माहवारी बंद होने के बाद बच्चा ठहर सकता है

  1. मासिक धर्म बंद होने के लक्षण, मासिक धर्म की समस्या, मासिक धर्म किस उम्र में बंद होता है, 20 के बाद मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, 30 के बाद मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, 40 के बाद मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, Masik Dharm Problems and Solutions in Hindi, मासिक धर्म की समस्या व इसका सफल इलाज, Masik Dharm Band Hone Ke Lakshan, 30 Ke Baad Masik Dharm Chakra Me Parivartan, 20 Aur 40 Ke Baad Masik Dharm Chakra Me Parivartan, मासिक धर्म की उम्र
  2. माहवारी बंद होने के चार दिन बाद सेक्स किया तो गर्भ ठहर सकता है? » Mahwari Band Hone Ke Char Din Baad Sex Kiya Toh Garbh Thahar Sakta Hai
  3. Ghusl Ka Tareeqa In Hindi
  4. पीरियड्स क्या है? जानिए Periods information in Hindi
  5. महिलाओं में जोड़ों में दर्द और मोटापा हो सकता है माहवारी बंद होने का संकेत, जानें मेनोपॉज से जुड़ी सभी बातें
  6. माहवारी के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है जाने 100% सबसे सटीक जानकारी - Trend Now
  7. बच्चेदानी की रसौली (गाँठ) के लक्षण, कारण और इलाज


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मासिक धर्म बंद होने के लक्षण, मासिक धर्म की समस्या, मासिक धर्म किस उम्र में बंद होता है, 20 के बाद मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, 30 के बाद मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, 40 के बाद मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, Masik Dharm Problems and Solutions in Hindi, मासिक धर्म की समस्या व इसका सफल इलाज, Masik Dharm Band Hone Ke Lakshan, 30 Ke Baad Masik Dharm Chakra Me Parivartan, 20 Aur 40 Ke Baad Masik Dharm Chakra Me Parivartan, मासिक धर्म की उम्र

मासिक धर्म बंद होने के लक्षण, मासिक धर्म की समस्या, मासिक धर्म किस उम्र में बंद होता है, 20 के बाद मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, 30 के बाद मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, 40 के बाद मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, Masik Dharm Problems and Solutions in Hindi, मासिक धर्म की समस्या व इसका सफल इलाज, Masik Dharm Band Hone Ke Lakshan, 30 Ke Baad Masik Dharm Chakra Me Parivartan, 20 Aur 40 Ke Baad Masik Dharm Chakra Me Parivartan, मासिक धर्म की उम्र - The Public मासिक धर्म बंद होने के लक्षण, मासिक धर्म की समस्या, मासिक धर्म किस उम्र में बंद होता है, 20 के बाद मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, 30 के बाद मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, 40 के बाद मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, Masik Dharm Problems and Solutions in Hindi, मासिक धर्म की समस्या व इसका सफल इलाज, Masik Dharm Band Hone Ke Lakshan, 30 Ke Baad Masik Dharm Chakra Me Parivartan, 20 Aur 40 Ke Baad Masik Dharm Chakra Me Parivartan, मासिक धर्म की उम्र ऐनीमिया यानी महिलाओं में खून की कमी भी हो जाती है. इसके बचाव के क्या उपाय हैं? परिचय – 20, 30 और 40 की उम्र में मासिक धर्म में आने वाले बदलाव प्रकृति का नियम है कि बच्चा पैदा होता है, वह धीरे-धीरे वयस्क होता है और फिर बूढ़ा होकर मर जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में उसके शरीर में अनेक परिवर्तन होते हैं. लड़कों और लड़कियों के शरीर में कुछ ऐसे परिवर्तन होते हैं, जो उन्हें एक दूसरे से भिन्न बनाते हैं. मासिक धर्म में पेट में दर्द होना, जी मितली, असहजता और मूड स्विंग्‍स होना आम बात है। लेकिन अगर माहवारी हर महीने समय पर ना आए तो ये चिंता का कारण बन जाती है। कई महिलाओं का पीरियड्स के साथ लव-हेट रिलेशनशिप हो...

माहवारी बंद होने के चार दिन बाद सेक्स किया तो गर्भ ठहर सकता है? » Mahwari Band Hone Ke Char Din Baad Sex Kiya Toh Garbh Thahar Sakta Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका पूछा गया प्रश्न है कि महावारी बंद होने के 4 दिन के बाद सेक्स किया तो बच्चा ठहर सकता है तो मैं बता दूं कि ऐसी कोई फिक्स से सीधी नहीं होती है बच्चा ठहरने की हालांकि जो वन वीक आफ्टर एमसीए माहवारी के एक हफ्ते बाद का समय होता है वहां मैक्सिमम चांसेस होता है गर्भधारण का तो आप पर इस दौरान अगर बसते हैं तो फिर चांसेस कम हो जाते हैं aapka poocha gaya prashna hai ki Mahavari band hone ke 4 din ke baad sex kiya toh baccha thahar sakta hai toh main bata doon ki aisi koi fix se seedhi nahi hoti hai baccha thaharane ki halaki jo van weak after MCA mahwari ke ek hafte baad ka samay hota hai wahan maximum chances hota hai garbhadharan ka toh aap par is dauran agar baste hain toh phir chances kam ho jaate hain आपका पूछा गया प्रश्न है कि महावारी बंद होने के 4 दिन के बाद सेक्स किया तो बच्चा ठहर सकता ह

Ghusl Ka Tareeqa In Hindi

Ghusl Ka Tareeqa In Hindi सुन्नत के मुताबिक गुस्ल कैसे करें गुस्ल किसे कहते हैं गुस्ल का मतलब नहाना है गुस्ल कब फ़र्ज़ होता है गुस्ल करना वैसे तो जिस्म की सफाई के लिए एक अच्छा अमल है लेकिन कुछ वजहें ऐसी हैं जहाँ पर शरीअत ने गुस्ल करना फ़र्ज़ कर दिया है और जब तक आदमी गुस्ल न कर ले नापाक रहता है और वो वजहें ये हैं 1. एह्तेलाम ( Nightfall ) होने के बाद 2. औरत से सोहबत ( Intercourse ) के बाद 3. औरत के हैज़ ( माहवारी ) बंद होने के बाद 4. निफास का खून ( बच्चे की पैदाइश के बाद आने वाला खून ) बंद होंने के बाद वो चीज़ें जो नापाकी की हालत में करना मना और नाजायेज़ है 1. नमाज़ पढना 2. सजदाए तिलावत करना 3. काबे का तवाफ़ करना 4. कुरान पाक की तिलावत करना गुस्ल के फ़राइज़ 3 हैं फ़राइज़ का मतलब ये है कि अगर इन में से कोई चीज़ छूट गयी तो आपका गुस्ल नहीं होगा और अगर गुस्ल नहीं होगा तो वुजू नहीं होगा वुजू नहीं होगा तो नमाज़ नहीं होगी | 1. मुंह भर कर कुल्ली करना 2. नाक में पानी डालना 3. पूरे बदन पर पानी बहाना गुस्ल की सुन्नतें ( Gusl Ki Suunate ) 5 हैं गुस्ल करते वक़्त अगर सुन्नतों को भी शामिल कर लें तो सुन्नत पर अमल करने से आपका सवाब बढ़ जायेगा 1. दोनों हाथ शुरू में गट्टों तक धोना 2. जिस जगह नापाकी लगी हो उसको धोना 3. नापाकी दूर करने की नियत करना 4. वुजू करना 5. तमाम बदन पर पानी बहाना गुस्ल कैसे करें ( How To Take Bath Properly ) यहाँ पर हम गुस्ल का तरीका बता रहे हैं जिस में फ़र्ज़ और सुन्नत दोनों शामिल हैं 1. दोनों गट्टों तक हाथ धोये 2. फिर बदन पर जहाँ नापाकी लगी हो उस को साफ़ करें 3. फिर जिस तरह नमाज़ के लिए वुजू करते हैं उसी तरह वुजू करें 4. फिर पूरे बदन पर पानी बहाए 5. फिर आखिर में दोनों पैर धोये 6. इतना ख्या...

पीरियड्स क्या है? जानिए Periods information in Hindi

प्यूबर्टी के दौरान लड़कियों में कई शारीरिक और भावनिक बदलाव होने लगते है, इन्ही बदलावों में से सबसे एहम बदलाव होता है पीरियड्स यानि माहवारी का शुरू होना। पीरियड्स हर लड़की के जीवन में एक विशिष्ट समय पर आते है। कुछ लड़कियों में जल्दी तो कुछ लड़कियों में देरी से, 11 वर्ष से 15 वर्ष की उम्र के बीच पीरियड्स का आना बीलकुल सामान्य बात है। माहवारी (menstruation) की जानकरी होना हर लड़की के लिए जरुरी है. कईयों को पीरियड्स के बारे में पता तो है पर जानकारी और जागरूकता के आभाव के कारण कई बच्चियों में सम्भ्रम की स्तिथि देखि जाती है। आखिर पीरियड्स क्या है? क्यों आते है? पीरियड्स के दौरान क्या होता है? जैसे कई प्रश्नो के उत्तर जानना बेहद जरुरी है. इन्ही सभी प्रश्नो के उत्तर और आपका हर सम्भ्रम दूर करने के लिए प्रोजेनेसिस फर्टिलिटी सेंटर की सीनियर gynecologist और फर्टिलिटी कंसलटेंट डॉ. सोनाली मालगांवकर से आज हम पीरियड्स की जानकारी प्राप्त करेंगे। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • पीरियड्स क्या है? | Periods information in Hindi Period kya hota hai? : डॉ. सोनाली कहती है, “पीरियड्स यानि लड़कियों का योनावस्था में प्रवेश करना। इस दौरान लड़कियों में जनननांगो का विकास होना शुरू होता है और साथ ही उनका शरीर संभावित गर्भावस्था के लिए तैयार होने लगता है। इस दौरान ब्रैस्ट का विकास, अंदरुनी अंग और अंडरआर्म जैसी जगहों में बाल आना और ऊंचाई में बढ़ोतरी जैसे बदलाव देखे जाते है। पीरियड्स की अवस्था में लड़किया हर महीने करीबन ५ दिन तक ब्लीड करती है। आपकी योनि से लगातार करीबन ५ दिन तक ये रक्तस्त्राव जारी रहता है।” अब आपको ये सवाल जरूर आया होगा के आखिर पीरियड्स आते क्यों है और ...

महिलाओं में जोड़ों में दर्द और मोटापा हो सकता है माहवारी बंद होने का संकेत, जानें मेनोपॉज से जुड़ी सभी बातें

Menopause in Women: महिलाओं में आमतौर पर 50 साल के बाद मासिक धर्म बंद होने का समय आ जाता है। इसे आम भाषा में मेनोपॉज कहा जाता है। जब महिलाओं की ओवरीज अंडों को प्रोड्यूस करना और हार्मोन रिलीज करना बंद कर देता है, तब मेनोपॉज की शुरुआत होती है। माना जाता है कि जब महिलाओं को लगातार एक साल तक पीरियड्स नहीं होता है तो उसे भी मेनोपॉज कह सकते हैं। आइए जानते हैं इससे जुड़ी खास बातें – होतें हैं 3 चरण: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि पेरी-मेनोपॉज पहला चरण होता है। ये मासिक धर्म के बंद होने से करीब 5 से 10 साल पहले शुरू हो सकता है। वहीं, जब किसी महिला को साल भर तक पीरियड्स नहीं होते हैं तो उस काल को मेनोपॉज कहा जाता है। साथ ही, अंतिम मासिक धर्म के एक साल बाद से पोस्ट मेनोपॉज चरण शुरू हो जाता है। क्या हैं मेनोपॉज के कारण: हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार जब ओवरीज और उसके हार्मोन की कार्य क्षमता कमजोर हो जाती है तो मासिक धर्म बंद होने के कगार पर आ जाते हैं। इसे नैचुरल एजिंग कहा जाता है। इसके अलावा, फोर्स्ड मेनोपॉज भी होता है जिसमें महिलाओं की ओवरीज सर्जरी के जरिये निकाल दी जाती हैं। या फिर कीमो या फिर रेडियोथेरेपी के कारण डैमेज हो जाते हैं। वहीं, किसी ऑटो-इम्युन बीमारी या फिर खराब जीन की वजह से ओवरीज सामान्य मात्रा में हार्मोन रिलीज नहीं कर पाते हैं तो प्रीमैच्युर मेनोपॉज कहते हैं। जानें लक्षण: एक्सपर्ट्स के मुताबिक मासिक धर्म के बंद होने से करीब 4 से 5 साल पहले से ही महिलाओं को इसके लक्षण दिखने लगते हैं। हालांकि, हर महिला में एक समान लक्षण हो ये जरूरी नहीं है। मेनोपॉज के बाद 3 सालों तक उन्हें कुछ परेशानी हो सकती है। शरीर में ज्यादा गर्मी होना, रात के समय पसीना, वजाइनल ड्रायनेस, जोड़ों और ...

माहवारी के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है जाने 100% सबसे सटीक जानकारी - Trend Now

माहवारी के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है अगर कोई महिला सामान्य रूप से मां नहीं बन पा रही है या फिर वह जानना चाहती है कि माहवारी के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है तो उनके लिए यह जगह बहुत बढ़िया है। क्योंकि आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले हैं कि माहवारी के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है और इसके साथ हम आपको यह भी बताएंगे कि माहवारी क्या होता है। ताकि आपको पता चल सके कि पीरियड्स के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है और आप सही समय पर संभोग करके मां बनने में कामयाब हो सके। तो अगर आप माहवारी के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है के बारे में पूरी जानकारी अच्छे से प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल में अंत तक बने रहे। माहवारी क्या होता है? माहवारी को अंग्रेजी में पीरियड्स भी कहते हैं। महावारी या फिर पीरियड्स एक तरह का प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है। जिसके दौरान लड़कियों की वजाइना में से खून और उत्तक बाहर निकलते हैं। जब किसी महिला को पीरियड्स आते हैं तो यह पीरियड्स 7 से 15 दिनों तक के हो सकते हैं। आमतौर पर ज्यादातर लड़कियों को पीरियड्स महीने में एक बार आता है। डॉक्टर्स का कहना है कि हर 28 दिन पर लड़कियों को पीरियड्स आते हैं। जब लड़कियां किशोरावस्था में होती है और इन्हें पीरियड्स आने लगते हैं तो इसका मतलब यह हुआ कि इनका शरीर अपने आप को गर्भावस्था के लिए तैयार कर रहा है। जिस लड़की का पीरियड नहीं आता है वह लड़की कभी भी गर्भधारण नहीं कर सकती है। इसलिए गर्भधारण करने के लिए पीरियड्स का आना बेहद जरूरी है। माहवारी के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है डॉक्टर का मानना है कि महावारी के बाद 8 से 12 दिन तक का समय गर्भधारण के लिए बेहद बढ़िया समय है। अगर महावारी के बाद 8 से 12 दिन बाद तक कोई ...

बच्चेदानी की रसौली (गाँठ) के लक्षण, कारण और इलाज

बच्चेदानी की रसौली (गाँठ) को एलोपैथी में फाइब्रॉइड कहते हैं। यह घातक नहीं होती है। हर चौथी-पाँचवीं महिला के बच्चेदानी में यह रसौली पाई जाती है यह आकार में छोटी भी हो सकती है और बड़ी भी और अनेक भी हो सकती हैं। बच्चेदानी की रसौली 20 वर्ष की आयु के बाद कभी भी हो सकती है लेकिन अधिकतर 25 से 45 वर्ष की आयु में ही यह देखने को मिलती है। प्रायः इनसे महिलाओं को किसी भी प्रकार का कोई भी कष्ट नहीं होता इसलिए इस बारे में वे अनभिज्ञ होती हैं। प्रायः जब किसी दूसरे रोग से पीड़ित होने पर स्त्री, स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पास जाँच करवाने जाती है तो इसका पता चलता है। 4 बच्चेदानी निकालने के बाद जीवन पर प्रभाव : रसौली कैसे बनती है ? (Bacchedani me Ganth Banne ke Karan in Hindi) बच्चेदानी की रसौली (गाँठ) का संबंध एस्ट्रोजन हार्मोन से होता है, क्योंकि ये रसौलियाँ इसी हार्मोन से अंकुरित होकर बढ़ती हैं। प्रजनन काल के दौरान शरीर से अतिरिक्त एस्ट्रोजन निकलता है इसलिए इसका आकार बढ़ता जाता है। चूँकि रजोनिवृति के बाद एस्ट्रोजन की मात्रा घटने लगती है इसलिए रजोनिवृति के बाद रसौली सिकुड़कर छोटी हो जाती है। यूँ तो 20 वर्ष से अधिक आयु की किसी भी महिला में यह रसौली हो सकती है लेकिन उन महिलाओं में यह अधिक पाई जाती है जो निःसंतान होती हैं या जिनके एक या दो बच्चे होते हैं। बच्चेदानी की रसौली की पहचान (Bacchedani me Ganth ke Lakshan in Hindi) बच्चेदानी की गाँठ के संकेत और लक्षण क्या होते हैं ? – • रसौली ग्रस्त महिलाओं को माहवारी के समय अधिक रक्तस्राव होता है। अधिक दिनों तक रक्तस्राव होता है और लंबे समय तक रक्तस्राव होने के कारण उसमें रक्त की कमी हो जाती है। • पेट व कमर में दर्द रहता है। • रसौली का आकार बड़ा हो तो पे...