Mahalaxmi chalisa in hindi

  1. Maa lakshmi Chalisa
  2. [PDF] श्री लक्ष्मी माता चालीसा
  3. श्री लक्ष्मी चालीसा
  4. महालक्ष्मी चालीसा Shree Mahalakshmi Chalisa Lyrics In Hindi
  5. Lakshmi Chalisa Hindi Lyrics 2022


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Maa lakshmi Chalisa

Maa Laxmi Chalisa श्री लक्ष्मी चालीसा (Laxmi Chalisa in Hindi) ॥ दोहा॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्घ करि, परुवहु मेरी आस॥ ॥ सोरठा॥ यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं। सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥ ॥ चौपाई ॥ सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही ॥ तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥ जय जय जगत जननि जगदम्बा। सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥1॥ तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥ जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥2॥ विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥ केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥3॥ कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥ ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥4॥ क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥ चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥5॥ जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥ स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥6॥ तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥ अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥7॥ तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥ मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥8॥ तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥ और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥9॥ ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥ त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥10॥ जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥ ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥11॥ पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥ विप्र ...

[PDF] श्री लक्ष्मी माता चालीसा

भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी जी को धन, समृद्धि और वैभव की देवी माना जाता है। लक्ष्मीजी की नित्य पूजा करने से मनुष्य के जीवन में धन-सम्पति आती है। मां लक्ष्मी के पूजन का शुभ दिन शुक्रवार को माना गया है। माता लक्ष्मी की चालीसा की रचना रामदास ने की थी।लक्ष्मी जी की आराधना के लिए निम्न श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए। माता लक्ष्मी की चालीसा ॥ दोहा॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा,करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्घ करि,परुवहु मेरी आस॥ हे मां लक्ष्मी दया करके मेरे हृदय में वास करो हे मां मेरी मनोकामनाओं को सिद्ध कर मेरी आशाओं को पूर्ण करो। ॥ सोरठा॥ यही मोर अरदास , हाथ जोड़ विनती करुं। सब विधि करौ सुवास , जय जननि जगदंबिका॥ हे मां मेरी यही अरदास है, मैं हाथ जोड़ कर बस यही प्रार्थना कर रहा हूं हर प्रकार से आप मेरे यहां निवास करें। हे जननी, हे मां जगदम्बिका आपकी जय हो। ॥ चौपाई ॥ सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही ॥ हे सागर पुत्री मैं आपका ही स्मरण करता हूं, मुझे ज्ञान, बुद्धि और विद्या का दान दो। तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥ जय जय जगत जननि जगदम्बा। सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥ आपके समान उपकारी दूसरा कोई नहीं है। हर विधि से हमारी आस पूरी हों, हे जगत जननी जगदम्बा आपकी जय हो, आप ही सबको सहारा देने वाली हो, सबकी सहायक हो। तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥ जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥ आप ही घट-घट में वास करती हैं, ये हमारी आपसे खास विनती है। हे संसार को जन्म देने वाली सागर पुत्री आप गरीबों का कल्याण करती हैं। विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥ केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥ हे म...

श्री लक्ष्मी चालीसा

लक्ष्मी जी हमारे घर में सुख संपदा शांति और समृद्धि लेकर आती है जो व्यक्ति लक्ष्मी माता की चालीसा रोजाना करता है उसके घर में धन की कभी भी कमी नहीं होती तथा जीवन भर वह सुख तथा समृद्ध बना रहता है. माँ लक्ष्मी जिस व्यक्ति पर अपनी कृपा बना लेती है उसे गरीब से अमीर बना लेती है हालांकि धन को प्राप्त करने मात्र से ही किसी भी व्यक्ति को सुखी नहीं कहा जा सकता जब किसी व्यक्ति के पास अधिक धन आता है तो वह व्यक्ति अहंकारी बन जाता है इसीलिए मां लक्ष्मी ऐसा आशीर्वाद देती है जिससे कि उस व्यक्ति में धन भी रहे तथा वह व्यक्ति सुखी भी रहे आवश्यकता से अधिक धन व्यक्ति को कुसंस्कारी तथा वह धन का दुरुपयोग करने लगता है। लक्ष्मी को सौंदर्य की देवी भी कहा गया है क्योंकि लक्ष्मी माता वहां निवास करती है जहां स्वच्छता तथा प्रसन्नता बनी रहती है लक्ष्मी जी की सवारी उल्लू को कहा जाता है लक्ष्मी चालीसा को प्रतिदिन पढ़ना चाहिए क्योंकि चालीसा को पढ़ने से आपके घर में लक्ष्मी सदा निवास करेगी इसके अलावा लक्ष्मी आरती सभी पाठ जरूर करें। See also Manidweepa Varnana PDF in Telugu Chalisa Lyrics in Hindi ।। दोहा ।। मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्घ करि, परुवहु मेरी आस॥ ।। सोरठा ।। यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं। सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥ ।। चौपाई ।। सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही॥ तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥ जय जय जगत जननि जगदम्बा । सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥ तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥ जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥ विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥ केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुध...

महालक्ष्मी चालीसा Shree Mahalakshmi Chalisa Lyrics In Hindi

Shree Mahalakshmi Chalisa lyrics in Hindi, sung by Anuradha Paudwal. The Song is written by Traditional, and music composed by N K Sampat. Lyrics Title Shree Mahalakshmi Chalisa Movie/Album Singer(s) Anuradha Paudwal Lyrics Traditional Music N K Sampat Music Label T-Series Bhakti Sagar Shree Mahalakshmi Chalisa Lyrics in Hindi श्वेताम्बर अरू श्वेता भूषणश्वेतही श्वेत सुसज्जित पुष्पन शीश छत्र अति रूप विशाला, गल सोहे मुक्तन की माला सुंदर सोहे कुंचित केशा, विमल नयन अरु अनुपम भेषा कमल नयन समभुज तव चारि , सुरनर मुनिजनहित सुखकारी अद्भूत छटा मात तव बानी, सकल विश्व की हो सुखखानी शांतिस्वभाव मृदुलतव भवानी, सकल विश्व की हो सुखखानी महालक्ष्मी धन्य हो माई, पंच तत्व में सृष्टि रचाई जीव चराचर तुम उपजाये, पशु पक्षी नर नारी बनाये क्षितितल अगणित वृक्ष जमाए, अमित रंग फल फूल सुहाए छवि विलोक सुरमुनि नर नारी, करे सदा तव जय जय कारी सुरपति और नरपति सब ध्यावें, तेरे सम्मुख शीश नवायें चारहु वेदन तब यश गाये, महिमा अगम पार नहीं पाये जापर करहु मात तुम दाया, सोइ जग में धन्य कहाया पल में राजाहि रंक बनाओ, रंक राव कर बिमल न लाओ जिन घर करहुं मात तुम बासा, उनका यश हो विश्व प्रकाशा जो ध्यावै से बहु सुख पावै, विमुख रहे जो दुख उठावै महालक्ष्मी जन सुख दाई, ध्याऊं तुमको शीश नवाई निज जन जानी मोहीं अपनाओ, सुख संपत्ति दे दुख नशाओ ॐ श्री श्री जयसुखकी खानी, रिद्धि सिद्धि देउ मात जनजानी ॐ ह्रीं- ॐ ह्रीं सब व्याधिहटाओ, जनउर विमल दृष्टिदर्शाओ ॐ क्लीं- ॐ क्लीं शत्रु क्षय कीजै, जनहीत मात अभय वर दीजै ॐ जयजयति जय जयजननी, सकल काज भक्तन के करनी ॐ नमो-नमो भवनिधि तारणी, तरणि भंवर से पार उतारिनी सुनहु मात यह विनय हमारी, पुरवहु आ...

Lakshmi Chalisa Hindi Lyrics 2022

माता लक्ष्मी सुख समृद्धि और धन देवी है। इस कलयुग में लक्ष्मी जी के बिना ये सृष्टि चल ही नहीं सकती। तो अब बात करते है इसका पाठ करे कैसे? तो सबसे पहले आपको ५ कमल के बीज ले लेने है। और आसान लगा कर बैठ जाना है। कमल के बीज सामने रख कर। ११ बार २१ दिन तक लक्ष्मी चालीसा का पाठ करे। Lakshmi Chalisa Lyrics in Hindi दोहा मातु लक्ष्मी करि कृपा करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्ध कर पुरवहु मेरी आस॥ सिंधु सुता विष्णुप्रिये नत शिर बारंबार। ऋद्धि सिद्धि मंगलप्रदे नत शिर बारंबार॥ टेक॥ जग जननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥ विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी। केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥ कृपा दृष्टि चितवो मम ओरी। जगत जननि विनती सुन मोरी॥ ज्ञान बुद्धि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥ क्षीर सिंधु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिंधु में पायो॥ चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभुहिं बनि दासी॥ जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रूप बदल तहं सेवा कीन्हा॥ स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥ तब तुम प्रकट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥ अपनायो तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥ तुम सब प्रबल शक्ति नहिं आनी। कहं तक महिमा कहौं बखानी॥ मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन- इच्छित वांछित फल पाई॥ तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मन लाई॥ और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करे मन लाई॥ ताको कोई कष्ट न होई। मन इच्छित फल पावै फल सोई॥ त्राहि- त्राहि जय दुःख निवारिणी। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणि॥ जो यह चालीसा पढ़े और पढ़ावे। इसे ध्यान लगाकर सुने सुनावै॥ ताको कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै। पुत्र हीन और सम्पत्ति हीना। अन...