लोकसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष

  1. हाजी सरवर आलम बने राजद के जिला उपाध्यक्ष
  2. भारत के लोकसभा अध्यक्ष: कार्यकाल, कार्य और शक्तियाँ
  3. लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियां lok sabha adhyaksh ke karya in hind
  4. लोकसभा उपाध्यक्ष
  5. लोक सभा उपाध्यक्ष
  6. भारत की लोकसभा (Lok Sabha of India)
  7. लोकसभा का गठन, लोकसभा की शक्तियाँ व कार्य
  8. लोकसभा उपाध्यक्ष
  9. हाजी सरवर आलम बने राजद के जिला उपाध्यक्ष
  10. लोकसभा का गठन, लोकसभा की शक्तियाँ व कार्य


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हाजी सरवर आलम बने राजद के जिला उपाध्यक्ष

राष्ट्रीय जनता दल ने संगठन को मजबूत और धारदार बनाने को लेकर जिला कमिटी में विस्तार किया है। इसी को लेकर वरिष्ठ समाजसेवी व आरजेडी के समर्पित नेता हाजी सरवर आलम को जिला उपाध्यक्ष के पद पर मनोनीत किया है। जिला उपाध्यक्ष बनाये जाने से आरजेडी कार्यकर्ताओं की ओर से बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। जिला अध्यक्ष मनीष यादव ने बताया कि ये विस्तार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के आदेश पर आरजेडी के सत्र 2022 से 2025 के लिए किया गया है। मौके पर नवमनोनीत उपाध्यक्ष हाजी सरवर आलम ने बताया कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी मुझे सौंपी है उसका निर्वाह मैं ईमानदारी पूर्वक करूंगा। उन्होंने बताया कि आने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी पूरी तरह से कमर कस चुकी है। इसलिए हमलोग पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में गांव गांव जाकर लोगों को पार्टी के उद्देश्य को बताएंगे। साथ ही उन्होंने बताया की उनकी राजनीति सदैव संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती देने की रही है। बिना पद के भी उन्होंने पूरे सीमांचल में दशकों तक महागठबंधन को हर स्तर से समर्थन देने का काम किया है। उन्होंने बताया की उनकी प्राथमिकता जिले के युवा नेतृत्व और अनुभवी नेताओं के मध्य समन्वय स्थापित करने की रहेगी। जिला उपाध्यक्ष बनाये जाने पर हाजी सरवर आलम ने पूर्व मुख्यमंत्री सह आरजेडी राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जिला अध्यक्ष मनीष यादव के प्रति आभार व्यक्त किया है। ज्ञात रहे की जनाब सरवर आलम पूर्व में सांसद प्रतिनिधी सहित जनता पार्टी के समय से कई संगठन के अहम जिम्मेदारी का निर्वहन कर चुके हैं। बधाई देने वालों में राजद के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद शुकदेव पासवान, पूर्व सांसद सरफराज आल...

भारत के लोकसभा अध्यक्ष: कार्यकाल, कार्य और शक्तियाँ

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लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियां lok sabha adhyaksh ke karya in hind

14 •लोकसभा अध्यक्ष से संबंधित प्रश्न gk Mcqlok sabha adhyaksh upsc mcq लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियां lok sabha adhyaksh ke karya • लोकसभा अध्यक्ष : भूमिका लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा का पीठासीन अधिकारी होता है। लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका का महत्व तब और बढ़ जाता है जब अलग-अलग दलों के सांसदों के बीच उसे दलगत राजनीति से उठकर एक आदर्श लोकतंत्र का समन्वयन एवं संचालन करना पड़ता है। इन्हीं लोकतांत्रिक नैतिक जिम्मेदारियों के निर्वहन के कारण लोकसभा अध्यक्ष को ‘संसदीय लोकतंत्र की परंपराओं का वास्तविक संरक्षक’ माना जाता है। संसद के निम्न सदन में लोकतंत्र के मूल्य एवं आदर्शों का सामंजस्य बना रहे, इस कारण लोकसभा अध्यक्ष को ‘निम्न सदन का सभापति’ एवं ‘अधिष्ठाता’ भी कहा जाता है। गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष को पद सूची के वरीयता क्रम में छठा स्थान प्राप्त है, क्योंकि कि वह सिर्फ पार्टी का नहीं समूचे सदन का प्रतिनिधित्व करता है। आज के इस आर्टिकल में लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियों का वर्णन किया गया है। साथ ही लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव कौन करता है? लोकसभा अध्यक्ष के अधिकार, लोकसभा अध्यक्ष का वेतन एवं पेंशन, लोकसभा महासचिव, प्रोटेम स्पीकर एवं लोकसभा उपाध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियों का भी समूल वर्णन है। • लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की पृष्ठभूमि संविधान का अनुच्छेद 93 से लेकर 97 तक का अनुबंध, लोकसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के बारे में उपबंधित करता है। एक संवैधानिक पद है जिसका विवरण संविधान को लागू करते समय वर्णित किया गया था। सर्वप्रथम भारत में लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का सृजन वर्ष 1921 में भारत सरकार अधिनियम 1919 के प्रावधानों के उपरांत किया गया था। उस समय लोकसभा अध्यक्ष को ‘प्रेसिडेंट’ औ...

लोकसभा उपाध्यक्ष

विषय सूची • 1 शुरुआत • 2 परंपरा का टूटना • 3 जनता दल ने निभाई परंपरा • 4 कांग्रेस की उदारता • 5 भारत के लोकसभा उपाध्यक्षों की सूची • 6 टीका टिप्पणी और संदर्भ • 7 संबंधित लेख शुरुआत वैसे परंपरा के मुताबिक़ लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्षी दल को दिया जाता है, लेकिन यह परंपरा बीच-बीच में भंग होती रही है। इस परंपरा की शुरुआत छठी लोकसभा से हुई थी। परंपरा का टूटना हालांकि सन जनता दल ने निभाई परंपरा साल कांग्रेस की उदारता साल भारत के लोकसभा उपाध्यक्षों की सूची क्रमांक नाम कार्यकाल दल / पार्टी चित्र 1.

लोक सभा उपाध्यक्ष

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भारत की लोकसभा (Lok Sabha of India)

भारत की लोकसभा (Lok Sabha of India)- • लोकसभा का उल्लेख भारत के संविधान के भाग-5 तथा अनुच्छेद 81 में किया गया है। • लोकसभा विधायिका का भाग या अंग है। • लोकसभा के अन्य नाम- • (I) निम्न सदन (Lower House) • (II) अस्थाई सदन (Temporary House) • (III) लोकप्रिय सदन (Popular House) • (IV) प्रथम सदन (First Chamber) • लोकसभा का 'लोकसभा' नाम सन् 1954 में रखा गया था। • सन् 1954 से पहले लोकसभा का नाम हाउस ऑफ पीपल (House of People-HOP) था। लोकसभा में अधिकतम सदस्य- • लोकसभा में अधिकतम सदस्य 552 हो सकते हैं। • लोकसभा के अधिकतम सदस्यों में से 550 निर्वाचित सदस्य हो सकते हैं। • लोकसभा के अधिकतम सदस्यों में से 2 निर्वाचित सदस्य हो सकते हैं। • लोकसभा में अधिकतम 550 निर्वाचित सदस्यों में से 530 सदस्य राज्यों से निर्वाचित हो सकते हैं। • लोकसभा में अधिकतम 550 निर्वाचित सदस्यों में से 20 सदस्य केन्द्र शासित प्रदेशों से निर्वाचित हो सकते हैं। लोकसभा में वर्तमान सदस्य- • लोकसभा में वर्तमान सदस्य संख्या 543 है। • लोकसभा में वर्तमान 543 सदस्यों में से 524 सदस्य राज्यों से निर्वाचित होते हैं। • लोकसभा में वर्तमान 543 सदस्यों में से 19 सदस्य केन्द्रशासित प्रदेशों से निर्वाचित होते हैं। • भारत के संविधान के 104वें संविधान संशोधन अधिनियम 2020 के तहत लोकसभा में 2 आंग्ल भारतीय सदस्यों का मनोनयन वर्ष 2020 से आगे नहीं बढ़ाया गया है। • वर्तमान में लोकसभा की अधिकतम सीटें उत्तर प्रदेश राज्य में है। तथा दूसरे स्थान पर अधिकतम सीटें महाराष्ट्र राज्य में है। वर्तमान में राज्यों में लोकसभा सीटें (प्रमुख)- • उत्तर प्रदेश- 80 सीटें (सर्वाधिक) • महाराष्ट्र- 48 सीटें • राजस्थान- 25 सीटें • अरुणाचल प्रदेश- 2 सीटें • त्रि...

लोकसभा का गठन, लोकसभा की शक्तियाँ व कार्य

लोकसभा संसदीय सरकार का प्रथम तथा निचला सदन लोकसभा कहलाती है। यह नागरिकों का प्रतिनिधि सदन कहलाती है। इसकी रचना ब्रिटेन के हाउस ऑफ कामन्स और अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की तरह हुई है। यह एक एक शक्तिशाली तथा प्रमुख सदन है क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री सहित मंत्रीपरिषद् इसी के प्रति उत्तरदायी रहती है हांलांकि भारत मे संसद सर्वोच्च राजनीतिक निकाय नही है लेकिन लोकतंत्र के सिद्धांत के अनुसार जनता की सच्ची प्रतिनिधि होने से यह शासन के निकायों मे महत्वपूर्ण शासक निकाय है। लोकसभा का गठन (lok sabha ka gathan) 31 वें संविधान संशोधन द्वारा इसकी सदस्य संख्या 545 हो गई है। पूरे देश को निर्धारित निर्वाचन क्षेत्रों मे बांट कर अधिकतम 5 वर्ष के लिये प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली द्वारा लोक सभा सदस्यों का निर्वाचन किया जाता है। इसकी अवधि आपात स्थिति मे एक साल बढ़ाई जा सकती है। निर्वाचन क्षेत्र एक सदस्यी रहते है व उम्मीदवारों मे से सबसे ज्यादा मत पाने वाला उम्मीदवार लोकसभा सदस्य चुना जाता है। लोकसभा के पदाधिकारी लोकसभा अपने सदस्यों मे से ही 5 वर्ष हेतु एक अध्यक्ष तथा एक उपाध्यक्ष चुनती है। ये लोकसभा भंग होने तक अपने पद पर बने रहते है। भारत मे ब्रिटेन के स्पीकर की तरह यह अपने पद से त्यागपत्र पत्र तो नही देता लेकिन वह लोकसभा की गरिमा तथा परम्परानुसार निष्पक्ष होने का प्रयत्न करता है। यह अपनी इच्छा से त्यागपत्र दे सकता है। इसे 14 दिन का नोटिस देकर महाभियोग से हटाया भी जा सकता है। लोकसभा सदस्य हेतु योग्यताएं 1. वह भारत का नागरिक हो, 2. उसकी आयु 25 वर्ष या उससे अधिक हो, 3. वह किसी लाभ के पद पर न हो, 4. वह पागल या दिवालिया घोषित न किया गया हो। लोकसभा का कार्यकाल लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। राष्ट...

लोकसभा उपाध्यक्ष

विषय सूची • 1 शुरुआत • 2 परंपरा का टूटना • 3 जनता दल ने निभाई परंपरा • 4 कांग्रेस की उदारता • 5 भारत के लोकसभा उपाध्यक्षों की सूची • 6 टीका टिप्पणी और संदर्भ • 7 संबंधित लेख शुरुआत वैसे परंपरा के मुताबिक़ लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्षी दल को दिया जाता है, लेकिन यह परंपरा बीच-बीच में भंग होती रही है। इस परंपरा की शुरुआत छठी लोकसभा से हुई थी। परंपरा का टूटना हालांकि सन जनता दल ने निभाई परंपरा साल कांग्रेस की उदारता साल भारत के लोकसभा उपाध्यक्षों की सूची क्रमांक नाम कार्यकाल दल / पार्टी चित्र 1.

हाजी सरवर आलम बने राजद के जिला उपाध्यक्ष

राष्ट्रीय जनता दल ने संगठन को मजबूत और धारदार बनाने को लेकर जिला कमिटी में विस्तार किया है। इसी को लेकर वरिष्ठ समाजसेवी व आरजेडी के समर्पित नेता हाजी सरवर आलम को जिला उपाध्यक्ष के पद पर मनोनीत किया है। जिला उपाध्यक्ष बनाये जाने से आरजेडी कार्यकर्ताओं की ओर से बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। जिला अध्यक्ष मनीष यादव ने बताया कि ये विस्तार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के आदेश पर आरजेडी के सत्र 2022 से 2025 के लिए किया गया है। मौके पर नवमनोनीत उपाध्यक्ष हाजी सरवर आलम ने बताया कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी मुझे सौंपी है उसका निर्वाह मैं ईमानदारी पूर्वक करूंगा। उन्होंने बताया कि आने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी पूरी तरह से कमर कस चुकी है। इसलिए हमलोग पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में गांव गांव जाकर लोगों को पार्टी के उद्देश्य को बताएंगे। साथ ही उन्होंने बताया की उनकी राजनीति सदैव संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती देने की रही है। बिना पद के भी उन्होंने पूरे सीमांचल में दशकों तक महागठबंधन को हर स्तर से समर्थन देने का काम किया है। उन्होंने बताया की उनकी प्राथमिकता जिले के युवा नेतृत्व और अनुभवी नेताओं के मध्य समन्वय स्थापित करने की रहेगी। जिला उपाध्यक्ष बनाये जाने पर हाजी सरवर आलम ने पूर्व मुख्यमंत्री सह आरजेडी राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जिला अध्यक्ष मनीष यादव के प्रति आभार व्यक्त किया है। ज्ञात रहे की जनाब सरवर आलम पूर्व में सांसद प्रतिनिधी सहित जनता पार्टी के समय से कई संगठन के अहम जिम्मेदारी का निर्वहन कर चुके हैं। बधाई देने वालों में राजद के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद शुकदेव पासवान, पूर्व सांसद सरफराज आल...

लोकसभा का गठन, लोकसभा की शक्तियाँ व कार्य

लोकसभा संसदीय सरकार का प्रथम तथा निचला सदन लोकसभा कहलाती है। यह नागरिकों का प्रतिनिधि सदन कहलाती है। इसकी रचना ब्रिटेन के हाउस ऑफ कामन्स और अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की तरह हुई है। यह एक एक शक्तिशाली तथा प्रमुख सदन है क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री सहित मंत्रीपरिषद् इसी के प्रति उत्तरदायी रहती है हांलांकि भारत मे संसद सर्वोच्च राजनीतिक निकाय नही है लेकिन लोकतंत्र के सिद्धांत के अनुसार जनता की सच्ची प्रतिनिधि होने से यह शासन के निकायों मे महत्वपूर्ण शासक निकाय है। लोकसभा का गठन (lok sabha ka gathan) 31 वें संविधान संशोधन द्वारा इसकी सदस्य संख्या 545 हो गई है। पूरे देश को निर्धारित निर्वाचन क्षेत्रों मे बांट कर अधिकतम 5 वर्ष के लिये प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली द्वारा लोक सभा सदस्यों का निर्वाचन किया जाता है। इसकी अवधि आपात स्थिति मे एक साल बढ़ाई जा सकती है। निर्वाचन क्षेत्र एक सदस्यी रहते है व उम्मीदवारों मे से सबसे ज्यादा मत पाने वाला उम्मीदवार लोकसभा सदस्य चुना जाता है। लोकसभा के पदाधिकारी लोकसभा अपने सदस्यों मे से ही 5 वर्ष हेतु एक अध्यक्ष तथा एक उपाध्यक्ष चुनती है। ये लोकसभा भंग होने तक अपने पद पर बने रहते है। भारत मे ब्रिटेन के स्पीकर की तरह यह अपने पद से त्यागपत्र पत्र तो नही देता लेकिन वह लोकसभा की गरिमा तथा परम्परानुसार निष्पक्ष होने का प्रयत्न करता है। यह अपनी इच्छा से त्यागपत्र दे सकता है। इसे 14 दिन का नोटिस देकर महाभियोग से हटाया भी जा सकता है। लोकसभा सदस्य हेतु योग्यताएं 1. वह भारत का नागरिक हो, 2. उसकी आयु 25 वर्ष या उससे अधिक हो, 3. वह किसी लाभ के पद पर न हो, 4. वह पागल या दिवालिया घोषित न किया गया हो। लोकसभा का कार्यकाल लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। राष्ट...