मार्कंडेय काटजू

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  2. Justice Markandey Katjus Controversial Twit On Bcci Officials
  3. Former Judge Markandey Katju Targets On PM Narendra Modi And Central Government
  4. मार्कंडेय काटजू
  5. An Open Letter To Justice Markandey Katju
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Justice Markandey Katjus Controversial Twit On Bcci Officials

मुंबई : सर्वोच्च न्यायालयाचे माजी न्यायमूर्ती मार्कंडेय काटजू यांनी बीसीसीआय पदाधिकाऱ्यांना खांबाला विवस्त्र बाधून 100 फटके दिले पाहिजेत, असं वादग्रस्त ट्विट केलं आहे. बीसीसीआय आणि जस्टिस लोढा यांच्यातील वादात आता काटजूंनी उडी टाकली आहे. मार्कंडेय काटजूंच्या या वादग्रस्त वक्तव्यामुळे भारतीय क्रिकेट जगतात खळबळ माजली आहे. "लोढांनी बीसीसीआयला दिलेली वागणूक पुरेशी नाही. लोढांनी खरं तर बीसीसीआयच्या पदाधिकाऱ्यांना खांबाला बांधून त्यांना शंभर फटके मारायला हवेत," असं काटजूंनी आपल्या ट्विटमध्ये म्हटलं आहे. https://twitter.com/mkatju/status/783214582667980800 सर्वोच्च न्यायालयाचे माजी न्यायमूर्ती मार्कंडेय काटजू यांची बीसीसीआयच्या सल्लागार समितीवर नियुक्ती करण्यात आल्याचं बीसीसीआयनं जाहीर केलं होतं. या चार सदस्यीय समितीत बीसीसीआयचे वकिल अभिनव मुखर्जी यांच्यासह अन्य दोन कायदेतज्ज्ञांचा समावेश आहे. Published at : 04 Oct 2016 06:18 PM (IST) Tags:

Former Judge Markandey Katju Targets On PM Narendra Modi And Central Government

नई दिल्ली: कोरोना वायरस संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. काटजू ने ट्वीट कर रामायण और महाभारत दिखाने को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसा है. मार्कंडेय काटजू ने ट्विटर पर लिखा, "रोमन सम्राट कहते थे कि अगर आप लोगों को रोटी नहीं दे सकते तो उन्हें सर्कस दे दो और हमारे आधुनिक भारतीय सम्राट कहते हैं कि अगर आप लोगों को रोटी नहीं दे सकते हैं तो उन्हें रामायण और महाभारत दिखा दो. हरि ओम." The Roman Emperors used to say '' If u cannot give people bread give them circuses ''. Our modern Indian Emperors say '' If u cannot give people bread, show them Ramayan and Mahabharat on Doordarshan '' Hari Om — Markandey Katju (@mkatju) बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया था. जिसे बाद में तीन मई तक और बढ़ा दिया गया. इस बीच लोग घरों से ना निकलें इसलिए सरकार ने दूरदर्शन पर रामायण और महाभारत का री-टेलीकास्ट करने का ऐलान किया. 28 मार्च से रामायण का री-टेलीकास्ट किया जाने लगा. वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन के चलते रोज कमा कर खाने वाले मजूदरों के सामने रोटी का संकट आ गया. लॉकडाउन की वजह से हजारों लोग दूसरे राज्यों में फंस गए. देश के अलग-अलग हिस्सों से लोगों के खाने को लेकर परेशान होते हुए वीडियो सामने आने लगे. रोजगार और भोजन के संकट के बीच गरीब, मजदूर अपने घरों के लिए पैदल ही निकल पड़े.

मार्कंडेय काटजू

कलकत्ता में एगो संबाद के दौरान जस्टिस काट्जू, 5 दिसंबर 2011 चेयरमैन, प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया कार्यकाल 5 अक्टूबर 2011–5 अक्टूबर 2014 जज, सुप्रीम कोर्ट कार्यकाल 10 अप्रैल 2006–19 सितंबर 2011 चीफ जस्टिस, दिल्ली हाइकोर्ट कार्यकाल 12 अक्टूबर 2005–10 अप्रैल 2006 चीफ जस्टिस, मद्रास हाइकोर्ट कार्यकाल 28 नवंबर 2004–10 अक्टूबर 2005 चेयरमैन, इंडियन रियुनिफिकेशन युनियन कार्यकाल 5 फ़रवरी 2019–अबतक निजी जानकारी जनम ( 1946-09-20) 20 सितंबर 1946 (उमिर76) जीवनसाथी रूपा माई-बाबूजी शिव नाथ काट्जू जस्टिस मार्कंडेय काटजू प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन रह चुकल बाड़ें आ एकरे पहिले ऊ भारत के काटजू बिबिध राजनीतिक आ सामाजिक सरोकार के मुद्दा सभ पर बेबाक राय देवे खाती जानल जालें आ उनके कई बयान बिबादितो रहल बाड़ें। जिनगी [ ] मार्कंडेय काटजू के जनम ब्रिटिश राज के समय के यूनाइटेड प्रोविंस (अब उत्तर प्रदेश) के मार्कंडेय काटजू के इस्कूली पढ़ाई इनकर पत्नी रूपा हई आ इनके एगो बेटा आ बेटी बा लोग। काट्जू के रुची के बिसय सभ के बिबिधता बहुत बा आ ऊ तमिल, संस्कृत, उर्दू, फिलासफी, बिज्ञान आ समाजशास्त्र नियर बिसय सभ में दखल रखे लें जबकि प्राथमिक रुची न्यायशास्त्र हवे। कैरियर [ ] मार्कंडेय काटजू इलाहाबाद हाइकोर्ट में 1970 में वकालत सुरू कइलें आ 1970 से 1991 ले इनके वकालत के दौर रहल। इनके बिसेसज्ञता लेबर कानून, टैक्सेशन आ रिट पेटिशन रहल। ई इनकम टैक्स बिभाग के वकील के रूप में भी काम कइलें। 1991 में ई इलाहाबाद हाइकोर्ट के जज लोग के बेंच में सामिल भ गइलें। 2004 में इनका के इलाहाबाद हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस के कार्यभार (एक्टिंग) मिलल आ नवंबर 2004 में मद्रास हाइकोर्ट आ अक्टूबर 2005 में दिल्ली हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस बनल...

An Open Letter To Justice Markandey Katju

आदरणीय काटजू जी, शायर और सपूत दोनों होने के कारण आप लीक छोड़कर चलना पसंद करते हैं, शायद इसीलिए विवादों से आपका गहरा नाता रहा है। पिछले हफ्ते भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आपको सलाहकार नियुक्त किया जिसके बाद खेल और विधिक जगत में तूफान तो खड़ा होना ही थी। आपने सलाह दी कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश गैर-कानूनी है जिसका बीसीसीआई द्वारा पालन नहीं होना चाहिए। आप अपने फेसबुक पेज पर जजों की अयोग्यता पर सार्वजनिक टिप्पणी करते रहे हैं, पर कीर्ति आजाद ने जब आपको मानसिक रुग्णता का शिकार बताया, तो इसके प्रतिकार में मुझे यह पत्र लिखने के लिए बाध्य होना पड़ा। आपने सही कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस कानून और संविधान से परे नहीं हैं, लेकिन क्या आपके द्वारा बीसीसीआई को दी गई सलाह विधि-सम्मत है? चारा घोटाला मामले में आपने ही तो 8 मई, 2007 को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर कहा था कि 'कानून अगर इजाजत देता तो आप भ्रष्ट लोगों को फांसी पर चढ़ा देते।' आप तो हमेशा सच का साथ देते हैं, तो फिर बीसीसीआई को दंडित करने की बजाय भ्रष्टाचार के संगठित गिरोह का आप सलाहकार क्यों बन गए? कानून को आप मुझसे बेहतर जानते हैं, लेकिन भ्रष्ट लोगों की मदद करना क्या आईपीसी के तहत अपराध नहीं है? आपने अपनी सलाह में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को बीसीसीआई के विरूद्ध निर्णय देने का क्षेत्राधिकार नहीं है। बीसीसीआई, तमिलनाडु में रजिस्टर्ड एक सोसाइटी है, जिसे छह साल में रुपर्ट मर्डोक से 3851 करोड़ रुपये की आय हुई थी। बीसीसीआई स्टेडियम के रखरखाव पर सालाना 1600 करोड़ खर्च करने के बावजूद सरकार को 416 करोड़ का टैक्स देने में गुरेज करती है! 1 करोड़ की सरकारी मदद पाने वाले एनजीओ अब आरटीआई और प्रस्तावित लोकपाल के दायरे में हैं ज...

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Former Judge Markandey Katju Targets On PM Narendra Modi And Central Government

नई दिल्ली: कोरोना वायरस संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. काटजू ने ट्वीट कर रामायण और महाभारत दिखाने को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसा है. मार्कंडेय काटजू ने ट्विटर पर लिखा, "रोमन सम्राट कहते थे कि अगर आप लोगों को रोटी नहीं दे सकते तो उन्हें सर्कस दे दो और हमारे आधुनिक भारतीय सम्राट कहते हैं कि अगर आप लोगों को रोटी नहीं दे सकते हैं तो उन्हें रामायण और महाभारत दिखा दो. हरि ओम." The Roman Emperors used to say '' If u cannot give people bread give them circuses ''. Our modern Indian Emperors say '' If u cannot give people bread, show them Ramayan and Mahabharat on Doordarshan '' Hari Om — Markandey Katju (@mkatju) बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया था. जिसे बाद में तीन मई तक और बढ़ा दिया गया. इस बीच लोग घरों से ना निकलें इसलिए सरकार ने दूरदर्शन पर रामायण और महाभारत का री-टेलीकास्ट करने का ऐलान किया. 28 मार्च से रामायण का री-टेलीकास्ट किया जाने लगा. वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन के चलते रोज कमा कर खाने वाले मजूदरों के सामने रोटी का संकट आ गया. लॉकडाउन की वजह से हजारों लोग दूसरे राज्यों में फंस गए. देश के अलग-अलग हिस्सों से लोगों के खाने को लेकर परेशान होते हुए वीडियो सामने आने लगे. रोजगार और भोजन के संकट के बीच गरीब, मजदूर अपने घरों के लिए पैदल ही निकल पड़े.

An Open Letter To Justice Markandey Katju

आदरणीय काटजू जी, शायर और सपूत दोनों होने के कारण आप लीक छोड़कर चलना पसंद करते हैं, शायद इसीलिए विवादों से आपका गहरा नाता रहा है। पिछले हफ्ते भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आपको सलाहकार नियुक्त किया जिसके बाद खेल और विधिक जगत में तूफान तो खड़ा होना ही थी। आपने सलाह दी कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश गैर-कानूनी है जिसका बीसीसीआई द्वारा पालन नहीं होना चाहिए। आप अपने फेसबुक पेज पर जजों की अयोग्यता पर सार्वजनिक टिप्पणी करते रहे हैं, पर कीर्ति आजाद ने जब आपको मानसिक रुग्णता का शिकार बताया, तो इसके प्रतिकार में मुझे यह पत्र लिखने के लिए बाध्य होना पड़ा। आपने सही कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस कानून और संविधान से परे नहीं हैं, लेकिन क्या आपके द्वारा बीसीसीआई को दी गई सलाह विधि-सम्मत है? चारा घोटाला मामले में आपने ही तो 8 मई, 2007 को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर कहा था कि 'कानून अगर इजाजत देता तो आप भ्रष्ट लोगों को फांसी पर चढ़ा देते।' आप तो हमेशा सच का साथ देते हैं, तो फिर बीसीसीआई को दंडित करने की बजाय भ्रष्टाचार के संगठित गिरोह का आप सलाहकार क्यों बन गए? कानून को आप मुझसे बेहतर जानते हैं, लेकिन भ्रष्ट लोगों की मदद करना क्या आईपीसी के तहत अपराध नहीं है? आपने अपनी सलाह में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को बीसीसीआई के विरूद्ध निर्णय देने का क्षेत्राधिकार नहीं है। बीसीसीआई, तमिलनाडु में रजिस्टर्ड एक सोसाइटी है, जिसे छह साल में रुपर्ट मर्डोक से 3851 करोड़ रुपये की आय हुई थी। बीसीसीआई स्टेडियम के रखरखाव पर सालाना 1600 करोड़ खर्च करने के बावजूद सरकार को 416 करोड़ का टैक्स देने में गुरेज करती है! 1 करोड़ की सरकारी मदद पाने वाले एनजीओ अब आरटीआई और प्रस्तावित लोकपाल के दायरे में हैं ज...

Justice Markandey Katjus Controversial Twit On Bcci Officials

मुंबई : सर्वोच्च न्यायालयाचे माजी न्यायमूर्ती मार्कंडेय काटजू यांनी बीसीसीआय पदाधिकाऱ्यांना खांबाला विवस्त्र बाधून 100 फटके दिले पाहिजेत, असं वादग्रस्त ट्विट केलं आहे. बीसीसीआय आणि जस्टिस लोढा यांच्यातील वादात आता काटजूंनी उडी टाकली आहे. मार्कंडेय काटजूंच्या या वादग्रस्त वक्तव्यामुळे भारतीय क्रिकेट जगतात खळबळ माजली आहे. "लोढांनी बीसीसीआयला दिलेली वागणूक पुरेशी नाही. लोढांनी खरं तर बीसीसीआयच्या पदाधिकाऱ्यांना खांबाला बांधून त्यांना शंभर फटके मारायला हवेत," असं काटजूंनी आपल्या ट्विटमध्ये म्हटलं आहे. https://twitter.com/mkatju/status/783214582667980800 सर्वोच्च न्यायालयाचे माजी न्यायमूर्ती मार्कंडेय काटजू यांची बीसीसीआयच्या सल्लागार समितीवर नियुक्ती करण्यात आल्याचं बीसीसीआयनं जाहीर केलं होतं. या चार सदस्यीय समितीत बीसीसीआयचे वकिल अभिनव मुखर्जी यांच्यासह अन्य दोन कायदेतज्ज्ञांचा समावेश आहे. Published at : 04 Oct 2016 06:18 PM (IST) Tags:

मार्कंडेय काटजू

कलकत्ता में एगो संबाद के दौरान जस्टिस काट्जू, 5 दिसंबर 2011 चेयरमैन, प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया कार्यकाल 5 अक्टूबर 2011–5 अक्टूबर 2014 जज, सुप्रीम कोर्ट कार्यकाल 10 अप्रैल 2006–19 सितंबर 2011 चीफ जस्टिस, दिल्ली हाइकोर्ट कार्यकाल 12 अक्टूबर 2005–10 अप्रैल 2006 चीफ जस्टिस, मद्रास हाइकोर्ट कार्यकाल 28 नवंबर 2004–10 अक्टूबर 2005 चेयरमैन, इंडियन रियुनिफिकेशन युनियन कार्यकाल 5 फ़रवरी 2019–अबतक निजी जानकारी जनम ( 1946-09-20) 20 सितंबर 1946 (उमिर76) जीवनसाथी रूपा माई-बाबूजी शिव नाथ काट्जू जस्टिस मार्कंडेय काटजू प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन रह चुकल बाड़ें आ एकरे पहिले ऊ भारत के काटजू बिबिध राजनीतिक आ सामाजिक सरोकार के मुद्दा सभ पर बेबाक राय देवे खाती जानल जालें आ उनके कई बयान बिबादितो रहल बाड़ें। जिनगी [ ] मार्कंडेय काटजू के जनम ब्रिटिश राज के समय के यूनाइटेड प्रोविंस (अब उत्तर प्रदेश) के मार्कंडेय काटजू के इस्कूली पढ़ाई इनकर पत्नी रूपा हई आ इनके एगो बेटा आ बेटी बा लोग। काट्जू के रुची के बिसय सभ के बिबिधता बहुत बा आ ऊ तमिल, संस्कृत, उर्दू, फिलासफी, बिज्ञान आ समाजशास्त्र नियर बिसय सभ में दखल रखे लें जबकि प्राथमिक रुची न्यायशास्त्र हवे। कैरियर [ ] मार्कंडेय काटजू इलाहाबाद हाइकोर्ट में 1970 में वकालत सुरू कइलें आ 1970 से 1991 ले इनके वकालत के दौर रहल। इनके बिसेसज्ञता लेबर कानून, टैक्सेशन आ रिट पेटिशन रहल। ई इनकम टैक्स बिभाग के वकील के रूप में भी काम कइलें। 1991 में ई इलाहाबाद हाइकोर्ट के जज लोग के बेंच में सामिल भ गइलें। 2004 में इनका के इलाहाबाद हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस के कार्यभार (एक्टिंग) मिलल आ नवंबर 2004 में मद्रास हाइकोर्ट आ अक्टूबर 2005 में दिल्ली हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस बनल...