मौसम जानकारी

  1. मौसम
  2. Cyclone Biparjoy Affect North India? Know
  3. भारत की जलवायु
  4. Meteorological Department gave good news about monsoon what will be the effect of Biparjoy cyclone


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मौसम

मौसम ऋतु और मौसम में अन्तर [ ] ऋतु जहां सिर्फ एक बड़े कालखंड के लिये प्रयुक्त होता है वहीं मौसम अपेक्षाकृत छोटे समय के लिये भी प्रयुक्त होता है। उदाहरणार्थ, यह कहा जा सकता है कि फरवरी से मार्च तक वसन्त ऋतु होती है पर ये कहना थोड़ा गलत लगता है कि आज की आज का मौसम बहुत सुन्दर है कहना उचित होगा। इन्हें भी देखें [ ] • • Afrikaans • Alemannisch • Aragonés • Ænglisc • العربية • অসমীয়া • Asturianu • Авар • अवधी • Башҡортса • Boarisch • Žemaitėška • Беларуская • Беларуская (тарашкевіца) • Български • भोजपुरी • বাংলা • Brezhoneg • Bosanski • Буряад • Català • ᏣᎳᎩ • کوردی • Čeština • Kaszëbsczi • Чӑвашла • Cymraeg • Dansk • Deutsch • डोटेली • Ελληνικά • English • Esperanto • Español • Eesti • Euskara • فارسی • Suomi • Võro • Na Vosa Vakaviti • Føroyskt • Français • Nordfriisk • Gaeilge • Kriyòl gwiyannen • Gàidhlig • Galego • गोंयची कोंकणी / Gõychi Konknni • ગુજરાતી • Hausa • עברית • Hrvatski • Magyar • Հայերեն • Interlingua • Bahasa Indonesia • Iñupiatun • Ilokano • ГӀалгӀай • Ido • Íslenska • Italiano • 日本語 • Patois • Jawa • ქართული • Qaraqalpaqsha • Taqbaylit • Қазақша • Kalaallisut • ಕನ್ನಡ • 한국어 • Къарачай-малкъар • Kernowek • Кыргызча • Latina • Lëtzebuergesch • Lingua Franca Nova • Limburgs • Lombard • Lietuvių • Latviešu • मैथिली • Мокшень • Malagasy • മലയാളം • Монгол • मराठी • Bahasa Melayu • မြန်မာဘာသာ • Эрзянь • Nedersaksies • नेपाली • Nederlands • Norsk nynorsk • Norsk bokmål • Sesotho sa Leboa • Occitan • ଓଡ଼ିଆ • ਪੰਜਾਬੀ • Papiamentu • Polski • پنجابی • Português • Român...

Cyclone Biparjoy Affect North India? Know

नई दिल्ली: अरब सागर में उठे चक्रवात 'बिपारजॉय' के प्रभाव से दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को हल्की बारिश हो सकती है. एक निजी पूर्वानुमान एजेंसी ने यह जानकारी दी. वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 15 और 16 जून को दिल्ली में भी बादल छाए रहने और हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना व्यक्त की है. विभाग के मुताबिक, चक्रवात बिपारजॉय के 15 जून की दोपहर तक गुजरात के जखाऊ बंदरगाह के पास मांडवी और पाकिस्तान के कराची से चक्रवाती तूफान के रूप में पार करने की उम्मीद है. इस दौरान 125 से 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं के साथ तूफान आ सकता है और हवा की रफ्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. निजी पूर्वानुमान एजेंसी ने कहा, ‘‘अरब सागर में चक्रवात, 15 जून को दस्तक देने के बाद जून के तीसरे सप्ताह में राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छिटपुट इलाकों में बारिश हो सकती है.'' आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से आने वाली नमी से भरी दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के कारण हल्की बारिश हो सकती है, जो राजस्थान और दक्षिण हरियाणा को पार करने के बाद दिल्ली पहुंचेगी.

भारत की जलवायु

भारत की जलवायु में काफ़ी क्षेत्रीय विविधता पायी जाती है और जलवायवीय तत्वों के वितरण पर भारत की भारतीय जलवायु में वर्ष में चार भारतीय पर्यावरण और यहाँ की मृदा, वनस्पति तथा मानवीय जीवन पर जलवायु का स्पष्ट प्रभाव है। हाल में वैश्विक तापन और तज्जनित जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की भी चर्चा महत्वपूर्ण हो चली है। मौसमऔर जलवायु किसी स्थान की दिन-प्रतिदिन की वायुमंडलीय दशा को वर्तमान में जलवायु परिवर्तन ने दक्षिण पश्चिम मानसून को काफी प्रभावित किया है । खासकर इससे मानसून की समयावधि ओर दिशा दशा पर गहरा असर देखने को मिला हैं। सामान्यतः मानसून के दिनों में बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के क्षेत्र (LP) विकसित होते हैं जो मानसून रेखा यानि निम्न दाब की रेखा के सहारे-सहारे उतर पश्चिम दिशा में दिल्ली हरियाणा तक पहुंच कर वर्षा करते हैं।यह सिस्टम जैसे जैसे समुद्र से दूरी बनाते हैं इनमें नमी की कमी होने लगती है और बारिश कम देते हैं यही कारण है की भारत के पूर्वी भागों की बजाए उतर पश्चिम भागों में कम वर्षा होती है। लेकिन कुछ वर्षों से इसमें बदलाव देखा गया है अब लगभग 80 फिसदी सिस्टम दिल्ली हरियाणा की तरफ जाने के बजाय मध्य प्रदेश होते हुए गुजरात राजस्थान की आगे बढ़ते हैं जहां से अरब सागर नजदीक होने से इन्हें नमी भी मिल जाती है और ये कमजोर नहीं पड़ते यही कारण है की अब राजस्थान जैसे हमेशा सुखाग्रस्त रहने वाले इलका़ में भी हर वर्ष बाढ़ की स्थिति बन जाती है और दुसरी तरफ भारत के मैदानी भागों में वर्षा के स्तर में गिरावट आई है एवं महासागरीय तापमान बढ़ने के कारण उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में वृद्धि हुई है। सामान्यतः पहले बंगाल की खाड़ी में मानसून पूर्व ओर मानसून के बाद चक्रवात बनते थे लेकिन अब कुछ सालों में इ...

Meteorological Department gave good news about monsoon what will be the effect of Biparjoy cyclone

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चक्रवात 'बिपारजॉय' को लेकर एक जानकारी साझा की है। आईएमडी के मुताबिक बिपारजॉय चक्रवात मॉनसून के प्रवाह से पूरी तरह अलग हो चुका है। मौसम विभाग का कहना है कि बिपारजॉय वर्षा करने वाली प्रणाली या उसके प्रदर्शन पर कोई बुरा असर नहीं डालेगा। आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चक्रवात ने अरब सागर के ऊपर भमध्यरेखा के पार प्रवाह बढ़ाकर मॉनसून को प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों में आगे बढ़ने में मदद पहुंचायी है। उन्होंने कहा, ''अब यह मानूसन प्रवाह से बिल्कुल अलग हो गया है। हमें मॉनसून के आगे बढ़ने या उसके प्रदर्शन पर चक्रवात द्वारा बड़े पैमाने पर असर डालने की उम्मीद नहीं है।'' वैज्ञानिकों ने पहले कहा था कि चक्रवात ने नमी और संवहन खींच लिया है और मॉनसून की तीव्रता पर असर डाला है। जिससे केरल में मॉनसूनी वर्षा में देरी हुई है। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा था कि प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों से मॉनसून चक्रवात के बीत जाने के बाद ही आगे बढ़ेगा। मॉनसून अपने सामान्य निर्धारित समय से करीब एक सप्ताह बाद आठ जून को भारत में केरल पहुंचा था। अनुसंधान से पता चलता है कि केरल पर मॉनसून के फैलने में देरी के कारण जरूरी नहीं है कि उत्तर पश्चिम भारत में भी मॉनसून में देरी हो। पाकिस्तान की ओर मुड़ा चक्रवात चक्रवाती तूफान 'बिपारजॉय' के पाकिस्तानी शहर कराची के करीब पहुंचने के बीच सिंध प्रांत की सरकार ने निचले तटीय इलाकों में रहने वाले करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए सेना और नौसेना को बुलाया है। पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) के नए परामर्श के मुताबिक, 'बिपारजॉय' बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान ...