लक्ष्मी माता की आरती लिखी हुई

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  2. श्री लक्ष्मी जी की आरती । Laxmi Ji Ki Aarti
  3. laxmi ji ki aarti om jai laxmi mata goddess of wealth is pleased with this aarti must read after worship tvi
  4. Laxmi Ji Ki Aarti : ॐ जय लक्ष्मी माता… इस आरती को गाकर धन की देवी को करें प्रसन्न


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श्री लक्ष्मी जी की आरती । Laxmi Ji Ki Aarti

जिस जगह की नया व्यापार शुरू किया जाता है उस जगह प्रतिदिन महालक्ष्मी जी की आरती होती है हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की मान्यता है कि मां लक्ष्मी की आरती करने से उनका व्यापार फलता फूलता है। महालक्ष्मी की आरती दीपावली के दिन विशेष तौर पर की जाती है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि दीपावली के दिन अगर कोई मां लक्ष्मी की पूजा करता है तो उसका घर से सब कष्ट, दरिद्रता दूर हो जाती है और सबकी मनोकामना पूर्ण होती है। विषय-सूची 1 • • Laxmi Ji ki Aarti in Hindi ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता। उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय। Laxmi Ji ki Aarti in Hindi Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics Om Jai Laxmi Mata, Maiya Jai Laxmi Mata. Tumako Nishidin Sevat, Hari Vishnu Vidhata. Om Jai Laxmi Maata. Uma, Rama, Brahmaani, Tum Hee Jag-Mata. Soory-Chandrama Dhyaavat, Naarad Rsh...

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Laxmi Ji Ki Aarti:ओम जय लक्ष्मी माता... इस आरती से प्रसन्न होती हैं धन की देवी, पूजा के बाद जरूर पढ़ें शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा में स्तुति, स्तोत्र और चालीसा के साथ माता की आरती जरूर करें. कहा जाता है कि पूजा के दौरान यदि माता लक्ष्मी की आरती नहीं की गई तो पूजा अधूरी रह जाती है. यहां देखें मां लक्ष्मी की आरती... Laxmi Ji Ki Aarti: माता लक्ष्मी की पूजा में स्तुति, स्तोत्र और चालीसा के साथ माता की आरती जरूर करें. कहा जाता है कि पूजा के दौरान यदि माता लक्ष्मी की आरती नहीं की गई तो पूजा अधूरी रह जाती है और इस पूजा का पूरा लाभ नहीं मिलता है. माता लक्ष्मी की सही विधि से यह आरती करने से पूजा में हुए दोष दूर हो जाते हैं और घर धन धान्य से भर जाता है. ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु...

Laxmi Ji Ki Aarti : ॐ जय लक्ष्मी माता… इस आरती को गाकर धन की देवी को करें प्रसन्न

Laxmi Aarti And Chalisa : हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इनकी पूजा से घर में बरकत आती है। पौराणिक आख्यानों के मुताबिक देवी लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। माना जाता है कि लक्ष्मी की जिस घर में कृपा रहती है वहां हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है। मां को प्रसन्न करने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं। लेकिन आप धन की देवी मां लक्ष्मी को इनकी आरती उतार कर और चालीसा का पाठ करके प्रसन्न कर सकते हैं। लक्ष्मी की पूजा के बाद आरती जरूरी माना जाता है तभी पूरा फल प्राप्त होता है। लक्ष्मी माता की आरती (Laxmi Ji Ki Aarti) : उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय… तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता॥ ॐ जय… तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता॥ ॐ जय… जिस घर तुम रहती, तहं सब सद्गुण आता। सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता॥ ॐ जय… तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता। खान-पान का वैभव सब तुमसे आता॥ ॐ जय… शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता॥ ॐ जय… महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता। उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता॥ ॐ जय…