मासिक धर्म में कितने दिन बाद पूजा करना चाहिए

  1. क्या पीरियड के 6 दिन पूजा कर सकते हैं?
  2. Rishi Panchami: जानिए ऋषि पंचमी 2023 की तिथि, पूजा विधि और व्रत कथा
  3. मासिक धर्म में करवा चौथ का व्रत कैसे करें? – Expert
  4. पीरियड के कितने दिन बाद पूजा करें
  5. Masik Shivratri 2023 Date Time image Rituals importance Significance puja vidhi Shivratri totke
  6. पीरियड के पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं
  7. क्या मासिक धर्म के दौरान पूजा करनी चाहिए?


Download: मासिक धर्म में कितने दिन बाद पूजा करना चाहिए
Size: 51.5 MB

क्या पीरियड के 6 दिन पूजा कर सकते हैं?

पीरियड के पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं – मासिक धर्म में व्रत कैसे करें – महिलाओं में पीरियड आना एक अच्छी बात हैं. अगर सही समय पर महिला को पीरियड आ जाए तो यह महिला के लिए शारीरिक रूप से अच्छा माना जाता हैं. लेकिन हिंदू परंपरा के अनुसार पीरियड के दौरान महिला को पूजा करने की मनाई होती हैं. ऐसे समय पर महिलाएं दुविधा में फंस जाती हैं. और वह पूजा नहीं कर पाती हैं. पीरियड आने के बाद महिलाएं कितने दिन तक पूजा नहीं कर सकती हैं. यह जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की पीरियड के पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं तथा माहवारी के कितने दिन बाद पूजा करना चाहिए. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. • पीरियड के पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं • माहवारी के कितने दिन बाद पूजा करना चाहिए • पीरियड में पूजा करने से क्या होता है • मासिक धर्म में व्रत कैसे करें • पीरियड्स कितने दिन होना चाहिए • निष्कर्ष पीरियड के पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं जी हां, पीरियड के पांचवे दिन महिलाएं बीना संकोच के निश्चित रूप से पूजा कर सकती हैं. ऐसा माना जाता है की महिलाएं पीरियड आने के चार दिन बाद पांचवे दिन पूजा कर सकती हैं. पीरियड आने के चार दिन बाद पांचवे दिन अगर महिलाएं पूजा करती हैं. तो तो उनकी पूजा सफल मानी जाती हैं. आर्य समाज अंतिम संस्कार विधि / तेरहवीं संस्कार विधि आर्य समाज माहवारी के कितने दिन बाद पूजा करना चाहिए माहवारी आने के चार दिन बाद महिलाएं पूजा कर सकती हैं. इन चार दिनों के भीतर महिलाओं को पूर्ण रूप से नियम पालना होता हैं. इन चार...

Rishi Panchami: जानिए ऋषि पंचमी 2023 की तिथि, पूजा विधि और व्रत कथा

ऋषि पंचमी का त्यौहार सात संतों या सप्त ऋषियों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। यह भाद्रपद के हिंदू चंद्र माह के पांचवें दिन आता है। इस दिन, महिलाएं अपने कर्मों और अशुद्धियों को धोने के लिए एक नदी या एक पवित्र जल निकाय में स्नान करती हैं। इस पर्व पर व्रत और संतों की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ऋषि पंचमी का व्रत करने से व्यक्ति जन्म मरण के चक्र से मुक्ति पा सकता है। जानिए ऋषि पंचमी 2023 के दिन जातक को किन चीजों से सावधान रहना चाहिए और किस समय पूजा करनी चाहिए। ऋषि पंचमी 2023ः तिथि और शुभ मुहूर्त साल 2023 में, ऋषि पंचमी 20 सितंबर 2023, बुधवार को मनाई जाएगी। ऋषि पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:01 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक रहेगा। वहीं इस मुहूर्त की अवधि 02 घंटे 27 मिनट की होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि 19 सितंबर 2023 को दोपहर 01:43 बजे शुरू होकर 20 सितंबर 2023 को दोपहर 02:16 बजे समाप्त होगी। यह भी पढ़ें- जैन धर्म में ऋषि पंचमी का महत्व जैन धर्म में ऋषि पंचमी बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है, क्योंकि इस दिन जैन समाज के लोग ऋषियों या संतों को श्रद्धांजलि देते हैं। वहीं जैन धर्म में इसे संवत्सरी पर्व भी कहा जाता है। यह त्यौहार भाद्रपद के हिंदू चंद्र माह के पांचवें दिन मनाया जाता है और इस दिन जैन समुदाय के लोग अपने गुरुओं और ऋषिओं को याद करते हैं। यह दिन जैन समाज के लोगों को अपने आचार-व्यवहार में सुधार करने के लिए प्रेरित किया जाता है और उन्हें अपने दैनिक जीवन में सम्यक्त्व और धार्मिक अनुष्ठान को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ऋषि पंचमी के दिन जैन मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें जैन धर्म के महाव्रतों और आचार्यों को याद कर...

मासिक धर्म में करवा चौथ का व्रत कैसे करें? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • मासिक धर्म में करवा चौथ का व्रत कैसे करें? यदि आप करवा चौथ का व्रत रखती हैं और करवा चौथ के व्रत के कुछ दिन पहले अथवा इसके आसपास आपको मासिक धर्म की स्थिति निर्मित हो चुकी है तो पूजन-पाठ नहीं करें। केवल व्रत आवश्यक रूप से रखें और अपने पतिदेव के द्वारा चंद्रमा का पूजन आप करवा सकती हैं और भगवान गणेश का पूजन भी आप अपने पतिदेव के द्वारा ही करवा सकती हैं। करवा चौथ PR पीरियड आ जाए तो क्या करें? महिलाएं पीरियड्स में होते हुए भी करवा चौथ का व्रत बिना किसी शंका के रख सकती हैं। शास्त्रों में व्रत करने की मनाही के बारे में नहीं बताया गया है। यदि करवा चौथ के दिन ही आपका मासिक धर्म शुरू हो जाता है तो भी आप व्रत कर सकती हैं। चौथ कैसे पटती है? करवाचौथ पूजा शाम को होती है, इसलिए शादीशुदा महिलाओं को स्नान के बाद लाल साड़ी पहनकर पूरा श्रृंगार करना चाहिए. 2 साफ चौकी पर गंगाजल छिड़ककर लाल कपड़ा बिछाएं, उस पर चौथ माता की तस्वीर लगाएं या गेरू से भी चौथ मां की तस्वीर बना सकती हैं. 3. दो मिट्टी के करवे और पीतल का लोटा लेकर जल भरें. READ: आदि मानव का जन्म कब और कहां हुआ था? मासिक धर्म के दौरान व्रत कैसे करें? मासिक धर्म में महिलाओं को चक्‍कर आना, भूख न लगना और कब्‍ज जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं। ऐसे में आपको व्रत नहीं रखने चाहिए। लेकिन जिन महिलाओं को ऐसी समस्‍याएं नहीं होती हैं, वे व्रत रख सकती हैं। इस दौरान आपको माता की प्रतिमा को स्‍पर्श नहीं करना चाहिए और न ही पूजा की कोई सामग्री छूनी चाहिए। पीरियड के कितने दिन बाद हम पूजा कर सकते हैं? आमतौर पर यह माना गया है कि जब महिलाओं को मासिक धर्म होता है तो मासिक धर्म के 4 दिन बाद महिलाओं को पूजा करनी चाहिए, ताकि...

पीरियड के कितने दिन बाद पूजा करें

मासिक धर्म के कितने दिन बाद पूजा करनी चाहिए महिलाओं के लिए पीरियड्स का आना अच्छा माना जाता है लेकिन जब मासिक धर्म पूजा के दौरान आते है तो आपको मासिक धर्म के कितने दिन बाद पूजा करनी चाहिए यह सब आपको आज हम बता रहें हैं आपको पत्ता होना चाहिए कि मासिक धर्म में पूजा करना चाहिए या नहीं, अक्सर महिलाऐ कुछ गलतियां कर देती हैं जिस कारण उनकी पूजा असफल हो जाति है उनको भारी कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। विषयसूची Show • • • • • • • • • • • • • • • • • • मासिक धर्म के कितने दिन बाद पूजा करनी चाहिए आमतौर पर यह माना गया है कि जब महिलाओं को मासिक धर्म होता है तो मासिक धर्म के 4 दिन बाद महिलाओं को पूजा करनी चाहिए, ताकि उनकी पूजा में बिना व्यवधान के वह सफल हो सके, इस दौरान आपको पूजा में बनने वाले प्रसाद या पूजन सामग्री को तैयार करने से भी दूर रहना चाहिए। यह आपको तब तक करना होगा जब तक आपके मासिक धर्म को 4 दिन न हो जाएं। इस दौरान पीरियड से गुजरने वाली महिलाओं को पूजा के लिए भोग नहीं तैयार करना चाहिए। इस दौरान महिलाओं का पूजा स्थल पर जाना वर्जित होता है। पूजा की किसी भी सामग्री को स्पर्श नहीं करना चाहिए। अगर पाचंवे दिन कोई महिला पीरियड्स में रहती है तो ऐसे स्थिति में परिवार के किसी सदस्य के द्वारा पूजन और हवन करवाना चाहिए। मासिक धर्म में पूजा करना चाहिए या नहीं हिन्दू नियमो के अनुसार, मासिक धर्म या माहवारी (Periods) के दिनों में महिलाओं को धार्मिक कार्यों ( पूजा पाठ ) में शामिल नहीं होना चाहिए। इसको लेकर बहुत सारे विचार है की महिलाओ को क्या करना चाहिए क्या नहीं।मासिक धर्म या माहवारी दिनों में महिलाओं को मंदिर जाने की इजाजत नहीं होती साथ ही पूजा पाठ के सामान और मूर्ति को हाथ लगाना भी अशुभ माना ...

Masik Shivratri 2023 Date Time image Rituals importance Significance puja vidhi Shivratri totke

Masik Shivratri 2023 Date Time image Rituals importance Significance puja vidhi Shivratri totke | Masik Shivratri: मासिक शिवरात्रि पर महादेव की करें ऐसे पूजा, जानें रात्रि में शिव जी की पूजा का महत्व | Hindi News, Himachal Pradesh Masik Shivratri: मासिक शिवरात्रि पर महादेव की करें ऐसे पूजा, जानें रात्रि में शिव जी की पूजा का महत्व Masik Shivratri 2023 Date: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि हर माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के अवसर पर मध्यरात्रि भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से भक्तों पर महादेव की असीम कृपा बनती है. साथ ही शिव जी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं. Jai Shree Ram: देखें प्रभु श्री राम की अलौकिक और भव्य तस्वीर बता दें, मासिक शिवरात्रि का व्रत पुरुष और महिलाएं दोनों रखती हैं. ये व्रत कुंवारी कन्या भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रख सकती है. रखती हैं. बता दें, इस बार आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि गुरुवार 16 जून को पड़ रही है. शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 39 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 17 जून को सुबह 09 बजकर 11 मिनट तक पर खत्म होगी. मान्यता के अनुसार, ऐसा बताया गया है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने वाले भक्तों पर भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की हमेशा कृपा बनीं रहती है. साथ ही घर परिवार में और गृहस्थ जीवन में खुशहाली आती है. पूजा करते वक्त पढ़ें ये मंत्र ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ. ऊँ नम: शिवाय. ओम साधो जातये नम:. जानें रात्रि में शिव जी की पूजा का महत्व बता...

पीरियड के पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं

पीरियड के पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं – मासिक धर्म में व्रत कैसे करें –महिलाओं में पीरियड आना एक अच्छी बात हैं. अगर सही समय पर महिला को पीरियड आ जाए तो यह महिला के लिए शारीरिक रूप से अच्छा माना जाता हैं. लेकिन हिंदू परंपरा के अनुसार पीरियड के दौरान महिला को पूजा करने की मनाई होती हैं. ऐसे समय पर महिलाएं दुविधा में फंस जाती हैं. और वह पूजा नहीं कर पाती हैं. पीरियड आने के बाद महिलाएं कितने दिन तक पूजा नहीं कर सकती हैं. यह जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. • • • • • • पीरियड के पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं जी हां, पीरियड के पांचवे दिन महिलाएं बीना संकोच के निश्चित रूप से पूजा कर सकती हैं. ऐसा माना जाता है की महिलाएं पीरियड आने के चार दिन बाद पांचवे दिन पूजा कर सकती हैं. पीरियड आने के चार दिन बाद पांचवे दिन अगर महिलाएं पूजा करती हैं. तो तो उनकी पूजा सफल मानी जाती हैं. आर्य समाज अंतिम संस्कार विधि / तेरहवीं संस्कार विधि आर्य समाज माहवारी के कितने दिन बाद पूजा करना चाहिए माहवारी आने के चार दिन बाद महिलाएं पूजा कर सकती हैं. इन चार दिनों के भीतर महिलाओं को पूर्ण रूप से नियम पालना होता हैं. इन चार दिन के दौरान महिलाओं को पूजा करने से बचना चाहिए. साथ-साथ इन चार दिन के भीतर महिलाएं भगवान के लिए भोग तथा प्रसाद आदि भी तैयार नहीं कर सकते हैं. जब सभी रास्ते बंद हो तो क्या करे – सम्पूर्ण जानकारी पीरियड में पूजा करने से क्या होता है वैसे तो पीरियड के दौरान पूजा करने से किसी को कुछ भी नहीं होता हैं. अगर महिलाएं चाहे तो पीरियड के दौरान भी स्नान आदि करने के बाद शुद्ध होकर पूजा कर सकती हैं. लेकिन पीरियड के दौरान पूजा नहीं करने की परंपरा पुराने समय से ही चली आ रही हैं. इसलि...

क्या मासिक धर्म के दौरान पूजा करनी चाहिए?

Table of Contents Show • • • • • • • मासिक धर्म के कितने दिन बाद पूजा करनी चाहिए आमतौर पर यह माना गया है कि जब महिलाओं को मासिक धर्म होता है तो मासिक धर्म के 4 दिन बाद महिलाओं को पूजा करनी चाहिए, ताकि उनकी पूजा में बिना व्यवधान के वह सफल हो सके, इस दौरान आपको पूजा में बनने वाले प्रसाद या पूजन सामग्री को तैयार करने से भी दूर रहना चाहिए। यह आपको तब तक करना होगा जब तक आपके मासिक धर्म को 4 दिन न हो जाएं। इस दौरान पीरियड से गुजरने वाली महिलाओं को पूजा के लिए भोग नहीं तैयार करना चाहिए। इस दौरान महिलाओं का पूजा स्थल पर जाना वर्जित होता है। पूजा की किसी भी सामग्री को स्पर्श नहीं करना चाहिए। अगर पाचंवे दिन कोई महिला पीरियड्स में रहती है तो ऐसे स्थिति में परिवार के किसी सदस्य के द्वारा पूजन और हवन करवाना चाहिए। मासिक धर्म में पूजा करना चाहिए या नहीं हिन्दू नियमो के अनुसार, मासिक धर्म या माहवारी (Periods) के दिनों में महिलाओं को धार्मिक कार्यों ( पूजा पाठ ) में शामिल नहीं होना चाहिए। इसको लेकर बहुत सारे विचार है की महिलाओ को क्या करना चाहिए क्या नहीं।मासिक धर्म या माहवारी दिनों में महिलाओं को मंदिर जाने की इजाजत नहीं होती साथ ही पूजा पाठ के सामान और मूर्ति को हाथ लगाना भी अशुभ माना जाता है। जी हां, ये तो सही है कि मासिक धर्म के समय महिलाओं को पूजा-पाठ इत्यादि करने से मना किया जाता है। पहले के जमाने में तो नियम बहुत हि कड़े और कष्ट दायी थे। पुराने वक्त में पीरियड्स के समय महिलाएं जमीन पर चटाई बिछाकर सोती थी, किसी कार्य में भाग नहीं लेती थी, यहां तक कि रसोई घर में भी उन्हें जाने से मना किया जाता था। अच्छी बात ये है कि बदलते जमाने के साथ लोगों की सोच भी बदली है और पहले की अपेक्षा धीरे ध...