो एक लेखक, वकील,समाज-सुधारक और आर्य समाजी भी थे. ब्रिटिश शासन के खिलाफ दिए जाने वाले शक्तिशाली भाषणों और अपनी देशभक्ति के कारण उन्हें ‘पंजाब केसरी’ या “पंजाब के शेर” भी कहा जाता था. बचपन से ही वह अपने देश की सेवा करने की इच्छा रखतें थे और इसलिए उन्होंने इसे विदेशी शासन से मुक्त करवाने की प्रतिज्ञा ली थी. नाम (Name) लाला लाजपत राय पेशा (Occupation) स्वतंत्रता सेनानी,वकील,राजनीतिज्ञ जन्मदिन (Birth date) 28 जनवरी 1865 पिता (Father) मुंशी राधा कृष्णा आजाद माता (Mother) गुलाब देवी जन्मस्थान (Birth place) फिरोजपुर जिले में धुडिके गाँव में लालाजी के पिता मुंशी आज़ाद पर्सियन और उर्दू के ज्ञाता थे और उनकी माताजी भी एक धार्मिक महिला थी जिन्होंने अपने बच्चों में भी धर्म-कर्म की भावना को प्रेरित किया था, वास्तव में उनके पारिवारिक परिवेश ने ही उन्हें देशभक्ति का काम करने की प्रेरणा दी थी. लाला लाजपत राय की शिक्षा ( Education Details of Lala Lajpatrai) सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, रेवारी में लालाजी के पिता प्राध्यापक थे. इसी विद्यालय से इनका स्वयं का भी प्राथमिक अध्यन संपन्न हुआ था. इसके बाद 1880 में कानून का अध्ययन करने के लिए लाजपत राय ने लाहौर में सरकारी कॉलेज में एडमिशन ले लिया. 1884 में इनके पिता का रोहतक स्थानांतरण हो गया इस कारण उनके साथ यह स्वयं भी रोहतक शिफ्ट हो गए. लाहौर के सरकारी कॉलेज में विधि ...

लाला लाजपत राय जीवनी

आरम्भिक जीवन : लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को धुडिके ग्राम में (मोगा जिला, पंजाब) हुआ. उनके पिता धर्म से अग्रवाल थे. 1870 के अंत और 1880 के प्रारंभ में, जहा उनके पिता एक उर्दू शिक्षक थे तभी राय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रेवारी (तब का पंजाब, अभी का हरयाणा) के सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल से ग्रहण की. राय हिंदुत्वता से बहोत प्रेरित थे, और इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने राजनीती में जाने की सोची. (जब वे लाहौर में कानून की पढाई कर रहे थे तभी से वे हिंदुत्वता का अभ्यास भी कर रहे थे. उनके इस बात पर बहोत भरोसा था की हिंदुत्वता ये राष्ट्र से भी बढ़कर है. वे भारत को एक पूर्ण हिंदु राष्ट्र बनाना चाहते थे). हिंदुत्वता, जिसपे वे भरोसा करते थे, उसके माध्यम से वे भारत में शांति बनाये रखना चाहते थे और मानवता को बढ़ाना चाहते थे. ताकि भारत में लोग आसानी से एक-दुसरे की मदद करते हुए एक-दुसरे पर भरोसा कर सके. क्यूकी उस समय भारतीय हिंदु समाज में भेदभाव, उच्च-नीच जैसी कई कु-प्रथाए फैली हुई थी, लाला लाजपत राय इन प्रथाओ की प्रणाली को ही बदलना चाहते थे. अंत में उनका अभ्यास सफल रहा और वे भारत में एक अहिंसक शांति अभियान बनाने इ सफल रहे और भारत को स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के लिए ये बहोत जरुरी था. वे आर्य समाज के भक्त और आर्य राजपत्र (जब वे विद्यार्थी थे तब उन्होंने इसकी स्थापना की थी) के संपादक भी थे. राजनीतिक जीवन : लाला लाजपत राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तीन प्रमुख हिंदू राष्ट्रवादी नेताओं में से एक थे। वह लाल-बाल-पाल की तिकड़ी का हिस्सा थे। बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चन्द्र पाल इस तिकड़ी के दूसरे दो सदस्य थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में नरम दल (जिसका नेतृत्व पहले गोपाल कृष्ण गोखले...