Manushya mein typhoid bukhar kiske karan hota hai

  1. Typhoid Se Kaise Bache?
  2. टाइफाइड के घरेलू उपाय
  3. टाइफाइड बुखार : प्रकार, लक्षण, कारण, इलाज, निदान, जोखिम,
  4. बुखार (Bukhar) का इलाज
  5. कैंसर के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार, डॉक्टर, बचाव, नुकसान
  6. वीर्य को जल्दी निकलने से रोकने के घरेलू उपाय
  7. बुखार जल्दी ठीक करने की दवा और उपाय


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Typhoid Se Kaise Bache?

टाइफाइड (Typhoid) सैल्मोनेला टाइफी (Salmonella Typhi) बैक्टीरिया के कारण होने वाली बहुत ही खतरनाक बीमारी है। यह बीमारी पाचन तंत्र और ब्लडस्ट्रीम में बैक्टीरिया के इन्फेक्शन के कारण होती है। गलत खान-पान या संक्रमित पानी से टाइफाइड होने जैसी समस्या हो जाती है। टाइफाइड को आम भाषा में मोतीझरा भी कहा जाता है। खाने-पीने की ऐसी चीजों से परहेज करना चाहिए जिससे टाइफाइड होने खतरा रहता है। जो भी Typhoid Se Kaise Bache यह जानना चाहते है वे हमारी इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े। Table of Contents • • • • • • • • वर्तमान में व्यक्ति ऐसी खतरनाक बिमारियों से घिरा हुआ जिसका यदि समय पर इलाज न करवाया जाये तो इससे व्यक्ति की स्थिति काफी गंभीर हो सकती है। इसलिए हम आपको एक ऐसी ही खतरनाक बीमारी के बताने जा रहे है जिसके सामान्य लक्षणों का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। इस बीमारी का नाम Typhoid है जो किसी भी व्यक्ति को जीवन में एक बार तो ज़रुर होती ही है। कुछ घरेलु उपाय करके टाइफाइड से काफी हद तक बचा जा सकता है। इसलिए इस लेख में माध्यम से जाने Typhoid Bukhar Kiske Dwara Hota Hai और Typhoid Se Bachne Ke Upay क्या है। Typhoid Kya Hai टाइफाइड (Typhoid) एक तरह का बुखार होता है जो शरीर में साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया के इन्फेक्शन फैलने की वजह से होता है। यह एक संक्रामक रोग है जिसमें यदि घर में किसी एक व्यक्ति को टाइफाइड होता है तो उसके साथ यह परिवार के अन्य सदस्यों को भी हो सकता है। Typhoid Fever होने पर शरीर बहुत कमजोर हो जाता है। अगर Typhoid Ka Ilaj समय पर ना करवाया जाये तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। विश्व में प्रत्येक वर्ष करोड़ो व्यक्ति टाइफाइड से ग्रसित होते है तथा जिससे कई व्यक्तियों की मृत्यु हो ज...

टाइफाइड के घरेलू उपाय

• • • यौन स्वास्थ्य • • • • • • • महिला स्वास्थ्य • • • • • • • त्वचा की समस्या • • • • बालों की समस्या • • • • • पुरानी बीमारी • • • • • • • • • • • • • • बीमारी • यौन स्वास्थ्य • पॉडकास्ट • अस्पताल खोजें • डॉक्टर खोजें • हेल्थ टी.वी. • वेब स्टोरीज • • इलाज • • • • • • • • • • योग और फिटनेस • • • • • • महिला • • • • • • अन्य विषय • • • • • • • • • जब आपको हाइ फीवर होता है, तो अपने शरीर का तापमान जल्दी से कम करने के लिए कोल्ड कॉमप्रेसस (cold compresses) का उपयोग करें। नल के ठंडे पानी में एक साफ कपड़े को भिगो लीजिये, अतिरिक्त पानी को निचोड़ लें और इसे अपने माथे पर रखें। कपड़े को बदल बदल कर माथे पर रखते रहें। इस उपचार का पालन तब तक करें जब तक आपका तापमान कम नहीं हो जाता है। नोट: बहुत ठंडे या बर्फ के पानी का उपयोग न करें क्योंकि यह स्थिति खराब कर सकता है। (और पढ़ें - myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। - एक गिलास पानी में आधा चम्मच सेब का सिरका और थोड़ा सा - आप एक भाग सेब का सिरका और दो भागों ताडे पानी को लेकर एक मिश्रण भी तैयार कर सकते हैं। इसमें एक साफ कपड़े को डुबोएँ, अतिरिक्त पानी निकालने के लिए निचोड़ लें और अपने माथे और पेट पर रखें। एक बार गर्म होने के बाद कपड़े को बदल दें जब तक आपका बुखार कम नहीं हो जाता तब तक आवश्यकतानुसार दोहराएं। (और पढ़ें - उच्च बुखार और - दैनिक रूप से लगभग 8 से 10 गिलास बोतलबंद या शुद्ध पानी के पिएं। सुरक...

टाइफाइड बुखार : प्रकार, लक्षण, कारण, इलाज, निदान, जोखिम,

टाइफाइड बुखार : प्रकार, लक्षण, कारण, निदान, जटिलताएं आंत्र ज्वर, जिसे आमतौर पर टाइफाइड के नाम से जाना जाता है, उसमे साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया होता है।इससे फूड प्वाइजनिंग होती है।दूषित भोजन और पानी से संक्रमण फैलता है। यदि आप टाइफाइड से पीड़ित किसी व्यक्ति के निकट संपर्क में आते हैं तो भी आपको यह रोग हो सकता है। खराब स्वच्छता भी इस जानलेवा बीमारी का कारण बनती है।इस बीमारी के ज्यादातर मामले विकासशील देशों में होते हैं। हालाँकि, अमेरिका जैसे औद्योगिक देश भी गंभीर मामलों की रिपोर्ट करते हैं।हाल ही के निष्कर्षों के अनुसार, लगभग। दुनिया भर में आंत्र ज्वर के 21 मिलियन मामले सामने आते हैं। इसलिए, आपको उन क्षेत्रों की यात्रा करते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए जहां टाइफाइड व्याप्त है। टाइफाइड के बारे में अधिक जानकारी भारत में टाइफाइड के सबसे ज्यादा मामले हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में मामलों की संख्या में कमी आई है।टाइफाइड बुखार आमतौर पर बरसात के मौसम में फैलता है। प्रदूषित पानी प्रमुख कारणों में से एक है जो इस जल जनित बीमारी में योगदान देता है। बच्चों को अधिक खतरा होता है। हालांकि, वयस्कों की तुलना में उनके लक्षण कम गंभीर होते हैं।एक और सबसे बड़ा जोखिम कारक मध्य पूर्व, यूरोप, दक्षिण और मध्य अमेरिका जैसे क्षेत्रों की यात्रा कर रहा है। दुर्लभ मामलों में, गंभीर टाइफाइड संक्रमण से मृत्यु हो सकती है। टाइफाइड के प्रकार साल्मोनेला दो समूहों के अंतर्गत आता है: • टाइफाइडल साल्मोनेला, जो जीवाणु उपभेद है यह टाइफाइड बुखार या पैराटाइफाइड बुखार को जन्म देता है, जिसमें साल्मोनेला टाइफी, पैराटाइफी A, B और C शामिल हैं। • गैर-टाइफाइड साल्मोनेला, जिसमें अन्य सभी साल्मोनेला उपभेद हैं। टाइफाइड के लक...

बुखार (Bukhar) का इलाज

बुखार को कई लोग रोग समझते हैं, लेकिन यह विभिन्न प्रकार की शारीरिक बीमारियों के कारण दिखने वाला चिकित्सकीय लक्षण है। यह लक्षण बदलते जलवायु और कई प्रकार के संक्रमण की वजह से शरीर में नजर आता है। वैसे तो यह कुछ समय बाद खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार इसके कारण शरीर का तापमान इतना बढ़ जाता है कि लोग घबरा जाते हैं। ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इन सबके बारे में जानने के लिए स्टाइलक्रेज का यह लेख पढ़ें। यहां बुखार के लक्षण और कारण के साथ ही हमने बुखार के घरेलू इलाज की भी जानकारी दी है। विषय सूची • • • • • • • • • क्या है बुखार – What is Fever in Hindi बुखार एक संकेत है, जिसका मतलब है कि शरीर किसी बीमारी या संक्रमण से लड़ रहा है। माना जाता है कि हमारे शरीर का सामान्य तापमान व्यक्ति विशेष, आयु और उसकी शारीरिक गतिविधियों पर निर्भर करता है। वैज्ञानिक आधार पर शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री फेरनहाइट (37 डिग्री सेल्सियस) माना गया है आगे जानिए बुखार आने के कारण क्या-क्या हो सकते हैं। बुखार के कारण – Causes of Fever in Hindi बुखार आने के कई कारण हो सकते हैं। नीचे हम बुखार के कुछ सामान्य और गंभीर कारण के बारे में बता रहे हैं • वायरल और बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण • सर्दी और फ्लू • गले में खराश और कान का संक्रमण • साइनस का संक्रमण • मोनोन्यूक्लिओसिस (रक्त में सफेद कोशिकाओं की असामान्यता) • ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और टीवी • यूरीनरी ट्रैक इंफेक्शन • डायरिया • टीकाकरण के बाद • गठिया के कारण • अल्सर और आंतों में सूजन से • रक्त वाहिकाओं और धमनियों में सूजन • कैंसर का पहला लक्षण भी बुखार हो सकता है • कोरोना वायरस बुखार में शरीर का तापमान बढ़ने के साथ ही कई अन्य लक्षण ...

कैंसर के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार, डॉक्टर, बचाव, नुकसान

भूमिका कैंसर कई रोगों का एक समूह है, जिसमें कोशिकाएं असाधारण रूप से बढ़ने लग जाती हैं। ये कोशिकाएं बढ़ कर कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से या अंग में मौजूद कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है। इसमें प्रभावित कोशिकाएं विभाजित होती रहती हैं या फिर फैलने लगती है। इसके परिणामस्वरूप ट्यूमर बढ़ने लगता है या फिर कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर में होने वाले ट्यूमर आमतौर पर दो प्रकार के होते, जिन्हें बिनाइन और मालिग्नैंट के नाम से जाना जाता है। बिनाइन ट्यूमर शरीर के एक से दूसरे हिस्से में नहीं फैलते है, जबकि मालिग्नैंट फैलने लग जाते हैं। कैंसर के भिन्न प्रकारों के साथ इनके अंदरूनी कारण भी अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि, सबसे आम प्रकार के कैंसरों के कारणों में मुख्यत: से अनुवांशिक रूप से होने वाले असाधारण बदलाव, कैंसर का पता लगाने के लिए सबसे पहले शारीरिक परीक्षण किया जाता है, इसके बाद कैंसर के कारणों व जोखिम कारकों से बच कर काफी हद तक कैंसर होने से रोकथाम की जा सकती है। कैंसर का उपचार करने के लिए कई इलाज प्रक्रियाएं की जा सकती हैं, जिनमें मुख्य रूप से हालांकि, हर बार इसे पूरी तरह से ठीक करना संभव भी नहीं होता है। ऐसे में इलाज प्रक्रियाओं की मदद से कैंसर के गंभीर होने और अन्य जटिलताएं होने से रोकने के लिए किया जाता है। कोशिकाओं के असाधारण रूप से बढ़ने के विकार को कैंसर कहा जाता है। इस रोग में कोशिकाएं अनियंत्रित और अव्यवस्थित रूप से बढ़ने लगती हैं, जो शरीर की सामान्य विकास प्रणाली का हिस्सा नहीं होती है। विशेषज्ञों के अनुसार डीएनए में असामान्य बदलाव या उत्परिवर्तन (Mutation) ही कैंसर के अधिकतर प्रकारों का कारण बनता है। हालांकि, ट्यूमर में मौजूद सभी प्रकार की कोशिकाएं एक समा...

वीर्य को जल्दी निकलने से रोकने के घरेलू उपाय

Virya Ko Jaldi Girne Se Rokne Ke Upay आमतौर पर यौन समस्याएं महिला और पुरुष दोनों को होती है, लेकिन वीर्य जल्दी बाहर निकल आना या शीघ्रपतन एक ऐसी समस्या है जो पुरुषों में बहुत सामान्य है। अक्सर पाया गया है कि ज्यादातर पुरुष जोश में जल्दी वीर्य गिरने की समस्या से परेशान रहते हैं। चूंकि जल्दी स्खलित हो जाने से पत्नी या पार्टनर को बेहतर शारीरिक सुख प्राप्त नहीं हो पाता है, इसलिए यह समस्या पुरुषों की मर्दानगी पर भी सवाल उठाती है। अगर आप भी जल्दी स्खलित हो जाते हैं तो इस लेख में हम आपको वीर्य को जल्दी निकलने से रोकने के घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। विषय सूची 1. 2. 3. • • • • • • • वीर्य का जल्दी गिरना या शीघ्रपतन क्या है – What Is Premature Ejaculation in Hindi वीर्य का जल्दी बाहर निकल आना या शीघ्रपतन एक ऐसी समस्या है आप अपने साथी के साथ संभोग करते समय एक मिनट से भी कम समय में या बहुत जल्दी स्खलित हो जाते हैं और अपने साथी को यौन संतुष्टि प्रदान नहीं कर पाते और वह सेक्स का आनंद नहीं ले पाती है। जल्दी स्खलित होने की समस्या काफी शर्मनाक मानी जाती है और यह शादीशुदा जीवन को भी प्रभावित करती है। (और पढ़े – वीर्य के जल्दी बाहर निकलने के कारण – Causes of Premature Ejaculation in Hindi वास्तव में सेक्स के दौरान वीर्य बाहर निकलने का कोई सटीक समय नहीं है और अब तक जल्दी स्खलन होने का वास्तविक कारण भी ज्ञात नहीं हो पाया है। लेकिन सेक्सोलॉजिस्ट मानते हैं कि यह पुरुषों के मस्तिष्क से जुड़ा होता है। इसका अर्थ यह है कि यदि किसी पुरुष के मस्तिष्क में सेरोटोनिन (serotonin) नामक रसायन का स्तर कम है तो उसे सेक्स के दौरान जल्दी वीर्य बाहर आने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा यह समस्या अन्...

बुखार जल्दी ठीक करने की दवा और उपाय

Bukhar ki dawa ka name in hindi: Sharir ko hone wali kai bimariyo aur infection ke shuruati lakshan me sir dard, sardi jukham aur bukhar hona aam hai. Typhoid, malaria, dengu aur chikungunya kuch aese rog hai jinme tej bukhar ki shikayat hoti hai. Bukhar chahe kisi bhi wajah se hua ho iske ilaj ke liye sabse pahle hum bukhar utarne ki tablet lete hai. Dosto isse pahle humne viral fever thik karne ke liye gharelu nuskhe aur ayurvedic upchar ke bare me jana hai, aaj is lekh me hum bukhar ki desi aur ayurvedic dawa ke bare me janenge, treatment and fever medicine name in hindi. • Rajiv dixit ke nuskhe in hindi Bukhar tej hone par kya kare Dawai lene aur treatment ke baad bhi agar bukhar kam na ho rha ho to turant doctor se mile aur check up karwaye kyuki aaj kal nye nye rog ke naam samne aa rhe hai, isliye kisi bhi parkar ke gambhir rog se bachne ke liye aur tabiyat bigadne se pahle doctor se milna chahiye. Bukhar ki Dawa aur Gharelu ilaj Contents • • • Fever Medicine Name in Hindi Turant bukhar kam karne ke liye angreji dawa paracetamol, crocin aur aspirin tablet ka istemal kiya jata hai. Ye tablet bukhar aur sir dard kam karne me mdad karti hai par uske karano ka ilaj nhi karti. Kuch log body pain hone aur koi bhi pareshani hone par in tablets ka sevan karte hai. Bat bat par bina doctor ki salah liye dawa lena sharir ke liye thik nhi hai. 1. Bukhar ki Ayurvedic Dawa 1. Bukhar utarne ki goli lene ki bajay aap kuch gharelu upay bhi kar sakte hai. Lehsun bukhar dur karne ke li...