महाभारत की रचना किसने की

  1. महाभारत ग्रन्थ की रचना किसने की थी
  2. महाभारत इतिहास रूप पुराण की रचना किसने की?


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महाभारत ग्रन्थ की रचना किसने की थी

p. 1- 1 [Multi Choice Question] Description: This is a Most important question of gk exam. Question is : महाभारत ग्रन्थ की रचना किसने की थी , Options is : 1. सूरदास, 2. वेदव्यास, 3.वाल्मीकी, 4. जयदेव, 5. NULL Publisher: mympsc.com & mympsc.com Source: Online General Knolwedge महाभारत ग्रन्थ की रचना किसने की थी This is a Most important question of gk exam. Question is : महाभारत ग्रन्थ की रचना किसने की थी , Options is : 1. सूरदास, 2. वेदव्यास, 3.वाल्मीकी, 4. जयदेव, 5. NULL Correct Answer of this Question is : 2 Online Electronics Shopping Store - Buy Mobiles, Laptops, Camera Online India Electronics Bazaar is one of best Online Shopping Store in India. Buy online Mobile Phones, Laptops, Tablets, Cameras & much more at best prices. Buy Now! online shopping Electronics india, online shopping in india, online shopping store, buy electronics online, online electronics shopping, online shopping stores, electronics online shopping, online electronics store, online electronic shopping india, online electronics store india • ☞ >संस्ड्डत व्याकरण किसने लिखा था ? • ☞ >किसके शासनकाल को वास्तुकला की दृष्टि से ‘स्वर्ण.काल’ कहा जाता है ? • ☞ >आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली किसके चुनाव के लिए प्रयोग की जाती है ? • ☞ >एमण्गवर्नेंस को वृहद् स्तर पर लागू करने वाला देश का पहला राज्य कौनण्सा है ? • ☞ >किस अनुच्छेद के द्वारा 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार मूल अधिकार माना गया है ? • ☞ >WWW का पूरा रूप क्या है ? • ☞ >मंत्रीमण्डल सामूहिक रूप से किसके प्रति उत्तरदायी है ? • ☞ >पृथ्व...

महाभारत इतिहास रूप पुराण की रचना किसने की?

महाभारत की रचना किसने की? महाभारत की रचना किसने की? : परमर्षि श्रीकृष्ण-द्वैपायनने जिस प्राचीन इतिहास रूप पुराण का वर्णन किया है और देवताओं तथा ऋषियोंने अपने-अपने लोकमें श्रवण करके जिसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की है, जो आख्यानोंमें सर्वश्रेष्ठ है, जिसका एक-एक पद, वाक्य एवं पर्व विचित्र शब्दविन्यास और रमणीय अर्थसे परिपूर्ण है, जिसमें आत्मा-परमात्माके सूक्ष्म स्वरूपका निर्णय एवं उनके अनुभवके लिये अनुकूल युक्तियाँ भरी हुई हैं और जो सम्पूर्ण वेदों के तात्पर्यानुकूल अर्थसे अलंकृत है, उस भारत-इतिहासकी परम पुण्यमयी, ग्रन्थके गुप्त भावोंको स्पष्ट करनेवाली, पदों-वाक्योंकी व्युत्पत्तिसे युक्त, सब शास्त्रोंके अभिप्रायके अनुकूल और उनसे समर्थित जो अद्‌भुतकर्मा व्यासकी संहिता है, उसे ही महाभारत कहते हैं। वह चारों वेदोंके अर्थोंसे भरी हुई तथा पुण्यस्वरूपा है। पाप और भयका नाश करनेवाली है। भगवान् वेदव्यासकी आज्ञासे राजा जनमेजय के यज्ञमें प्रसिद्ध ऋषि वैशम्पायनने आनन्दमें भरकर भलीभाँति इसका निरूपण किया है। महाभारत की रचना किसने की – वेदव्यास का ध्यान हिमालयकी पवित्र तलहटी में पर्वतीय गुफाके भीतर धर्मात्मा व्यासजी स्नानादि से शरीर-शुद्धि करके पवित्र हो कुश का आसन बिछाकर बैठे थे। उस समय नियमपालन पूर्वक शान्तचित्त हो वे तपस्यामें संलग्न थे। ध्यानयोग में स्थित हो उन्होंने धर्मपूर्वक महाभारत-इतिहासके स्वरूप का विचार करके ज्ञान दृष्टि द्वारा आदि से अन्त तक सब कुछ प्रत्यक्षकी भाँति देखा (और इस ग्रन्थ का निर्माण किया)। यह भी पढ़े : भगवान् वेदव्यास ने, अपनी ज्ञानदृष्टिसे सम्पूर्ण प्राणियोंके निवासस्थान, धर्म, अर्थ और कामके भेदसे त्रिविध रहस्य, कर्मोपासनाज्ञानरूप वेद, विज्ञानसहित योग, धर्म, अर्थ एवं काम, इ...