महाभारत में श्लोकों की संख्या कितनी है

  1. श्रीमद्भगवद्गीता का परिचय, रचनाकाल, श्लोक संख्या, अध्यायों का सार संक्षेप


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श्रीमद्भगवद्गीता का परिचय, रचनाकाल, श्लोक संख्या, अध्यायों का सार संक्षेप

गीता संस्कृत साहित्य काल में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व का अमूल्य ग्रन्थ है। यह भगवान श्री कृष्ण के मुखारबिन्द से निकली दिव्य वाणी है। इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। इसके संकलन कर्ता महर्षि वेद ब्यास को माना जाता है। आज गीता का विश्व की कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। गीता में ज्ञान योग, कर्मयोग, और भक्ति योग का वर्णन किया गया है। प्रस्तावना के अन्तर्गत गीता के 18 अध्यायों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया है। श्रीमद्भगवद्गीता का परिचय भगवदगीता संस्कृत महाकाव्य का ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में अत्यन्त समादर प्राप्त ग्रन्थ है। इसमें भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को कुरुक्षेत्र युद्ध में दिया गया दिव्य उपदेश है यह गीता वेदान्त दर्शन का सार है। यह ग्रन्थ महाभारत की एक घटना के रूप में प्राप्त होती है। महाभारत में वर्तमान कलियुग तक की घटनाओं का विवरण मिलता है। इसी युग के प्रारम्भ में आज से लगभग 5000 वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने अपने मित्र तथा भक्त अर्जुन को यह गीता सुनाई थी। गीता का रचनाकाल गीता के रचनाकाल के सम्बन्ध में डा0 रामकृष्ण गोपाल भण्डारकर ने चर्तुव्यूह को आधार मानकर सिद्ध किया है कि भगवदगीता की रचना सात्तवत या भागवत सम्प्रदाय की सुव्यस्थित होने के पूर्व हुई है उनके मत में इसका काल चौथी ई0पू0 का आरम्भ है तथा यह भक्ति सम्प्रदाय या ऐकान्तिक धर्म की प्राचीनतम व्याख्या है। यद्यपि गीता के काल निर्णय के बारे में भिन्न-भिन्न प्रकार की गवेशणाए भी हैं और आज भी हो रही है। इसलिये गीता को महाभारत के भीष्म पर्व पर आधारित मानना उचित है महाभारत के भीष्म पर्व के 25 से 42 अध्याय के अन्तर्गत भगवदगीता आती है फिर शान्तिपर्व और अश्वमेधपर्व में भी गीता का कुछ प्रसंग उल्लिखित मिलता...