Maida kis chij se banta hai

  1. कुलचा
  2. पाम आयल कैसे बनता है
  3. Khesari Lal Yadav's new romantic Bhojpuri song of 2020 goes viral on YouTube
  4. सोयाबीन कैसे बनता है


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कुलचा

• • • • कुलचे सामान्यतया तन्दूर में बनाये जाते हैं लेकिन आप इन्हें ओवन, कन्वेक्शन मोड पर माइक्रोवेव या तवे पर भी बना सकते हैं. आप इन्हें आलू, पनीर भर कर भी बना सकते हैं या जब कुछ हल्का खाने का मन हो तो बिना कुछ भरे हुये नरम गरम प्लेन कुलचे खाने का मज़ा जो खाये वही जाने. • Read this recipe in English - आवश्यक सामग्री - Ingredients for Kulcha • मैदा - 200 ग्राम (2 कप) • बेकिंग सोडा - 1/4 छोटी चम्मच • चीनी - 1 छोटी चम्मच • तेल - 2टेबल स्पून • दही - 1/4 कप • नमक - स्वादानुसार (1/2 छोटी चम्मच) • कसूरी मैथी या हरा धनियां - 2 टेबल स्पून बारीक कतरा हुआ विधि - How to make Kulcha मैदा को किसी थाली या डोंगे में छान लीजिये. मैदा के बीच में जगह बनाकर दही, नमक, चीनी, बेकिंग सोडा और तेल डाल कर, सारी चीजों को इसी जगह पर मिलने तक मिलाईये और अब मैदा में अच्छी तरह मिला लीजिये, आटे को गुनगुने पानी की सहायता से चपाती के आटे से भी नरम आटा गूथिये. आटे को अच्छी तरह से मसल कर, बार बार उठा उठा कर, पलट कर 5 मिनिट तक गूथिये, आटे को एकदम चिकना कर लीजिये. गुथे आटे में हाथ से चारों ओर तेल लगाइये और किसी गहरे प्याले में रखिये. प्याले को मोटी टावल से ढककर गरम स्थान पर 4-5 घंटे के लिये रख दीजिये. गर्मी के दिनों में आटा 4-5 घंटे में और सर्दी के मौसम में आटे को 12-14 घंटे के लिये गरम जगह पर रखना होता है. कुलचे का आटा फूल गया है, कुलचे बनाने के लिये आटा तैयार है, प्याले से टावल हटाइये और मैदा को फिर से हाथ से बिलकुल थोड़ी देर दबाकर कर चिकना कर लीजिये. गुथे हुये आटे को बराबर के 8-10 भागों में बांट कर गोले बना दीजिये, या जितने बड़े कुलचे बनाने हो उतना आटा तोड़िये और लोई बनाकर तैयार कर लीजिये, यदि तवा पर बना रहे...

पाम आयल कैसे बनता है

पाम आयल के बारें में (About Palm oil in hindi) : इस प्रकार के तेल को हिंदी भाषा में "ताड़ का तेल" कहा जाता है जो की एक वनस्पति तेल है। दुनियाभर में इसका व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल होता है। होटल, रेस्तरां में भी पाम तेल का इस्तेमाल खाद्य तेल की तरह होता है। इसके अलावा कई उद्योगों में इसका इस्तेमाल होता है। इसके अलावा नहाने वाला साबुन बनाने में भी पाम तेल का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। पाम तेल के उत्पादन में इंडोनीशिया दुनिया में नंबर एक पर है। इसके बाद दूसरे नंबर पर है मलेशिया है। हालाँकि कुछ अफ्रीकी देशों में भी इसका उत्पादन होता है। ध्यान रहे की खाने वाले तेलों के मामले में भारत के आयात का दो तिहाई हिस्सा केवल पाम ऑयल का है। भारत सालाना करीब 90 लाख टन पाम ऑयल का आयात करता है। पाम आयल कैसे बनता है? दोस्तों इस प्रकार के तेल को बनाने (How to make palm oil) के लिए ताड़ के पेड़ के बीजों से निकाला जाता है। इसमें कोई महक नहीं होती है, जिसकी वजह से हर तरह का खाना बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह बहुत ऊंचे तापमान पर पिघलता है। और इसमें सैचुरेटेड फैट बहुत अधिक होता है। यही वजह है कि इससे मुंह में पिघल जाने वाली क्रीम और टॉफी-चॉकलेट बनाये जाते हैं। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की वर्तमान समय में दुनियाभर में 8 करोड़ टन के आसपास पाम ऑयल पैदा होता है। ध्यान रहे की अन्य वनस्पति तेलों की तरह ताड़ के तेल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो साधारण रूप से ताड़ के तेल को पेट्रोडीजल में मिलाकर बनाया जा सकता है या ट्रान्सएस्टरीफिकेशन के माध्यम से ताड़ के तेल एवं मिथाइल एस्टर मिश्रण में परिवर्तित किया जा सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय ईएन 14214 विनिर्देश के अनुसार है। पाम आयल के फायद...

Khesari Lal Yadav's new romantic Bhojpuri song of 2020 goes viral on YouTube

Khesari Lal Yadav rose to fame in 2012 with Bhojpuri hit film 'Saajan Chale Sasural'. The star was awarded the prestigious Dadasaheb Phalke Academy Award in 2017 for his contribution to Bhojpuri cinema. His on-screen pairing with Kajal Raghwani is loved by the viewers who eagerly wait for their movies. Superstar Khesari Lal Yadav was recently seen in the reality TV show 'Bigg Boss 13'. His upcoming film 'Mehendi Lagaake Rakhna 3' is directed by Rajnish Mishra.

सोयाबीन कैसे बनता है

सोयाबीन के बारे में : यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण खाद्य स्रोत है। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की सोयाबीन का वैज्ञानिक नाम - "ग्लाईसीन मैक्स" है। इसके मुख्य घटक प्रोटीन (soybean protein), कार्बोहाइड्रेट और वसा होते है। सोयाबीन में 44 प्रतिशत प्रोटीन, 22 प्रतिशत वसा, 21 प्रतिशत कार्बोहाइडेंट, 12 प्रतिशत नमी तथा 5 प्रतिशत भस्म होती है। सोयाबीन के रोग : यहाँ हम निम्नलिखित बिदुओं द्वारा आपको सोयाबीन (soybean products) के रोग बता रहे है, जो इस प्रकार है... • पाद गलन (कॉलर रॉट) • गेरुआ या रस्ट • एन्थ्रेक्नोज एवं फली झुलसन • मयरोथिसियम पत्ती धब्बा • बेक्टीरियल पश्चूल • पीला मोजाइक वायरस • चारकोल सडऩ • चूर्णिल आसिता आप इन सभी रोगों की समय पर ध्यान रखकर अपनी सोयाबीन की खेती को ठीक रख सकते है। सोयाबीन की खेती कैसे करें? सबसे पहले आपको बता दे की सोयाबीन की खेती (soybean crop) अधिक हल्‍की रेतीली व हल्‍की भूमि को छोड्कर सभी प्रकार की भूमि में सफलतापूर्वक की जा सकती है। लेकिन पानी के निकास वाली चिकनी दोमट भूमि सोयाबीन के लिए अधिक उपयुक्‍त होती है। जहां भी खेत में पानी रूकता हो वहां सोयाबीन ना लें। ग्रीष्‍म कालीन जुताई 3 वर्ष में कम से कम एक बार अवश्‍य करनी चाहिए। वर्षा प्रारम्‍भ होने पर 2 या 3 बार बखर तथा पाटा चलाकर खेत को तैयार कर लेना चाहिए। इससे हानि पहॅचाने वाले कीटों की सभी अवस्‍थाएं नष्‍ट होगीं। ढेला रहित और भूरभुरी मिटटी वाले खेत सोयाबीन के लिए उत्‍तम होते ...Read More

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