माता जी की आरती लिखी हुई

  1. मंदिर की आरती: अहोई माता की आरती लिरिक्स
  2. आरती श्री रामायण जी की, Aarti Ramayan Ji Ki, आरती श्री रामायण जी की लिरिक्स, Aarti Shree Ramayan Ji Ki Lyrics, आरती श्री रामायण जी की लिखी हुई, Aarti Shri Ramayan Ji Ki Lyrics, आरती रामायण जी की लिरिक्स, Ramayan Ji Ki Aarti Lyrics, रामायण आरती वीडियो, Ramayan Aarti Video, आरती रामायण जी की हिंदी में, Aarti Ramayan Ji Ki Hindi Me, रामायण जी आरती, Ramayan Ji Aarti
  3. Mata Ki Aarti
  4. सब भगवान की आरती
  5. Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi OM Jai Lakshmi Mata Maiya Jai Lakshmi Mata Aarti Benefits
  6. एकादशी (ग्यारस) माता जी की आरती (हिंदी) & (English) PDF
  7. [PDF], आरती: माँ महाकाली
  8. ब्राह्मणी माता की आरती लिरिक्स


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मंदिर की आरती: अहोई माता की आरती लिरिक्स

अहोई माता की आरती लिरिक्स ज़य अहोई माता ज़य अहोई माता। तुमको निसदिन ध्यावत हरि विष्णु धाता॥ ब्राहमणी रुद्राणी कमला तू हे है जग दाता। सूर्य चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता॥ माता रूप निरंजन सुख संपत्ती दाता। जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता॥ तू हे है पाताल बसंती तू हे है सुख दाता। कर्मा प्रभाव प्रकाशक जज्निदधि से त्राता॥ जिस घर तारो वास वही में गुण आता। कर ना सके सोई कर ले मन नहीं घबराता॥ तुम बिन सुख ना होवय पुतरा ना कोई पाता। खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता॥ सुभ गुण सुन्दर युक्ता शियर निदधि जाता। रतन चतुर्दर्श तौकू कोई नहीं पाता॥ श्री अहोई मा की आरती जो कोई गाता। उर् उमंग अत्ती उपजय पाप उत्तर जाता॥ अहोई माता मंदिर की आरती Ahoi Mata Ki Aarti Lyrics Jai Ahoi Mata Jai Ahoi Mata। Tumko Nisdin Dhyavat Hari Vishnu Dhata॥ Brahamni Rudrani Kamla tu he hai Jag Datta। Surya Chandrama Dhyavat Narad Rishi Gatta॥ Mata Roop Niranjan Sukh Sampatti Datta। Jo koi Tumko Dhyavat Nit Mangal Patta॥ Tu he hai Pataal Basanti tu he hai Sukh Datta। Karma Prabhav Prakashak Jagniddhi Se Trata॥ Jis Ghar Tharo Vaas Wahi Mein Gunna Atta। Kar Na Sake Soi Kar Le Mann Nahi Ghabrata॥ Tum Bin Sukh Na Hovay Putra Na Koi Patta। Khan-Paan Ka Vaibhav Tum Bin Nahi Atta॥ Subh gun Sundar Yukta Sheer Niddhi Jatta। Ratan Chaturdarsh tokun koi nahi Patta॥ Shree Ahoi Maa ki Aarti jo koi gatta। Ur Umang Atti Upjay Paap Uttar Jatta॥ हमें उम्मीद है की सभी भक्तो को यह आर्टिकल Ahoi Mata Ki Aarti Lyrics के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये। आप अपनी फरमाइश भी हमे कमेंट करके बता सकते है। हम वो भजन, आरती...

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Mata Ki Aarti

Mata ki Aarti in Hindi Lyrics माता की आरती इन हिंदी माता की आरती हिंदी लिरिक्स जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ जय अम्बे गौरी माँग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को। उज्जवल से दो‌ उ नैना, चन्द्रवदन नीको॥ जय अम्बे गौरी कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥ जय अम्बे गौरी केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी। सुर- नर- मुनि- जन सेवत, तिनके दुखहारी॥ जय अम्बे गौरी कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥ जय अम्बे गौरी शुम्भ- निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥ जय अम्बे गौरी चण्ड- मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे। मधु- कैटभ दो‌ उ मारे, सुर भयहीन करे॥ जय अम्बे गौरी ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी। आगम- निगम- बखानी, तुम शिव पटरानी॥ जय अम्बे गौरी चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ। बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥ जय अम्बे गौरी तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता। भक्‍ तन की दु: ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥ जय अम्बे गौरी भुजा चार अति शोभित, वर- मुद्रा धारी। मनवांछित फल पावत, सेवत नर- नारी॥ जय अम्बे गौरी कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती। श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥ जय अम्बे गौरी श्री अम्बेजी की आरती, जो को‌ ई नर गावै। कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥ जय अम्बे गौरी माता की आरती के लाभ हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार माता दुर्गा की पूजा के बाद माता की आरती को नियमित आधार पर करना माता दुर्गा को खुश करने और आशीर्वाद पाने का सबसे अच्छा तरीका है। माता की आरती आरती के नियमित रूप से करने से मन को शांति मिलती है और घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती हैं। मात...

सब भगवान की आरती

Sankashti Chaturthi 2023 Date and Timing: कब है संकष्टी चतुर्थी? जानें डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व प्रथम पूजनीय भगवान गणेश को समर्पित है. संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में आ रहे सभी संकट दूर होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है. इसलिए लोग भगवान गणेश को प्रसन्न करने और उनकी … Categories ॐ जय बृहस्पति देवा ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा।छिन-छिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा।। तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी।जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी।। ॐ जय बृहस्पति देवा।। चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता।। ॐ जय बृहस्पति देवा।। तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।प्रभु प्रकट तब … Categories आरती कीजै नरसिंह कुंवर की।वेद विमल यश गाऊं मेरे प्रभुजी॥ पहली आरती प्रहलाद उबारे।हिरणाकुश नख उदर विदारे॥ दूसरी आरती वामन सेवा।बलि के द्वार पधारे हरि देवा॥ तीसरी आरती ब्रह्म पधारे।सहसबाहु के भुजा उखारे॥ चौथी आरती असुर संहारे।भक्त विभीषण लंक पधारे॥ पांचवीं आरती कंस पछारे।गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले॥ तुलसी को पत्र कंठ मणि हीरा। 1 शनिवार … Categories बुधवार व्रत की आरती | budhwar vrat ki aarti आरती युगलकिशोर की कीजै। तन मन धन न्योछावर कीजै॥गौरश्याम मुख निरखन लीजै। हरि का रूप नयन भरि पीजै॥ रवि शशि कोटि बदन की शोभा। ताहि निरखि मेरो मन लोभा॥ओढ़े नील पीत पट सारी। कुंजबिहारी गिरिवरधारी॥ फूलन सेज फूल की माला। रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला॥कंचन थार कपूर … Categories जय मनसा माता, मैया जय मनसा माता। जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥ टेक ॥ जरत्कारु मुनि पत्नि, तुम बासुक भगनी, मैया तुम बासुक भगनी। कश्यप की तुम कन्या, आस्तिक की माता, मैया आस्तिक की माता ॥ गर्व धन्व...

Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi OM Jai Lakshmi Mata Maiya Jai Lakshmi Mata Aarti Benefits

Lakshmi Ki Aarti : शास्त्रों में लक्ष्मी जी धन की देवी बताया गया है. लक्ष्मी जी का संबंध वैभव, सुख-समृद्धि से है. माता लक्ष्मी जी का आशीर्वाद जब प्राप्त होता है तो सुखों में वृद्धि होती है. मान सम्मान प्राप्त होता है. यही कारण है कि हर कोई लक्ष्मी जी का आशीर्वाद चाहता है. शुक्रवार का दिन लक्ष्मी जी का प्रिय दिन है. आज विशेष संयोग बना है. पंचांग के अनुसार 17 जून 2022, शुक्रवार को आषाढ़ मास की तृतीया तिथि है. जिसका समापन प्रात: 6 बजकर 12 मिनट पर हो रहा है. इसके बाद चतुर्थी की तिथि प्रारंभ होगी. ये तिथि गणेश पूजा के लिए उत्तम मानी गई है. इस दिन लक्ष्मी जी के साथ विघ्नहर्ता की पूजा का भी संयोग बना हुआ है. इस दिन इस आरती का पाठ घर में सुख-समृद्धि लाता है और माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है. आइए यहां पढ़ते हैं लक्ष्मी जी की आरती- लक्ष्मी जी की आरती (Lakshmi Ki Aarti) ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता।। ओम जय लक्ष्मी माता। उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जगमाता। सूर्य, चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।। ओम जय लक्ष्मी माता। दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।। ओम जय लक्ष्मी माता। तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभ दाता। कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता।। ओम जय लक्ष्मी माता। जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता। सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।। ओम जय लक्ष्मी माता। तुम बिन यज्ञ न होते, वस्तु न कोई पाता। खान पान का वैभव सब तुमसे आता।। ओम जय लक्ष्मी माता। शुभ्र गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता।। ओम जय लक्ष्मी माता। महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता। उर आनंद समा...

एकादशी (ग्यारस) माता जी की आरती (हिंदी) & (English) PDF

एकादशी माता जी की आरती (हिंदी), gyaras mata ki aarti, ekadashi maiya ki aarti, aarti ekadashi ki, aarti ekadashi mata ki – ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता। विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥ ॐ जय एकादशी…॥ तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी। गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥ ॐ जय एकादशी…॥ मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी। शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई॥ ॐ जय एकादशी…॥ पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है। शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै॥ ॐ जय एकादशी…॥ नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै। शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै॥ ॐ जय एकादशी…॥ विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी। पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की॥ ॐ जय एकादशी…॥ चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली। नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली॥ ॐ जय एकादशी…॥ शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी। नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी॥ ॐ जय एकादशी…॥ योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी। देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी॥ ॐ जय एकादशी…॥ कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए। श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए॥ ॐ जय एकादशी…॥ अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला। इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला॥ ॐ जय एकादशी…॥ पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी। रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी॥ ॐ जय एकादशी…॥ देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया। पावन मास में करूं विनती पार करो नैया॥ ॐ जय एकादशी…॥ परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी। शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी॥ ॐ जय ए...

[PDF], आरती: माँ महाकाली

Maa MahaKali Ji ki Aarti यहाँ पढ़ें : यहाँ पढ़ें : mahakali mata ki aarti lyrics in Hindi – श्री महाकाली आरती | Mahakali Aarti ‘मंगल’ की सेवा, सुन मेरी देवा, हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े। पान सुपारी, ध्वजा, नारियल,ले ज्वाला तेरी भेंट धरे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी देवा। सुन जगदम्बे, कर न विलम्बे, संतन के भण्डार भरे। संतन-प्रतिपाली, सदा खुशहाली,मैया जै काली कल्याण करे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी देवा। बुद्धि विधाता, तू जग माता,मेरा कारज सिद्ध करे। चरण कमल का लिया आसरा,शरण तुम्हारी आन परे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी देवा। जब-जब भीर पड़ी भक्तन पर,तब-तब आय सहाय करे। बार-बार तैं सब जग मोहयो,तरुणी रूप अनूप धरे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी देवा। माता होकर पुत्र खिलावे, कहीं भार्या भोग करे।, सन्तन सुखदाई सदा सहाई,सन्त खड़े जयकार करे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी देवा। ब्रह्मा विष्णु महेश सहसफण लिए,भेंट देन तेरे द्वार खड़े। अटल सिहांसन बैठी मेरी माता,सिर सोने का छत्र फिरे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी देवा। वार शनिश्चर कुंकुम बरणो, जब लुँकड़ पर हुकुम करे। खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिए, रक्त बीज को भस्म करे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी देवा। शुंभ निशुंभ को क्षण में मारे, महिषासुर को पकड़ दले। आदित’ वारी आदि भवानी, जन अपने का कष्ट हरे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी देवा। कुपित होय दानव मारे, चण्ड मुण्ड सब चूर करे। जब तुम देखी दया रूप हो, पल में संकट दूर करे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी देवा। सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता, जन की अर्ज कबूल करे। सात बार की महिमा बरनी, सब गुण कौन बखान करे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी देवा। सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी, अटल भवन में राज करे। दर्शन पावें मंगल गावें, सिद्ध साधक तेरी भेंट धरे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी देवा। ब्रह्मा वेद...

ब्राह्मणी माता की आरती लिरिक्स

जय ब्रम्चारिणी माँ ।। दर्शन अनुपम मधुरं साधना रत रहती । शिव जी की आरधना मैया सदा करती ।। जय ब्रम्चारिणी माँ ।। बाहिने हाथ कमंडल दाहिने में माला । रूप जो त्रिमय अद्भुत सुख देने वाला ।। जय ब्रम्चारिणी माँ ।। देवऋषि मुनि साधु गुण माँ के गाते । शक्ति स्वरूपा मैया सबकुछ तुझको ध्याते ।। जय ब्रम्चारिणी माँ ।। संजम तब वैराग्य प्राणी वो पाता । ब्रम्चारिणी माँ को निशिदिन जो ध्याता ।। जय ब्रम्चारिणी माँ ।। नवदुर्गाओं में मैया दूजा तुम्हारा स्वरूप । स्वेत वस्त्र धारिणी माँ ज्योतिर्मय तेरा रूप ।। जय ब्रम्चारिणी माँ ।। दूजे नवरात्रे मैया जो तेरा व्रत धरे । करके दया जगजननी तू उसको तारे ।। जय ब्रम्चारिणी माँ ।। शिव प्रिय शिवा ब्राह्मणी हमपे दया करियो । बालक है तेरे ही दया दृष्टि रखियो ।। जय ब्रम्चारिणी माँ ।। शरण तिहारी आये ब्रम्हाणी माता । करुणा हमपे दिखाओ शुभ फल की दाता ।। जय ब्रम्चारिणी माँ ।। माँ ब्रम्चारिणी की आरती जो कोई गावे । कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ।। जय ब्रम्चारिणी माँ ।। जय ब्रम्चारिणी माँ मैया जय ब्रम्चारिणी माँ । अपने भक्त जानो पर करती सदा दया ।। • • जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी • अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती • माँ काली की आरती (मंगल की सेवा) • • • • • • • • Brahmacharini Mata Ki Aarti Lyrics Jai Bramcharini Maa, Maiya Jai Bramcharini Maa । Apne Bhakt Jano Pe , Karti Sada Daya ।। Jai Bramcharini Maa ।। Darshan Anupam Madhuram, Saadhna Rat Rahti । Shiv Ji Ki Aardhana, Maiya Sada Karti ।। Jai Bramcharini Maa ।। Baaye Haath Kamandal, Dahine Me Maala । Roop Jo Tirmay Adbuth, Sukh Dene Wala ।। Jai Bramcharini Maa ।। Devrishi Muni Sadhu, Gun Maa Ke Gaate । Shakti ...