Mahatma gandhi ka jivan parichay

  1. महात्मा गांधी का जीवन परिचय
  2. महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय एवं उनके आंदोलन, सिद्धांत, मृत्यु आदि।
  3. महात्मा गाँधी
  4. Gandhi Jayanti: महात्मा गांधी का जीवन परिचय, जानिए मोहनदास कैसे बने ‘बापू’
  5. gandhi jayanti 2020: महात्मा गांधी का जीवन परिचय


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महात्मा गांधी का जीवन परिचय

मोहनदास करमचंद गाँधी जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है। वे एक भारतीय वकील थे, अंग्रेजो के खिलाप महात्मा गाँधी आंदोलन किये।जिन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए सफल अभियान का नेतृत्व करने के लिए अहिंसक प्रतिरोध को चुना।इसके बदले में दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए प्रेरित आंदोलन किए। महात्मा गांधी का जीवन परिचय पश्चिमी भारत में एक हिंदू परिवार में जन्मे और पले-बढ़े, गांधी ने इनर टेम्पल, लंदन में कानून का प्रशिक्षण लिया।भारत में दो वर्षों के दौरान मुकदमेजितने मेंवह असमर्थ थे। सफल कानून अभ्यास शुरू करने के लिए, वह 1893 में दक्षिण अफ्रीका चले गए (एक मुकदमे में एक भारतीय व्यापारी का प्रतिनिधित्व करने के लिए), जहां वे 21 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में गांधी ने नागरिक अधिकारों के लिए एक अभियान में पहली बार अहिंसक प्रतिरोध किया। 1915 में, 45 वर्ष की आयु में, वे भारत लौट आए। उन्होंने किसानों और शहरी मजदूरों को अत्यधिक भूमि-कर और भेदभाव के विरोध में संगठित करने के बारे में कहा। 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व को मानते हुए, गांधी ने गरीबी को कम करने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार करने, धार्मिक और जातीय अमीरी का निर्माण करने, अस्पृश्यता को समाप्त करने और स्वराज या स्व-शासन प्राप्त करने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियानों का नेतृत्व किया। उसी वर्ष गांधी ने धोती को अपनाया। तत्पश्चात, सरल शाकाहारी भोजन खाया और आत्म शुद्धि और राजनीतिक विरोध के साधन के रूप में लंबे उपवास किए। गांधी ने 1930 में 400 किमी (250 मील) दांडी नमक यात्रा के साथ ब्रिटिश-द्वारा लगाए गएनमक कर को चुनौती देने का नेतृत्व किया। बाद में 1942 में भारत छोडो आंदोलन से अं...

महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय एवं उनके आंदोलन, सिद्धांत, मृत्यु आदि।

Mahatma Gandhi Ji Ka Jeevan Parichay in Hindi : महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय – महात्मा गांधी जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के राजनैतिक अवं आध्यात्मिक नेता थे। उनका जन्म 02 ऑक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी था जो कि सनातन धर्म के पंसारी जाती के थे। गुजराती में गांधी शब्द के अर्थ होता है “पंसारी” और हिंदी में इस शब्द का अर्थ होता है “इत्र बेचने वाला”। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था जो की करमचंद गांधी जी की चौथी पत्नी थी। गांधी जी अत्याचार के खिलाफ रोक लगाने में सत्याग्रह आंदोलन के अग्रिम नेता थे। गाँधी जी को “महात्मा” सब्द से सबसे पहले 1915 में राजवैध जीवराम कालिदास ने सम्बोधित किया था। संस्कृति भाषा में महात्मा शब्द का अर्थ का होता है महान। जो की एक सम्मान सूचक शब्द है। इस लिए उन्हें आम नागरिक महात्मा गाँधी के नाम से जानते है। गांधी जी को बापू शब्द से पुकारने वाला पहला व्यक्ति साबरमती आश्रम के उनके एक शिष्य थे। बापू शब्द का अर्थ होता है पिता। गांधी जी के जन्मदिन पर हर साल 02 ओक्टुबर को गांधी जयंती और अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस् के रूप में मनाया जाने लगा। निम्नवत ब्लॉग में हमने गाँधी जी के आंदोलन, सिद्धांत, लेखन कार्य, मृत्यु अवं अन्य जानकारी ( Mahatma Gandhi Biography in Hindi ) देने का सम्भव प्रयास किया है। गाँधी के जीवन परिचय से सम्बन्धी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग पर बने रहें। महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय एक नजर में ( Gandhi Ji Ka Jeevan Parichay in Hindi ) : Mahatma Gandhi Biography in Hindi पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी । उपनाम महात्मा गांधी, बापू । जन्म तिथि 02 अक्टूबर 1...

महात्मा गाँधी

poora nam mohanadas karamachand gaandhi any nam bapoo, mahatma ji janm janm bhoomi mrityu mrityu sthan mrityu karan hatya abhibhavak karamachand gaandhi, putalibaee pati/patni santan harilal, manilal, ramadas, devadas smarak nagarikata bharatiy parti shiksha bairistar vidyalay banbee yoonivarsiti, samaladas k aaulej bhasha puraskar-upadhi vishesh yogadan bharat ki svatantrata, ahiansak andolan, satyagrah sanbandhit lekh mahatma gaandhi ( Mahatma Gandhi, janm: vishay soochi • 1 jivan parichay • 2 shiksha • 3 afrika mean gaandhi • 4 satyagrah • 5 dharmik khoj • 6 tika tippani aur sandarbh • 7 chitr vithika • 8 bahari k diyaan • 9 sanbandhit lekh jivan parichay • REDIRECT mahatma gaandhi ka janm 2 aktoobar 1869 ee. ko shiksha • REDIRECT 1887 mean mohanadas ne jaise-taise 'banbee yoonivarsiti' ki maitrik ki pariksha pas ki aur afrika mean gaandhi • REDIRECT daraban nyayalay mean yooropiy majistret ne unhean pag di utarane ke lie kaha, unhoanne inkar kar diya aur nyayalay se bahar chale ge. kuchh dinoan ke bad pritoriya jate samay unhean relave ke pratham shreni ke dibbe se bahar pheank diya gaya aur unhoanne steshan par thithurate hue rat bitaee. yatra ke agale charan mean unhean ek gho daga di ke chalak se pitana p da, kyoanki yooropiy yatri ko jagah dekar payadan par yatra karane se unhoanne inkar kar diya tha, aur antatah 'sirf yooropiy logoan ke lie' surakshit hotaloan mean unake jane par rok laga di gee. natal mean bharatiy vyapariyoan aur shramikoan ke lie ye apaman dain...

Gandhi Jayanti: महात्मा गांधी का जीवन परिचय, जानिए मोहनदास कैसे बने ‘बापू’

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म दो अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। वो पुतलीबाई और करमचंद गांधी के तीन बेटों में सबसे छोटे थे। करमचंद गांधी कठियावाड़ रियासत के दीवान थे। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा “सत्ये के साथ मेरे प्रयोग” में बताया है कि बालकाल में उनके जीवन पर परिवार और माँ के धार्मिक वातावरण और विचार का गहरा असर पड़ा था। राजा हरिश्चंद्र नाटक से बालक मोहनदास के मन में सत्यनिष्ठा के बीज पड़े। मोहनदास की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई स्थानीय स्कूलों में हुई। वो पहले पोरबंदर के प्राथमिक पाठशाला में और उसके बाद राजकोट स्थित अल्बर्ट हाई स्कूल में पढ़े। पढ़ने-लिखने में वो औसत थे। सन् 1883 में करीब 13 साल की उम्र में करीब छह महीने बड़ी कस्तूरबा से उनका ब्याह हो गया। आत्मकथा में गांधी जी ने बताया है कि वो शुरू-शुरू में ईर्ष्यालु और अधिकार जमाने वाले पति थे। स्थानीय स्कूलों से हाई स्कूल की पढ़ाई करने के बाद साल 1888 में गांधी वकालत की पढ़ाई करने के लिए ब्रिटेन गये। जून 1891 में उन्होंने वकालत की पढ़ाई पूरी कर ली और फिर देश वापस आ गये। देश में गांधी की वकालत जमी नहीं। साल 1893 में वो गुजराती व्यापारी शेख अब्दुल्ला के वकील के तौर पर काम करने के लिए गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों के अधिकारों और ब्रिटिश शासकों की रंगभेद की नीति के खिलाफ सफल आंदोलन किए। दक्षिण अफ्रीका में उनके सामाजिक कामों की गूंज भारत तक पहुंच चुकी थी। 1915 में जब वो हमेशा के लिए भारत वापस आए तो उनकी आगवानी के लिए मुंबई (तब बंबई) के कई प्रमुख कांग्रेसी नेता उनके स्वागत के लिए पहुंचे। इन नेताओं में गोपाल कृष्ण गोखले भी थे जिन्हें गांधी अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। गांधी की भारत वापसी के पीछे गोखल...

gandhi jayanti 2020: महात्मा गांधी का जीवन परिचय

गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हिन्दू परिवार में हुआ। पिता करमचंद गांधी और मां पुतलीबाई द्वारा उनका नाम मोहनदास रखा गया, जिससे उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी हुआ। महात्मा गांधी की माता अत्यधिक धार्मिक महिला थी, अत: उनका पालन वैष्णव मत को मानने वाले परिवार में हुआ और उन पर जैन धर्म का भी गहरा प्रभाव रहा। यही कारण था कि इसके मुख्य सिद्धांतों जैसे- अहिंसा, आत्मशुद्ध‍ि और शाकाहार को उन्होंने अपने जीवन में उतारा था। मोहनदास शिक्षा के दृष्टिकोण से एक औसत दर्जे के विद्यार्थी रहे, लेकिन समय-समय पर उन्होंने पुरस्कार और छात्रवृत्त‍ियां भी मिलीं। वे अंग्रेजी विषय में काफी होनहार थे, लेकिन भूगोल जैसे विषयों में उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहता था। वहीं अंक गणित में वे मध्यम दर्जे के विद्यार्थी रहे और लिखावट के मामले में भी उन्हें अच्छी टिप्पणियां नहीं मिली। हालांकि गांधी जी, अपने माता-पिता की सेवा, घर के कार्यों में मां का हाथ बंटाना, आज्ञा का पालन करना, सैर के लिए जाना, यह सब करते थे लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा के महात्मा गांधी ने अपने जीवन के विद्रोही समय में गुप्त नास्त‍िकवाद को भी अपनाया, धूम्रपान और मांसाहार का सेवन भी किया। लेकिन उसके बाद उन्होंने इन सभी चीजों को जीवन में कभी न दोहराने का दृढ़ निश्चय कर फिर कभी नहीं दोहराया। गांधी जी ने प्रहृलाद और राजा हरिश्चंद्र को आदर्श के रूप में ग्रहण किया। महात्मा गांधी का विवाह मात्र 13 वर्ष की आयु में ही कर दिया गया था। जब वे स्कूल में पढ़ते थे, तभी पोरबंदर के एक व्यापारी की पुत्री कस्तूरबा माखनजी से उनका विवाह हुआ और मात्र 15 वर्ष की अवस्था में गांधी जी एक पुत्र के पिता बन गए।लेकिन वह पुत्र जीवित...