Lenin ki mrityu kab hui

  1. मीराबाई के जीवन की खास बातें, सिर्फ कृष्ण नहीं, राम की भी भक्ति की
  2. शरद जोशी का जीवन परिचय, शिक्षा, कार्यरत, रचनाएं, कवि परिचय, सम्मान, निधन
  3. अयोध्याकाण्ड: राजा दशरथ की मृत्यु, राजा दशरथ की मृत्यु कब हुई? अयोध्यापति राजा दशरथ की मृत्यु कैसे हुई? (Sampurna Ramayan Katha Ayodhya Kand
  4. Gautam Budh
  5. Pandit Jawaharlal Nehru kaun hai ? Jawaharlal Nehru ka Jivan Parichay
  6. Vladimir Lenin
  7. [RIP] Lata Mangeshkar Ki Mrityu Kab Hui


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मीराबाई के जीवन की खास बातें, सिर्फ कृष्ण नहीं, राम की भी भक्ति की

जीवन मंत्र डेस्क. जीवन मंत्र डेस्क. मीरा बाई भगवान श्रीकृष्ण की सबसे बड़ी भक्त मानी जाती है। मीरा बाई ने जीवनभर भगवान कृष्ण की भक्ति की और कहा जाता है कि उनकी मृत्यु भी भगवान की मूर्ति में समा कर हुई थी। मीरा बाई की जयंती पर कोई ऐतिहासिक रिकॉर्ड तो नहीं हैं, लेकिन हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन को मीराबाई की जयंती के रूप में मनाया जाता है। मीरा बाई के जीवन से जुड़ी कई बातों के को आज भी रहस्य माना जाता है। गीताप्रेस गोरखपुर की पुस्तक भक्त-चरितांक के अनुसार मीरा बाई के जीवन और मृत्यु से जुड़ी कुछ बातें बताई गई हैं। • मीराबाई जोधपुर, राजस्थान के मेड़वा राजकुल की राजकुमारी थीं। मीराबाई मेड़ता महाराज के छोटे भाई रतन सिंह की एकमात्र संतान थीं। मीरा जब केवल दो वर्ष की थीं, उनकी माता की मृत्यु हो गई। इसलिए इनके दादा राव दूदा उन्हें मेड़ता ले आए और अपनी देख-रेख में उनका पालन-पोषण किया। मीराबाई का जन्म 1498 के लगभग हुआ था। मीराबाई के जीवन की महत्वपूर्ण बातें • तुलसीदास के कहने पर की राम की भक्ति इतिहास में कुछ जगह ये मिलता है कि मीरा बाई ने तुलसीदास को गुरु बनाकर रामभक्ति भी की। कृष्ण भक्त मीरा ने राम भजन भी लिखे हैं, हालांकि इसका स्पष्ट उल्लेख कहीं नहीं मिलता है, लेकिन कुछ इतिहासकार ये मानते हैं कि मीराबाई और तुलसीदास के बीच पत्रों के जरिए संवाद हुआ था। माना जाता है मीराबाई ने तुलसीदास जी को पत्र लिखा था कि उनके घर वाले उन्हें कृष्ण की भक्ति नहीं करने देते। श्रीकृष्ण को पाने के लिए मीराबाई ने अपने गुरु तुलसीदास से उपाय मांगा। तुलसी दास के कहने पर मीरा ने कृष्ण के साथ ही रामभक्ति के भजन लिखे। जिसमें सबसे प्रसिद्ध भजन है पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। • बचपन से ही...

शरद जोशी का जीवन परिचय, शिक्षा, कार्यरत, रचनाएं, कवि परिचय, सम्मान, निधन

शरद जोशी का जीवन परिचय शरद जोशी का जन्म 21 मई 1931 को मध्यप्रदेश के उज्जैन में हुआ था। आपके पिता का नाम श्रीनिवास जोशी व माता का नाम शांति जोशी था। आप एक कर्मकांडी ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे।प्रसिद्ध व्यंग्यकार शरद जोशी जीवन की विसंगतियों पर करारा प्रहार करते हुए व्यंग्यकार समाज को सही दिशा दी हैं। शरद जोशी का जीवन परिचय जन्मतिथि 21 मई 1931 को जन्म स्थान मध्यप्रदेश के उज्जैन में पिता का नाम श्रीनिवास जोशी माता का नाम शांति जोशी पत्नी का नाम इरफाना सिद्दीकी रचनाएं परिक्रमा (1988), मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएं (1980), किसी बहाने (1971), जादू की सरकार (1993), तिलिस्म (1973), जीप पर सवार इल्लियां (1971) आदि। पुरस्कार चकल्लस सम्मान’ (1983), भारत सरकार का पदम श्री (1990), काका हाथरसी सम्मान, इंदौर में मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा ‘सारस्वत मार्तंड’ सम्मान। मृत्यु 5 सितंबर 1991 को विवाह शरद जोशी एक कर्मकांडी ब्राह्मण परिवार से थे‌। आपका परिवार एक कट्टर सनातनी प्रवृत्ति वाला था। जोशी जी की मुलाकात इंदौर में इरफाना सिद्दीकी से हुई। इरफाना से प्रेम प्रसंग के बाद आपने इरफाना से शादी कर ली। आपका परिवार को दूसरे धर्म की स्त्री से आपका विवाह बिल्कुल भी स्वीकृत नहीं था। उस समय देश में संप्रदायिकता अपने उच्च सीमा पर थी। तभी आपने एक अन्य धर्म की स्त्री से विवाह करके धर्मनिरपेक्षता व स्वतंत्र विचारों का परिचय दिया। कार्यरत शरद जोशी जी ने मध्य प्रदेश सरकार की सूचना विभाग में कार्य किया था। बाद में आपने लेखन कार्य के कारण सूचना व प्रकाशन विभाग के पद को छोड़ दिया था। आपने नई दुनिया, नवभारत टाइम्स के लिए लेखन कार्य किया। इंदौर में अपने समाचार पत्रों व आकाशवाणी रेडियो के लिए लेखन क...

अयोध्याकाण्ड: राजा दशरथ की मृत्यु, राजा दशरथ की मृत्यु कब हुई? अयोध्यापति राजा दशरथ की मृत्यु कैसे हुई? (Sampurna Ramayan Katha Ayodhya Kand

राजा दशरथ की मृत्यु, राजा दशरथ की मृत्यु कब हुई श्रवण कुमार के वृत्तान्त को समाप्त करने के पश्चात् राजा दशरथ ने कहा, कौशल्ये! मेरा अन्तिम समय अब निकट आ चुका है, मुझे अब इन नेत्रों से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा। राम को अब मैं कभी नहीं देख सकूँगा। मेरी समस्त इन्द्रियाँ मुझसे विदा हो रही हैं। मेरी चेतना शून्य हो रही है। हा राम! हा लक्ष्मण! हा पुत्र! हा सीता! हाय कुलघातिनी कैयेयी! कहते कहते राजा दशरथ की वाणी थम गई, श्वास उखड़ गये और उनके प्राण पखेरू उड़ गये। उनके प्राण निकलते ही रानी कौसल्या पछाड़ खाकर भूमि पर गिर पड़ीं। सुमित्रा आदि रानियाँ तथा अन्य स्त्रियाँ भी सिर पीट-पीट कर विलाप करने लगीं। समस्त अन्तःपुर में करुणाजनक क्रन्दन गूँजने लगा। सदैव सुख-समृद्धि से भरे रहने वाला राजप्रासाद दुःख का आगार बन गया। चैतन्य होने पर कौसल्या ने अपने पति का मस्तिष्क अपनी जंघाओं पर रख लिया और विलाप करते हुये बोली, हा दुष्ट कैकेयी! तेरी कामना पूरी हुई। अब तू सुखपूर्वक राज्य-सुख को भोग। पुत्र से तो मैं पहले ही विलग कर दी गई थी, आज पति से भी वियोग हो गया। अब मेरे लिये जीवित रहने का कोई अर्थ नहीं रहा। कैकेय की राजकुमारी ने आज कोसल का नाश कर दिया है। मेरे पुत्र और पुत्रवधू अनाथों की भाँति वनों में भटक रहे हैं। अयोध्यापति तो हम सबको छोड़कर चले गये, अब मिथिलापति भी सीता के दुःख से दुःखी होकर अधिक दिन जीवित नहीं रह पायेंगे। हा कैकेयी! तूने दो कुलों का नाश कर दिया। कौसल्या महाराज दशरथ के शरीर से लिपटकर फिर मूर्छित हो गई। प्रातःकाल होने पर रोते हुये मन्त्रियों ने राजा के शरीर को तेल के कुण्ड में रख दिया। राम के वियोग से पूर्व में ही पीड़ित अयोध्यावासियों को महाराज की मृत्यु के समाचार ने और भी दुःखी बना दिया। ...

Gautam Budh

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • आज के आर्टिकल में हम गौतम बुद्ध की पूरी जानकारी (Gautam Budh) प्राप्त करेंगे। जिसमें हम गौतम बुद्ध का जन्म कहाँ हुआ था (Gautam Buddh Ka Janm Kahan Hua Tha), गौतम बुद्ध का बचपन (Gautam Budh Ka Bachpan), गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति (Gautam Buddha Ko Gyan Ki Prapti), गौतम बुद्ध के उपदेश (Gautam Buddha Updesh in Hindi), गौतम बुद्ध से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण प्रश्न (Gautam Buddha ke Question) भी पढ़ेंगे। गौतम बुद्ध की पूरी जानकारी – Gautam Budh महात्मा बुद्ध का जीवन परिचय – Mahatma Budh Ka Jeevan Parichay जन्म – 563 ईसा पूर्व जन्मस्थान (Gautam Buddha Ka Janam Sthan) – नेपाल की तराई में स्थित कपिलवस्तु लुम्बिनी ग्राम मृत्यु – 483 ईसा पूर्व मृत्युस्थान – कुशीनारा (मल्ल गणराज्य) जन्म वंश – शाक्य बचपन का नाम – सिद्धार्थ पिता – शुद्धोधन माता – महामाया पालन-पोषण वाली विमाता – मौसी महाप्रजापति गौतमी पत्नी – यशोधरा पुत्र – राहुल सारथी – चन्ना गृह त्याग – 29 वर्ष की आयु ज्ञान प्राप्ति की अवस्था – 35 वर्ष की आयु ज्ञान प्राप्ति का स्थान – बोधगया (बिहार) ज्ञान-प्राप्ति के बाद नाम – गौतम बुद्ध, महात्मा बुद्ध, तथागत प्रथम गुरु – अलार कलाम (वैशाली) द्वितीय गुरु – उद्धालक रामपुत्त (राजगृह) सबसे प्रिय शिष्य – उपालि प्रथम उपदेश – सारनाथ (ऋषिपत्तनम) सर्वाधिक उपदेश – श्रावस्ती अंतिम उपदेश – पावा या पावापुरी (बिहार) गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ था – Gautam Buddh Ka Janm Kab Hua Tha • भारतीय और सिंहली (श्रीलंका) परम्परा के अनुसार बुद्ध का जन्म 563 ई.पू. में हुआ। • सिंहली परम्परा के अनुसार महात्मा बुद्ध का जन्म 624 ई. पू. में माना...

Pandit Jawaharlal Nehru kaun hai ? Jawaharlal Nehru ka Jivan Parichay

Hello friend, Friend aaj ke is article Mein, ham janenge Pandit Jawaharlal nehru ji kaun hai, Iske saath mein. Itihaas ke Mahan Aise Purush ke bare mein, Jo Aaj Bhi Itihas ke panno mein chhape hue hai. Aur Hamesha chhape Hue Rahenge, Dosto Inka jikr Har Jagah per hota hai, Hamesha Hota Rahega, Inka naam hai, Pandit Jawaharlal ji is article Mein aage, Ham janenge ki Jawaharlal Nehru ka Janm kab hua tha, Aur Jawaharlal Nehru ji ki Mrityu kab Hui, Jawahar lal Nehru Kyo prasiddh hai. Aur Jawaharlal Nehru kitne padhe likhe the, Yah sab Kuchh padenge, Aur iske sath mein Ham yah Bhi janenge ki, Jawaharlal Nehru ji Pradhanmantri bane the, To kab se Bane Bane. Aur kab tak Pradhan mantri rahe the, Aur Sabse Badi Baat yah hai. ki Ham Pandit Jawaharlal ji Ne Bharat ke liye kya yogdan Diya Hai. Yah bhi janenge. To Chaliye start Karte Hai, Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • Jawaharlal Nehru kaun hai ? Dosto Jawaharlal Nehru ji, Ek bharatwasi hai, Aur Bharat Desh ke bete Hai, Jinka Janm Bharat Desh Mein hua hai, Aur unhone Apna pura Jivan Bharat Desh Ke Liye Hi Kurban kar diya hai, Jawaharlal Nehru ji, Hamesha garibo ke bare mein. Socha Karte The, Aur Hamesha dusro ki madad Kiya Karte The, Aur Sabse Badi Baat To yah hai, ki Jawaharlal Nehru ji Hamare Desh Ke Pradhanmantri bhi Rahe chuke hai, Yani ke jawaharlal naheru ji hamre desh ke pardhanmantri bhi hai, Jawaharlal Nehru ka Janm Kab Hua ? Desh ke Mahan Purush Jawaharlal Nehru ka Janm 14 November 1889 mein hua tha, Aur unke g...

Vladimir Lenin

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[RIP] Lata Mangeshkar Ki Mrityu Kab Hui

जानिए Lata Mangeshkar Ki Mrityu Kab Hui in hindi. महान गायिका लता मंगेशकर का 06 February 2022 , 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अनुभवी गायिका को इस साल जनवरी की शुरुआत में शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब उन्होंने कोविड -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया था और उन्हें निमोनिया भी हो गया था। 28 जनवरी के आसपास, सुधार के मामूली लक्षण दिखाने के बाद, उसे वेंटिलेटर से हटा दिया गया था। हालांकि, 5 फरवरी को लता मंगेशकर की हालत बिगड़ गई और वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर वापस आ गईं। Lata Mangeshakar Ka Nidhan राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि यह खबर “मेरे लिए दिल तोड़ने वाली है, क्योंकि यह दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है” और कहा कि उनके गीतों में “पीढ़ियों ने अपनी अंतरतम भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई”। इस बीच, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मंगेशकर की मृत्यु ने “हमारे देश में एक शून्य छोड़ दिया है जिसे भरा नहीं जा सकता”। बॉलीवुड के कई सितारों ने भी शोक जताया है. अभिनेत्री हेमा मालिनी ने कहा कि वह “भाग्यशाली” हैं कि उन्होंने मंगेशकर द्वारा गाए गए कई गीतों पर प्रदर्शन किया। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “उनके जैसा कोई नहीं गा सकता, वह बहुत खास थीं। उनका निधन बहुत दुखद है।” 28 सितंबर 1929 को मध्य भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मी, उन्होंने पांच साल की उम्र में अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर से संगीत सीखना शुरू किया, जो थिएटर की दुनिया में सक्रिय थे। अपने पिता की मृत्यु के बाद, परिवार मुंबई चला गया जहाँ एक किशोर मंगेशकर ने मराठी फिल्मों के लिए गाना शुरू किया। उसने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए कुछ फिल्मों में भी भूमिकाएँ निभाईं, लेकिन बाद में कहा कि उसका दिल उस...