माघ पूर्णिमा कब है

  1. माघ पूर्णिमा 2024
  2. magha purnima 2023 when is magha purnima know the importance of this day auspicious time and worship method bml
  3. Maghi Purnima 2022 Know The Date And Method Of Worship On Purnima
  4. Magh Purnima Feb 2023 Vrat Date & Time: माघ पूर्णिमा कब है, जानें शुभ मुहूर्त व पूजन विधि, When is Magh Purnima in February 2023, know auspicious time and method of worship.
  5. माघ पूर्णिमा 2021 में कब है?


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माघ पूर्णिमा 2024

महत्वपूर्ण जानकारी • माघ पूर्णिमा 2024 • शनिवार, 24 फरवरी 2024 • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 23 फरवरी 2024 को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट पर • पूर्णिमा तिथि समाप्त : 24 फरवरी 2024 को शाम 05:59 बजे माघ पूर्णिमा, माघ महीनें में आने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहा जाता है। माघ पूर्णिमा के दिन माघ मास समाप्त होता है। यह पूर्णिमा जनवरी व फरवरी महीनें के दौरान आती है। माघ मास के समयावधि के दौरान, शुभ कुंभ मेला जो हर बारह साल में आयोजित किया जाता है। उत्तर भारत में माघ पूर्णिमा का दिन शुभ माना जाता है और इस दिन हजारों लोग गंगा नदी में पवित्र स्नान करते हैं। माघ माह की पूर्णिमा के दिन हरिद्धार व प्रयागराज में हजारों लोग गंगा नदी में पवित्र स्नान करने आते है। सर्दी होने के बावजूद लोग मां गंगा के पवित्र जल में स्नान करते है। मां गंगा में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता हैं, इसलिए पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का महत्व और भी विशेष हो जाता है। हरिद्धार व प्रयागराज के अलवों अन्य प्रमुख तीर्थ स्थान जैसे नासिक, उज्जैन और वाराणसी हैं पवित्र स्नान किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति इन तीर्थ स्थानों पर नहीं जा सकता है तो उसे इस दिन सूर्योदय से पहले नदी, तालाब, कुआँ आदि के जल से स्नान कर सकता हैं, या घर पर ही सूर्यादय से पहले स्नान करने वाले जल में गंगा जल मिलाकर भी स्नान कर सकता है। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। पूजा समाप्ति के बाद ब्राह्माणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा देकर विदा करते हैं। माघ पूर्णिमा की पूजा माघ मास में प्रयाग में कल्पवास करके त्रिवेणी स्नान करने का अन्तिम दिन माघ की पूर्णिमा ही है। इस दिन यज्ञ, तप तथा दान का विशेष महत्व है। स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु की पूजा कर...

magha purnima 2023 when is magha purnima know the importance of this day auspicious time and worship method bml

Magha Purnima 2023: जैसा कि नाम से पता चलता है, माघ पूर्णिमा, माघ के हिंदू महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार फरवरी या जनवरी के महीने में पड़ता है. इस विशेष दिन पर भक्त चंद्रमा की पूजा करते हैं. माघ का महीना हिंदू शास्त्रों के अनुसार दान और अन्य दान-पुण्य के लिए सबसे शुभ, भाग्यशाली और महत्वपूर्ण महीना है. माघ पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर भक्त उपवास करते हैं और पवित्र स्नान के बाद पूजा करते हैं. इस दौरान भगवान विष्णु की प्रार्थना करते हैं. माघ पूर्णिमा देश भर में 'महा माघी' और 'माघी पूर्णिमा' जैसे कई अन्य लोकप्रिय नामों से मनाई जाती है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा विभिन्न आध्यात्मिक और धार्मिक कृत्यों और अनुष्ठानों को करने के लिए एक पवित्र दिन है. इस समय की अवधि में लोकप्रिय 'माघ मेला' और 'कुंभ मेला' भी आयोजित किया जाता है, जहां देश भर से सैकड़ों हजारों भक्त अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. तमिलनाडु के क्षेत्रों में माघ पूर्णिमा के दिन फ्लोट फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है. • माघ पूर्णिमा के दिन किया जाने वाला पहला और सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान जल्दी उठना और सूर्योदय के समय पवित्र नदी में पवित्र स्नान करना है. • पवित्र डुबकी लगाने के बाद, भक्तों को अपने इष्ट देवता की पूजा करने के साथ-साथ भगवान विष्णु और भगवान हनुमान की पूजा और अर्चना करनी होती है. • भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और 'सत्यनारायण' व्रत रखते हैं. उन्हें 'सत्यनारायण कथा' का पाठ करना और देवता को चढ़ाया जाने वाला पवित्र भोजन बनाना आवश्यक है. सत्यनारायण पूजा भी की जाती है जहां भगवान विष्णु को फल, सुपारी, केले के पत्ते, मोली, तिल, अगरबत्ती और चंदन का पेस्ट चढ़ाया जाता...

Maghi Purnima 2022 Know The Date And Method Of Worship On Purnima

Magh Purnima 2022: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है. हर माह में पड़ने वाली पूर्णिमा (Purnima 2022) का अलग महत्व होता है. खासतौर से कार्तिक और माघ मास की पूर्णिमा (Kartik Month And Magh Month 2022) अहम होती है. पूर्णिमा तिथि को पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है. लेकिन माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा के दिन शाही स्नान किया जाता है. इसके लिए नियमित अंतराल पर एक महीने तक चलने वाले कुंभ मेले (Kumbh Mela) का आयोजन किया जाता है. माघ माह में पड़ने वाले पर्व जैसे मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी आदि पर गंगा तट पर आस्था की डुबकी लगाई जाती है. आइए जानते हैं माघ पूर्णिमा की तिथि और पूजा विधि के बारे में. माघी पूर्णिमा की तिथि (Maghi Purnima Tithi) पूर्णिमा से अगले दिन से नए माह की शुरुआत होती है. माघ माह की पूर्णिमा 16 फरवरी, बुधवार के दिन पड़ रही है. बता दें कि पूर्णिमा तिथि 16 फरवरी सुबह 9 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर 16 फरवरी रात 10 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होती है. साधक प्रातः काल गंगा समेत पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर तिलांजलि करते हैं. साथ ही, इस दिन जलधारा में तिल प्रवाहित किए जाते हैं. माघी पूर्णिमा पूजा विधि (Maghi Purnima Puja Vidhi 2022) इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उटा जाता है. घर की साफ-सफाई करें. गंगा नदी या पवित्र नदियों में स्नान संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें और भगवान का ध्यान कर सर्वप्रथम भगवान भास्कर को ॐ नमो नारायणाय मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें. इसके बाद तिलांजलि दी जाती है. तिलांजलि देने के लिए सूर्य के सन्मुख खड़े हो जाएं और जल में तिल डालकर उसका तर्पण करें. इसके बाद ठाकुर और नारायण जी की पूजा करें. भोग में चरणामृत,...

Magh Purnima Feb 2023 Vrat Date & Time: माघ पूर्णिमा कब है, जानें शुभ मुहूर्त व पूजन विधि, When is Magh Purnima in February 2023, know auspicious time and method of worship.

Magh Purnima Vrat Date in February 2023: हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है, ऐसे तो साल में 12 पूर्णिमा आती हैं, लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का अपना अलग महत्व होता है. माघ महीने की पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन देवतागण पृथ्वी लोक में भ्रमण के लिए आते हैं. लिहाजा इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, साथ ही गरीब लोगों को खाना, कपड़ा, तिल, गुड़ और कंबल का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती हैं. Magh Purnima 2023: माघ पूर्णिमा कब इस साल माघ मास की पूर्णिमा 5 फरवरी के दिन पड़ी है. इस दिन चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है. सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. इस दिन जल और वातावरण में विशेष ऊर्जा आ जाती है. कहा जाता है कि माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ उदित होता है. Magh Purnima 2023: माघ पूर्णिमा पूजन विधि • माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करना चाहिए. • यदि गंगा स्नान संभव ना हो तो पानी में गंगा जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. • स्नान के बाद "ऊं नमो नारायण:" मंत्र का जाप करें. • फिर सूर्य देव को अर्घ्य दें और सूर्य भगवान की उपासना करें. • इसके बाद पूजा शुरू करें और भोग में चरणामृत, पान, तिल, मौली, रोली, फल, फूल, कुमकुम, पंचगव्य, सुपारी, दूर्वा आदि चीजें अर्पित करें.

माघ पूर्णिमा 2021 में कब है?

Explanation : माघ पूर्णिमा 2021 में 27 फरवरी को है। जब कर्क राशि में चन्द्रमा और मकर राशि में सूर्य प्रवेश करते हैं, तब माघ पूर्णिमा का पवित्र योग बनता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण, पद्मपुराण और निर्णयसिंधु में कहा गया है कि माघी पूर्णिमा के दिन खुद भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। अतः इस पावन दिन मान्यता है कि गंगा जल के स्पर्श मात्र से समस्त पापों का नाश हो जाता है। ज्योतिषीय आकलन के अनुसार, इस योग में स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा युक्त दोषों से मुक्ति मिलती है। इसीलिए सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए माघी पूर्णिमा का स्नान बहुत फलदायी माना जाता है। इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना और उत्तम गति प्रदान करता है। शास्त्रों में कहा गया है-मासपर्यन्त स्नानासंभवे तु त्रयहमेकाहां वायात अर्थात जो मनुष्यस्वर्गलोक में स्थान पाना चाहते हैं. उन्हें माघ मास में सूर्य की मकर राशिमें स्थित होने पर तीर्थस्नान अवश्य करना चाहिए। इस दिन स्नान-दान करते समय ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जाप अवश्य करें। यह भी माना जाता है कि इस दिन सभी देवता पृथ्वी पर आकर प्रयाग में स्नान, दान करने के साथ-साथ मनुष्य रूप धारण करके भजन, सतसंग आदि करते हैं और माघ पर्णिमा के दिन सभी देवी-देवता अंतिम बार स्नान करके अपने लोकों को प्रस्थान करते हैं। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा करने का विशेष महत्व है। कल्पवासी क्षौरकर्म, मुंडन आदि के बाद विधि-विधान से गंगा स्नान कर सत्यनारायण की पूजा करते हैं। यथाशक्ति दान करें। कंबल, कपास, गुड़, घी, मोदक, छाता, फल और अन्न आदि दक्षिणा दी जानी चाहिए। इस दिन पितरों का श्राद्ध-तर्पण करने की भी परंपरा है। इससे सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होत...