लता के स्वरों में है

  1. शास्त्रीय संगीत में लता का कौन
  2. लता मंगेशकर के साम्राज्य में कभी सूर्य अस्त नहीं होता था
  3. स्वर वर्ण
  4. Chapter 1 भारतीय गायिकाओं में बेजोड़
  5. NCERT Solutions for Class 11th: पाठ 1


Download: लता के स्वरों में है
Size: 20.30 MB

शास्त्रीय संगीत में लता का कौन

लेखक का स्पष्ट मत है कि भारतीय गायिकाओं में लता के जोड़ की गायिका हुई ही नहीं। लता के कारण चित्रपट संगीत को विलक्षण लोकप्रियता प्राप्त हुई है, यही नहीं लोगों का शास्त्रीय संगीत की ओर देखने का दृष्टिकोण भी एकदम बदला है। छोटी बात कहूँगा। पहले भी घर-घर छोटे बच्चे गाया करते थे। पर उस गाने में और आजकल घरों में सुनाई देने वाले बच्चों के गाने में बड़ा अंतर हो गया है। आजकल के नन्हे-मुन्ने भी स्वर में गुनगुनाते हैं। यह सब लता के जादू का कारण ही है। कोकिला का निरंतर स्वर कानों में पड़ने लगे तो कोई भी सुनने वाला उसका अनुकरण करने का प्रयत्न करेगा। ये स्वाभाविक ही है। चित्रपट संगीत के कारण सुंदर स्वर मलिकाएँ लोगों के कानों पर पड़ रही हैं। संगीत के विविध प्रकारों से उनका परिचय हो रहा है। उनका स्वर-ज्ञान बढ़ रहा है। सुरीलापन क्या है, इसकी समझ भी उन्हें होती जा रही है। तरह-तरह की लय के भी प्रकार उन्हें सुनाई पड़ने लगे हैं और अकारयुक्त लय के साथ उनकी जान-पहचान होती जा रही है। साधारण प्रकार के लोगों को भी उसकी सूक्ष्मता समझ में आने लगी है। इन सबका श्रेय लता को ही है। इस प्रकार उसने नई पीढ़ी के संगीत को संस्कारित किया है और सामान्य मनुष्य में संगीत विषयक अभिरुचि पैदा करने में बड़ा हाथ बँटाया है। संगीत की लोकप्रियता, उसका प्रसार और अभिरुचि के विकास का श्रेय लता को ही देना पड़ेगा। लेखक का मत है कि तीन-साढ़े मिनट के गाए हुए चित्रपट के किसी गाने का और एकाध खानदानी शास्त्रीय गायक की तीन-सादे तीन घंटे की महफिल इन दोनों का कलात्मक और आनंदात्मक मूल्य एक ही है। किसी उत्तम लेखक का कोई विस्तृत लेख जीवन के रहस्य का विशद् रूप में वर्णन करता है तो वही रहस्य छोटे से सुभाषित का या नन्हीं-सी कहावत में सुंदरता और परिपू...

लता मंगेशकर के साम्राज्य में कभी सूर्य अस्त नहीं होता था

'राज्य सुखी या साधुमुले-शूरा मी वंदिले' गीत में राज्य या साधुमुले के बाद 'शूरा' का दूसरा अक्षर 'रा' पर विद्युत जैसी चलपता के साथ अबोध कंठ से तान थिरक उठी और भवन में बैठे अपार जन-समुदाय को आहत कर गई। क्षण भर को लगा जैसे कोई तीर सनसनाता हुआ हर व्यक्ति को घायल कर गया। सात-आठ वर्ष की उस नन्हीं लड़की को शायद यह अहसास भी न हो पाया होगा कि उसने क्या कर डाला है। सारा सभा भवन अचरज और आह्लाद से हक्का-बक्का था। बाबालाल तबलिए उसके साथ ठेका यों लगा रहे थे मानो किसी उस्ताद का साथ दे रहे हों और वह बच्ची है कि गीत की अस्थाई गाकर पहले सम पर आते ही संपूर्ण सप्तक लाँघकर लय और स्वर का विकट बोझ संभालती हुई सम पर अचूक आ पहुँचती है। कोल्हापुर के जिस पैलेस थिएटर को अनेक दिग्गज संगीतज्ञों ने अपने स्वरों की वर्षा में भिगोया था, उसमें एक छोटी-सी बालिका अपने अनोखे चमत्कार भरे स्वर में सबको रसविभोर कर देती है। पहली सम पड़ते ही सारा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस घटना से पूर्व बंबई के जिन्ना हॉल में नौ वर्ष की उम्र में कुमार गंधर्व ने रंगमंच पर अपने अद्‍भुत स्वर से इसी तरह श्रोताओं को मुग्ध कर लिया था। बाल गंधर्व, कुमार गंधर्व और लता मंगेशकर तीनों ने विपरीत दिशाएँ पकड़ी और अपनी असमानता के कारण अपनी-अपनी दिशाओं में नक्षत्र की तरह जगमगाते रहे। कुछ तो अपने घराने के बड़प्पन पर ही इठलाते रह जाते हैं। मगर स्वर और लय को ही शिव और पार्वती मान कर कला का विस्तार करने वाले कलाकार मैंने बहुत कम देखे हैं। लता का 'शूरा मी वंदिले' गाए हुए आज कई वर्ष गुजर गए। उस समय तक दीनानाथ द्वारा गाया गया यही गीत लोगों में स्मृति-पटल पर स्पष्ट रूप से मौजूद था। धैर्यधरा की भूमिका में गाए इस गीत की सजीली तान लोगों के कान म...

स्वर वर्ण

अनुक्रम • 1 स्वरों के भेद • 1.1 ह्रस्व स्वर • 1.2 दीर्घ स्वर • 1.3 प्लुत स्वर • 2 वर्गीकरण • 3 हिन्दी भाषा के स्वर • 4 अंग्रेज़ी भाषा के स्वर • 5 सन्दर्भ • 6 बाहरी कड़ियाँ स्वरों के भेद [ ] स्वरों के तीन भेद होते हैं। ह्रस्व स्वर [ ] वह स्वर जिनको सबसे कम समय में उच्चारित किया जाता है। ह्रस्व स्वर कहलाते हैं। जैसे- अ, इ, उ, ऋ, दीर्घ स्वर [ ] वह स्वर जिनको बोलने में ह्रस्व स्वरों से अधिक समय लगता है। जैसे- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, प्लुत स्वर [ ] वह स्वर जिनको बोलने में ह्रस्व स्वरों की अपेक्षा तिगुना समय लगता है। जैसे - ॐ = अ + ओ + म् वर्गीकरण [ ] स्वरों को कई तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है: • जिह्वा की ऊँचाई की दृष्टि से: • विवृत (खुला हुआ, यानि कि जीभ नीचे गिरी हुई है) / Open • अर्धविवृत / half-open • बीच का • अर्धसंवृत / half-closed • संवृत (अत्यन्त संकीर्ण, यानि कि जीभ मुँह की छत तक उठी हुई है) / closed • जिह्वा का कौन हिस्सा उठा हुआ है: • • • • होंठों की स्थिति से: • प्रसृत (खुले होंठ) / unrounded • वर्तुल (गोलाकार होंठ) / rounded • अर्ध-वर्तुल / semi-rounded • मात्रा की दृष्टि से: • ह्रस्व / short • दीर्घ / long • प्लुत / very long नीचे दी गयी तालिका में सभी भाषाओं के स्वरों का वैज्ञानिक वर्गीकरण और उनके अग्रस्वर लगभग अग्रस्वर मध्यस्वर लगभग पश्वस्वर पश्वस्वर प्रसृत वर्तुल प्रसृत वर्तुल प्रसृत वर्तुल प्रसृत वर्तुल प्रसृत वर्तुल संवृत i y ɨ ʉ ɯ u लगभग संवृत ɪ ʏ ʊ अर्धसंवृत e ø ɘ ɵ ɤ o बीच का Schwa: ə अर्धविवृत ɛ œ ɜ ɞ ʌ ɔ लगभग विवृत æ ɐ विवृत a ɶ ɑ ɒ जिस स्वर पर बलाघात लगता है, उसके शब्दांश के पहले एक > का निशान लगा दिया जाता है। जिस स्वर में हिन्दी भाषा के स्वर [ ] • अ / ...

Chapter 1 भारतीय गायिकाओं में बेजोड़

Online Tuition-CBSE,ICSE & State Board Notes • Home • CBSE • CBSE Revision Notes • CBSE Free Video Lectures • CBSE Important Questions • CBSE Objective (MCQs) • Assertation & Reasoning Questions • CBSE Syllabus • CBSE Sample paper • CBSE Extra Sampler Paper • Question Bank • Project, Assignments & Activities • Mock Test • ICSE • ICSE Free Video Lectures • ICSE Revision Notes • Class 6 ICSE Revision Notes • CLASS 7 ICSE REVISION NOTES • CLASS 8 ICSE REVISION NOTES • CLASS 9 ICSE REVISION NOTES • CLASS 10 ICSE REVISION NOTES • ICSE Solutions • Class 6 ICSE Solutions • CLASS 7 ICSE Solutions • CLASS 8 ICSE Solutions • CLASS 9 ICSE Solutions • CLASS 10 ICSE Solutions • ICSE Important Questions • Class 6 ICSE Important Questions • CLASS 7 ICSE Important Question • CLASS 8 ICSE IMPORTANT QUESTIONS • CLASS 9 ICSE Important Questions • CLASS 10 ICSE Important Question • ICSE Objective (MCQs) • Class 6 ICSE Mcqs Question • Class 7 ICSE Mcqs Question • CLASS 8 ICSE MCQS QUESTION • CLASS 9 ICSE Mcqs Questions • CLASS 10 ICSE Mcqs Question • Assertation & Reasoning Questions • ICSE Syllabus • Project, Assignments & Activities • Mock Test • NCERT • NCERT Quick Revision Notes • Class 6th Quick Revision Notes • Class 7th Quick Revision Notes • Class 8th Quick Revision Notes • Class 9th Quick Revision Notes • Class 10th Quick Revision Notes • Class 11th Quick revision Notes • Class 12th Quick Revision Notes • NCERT Solution • Class 6th NCERT Solution • Class 7th NCERT Solution • Class 8th...

NCERT Solutions for Class 11th: पाठ 1

अभ्यास 1. लेखक ने पाठ में गानपन का उल्लेख किया है| पाठ के सन्दर्भ में स्पष्ट करते हुए बताएँ कि आपके विचार में इसे प्राप्त करने के लिए किस प्रकार के अभ्यास की आवश्यकता है? उत्तर लेखक ने पाठ में गानपन का उल्लेख किया है| यहाँ गानपन का अर्थ गाने का वह अंदाज है जो एक आदमी को भी भावविभोर कर दे| जिस प्रकार मनुष्यता हो तो वह मनुष्य है, उसी प्रकार संगीत की विशेषता उसका गानपन होता है| लता मंगेशकर के गानों में भी गानपन मौजूद रहता है| इसे प्राप्त करने के लिए गायन में निर्मलता होना तथा गाने का नियमित अभ्यास करना आवश्यक है| 2. लेखक ने लता की गायकी की किन विशेषताओं को उजागर किया है? आपको लता की गायकी में कौन-सी विशेषताएँ नज़र आती हैं? उदाहरण सहित बताइए| उत्तर लेखक ने लता की गायकी की निम्नांकित विशेषताओं को उजागर किया है: गानपन- गानपन का अर्थ है गाने का वह अंदाज है जो एक आदमी को भी भावविभोर कर दे| लता मंगेशकर के गानों को सुनकर श्रोता मुग्ध हो जाते हैं| स्वरों की निर्मलता- लता के गाने की एक और विशेषता है, उनके स्वरों की निर्मलता| उनके स्वरों में कोमलता है| नादमय उच्चार- लता के गाने की रक और विशेषता है, उसका नादमय उच्चार| उनके गीत के किन्हीं दो शब्दों का अंतर स्वरों के आलाप द्वारा बड़ी सुंदर रीति से भरा रहता है| सुरीलापन- उनके सुरीले गीत श्रोताओं को बहुत पसंद हैं| उच्चारण की शुद्धता- उनके गाने में उच्चारण की शुद्धता पाई जाती है| 3. लता ने करुण रस के गानों के साथ न्याय नहीं किया है, जबकि श्रृंगारपरक गाने वे बड़ी उत्कटता से गाती हैं- इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं? उत्तर लेखक का यह कहना कि‘लता ने करुण रस के गानों के साथ न्याय नहीं किया है, जबकि श्रृंगारपरक गाने वे बड़ी उत्कटता से गाती हैं’ से मैं ...