मेघ आए कविता की व्याख्या

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मेघ आए

मेघ आए सर्वेश्वरदयाल सक्सेना शब्दार्थ- मेघ- बादल, घन बन-ठन के- सज-संवर के बयार- हवा, पवन, वायु पाहुन- मेहमान, अतिथि बाँकी- सुंदर, सलोनी चितवन- दृष्टि, आँखें जुहार- अभिवादन, नमन, प्रणाम सुधि- खबर लेना, याद करना, ध्यान आना अकुलाई- बेचैन हुई, व्याकुल हुई किवार- किवाड़, दरवाज़ा हरसाया- हर्षाया, हर्षित हुआ, प्रसन्न हुआ ताल- तालाब क्षितिज- धरती-आकाश का आभासित मिलन स्थल /जहाँ धरती और आकाश मिलते हैं दामिनी- बिजली, सौदामिनी, चपला क्षमा- माफ़ी भरम-भ्रम, गलतफ़हमी अश्रू- आँसू ढरके- गिरे केंद्रीय भाव इस कविता में मेघों के आने की तुलना सज-धजकर आए अतिथि दामाद से की है| ग्रामीण(गाँव की) संस्कृति में दामाद के आने पर उल्लास का जो वातावरण बनता है, मेघों के आने पर उसी उल्लास का वर्णन कवि ने किया है|जिस तरह दामाद आने पर गाँव के लड़के-लडकियाँ भाग कर सबको इसकी सूचना देते हैं, उसी तरह मेघों के आने की सूचना देते हुए हवा तेज गति से बहने लगती है| मेहमानों को देखने के लिए जैसे उत्सुकतापूर्वक लोग खिडकियों से झाँकते हैं ,वैसे ही मेघों को देखने के लिए भी खिड़की-दरवाजे खुलने लगे| कवि ने लोगों द्वारा मेहमानों के स्वागत और उनके प्रति लोगों की भावनाओं का वर्णन किया है| मेहमान (दामाद) के आने पर गाँव के बुजुर्ग या बड़े-बूढ़े आगे बढ़कर उनका अभिवादन करते हुए सत्कार करते हैं, उसी तरह पीपल का पेड़ भी मेघ का स्वागत कर रहे हैं| लता भी लहराकर अपनी व्याकुलता व्यक्त करती है और बहुत दिनों में आने की उलाहना देती है|जिस तरह दामाद के आने पर उसकी पत्नी के चेहरे से उदासी दूर हो जाती है, उसका चेहरा ख़ुशी से दमक उठता है और दोनों की आँखों से मिलन के अश्रू बहने लगते हैं, वैसे ही आसमान में बादल गहराने लगे और बिजली चमकने लगी| इनके टकराने से...

MP Board Class 9th Hindi Solutions Chapter 15 मेघ आए

जीवन परिचय – हिन्दी के सुप्रसिद्ध ‘कवि, प्रसिद्ध साहित्यकार सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का जन्म बस्ती (उ.प्र.) जिले में सन् 1927 में हुआ था। उनकी प्रारंभिक व विद्यालयी शिक्षा बस्ती में हुई। बी. ए. तथा एम. ए. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया। आजीविका हेतु उन्होंने अध्यापन एवं सम्पादन कियां तत्पश्चात् आकाशवाणी में ‘दिनमान’ के संपादक रहे। ‘चरचे और चरखे’ नामक स्तंभ बहुत लोकप्रिय हुआ। वे पत्रिका ‘पराग’ के संपादक रहे। सन् 1983 में उनका निधन हो गया। ‘मेघ आए’ कविता प्राकृतिक सौंदर्य की कविता है। इसमें मेघों को सज-धजकर आए मेहमान (दामाद) की तरह दिखाया गया है। मेंघों के आने से वातावरण मनोरम हों उठा है। हवाएँ चल रही है। आँधी ऐसे चली मानो कोई ग्रामीण युवती घाघरा उठाए दौड़ी चली आ रही है। लताएँ ओट में छिपने लगी है। एक साल बाद आए मेहमान को देखकर स्वागत-सत्कार एवं उल्लास का वातावरण है, वहीं दूसरी ओर लंबे समय के बाद आने के कारण शिकायतें भी हैं। उत्तर – बादल काले-काले घुँघराले होते हैं। इनकी सुंदरता देखते ही बनती है। बादलों के बीच कभी सतरंगी इन्द्रधनुष दिखता है, जिससे बादलों का सौन्दर्य बढ़ जाता है। बादलों के आगमन की सूचना देती या अगवानी करती हवा आई। बादल गाँव में सजे-धजे मेहमान के रूप में आते हैं। इसीलिए बादलों के बन ठन के, सँवर के आने की बात कही गई है। उत्तर- गाँव में मेघ रूपी शहरी मेहमान आने से गाँव में उल्लास छा गया। बादलों के आने की सूचना देती शीतल बयार चलने लगी। आँधी के आने से गलियों में धूल उड़ने लगी, मानो कोई लड़की घाघरा उठाए भाग रही है। पेड़ तेज हवा में झुकने लगे। बूढ़े पेड़ की डालियाँ झुकने लगीं, जैसे वह पेड़ मेघ रूपी मेहमान का स्वागत कर रहा है। लताएँ पेड़ों की ओट में छिपने लगीं, मानो लता ...

ICSE Class 10 Hindi Solutions साहित्य सागर

ICSE Class 10 Hindi Solutions साहित्य सागर – मेघ आए [कविता] प्रश्न क-i: निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए : मेघ आये बड़े बन-ठन के, सँवर के। आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगी गली-गली पाहुन ज्यों आये हों गाँव में शहर के। पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाये आँधी चली, धूल भागी घाघरा उठाये बाँकी चितवन उठा नदी, ठिठकी, घूँघट सरकाए। मेघ रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए? उत्तर: मेघ रूपी मेहमान के आने से हवा के तेज बहाव के कारण आँधी चलने लगती है जिससे पेड़ कभी झुक जाते हैं तो कभी उठ जाते हैं। दरवाजे खिड़कियाँ खुल जाती हैं। नदी बाँकी होकर बहने लगी। पीपल का वृक्ष भी झुकने लगता है, तालाब के पानी में उथल-पुथल होने लगती है, अंत में आसमान से वर्षा होने लगती है। प्रश्न क-ii: निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए : मेघ आये बड़े बन-ठन के, सँवर के। आगे-आगे नाचती – गाती बयार चली दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगी गली-गली पाहुन ज्यों आये हों गाँव में शहर के। पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाये आँधी चली, धूल भागी घाघरा उठाये बाँकी चितवन उठा नदी, ठिठकी, घूँघट सरकाए। ‘बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरकाए।’ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए। उत्तर : उपर्युक्त पंक्ति का भाव यह है कि मेघ के आने का प्रभाव सभी पर पड़ा है। नदी ठिठककर कर जब ऊपर देखने की चेष्टा करती है तो उसका घूँघट सरक जाता है और वह तिरछी नज़र से आए हुए आंगतुक को देखने लगती है। प्रश्न क-iii: निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए : मेघ आये बड़े बन-ठन के, सँवर के। आगे-आगे नाचती – गाती बयार चली दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगी गली-गली पाहुन ज्यों आये हो...

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कक्षा – 9 ‘अ’ क्षितिज भाग 1 पाठ 15 मेघ आये- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना मेघ आए कविता का सार : संकलित कविता में कवि ने ग्रामीण संस्कृति एवं प्राकृतक सुंदरता का बड़ा ही मार्मिक वर्णन किया है। कवि ने यहाँ मेघो के आने की तुलना सजकर आए अतिथि से की है। जिस तरह भीषण गर्मी के बाद जब वर्षा के मेघ आते हैं तो जो उत्साह और उल्लाश देखने को मिलता है कवि ने उसकी तुलना दामाद के आने पर गाँव के लोगो को जो खुसी होती है, उसके साथ की है। तो इस तरह कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का बड़ा रोचक वर्णन किया है। जब मेघ आते हैं को हवा चलने के कारण धूल उड़ने लगती है नदी के जल में उथल पुथल होने लगता है। बिजली गिरती है। सारे वृक्ष झुक जाते है। इन सब घटनाओं की तुलना कवि ने दामाद के आने पर घर तथा गांव में होने वाली तैयारियों के साथ की है। जैसे जीजा की सालियाँ उनके पीछे पीछे चलती है और औरते उन्हें दरवाजे के पीछे से देखती हैं और बड़े बुजुर्ग उनका आदर सत्कार करते हैं। मेघ आए कविता का भावार्थ- Megh Aye Line by Line Explanation : मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के। आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली, दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगीं गली-गली, पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के। मेघ आए बड़े बन-ठन के संवर के। भावार्थ :- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने वर्षा ऋतू के आने पर गांव में जो उत्साह दिखाई पड़ता है उसका चित्रण किया है। कवि ने यहाँ बदल का मानवीकरण कर उसे एक दामाद (सहर से आये अथिति) के रूप में दिखाया है। जिस प्रकार हमारे समाज में जब कोई दामाद अपने ससुराल जाता है तो वह बड़ा ही सज धज के एवं बन ठन कर जाता है ठीक उसी प्रकार मेघ भी बड़े बन ठन कर और सुन्दर वेश भूसा धारण कर के आये हैं। और उनके आगे आगे हवा नाचती हुई पुरे गांव को...

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मेघ आए कविता में मेघों के आने की तुलना सज कर आए प्रवासी या अतिथि ( दामाद) से की है। ग्रामीण संस्कृति में दामाद के आने पर उल्लास का जो वातावरण बनता है इसी के आधार पर मेघों के आने का वर्णन करते हुए कवि ने उसी उल्लास को इस कविता में दिखाया है। कवि ने मेघों की तुलना सज कर आए अतिथि यानी दामाद से करते हुए कहा है कि मेघ शहर से आए अतिथि की भांति सज धज कर आए हैं। जिस तरह मेहमान के आने पर गांव के लड़के-लड़कियां भाग कर सबको इसकी सूचना देते हैं ठीक उसी तरह मेघ के आने की सूचना देने के लिए हवा तेज गति से बहने लगी है मेहमान को देखने के लिए हवा तेज गति से बहने लगी है। मेहमान को देखने के लिए जिस तरह लोग खिड़की दरवाजों से झांकतें हैं ठीक उसी तरह मेघों के दर्शन के लिए भी लोग उत्सुकता पूर्वक खिड़की दरवाजों से बाहर आकाश के तरफ देखने लगते हैं। इस तरह छोटे बड़े काले भूरे सफेद रंग के मेघ अपने दलबल के साथ आकाश में ऐसे छा गए हैं मानों कोई शहरी मेहमान सज धज कर गांव में आया हो। जिस तरह मेहमान के आने पर गांव के वृद्ध व्यक्ति आगे आकर और हाथ जोड़कर अतिथि का आदर सत्कार करते हैं तथा पत्नी दीवार की ओट लेकर देखती है उसी तरह आकाश में बादलों की छा जाने पर आंधी चल ने लगती है तथा आंधी के चलने के कारण बूढ़े पीपल के पेड़ की डालियां झुकने लगी और उससे लिपटी लता में भी हरकत होने लगी। जैसे मेहमान ( दमाद) के आने से पत्नी के चेहरे पर छाई उदासी दूर हो जाती है और उनके चेहरों में चमक आ जाता है दोनों का मिलन हो जाने के बाद खुशी के कारण दोनों की आंखों से जिस तरह झर-झर आंसू बहने लगते हैं वैसे ही आकाश में या आसमान में बादल या मेघ एक दूसरे से मिलते हैं तो दोनों के मिलन से बिजली चमकने लगती है और मेघों के आपस में टकराने से वर्षा...

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 15 मेघ आए

प्रश्न 1. बादलों के आने पर प्रकृति में जिन गतिशील क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है, उन्हें लिखिए। उत्तर- बादलों के आने पर प्रकृति में निम्न गतिशील क्रियाएँ हुई • बयार नाचती-गाती चलने लगी। • पेड़ झुकने लगे, मानो वे गरदन उचकाकर बादलों को निहार रहे हों। • आँधी चलने लगी। धूल उठने लगी। • नदी मानो बाँकी नज़र उठाकर ठिठक गई। पीपल का पेड़ झुकने लगा। • लताएँ पेड़ों की शाखाओं में छिप गईं। • तालाब जल से भर गए। • क्षितिज पर बिजली चमकने लगी। • धारासार जल बरसने लगा जिसके कारण जगह-जगह से बाँध टूट गए। प्रश्न 2. निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं? • धूल • पेड़ • नदी • लता • ताल उत्तर- नीचे दिए गए शब्द और उनके प्रतीक इस प्रकार हैं- • धूल- मेघ रूपी मेहमान के आगमन से उत्साहित अल्हड़ बालिका का प्रतीक है। • पेड़- गाँव के आम व्यक्ति का प्रतीक है जो मेहमान को देखने के लिए उत्सुक है। • नदी- गाँव की नवविवाहिता का प्रतीक है जो पूँघट की ओर से तिरछी नज़र से मेघ को देखती है। • लता- नवविवाहिता मानिनी नायिका का प्रतीक है जो अपने मायके में रहकर मेघ का इंतजार कर रही है। • ताल- घर के नवयुवक का प्रतीक है जो मेहमान के पैर धोने के लिए पानी लाता है। प्रश्न 3. लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों? उत्तर- लता ने बादल रूपी मेहमान को किवाड़ की ओट में छिपकर देखा। क्यों—वह मानिनी है। वह अपने प्रियतम के कई दिनों के बाद आने पर उनसे रूठी हुई भी है और उन्हें देखे बिना भी नहीं रह पाती। प्रश्न 4. भाव स्पष्ट कीजिए • क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की • बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, पूँघट सरके। उत्तर- • भाव यह है कि एक साल बीतने को हो रहे थे पर नवविवाहिता लता का पति मेघ उससे मिलने नहीं आया था। इससे लता के मन में जो भ्रम बन ...