Maa kalratri katha

  1. नवरात्रि 2022 : माता कालरात्रि कौन हैं, कैसा है उनका स्वरूप और क्या चढ़ाएं प्रसाद?
  2. नवरात्रि का सातवां दिन देवी मां कालरात्रि के नाम, पढ़ें पौराणिक कथा
  3. Navratri 2022: सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा, जानें पूजन विधि और जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, आरती और मंत्र
  4. जय माँ कालरात्रि


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नवरात्रि 2022 : माता कालरात्रि कौन हैं, कैसा है उनका स्वरूप और क्या चढ़ाएं प्रसाद?

इस देवी के तीन नेत्र हैं। ये तीनों ही नेत्र ब्रह्मांड के समान गोल हैं। इनकी सांसों से अग्नि निकलती रहती है। ये गर्दभ की सवारी करती हैं। ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वर मुद्रा भक्तों को वर देती है। दाहिनी ही तरफ का नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में है। यानी भक्तों हमेशा निडर, निर्भय रहो। बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा तथा नीचे वाले हाथ में खड्ग है। Mangal puja Amalner : भूमि पुत्र मंगल देव का अमलनेर में बहुत ही जागृत मंदिर है। यहां पर मंगल देव के साथ ही पंचमुखी हनुमान और भू माता विराजमान हैं। यहां पर हजारों की संख्‍या में लोग मंगल दोष की शांति के लिए आते हैं। इसी के साथ ही जिन लोगों को भूमि से संबंधित कोई समस्या है वे लोग भी यहां पर मंगल देव की पूजा और अभिषेक करने के लिए आते हैं। Lal kitab for money : लाला किताब के उपाय अचूक होते हैं। यह विद्या ज्योतिष से अलग मानी जाती है। हालांकि दोनों ही विद्या में कोई खास अंतर नहीं है। यदि आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं या कर्ज चढ़ गया है तो आपको लाल किताब के अचूक उपाय करना चाहिए। हालांकि यदि ये उपाय आप किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर करेंगे तो ज्यादा ठीक रहेगा। Naukri 2023 : आजकल अच्‍छी नौकरी मिलना मुश्‍किल है। देश में लाखों बेरोजगार लोग होंगे जो नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं। हालांकि उन शहरों में नौकरी ज्यादा होती है जहां पर आबादी ज्यादा है और जहां पर कारोबारी कार्य ज्यादा होता है। इसीलिए कई लोगों को नौकरी की तलाश में अपना शहर छोड़कर जाना पड़ता है। ऐसे शहरों में जाकर भी उन्हें ढंग की नौकरी नहीं मिल रही हैं तो उन्हें करना चाहिए कौनसा वार। Jagannatha rathayatra 2023: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ओडिशा के पुरी में प्रतिवर्ष आषाढ़ माह ...

नवरात्रि का सातवां दिन देवी मां कालरात्रि के नाम, पढ़ें पौराणिक कथा

How many shravan somvar in 2023 : आषाढ़ माह से वर्षा ऋ‍तु प्रारंभ हो जाती है। इसके बाद श्रावण माह आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो पूरे माह की व्रत रखते हैं परंतु इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने का खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि श्रावण मास कब से हो रहा है प्रारंभ, कितने सोमवार रहेंगे इस माह में? Halharini amavasya 2023 : आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। किसानों के लिए यह शुभ दिन है। यह दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आषाढ़ में पड़ने वाली इस अमावस्या के समय तक वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाता है और धरती भी नम पड़ जाती है। फसल की बुआई के लिए यह समय उत्तम होता है। इसे आषाढ़ी अमावस्या भी कहा जाता है। How to Care for Indoor Plants in Hindi : घर में हरेभरे पौधा के होने से मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मकता फैलती है। क्या आपके गमले में पौधे पनप नहीं पा रहे हैं? जल्दी से मुरझा जाते हैं या पौधों की अच्छी ग्रोथ नहीं हो पा रही है? ऐसे में जानिए हमारे द्वारा बताए गए मात्र 3 टिप्स। इन टिप्स को आजमाएंगे तो आपके पौधे भी हरेभरे होकर महकने लगेंगे। Lal kitab karj mukti ke upay : यदि आप कर्ज के तले दबे हुए हैं और इससे छुटकारा पाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है। हमारे द्वारा बताए गए उपाय करके आप ऋण मुक्त हो सकते हैं परंतु शर्त यह है कि आपके कर्म अच्छे होना चाहिए। उपाय तभी काम करते हैं जबकि आप सच्चे और अच्‍छे हैं। परिवार के प्रति जिम्मेदार हैं। Vidur Niti : भारत में कई महान नीतिज्ञ हुए। जैसे भीष्म, विदुर, मनु, चर्वाक, शुक्राचार्य, बृहस्पति, परशुराम, गर्ग, चाणक्य, भर्तृहरि, हर्षवर्धन, बाणभट्ट आदि ...

Navratri 2022: सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा, जानें पूजन विधि और जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, आरती और मंत्र

• • Faith Hindi • Navratri 2022: सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा, जानें पूजन विधि और जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, आरती और मंत्र Navratri 2022: सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा, जानें पूजन विधि और जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, आरती और मंत्र Navratri 2022 7th Day: शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित होता है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए आज के दिन विधि-विधान से उनका पूजन किया जाता है. साथ ही व्रत कथा पढ़ने सें उनका आशीर्वाद मिलता है. Navratri 2022 7th Day: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है और इस दौरान भक्तजन मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए 9 दिनों तक व्रत-उपवास करते हैं. पंचांग के अनुसार आज यानि 2 अक्टूबर को नवरात्रि की सप्तमी तिथि है और ( Maa Kalratri Puja) इस दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप का पूजन किया जाता है. कहते हैं विधि-विधान के साथ मां कालरात्रि की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी नकारात्मक ऊर्जाओं समाप्त हो जाती हैं. उनकी पूजा करते समय कथा, आरती और मंत्र जरूर पढ़ने चाहिए. इससे माता रानी प्रसन्न होती हैं और जातकों को अपना आशीर्वाद देती हैं. Also Read: • • • मां कालरात्रि कथा मां कालरात्रि देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों में से एक हैं, मां कालरात्रि का रंग कृष्ण वर्ण का है, काले रंग के कारण उनको कालरात्रि कहा गया है. चार भुजाओं वाली मां कालरात्रि दोनों बाएं हाथों में क्रमश: कटार और लोहे का कांटा धारण करती हैं. मां दुर्गा ने असुरों के राजा रक्तबीज का संहार करने के लिए अपने तेज से मां कालरात्रि को उत्पन्न किया था. मां कालरात्रि पूजन विधि नवरात्रि के सातवें दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर मां कालरात्रि का स्मरण करें, फिर माता को अक्षत्...

जय माँ कालरात्रि

जय माँ कालरात्रि: नवरात्री के सातवें दिन (7th Day of Navratri) माँ दुर्गा के कालरात्रि स्वरुप की पूजा की जाती है| काल का अर्थ मृत्यु से है और रात्रि का अर्थ अंधकार अथवा अज्ञानतासे है, इसका मतलब माँ कालरात्रि अंधकार की मृत्यु लाती है, तथा अज्ञानता का नाश करती हैं| कालरात्रि माता को कालिका देवी अर्थात कालिका माता के नाम से भी जाना जाता है| आइये जानते हैं वर्ष 2023 में कब है नवरात्री की सप्तमी तिथि और क्या है माँ कालरात्रि की पूजा विधि औरमाँ कालरात्रिकथा: दुर्गा माँ का कालरात्रि रूप सबसे भयंकर रूप है| कालरात्रि रूप में उनका रंग गहरा है| गले में विद्युत् की माला है और बाल बिखरे हुए हैं| उनका हार रात में चन्द्रमा की तरह चमकता है| माँ कालरात्रि के चार हाथ है| उनका एक हाथ वर मुद्रा में है जिससे वह भक्तों को आशीर्वाद देती हैं| दूसरा हाथ अभय मुद्रा में है जिससे वह सभीकी रक्षा करती हैं| तीसरे हाथ में माँ कालरात्रि ने वज्र पकड़ा हुआ है| चौथे हाथ में नोकीला काँटा धारण किया हुआ है| उनकी तीन आँखे हैं और जब वह सांस लेती हैं तो उनकी नाक से लपटे निकलती हैं| कालरात्रि माँ की सवारी गधा है| माँ कालरात्रि अपने भक्तों को शुभ फल प्रदान करती हैं| वे बहुत ही दयालु हैं और अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाओं को पूरा करती हैं| जिस व्यक्ति का अपने क्रोध पर वश न हो वह माँ कालरात्रि की पूजा करके अपने क्रोध पर विजय प्राप्त कर सकते हैं| नवरात्री का सातवा दिन तांत्रिक साधना करने वाले व्यक्तियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है| साल में चैत्र माह और आश्विन माह में आने वाली नवरात्री हिन्दू धर्म में बहुत ही धूम-धाम से मनाई जाती है| वर्ष 2023 में चैत्र माह में सप्तमी तिथि, जबदुर्गा माँ के कालरात्रि स्वरुप की पूजा की ...