लिखित में हनुमान चालीसा

  1. श्री हनुमान चालीसा हिंदी लिरिक्स
  2. बजरंग बाण लिखित में: हनुमान जी की शक्तिशाली प्रार्थना पाठ
  3. हनुमान चालीसा लिरिक्स लिखित सम्पूर्ण
  4. Hanuman Chalisa: जानिए श्री हनुमान चालीसा के बारे में सबकुछ
  5. Hanuman Chalisa Hindi Lyrics PDF Download
  6. Hanuman Chalisa in Marathi
  7. शुद्ध गोस्वामी तुलसीदास हनुमान चालीसा (correct hanuman chalisa)
  8. हनुमान चालीसा हिंदी में, हनुमान चालीसा


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श्री हनुमान चालीसा हिंदी लिरिक्स

राम दूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।।२।। महाबीर बिक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी।।३।। कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुंडल कुँचित केसा।।४।। हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे, काँधे मूँज जनेऊ साजे।।५।। शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जगवंदन।।६।। विद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर।।७।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मनबसिया।।८।। सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा।।९।। भीम रूप धरि असुर सँहारे, रामचंद्र के काज सवाँरे।।१०।। लाय सजीवन लखन जियाए, श्री रघुबीर हरषि उर लाए।।११।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरत सम भाई।।१२।। सहस बदन तुम्हरो जस गावै, अस कहि श्रीपति कंठ लगावै।।१३।। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद सारद सहित अहीसा।।१४।। जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते, कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।।१५।। तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा, राम मिलाय राज पद दीन्हा।।१६।। तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना, लंकेश्वर भये सब जग जाना।।१७।। जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू।।१८।। प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही, जलधि लाँघि गए अचरज नाही।।१९।। दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।२०।। राम दुआरे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे।।२१।। सब सुख लहैं तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहु को डरना।।२२।। आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हाँक तै कापै।।२३।। भूत पिशाच निकट नहि आवै, महावीर जब नाम सुनावै।।२४।। नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा।।२५।। संकट तै हनुमान छुडावै, मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।२६।। सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा।।२७।। और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै।।२८।। चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध ज...

बजरंग बाण लिखित में: हनुमान जी की शक्तिशाली प्रार्थना पाठ

बजरंग बाण लिखित में एक अत्यंत प्रभावशाली पौराणिक पाठ है जिसमें हमें अनंत शक्ति और स्थायित्व के बारे में सिखाया जाता है। बजरंग बाण पाठ हिंदी संस्कृति में गहरे मान्यताओं के साथ जुड़ा हुआ है और लोग इसे सच्चे मन से मानते हैं। बजरंग बाण, हिन्दू धर्म में एक प्रसिद्ध मंत्र है जिसे भगवान हनुमान के शक्तिशाली बाण के रूप में जाना जाता है। यह मंत्र स्कंद पुराण में प्रकट हुआ है और इसे श्रवण करने और पाठ करने का विशेष महत्व है। इसलिए, इस लेख में हम बजरंग बाण लिखित में पड़ेंगे और साथ में बजरंग बाण के बारे विस्तार रूप में जानेंगे। जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥ जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥ बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥ अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥ लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥ अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥ जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥ जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥ ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥ ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥ जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥ बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥ भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥ इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥ सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥ जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥ पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥ बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥ जनकसुता हरि दास कहावौ। ता...

हनुमान चालीसा लिरिक्स लिखित सम्पूर्ण

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Hanuman Chalisa: जानिए श्री हनुमान चालीसा के बारे में सबकुछ

• श्री हनुमान चालीसा से जुड़े रोचक तथ्य • हनुमान चालीसा लिरिक्स – हिंदी में • श्री हनुमान चालीसा MP3 Song • श्री हनुमान अमृतवाणी – विडियो • श्री हनुमान चालीसा – अंग्रेजी में • श्री हनुमान चालीसा रिंगटोन डाउनलोड • श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स विडियो 1. हनुमान चालीसा से जुड़े रोचक जानकारियां आइए दोस्तों अब श्री हनुमान चालीसा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं । आइए जानते हैं इस के बारे में हम क्या क्या जानेंगे :- A. हनुमान चालीसा क्या है ? B. इस का पाठ कब करना चाहिए ? C. हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें, कितने बार करें ? D. हनुमान चालीसा का फल क्यों नहीं मिलता है ? E. हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या नुक़सान होता है ? F. क्या लड़कियां हनुमान चालीसा का पाठ कर सकती हैं, महिलाएं इस का पाठ कैसे करें ? A. हनुमान चालीसा क्या है ? हनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखित काव्य रचना है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने इसकी रचना अवधि भाषा में किया है। इस की संपूर्ण रचना में तीन दोहे व चालीस चौपाई है। तीनों दोहे स्तुति रुप में है। हनुमान चालीसा में चालीसा शब्द का अभिप्राय चालीस चौपाइयों से है। हनुमान चालीसा के संपूर्ण रचना में श्री हनुमान जी की स्तुति, भावपूर्ण वंदना व हनुमान जी के शौर्य, पराक्रम का वर्णन मिलता है। इसमें उनके महिमा व महानता का वर्णन किया गया है। हनुमान चालीसा का नियमित पूर्ण श्रद्धा के साथ पाठ करने से मनुष्य के जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन देखने को मिलता है। कलयुग में हनुमान चालीसा को सबसे शक्तिशाली माना जाता है। ‌हनुमान चालीसा को दुनिया में सबसे ज्यादा बार पढ़ी जाने वाली पुस्तिका माना गया है। B. हनुमान चालीसा का पाठ कब करना चाहिए ? हनुमान चालीसा का पाठ कब करना ...

Hanuman Chalisa Hindi Lyrics PDF Download

Hanuman Chalisa Hindi Lyrics दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥ राम दूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥ कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुंडल कुँचित केसा॥४॥ हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे काँधे मूँज जनेऊ साजे॥५॥ शंकर सुवन केसरी नंदन तेज प्रताप महा जगवंदन॥६॥ विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर॥७॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मनबसिया॥८॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा विकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे रामचंद्र के काज सवाँरे॥१०॥ लाय सजीवन लखन जियाए श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥११॥ रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥ सहस बदन तुम्हरो जस गावै अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥१३॥ सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥ तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥ तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना लंकेश्वर भये सब जग जाना॥१७॥ जुग सहस्त्र जोजन पर भानू लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥१८॥ प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥१९॥ दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥ राम दुआरे तुम रखवारे होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥ सब सुख लहैं तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहु को डरना॥२२॥ आपन तेज सम्हारो आपै तीनों लोक हाँक तै कापै॥२३॥ भूत पिशाच निकट नहि आवै महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥ नासै रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥ संकट ...

Hanuman Chalisa in Marathi

आपण गुगल वर जाऊन हनुमान चालीसा विषयी माहिती मिळवण्याचा प्रयत्न केला नसेल आणि आमच्या या वेबसाईट वर आला असल तर आम्ही तुमचे मनापासून स्वागत करतो आपण देखील आमच्यासारखे हनुमान भक्त आहात यावरून सिद्ध होते तर आपण पण आज या पोस्टमध्ये बघणार आहोत हनुमान चालीसा मराठी (Hanuman Chalisa in Marathi ) हनुमान हे खुप बुद्धिवान पान आणि चंचल तसेच सर्व देवांकडून त्यांना खूप सारे वरदान मिळाल्या असल्या कारण आणि त्यांचे बल देखील खूप होते Hanuman Chalisa in Marathi | हनुमान चालीसा मराठी [ pdf लिखित अर्थ पुस्तक ] श्री हनुमान चालीसा ॥ दोहा॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार । बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥ हनुमान चालीसा ॥ चौपाई ॥ ॥ चौपाई ॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥०१॥ राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनी-पुत्र पवनसुत नामा ॥०२॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी ॥०३॥ कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा ॥०४॥ हाथ बज्र और ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै ॥०५॥ संकर सुवन केसरी नंदन । तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥०६॥ बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥०७॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया ॥०८॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥०९॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे। रामचन्द्र के काज सँवारे ॥१०॥ लाय संजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥११॥ रघुपति किन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ॥१३॥ सनकादिक ब्रम्हादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपा...

शुद्ध गोस्वामी तुलसीदास हनुमान चालीसा (correct hanuman chalisa)

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हनुमान चालीसा हिंदी में, हनुमान चालीसा

श्री हनुमान चालीसा | हनुमान चालीसा पाठ | हनुमान चालीसा लिखित में – || दोहा || श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। || चौपाई || जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा।। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूंज जनेऊ साजै। संकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।। विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।। भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।। जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।। तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेस्वर भए सब जग जाना।। जुग सहस्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।। प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।। दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।। राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।। सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना।। आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।। भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।। संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।। सब पर राम...