लक्षणा शब्द शक्ति के उदाहरण

  1. शब्द शक्ति In Hindi Grammar
  2. शब्द शक्ति से संबधित प्रश्न
  3. शब्द शक्ति : परिभाषा, भेद और उदाहरण
  4. Shabd Shakti in Hindi (Examples) [शब्द – शक्ति : शुद्धा, गौणी , सारोपा, रुढ़ा, उपादान, लक्षण, साध्यवसान, प्रयोजनवती लक्षणा ]
  5. [Solved] 'लक्षणा' शब्द शक्ति �
  6. लक्षणा शब्द शक्ति की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
  7. शब्दशक्ती मराठी व्याकरण


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शब्द शक्ति In Hindi Grammar

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शब्द शक्ति से संबधित प्रश्न

लक्षणा शब्द शक्ति के कितने भेद हैं , कौन सी शब्द शक्ति ध्वनि पर आधारित होती है , देवदत्त चौकन्ना हो गया में कौन सी शब्द शक्ति है , शब्द के मूल में क्या निहित होती है, शब्द शक्ति pdf , शब्द शक्ति के प्रश्न उत्तर , शब्द शक्ति किसे कहते हैं एक उदाहरण , शब्द शक्ति का एक उदाहरण , व्यंजना शब्द शक्ति का उदाहरण , अभिधा शब्द शक्ति के उदाहरण , लक्षणा शब्द शक्ति का उदाहरण , शब्द शक्ति किसे कहते हैं उदाहरण , शब्द शक्ति से संबधित प्रश्न , शब्द शक्ति से संबधित प्रश्न 5.) साक्षात संकेतित’ कहते हैं [A] अभिधा को [B] लक्षणा को [C] व्यंजना को [D] इनमे से कोई नहीं Answer :- A 6.) किसे ‘शब्द की प्रथमा शक्ति ‘ कहा जाता है [A] अभिधा को [B] लक्षणा को [C] व्यंजना को [D] अलंकार को Answer :- A 7.) बैल खड़ा है इस वाक्य में प्रयुक्त शब्द ‘बैल’ में कौन-सी शब्द-शक्ति पायी जाती है [A] अभिधा [B] लक्षणा [C] व्यंजना [D] छंद Answer :- A 8.) लक्षणा की शर्तों की संख्या है [A] एक [B] दो [C] तीन [D] चार Answer :- C यह भी पढ़े : माइटोकोंड्रिया क्या है 9.) निम्नलिखित में से कौन लक्षणा की शर्तों में शामिल नहीं है [A] मुखार्थ में बाधा [B] मुख्यार्थ एवं लक्ष्यार्थ में संबंध [C] रूढ़ या प्रयोजन [D] व्यंग्यार्थ Answer :- D 10.) जहाँ मुख्यार्थ की बाधा होने पर रूढ़ या प्रयोजन के कारण मुख्यार्थ से संबंद्ध एनी अर्थ लक्षित हो, वहाँ शब्द-शक्ति होती है [A] अभिधा [B] लक्षणा [C] व्यंजना [D] तात्पर्या Answer :- B 11.) अनिल ने सुनील से कहा तुम बैल हो |’ इस वाक्य में प्रयुक्त शब्द ‘बैल’ में कौन-सी शब्द शक्ति है [A] अभिधा [B] लक्षणा [C] व्यंजना [D] तात्पर्या Answer :- B 12.) मुहावरों और लोकोक्तियों में जिसशब्द-शक्ति के जरिये अर्थ ग्रहण...

शब्द शक्ति : परिभाषा, भेद और उदाहरण

शब्दशक्ति– Shabd Shakti Kise Kahate Hain शब्दशक्तिसेअभिप्राय—शब्दअपनाएकनिर्धारितअर्थनहींरखते।शब्दोंकाअलग-अलगसंदर्भोंमेंजबप्रयोगकियाजाताहै, तोउनकेअलग-अलगअर्थनिकलतेहैं। इसअलगअर्थकाज्ञानकरानेवालीशक्तिही शब्दशक्तिकहलातीहै। शब्दशक्तियोंकेभेदवउदाहरण–संस्कृतकेप्रसिद्धआचार्यमम्मटनेअपनीपुस्तक‘काव्यप्रकाश’केद्वितीयउल्लासमेंशब्दार्थस्वरूपनिर्णयकेअंतर्गततीनप्रकारकेशब्दवतीनप्रकारकीशब्दशक्तियांमानीजोनिम्नप्रकारहैं– [table id=10 /] इनमेंवाचकशब्दमुख्यार्थकाबोधकहोताहै।इसीलिएसबसेपहलेउसेरखागयाहै।लक्षक (लाक्षणिक) शब्दवाचकशब्दकेऊपरआश्रितरहताहै। इसलिएवाचककेबादलाक्षणिकशब्दकास्थानरहताहै।व्यंजकशब्दइनदोनोंकीअपेक्षारखताहै।इसीलिएउसकोतीसरेस्थानपररखागयाहै। शब्दशक्तिकेभेद– Shabd Shakti Ke Bhed in Hindi Grammar हिन्दीव्याकरणकेशब्दशक्तिकेनिम्नलिखिततीनभेदहोतेहैं– (1) अभिधाशक्ति, (2) लक्षणाशक्ति (3) व्यंजनाशक्ति 1 . अभिधाशब्दशक्ति अभिधाशब्दशक्तिसेतात्पर्यहै–शब्दकोसुनने/पढ़नेकेबादश्रोता (पाठक) कोशब्दकोलोकप्रसिद्धअर्थतुरंतप्राप्तहोना।वाक्यमेंअभिधा जैसे–परमरम्यआरामयहँ, जोरामहिंसुखदेत। यहाँ‘आराम’शब्दकाअर्थबगीचीहै।यहप्रकरणजनककीपुष्पवाटिकाप्रसंगसेहै।‘घोड़ाचररहाहै’इसवाक्यमेंघोड़ाशब्दअपनेमुख्यअर्थकाहीज्ञानकरारहाहैअतःइसवाक्यशब्दमेंअभिधाशब्दशक्तिहीकामकररहीहै। वाक्य/वाच्य/अभिधाशब्दकेतीनप्रकार– (क.) यौगिकशब्द–जिनशब्दोंकीव्युत्पत्तिहोतीहै। (ख.) रूढ़शब्द–इन्हेंखंडितनहींकियाजासकता। (ग.) योगरूढ़–दोशब्दों/शब्दांशोंकेयोगसेहुईरचना, येसामान्यअर्थकोछोड़विशेषअर्थबतातेहैं। उदाहरण– दैनिकजीवनमेंलोकव्यवहारहेतुप्रायःअभिधाशक्तिकाहीप्रयोगकियाजाताहै।यथा– मोहनपढ़रहाहै। सीतागारहीहै। बकरीचलरहीहै। उपयुक्तवाक्योंमेंमुख्यार्थहीप्रधानहै।अतःअभिधाशक्...

Shabd Shakti in Hindi (Examples) [शब्द – शक्ति : शुद्धा, गौणी , सारोपा, रुढ़ा, उपादान, लक्षण, साध्यवसान, प्रयोजनवती लक्षणा ]

शब्द के अर्थ का बोध कराने वाली शक्ति को‘ शब्दशक्ति’ कहते हैं | शब्दशक्ति शब्द के अर्थ का बोध कराने का व्यापार है | शब्द के तीन प्रकार होते हैं– वाचक शब्द ,लक्षक शब्द ,व्यंजक शब्द अर्थ तीन प्रकार के होते हैं– वाच्यार्थ ,लक्ष्यार्थ ,व्यंग्यार्थ शब्द और अर्थ के अनुसार शब्दशक्तियाँ भी तीन होती हैं– अभिधा ,लक्षणा औरव्यंजना | साक्षात् सांकेतित अर्थ (मुख्यार्थ या वाच्यार्थ) को प्रकट करने वाली शब्दशक्ति अभिधा शब्दशक्ति कहलाती है | इसे‘प्रथमा’ एवं‘अग्रिमा’ शक्ति भी कहते हैं | मुख्यार्थ की बोधिका होने के अतिरिक्त यह शक्ति पद और पदार्थ के पारस्परिक संबंध का भी ज्ञान कराती है | जैसे– गाय दूध देती है | मोहन पढ़ता है | आचार्य मम्मट के अनुसार – स मुख्योऽर्थस्तत्र मुख्यो व्यापारोऽस्याभिधोच्यते | अभिधा शब्द शक्ति से जिन शब्दों का अर्थ बोध होता है ; वे तीन प्रकार के होते हैं– 1 रूढ़ 2 यौगिक 3 योगरूढ़ 1. रूढ़ शब्द– जिन शब्दों के खंड न हो , सम्पूर्ण शब्दों का एक ही अर्थ प्रकट हो , उन्हें रूढ़ शब्द कहते हैं | जैसे– पेड़ , हाथी , मेज , कलम आदि | 2. यौगिक शब्द– प्रत्यय ,कृदन्त , समास इत्यादि के संयोग से बने वे शब्द , जो समुदाय के अर्थ का बोध कराते हैं , उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं | जैसे– महेश , दिवाकर , पाठशाला आदि | 3. योगरूढ़ शब्द – जो शब्द यौगिक की प्रक्रिया से बने हों किन्तु उनका एक निश्चित अर्थ रूढ़ हो गया हो , उन्हें योगरूढ़ शब्द कहते हैं | जैसे– जलज , गणनायक इत्यादि | ध्यान रखने योग्य बातें 1. सारोपा लक्षणा– जब किसी पद में उपमेय और उपमान दोनों का शब्द द्वारा निर्देश करते हुए अभेद बतलाया जाता है , वहाँ सारोपा लक्षणा होती है | जैसे– उदित उदयगिरि मंच पर रघुवर बाल पतंग | यहाँ उदयगिरि रूपी मंच पर राम र...

[Solved] 'लक्षणा' शब्द शक्ति �

'लक्षणा' शब्द शक्ति का भेद 'शाब्दी'नही है । 'शाब्दी' व्यंजना शब्द शक्ति का भेद है। Key Points • जहाँ अनेकार्थक शब्दों का प्रयोग हो, वहाँ 'शाब्दी व्यंजना' होती है। • अनेकार्थक शब्द के अर्थ का निश्चय 14 आधारों में से किसी एक या अधिक आधार पर किया जाता है- संयोग, असंयोग, साहचर्य, विरोध, अर्थ, प्रकरण, लिंग, अन्य-सन्निधि (वक्ता व श्रोता के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति), सामर्थ्य, औचित्य, देश, काल, व्यक्ति और काकु (स्वर विकार) । • शाब्दी व्यंजना के दो भेद हैं- • अभिधामूला एवं लक्षणामूला। Additional Information • लक्षणा शब्द शक्तिमें विशिष्ट अर्थ की प्रतीकों के माध्यम से प्रतीति होती है। ​ शब्द शक्ति- शब्द शक्ति का अर्थ है-शब्द की अभिव्यंजक शक्ति। शब्द का कार्य किसी अर्थ की अभिव्यक्त तथा उसका बोध करता होता है। इस प्रकार शब्द एवं अर्थ का अभिन्न सम्बन्ध है। शब्द एवं अर्थ का सम्बन्ध ही शब्द शक्ति है। शब्दों के अर्थों का बोध कराने वाले अर्थ-व्यापारों को शब्द शक्ति कहते हैं। अभिधा शब्द शक्ति शब्द को सुनने अथवा पढ़ने के पश्चात् पाठक अथवा श्रोता को शब्द का जो लोक प्रसिद्ध अर्थ तत्क्षण ज्ञात हो जाता है, वह अर्थ शब्द की जिस सीमा द्वारा मालूम होता है, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। जैसे – चार बज रहे हैं। लक्षणा शब्द शक्ति जहां मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से सम्बन्धित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है, वहां लक्षणाशब्द शक्तिहोती है। जैसे -मोहन गधा है। व्यंजना शब्द शक्ति अभिधा और लक्षणा के विराम लेने पर जो एक विशेष अर्थ निकालता है, उसे व्यंग्यार्थ कहते हैं और जिस शक्ति के द्वारा यह अर्थ ज्ञात होता है, उसे व्यंजना शब्द शक्ति कहते हैं। घर ग...

लक्षणा शब्द शक्ति की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

लक्षणा शब्द शक्ति : परिभाषा, भेद और उदाहरण | Lakshana Shabd Shakti in Hindi– इस आर्टिकल में हम लक्षणा शब्द शक्ति( Lakshana Shabd Shakti ), लक्षणा शब्द शक्ति किसे कहते कहते हैं, लक्षणा शब्द शक्ति की परिभाषा, लक्षणा शब्द शक्ति के भेद/प्रकार और उनके प्रकारों को उदाहरण के माध्यम से पढ़ेंगे।इस टॉपिक से सभी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते है। हम यहां पर लक्षणा शब्द शक्ति ( Lakshana Shabd Shakti ) के सभी भेदों/प्रकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेके आए है। Hindi में लक्षणा शब्द शक्ति ( Lakshana Shabd Shakti ) से संबंधित बहुत सारे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं और राज्य एवं केंद्र स्तरीय बोर्ड की सभी परीक्षाओं में यहां से questions पूछे जाते है।लक्षणा शब्द शक्ति इन हिंदी के बारे में उदाहरणों सहित इस पोस्ट में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। तो चलिए शुरू करते है – लक्षणा शब्द शक्ति किसे कहते कहते हैं | Lakshana Shabd Shakti Kise Kahate Hain जब वक्ता द्वारा कहे गये शब्द के मुख्य अर्थ से मूल अर्थ ना निकले, परन्तु मुख्य अर्थ से सम्बंधित किसी एक लक्षण के आधार पर कोई अन्य अर्थ निकले, यह अन्य अर्थ देने वाली शब्द शक्ति, लक्षणा शब्द शक्ति कहलाती है । लक्षणा शब्द शक्ति की परिभाषा | Lakshana Shabd Shakti ki Paribhasha लक्षणा शब्द शक्ति की परिभाषा – जब किसी वक्ता द्वारा कहे गये शब्द के मुख्य अर्थ या वाच्यार्थ के अभीष्ट अर्थ का बोध ना हो अर्थात शब्द के मुख्य अर्थ में बाधा हो तब किसी रूढ़ि या प्रयोजन के आधार पर मुख्यार्थ से सम्बंध रखने वाले अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है, वहाँ लक्षणा शब्द शक्ति होती है । अर्थात– जब वक्ता द्वारा बोले गये शब्द वाच्यार्थ को स्वीकार न कर किसी अन्य अर्थ को ग्रहण किया जाता ...

शब्दशक्ती मराठी व्याकरण

शब्दशक्ती म्हणजे काय - आपण आपल्या मनातील विचार , भावना व कल्पना भाषेच्या द्वारे व्यक्त करतो . अक्षरे , शब्द व वाक्ये हे भाषेचे घटक आहेत . अक्षरांच्या अर्थपूर्ण क्रमाला शब्द म्हणतात . प्रत्येक शब्दाला अर्थ असतो . भावना प्रकट करण्यासाठी आपल्याला योग्य शब्दांची निवड करावी लागते . शब्दाच्या अंगी अर्थ प्रकट करण्याची जी शक्ती असते तिला शब्दशक्ती असे म्हणतात . शब्दशक्ती तीन प्रकारच्या आहेत ? प्रत्येक शब्दामध्ये अपला अर्थ प्रकट करण्याची अंगभूत शक्ती असते त्याला शब्दांच्या शक्ती असे म्हणतात. शब्दांच्या अंगी तीन प्रकारची शक्ती असते. १) अभिधा २) लक्षणा ३) व्यंजना १) अभिधा एखादा शब्द उच्चारल्याबरोबर त्याचा एक शब्दशः, शब्दकोशगत सरळ व रुढ अर्थ समजतो किंवा त्याच्याशी निगडीत जो सर्वसामान्य अर्थ निघतो, त्या शब्दांच्या शक्तीस अभिधा असे म्हणतात. उदा. मी एक साप पहिला. आमच्या घरी एक पोपटआहे. अभिधा शब्दशक्तीचे पुढीलप्रमाणे तीन प्रकार पडतात. १) रूढी यामध्ये शब्दांना रूढीने मिळालेला एकाच अर्थ असतो. उदा.- त्याने वाघ पहिला. २) योग यामध्ये शब्दांचा उगम तसेच उलगडा सांगता येतो आणि शब्दाला एकाच मूळ अर्थ असतो. उदा- मी भारतीय आहे. ३) योगरूढी यामध्ये शब्दांचा उलगडा सांगता येतो आणि शब्दाला एकाच मूळ अर्थ असतो. उदा- खग (ख -आकाश , ग – गमन करणारा ) – पक्षी Explanation : शब्दामध्ये अनेक अर्थ लपविन्याची क्षमता असते , मराठी भाषा तर या बाबती मध्ये खुप अष्टपैलू प्रकाराची आहे , एकाच शब्दाचे अनेक अर्थ असणे किंवा ते अनुभवाने तसे काढ़ने या साठी तर अनेक मोठ्या सहीत्यकानी त्यांची हयात घातली , मराठी भाषेची अरथात अर्थ लपवन्याची एक खूबी आहे.येवडेच काय मराठी मध्ये एक चित्रपट संगीत सुधा फार प्रसिद्ध आहे जसे" शब्दावाचुन कळले स...

(Word

(Word-Power) - शब्द-शक्ति प्रयोजनवती लक्षणा के भेद भेद लक्षण/पहचान-चिह्न परिभाषा एवं उदाहरण (1) गौणी लक्षणा सादृश्य संबंध जहाँ सादृश्य संबंध अर्थात समान गुण या धर्म के कारण लक्ष्यार्थ की प्रतीति हो। उदाहरण : 'मुख कमल'। सादृश्य संबंध के द्वारा लक्ष्यार्थ का बोध हो रहा है कि मुख कमल के समान कोमल है। (i) सारोपा (स +_आरोपा) विषय/उपमेय/आरोप का विषय + विषयी/उपमान/आरोप्यमाण (दोनों) जहाँ विषय और विषयी दोनों का शब्द निर्देश करते हुए अभेद बताया जाए। उदाहरण : 'सीता गाय है।' का लक्ष्यार्थ है- सीता सीधी-सादी है। यहाँ गाय (विषयी) का सीधापन-सादापन सीता (विषय) पर आरोपित है। (ii) साध्यावसाना (स + अध्यवसाना) अध्यवसान =आत्मसात, निगरण विषयी (केवल) जहाँ केवल विषयी का कथन कर अभेद बताया जाए। उदाहरण : यदि कोई मालिक खीझ कर नौकर को कहे कि 'बैल कहीं का।' तो इस वाक्य में विषय (नौकर) का निर्देश नहीं है, केवल विषयी (बैल) का कथन है। (2) शुद्धा लक्षणा सादृश्येतर संबंध सादृश्येतर = सादृश्य + इतर जहाँ सादृश्येतर संबंध (सादृश्य संबंध के अतिरिक्त किसी अन्य संबंध) से लक्ष्यार्थ की प्रतीति हो। सादृश्येतर संबंध हैं- आधार-आधेय भाव, सामीप्य, वैपरीत्य, कार्य-कारण, तात्कर्म्य आदि। उदाहरण : (i) आधार-आधेय संबंध का उदाहरण : 'महात्मा गाँधी को देखने के लिए सारा शहर उमड़ पड़ा।' यहाँ 'शहर' का मुख्यार्थ (नगर) बाधित है, 'शहर' का लक्ष्यार्थ है- 'शहर के निवासी' । शहर है- आधार और शहर का निवासी है- आधेय। (ii) सामीप्य संबंध का उदाहरण : आँचल में है दूध और आँखों में पानी। (यशोधरा) यहाँ आँचल का मुख्यार्थ (साड़ी का छोर) बाधित है, आँचल मैथलीशरण गुप्त का लक्ष्यार्थ है- स्तन। चूँकि आँचल सदा स्तन के समीप रहता है, इसलिए आँचल और स्तन में साम...