महाकाल भस्म आरती

  1. दिन भर में महाकाल की होती है 6 आरती, हर आरती का है अलग नाम, 16 पुजारी परिवारों के जिम्मे है आरती की परंपरा
  2. उज्जैन महाकाल की भस्मारती के 15 राज, जानकर चौंक जाएंगे आप
  3. महाकाल भस्म आरती ऑनलाइन बुकिंग, Ujjain Mahakal Bhasm Aarti Booking
  4. ॐ जय शिव जय महाकाल आरती Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs


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दिन भर में महाकाल की होती है 6 आरती, हर आरती का है अलग नाम, 16 पुजारी परिवारों के जिम्मे है आरती की परंपरा

रविवार को भस्म रमाने के बाद महाकाल की भस्म आरती की गई। सबसे पहले होने वाली भस्म आरती में भस्म रमाने का काम श्री पंचायती अखाड़ा के महानिर्वाणी के महंत या उनके प्रतिनिधि महाकाल के जिम्मे रहता है। इसके बाद होने वाली सभी छह आरती यहां के 16 पंडित परिवारों के जिम्मे है। ये परिवार कई पीढ़ियों से महाकाल की आरती करते आ रहे हैं। इसमें सुबह से शाम तक होने वाली आरती भी इन्हीं परिवारों के जिम्मे है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की सुबह 4 बजे होने वाली आरती से लेकर रात की शयन आरती तक छह आरती की जाती है। भस्म आरती के बाद सुबह 7 बजे दत्योदक आरती, सुबह 10 बजे भोग आरती, शाम 5 बजे पूजन आरती, शाम 7 बजे संध्या आरती और रात 10.30 बजे आखिरी शयन आरती की जाती है। महाकाल के पुजारी पं. आशीष पुजारी ने बताया कि यह परिवार अपने परिवार के सदस्यों के साथ पूरी भस्म आरती की सेवा पूजन अर्चन करते हैं। भस्मारती का संपूर्ण खर्च इन्हीं परिवार के द्वारा उठाया जाता है। महाकाल मंदिर के पाट खोलने से लगाकर भगवान का पंचामृत पूजन, शृंगार, महा आरती, मंत्र पुष्पांजलि सब यही पंडित परिवार करते हैं। भस्म को जलाधारी से उठाने व श्रद्धालुओं में वितरण का जिम्मा भी ये ही पंडित करते हैं। भगवान महाकाल की सेवा पूजन-अर्चन कर रहे इन 16 पुजारियों में से 10 पुजारी जनोई पति परिवार से और छह पुजारी खूँट पाती पुजारी परिवार से ही होते हैं। यह परंपरागत रूप से भस्म आरती की संपूर्ण व्यवस्थाएं संभालते हैं। अनादिकाल से ही ये ही परिवार महाकाल को भस्म रमाने के बाद की भस्मआरती करते आ रहे हैं। ये हैं पुजारी परिवार के मुखिया - विजयशंकर पुजारी, गणेश नारायण पुजारी, घनश्याम पुजारी, दिलीप पुजारी, राम पुजारी, राजेश पुजारी, अमर पुजारी, कमल पुजारी, श्रीकृष्ण शर्मा...

उज्जैन महाकाल की भस्मारती के 15 राज, जानकर चौंक जाएंगे आप

उज्जैन के कालों के काल महाकाल बाबा के मंदिर में प्रतिदिन अलसुबह भस्म आरती होती है। भस्म को शिवजी का वस्त्र माना जाता है। किसी भी पदार्थ का अंतिम रूप भस्म होता है। किसे भी जलाओ तो वह भस्म रूप में एक जैसा ही होगा। मिट्टी को भी जलाओ तो वह भस्म रूप में होगी। सभी का अंतिम स्वरूप भस्म ही है। भस्म इस बात का संकेत भी है कि सृष्टि नश्वर है। शिवजी भस्म धारण करके सभी को यही बताना चाहते हैं कि इस देह का अंतिम सत्य यही है। आओ जानते हैं भस्मारती के 15 रहस्य। 2. सबसे पहले भस्म आरती, फिर दूसरी आरती में भगवान शिव घटा टोप स्वरूप दिया जाता है। तीसरी आरती में शिवलिंग को हनुमान जी का रूप दिया जाता है। चौथी आरती में भगवान शिव का शेषनाग अवतार देखने को मिलता है। पांचवी में शिव भगवान को दुल्हे का रूप दिया जाता है और छठी आरती शयन आरती होती है। इसमें शिव खुद के स्‍वरूप में होते हैं। 11. प्राचीन मान्यताओं के अनुसार दूषण नाम के एक राक्षस की वजह से अवंतिका में आतंक था। नगरवासियों के प्रार्थना पर भगवान शिव ने उसको भस्म कर दिया और उसकी राख से ही अपना श्रृंगार किया। तत्पश्चात गांव वालों के आग्रह पर शिवजी वहीं महाकाल के रूप में बस गए। इसी वजह से इस मंदिर का नाम महाकालेश्‍वर रख दिया गया और शिवलिंग की भस्‍म से आरती की जाने लगी। 15. हवन कुंड में पीपल, पाखड़, रसाला, बेलपत्र, केला व गऊ के गोबर को भस्म (जलाना) करते हैं। इस भस्म की हुई सामग्री की राख को कपड़े से छानकर कच्चे दूध में इसका लड्डू बनाया जाता है। इसे सात बार अग्नि में तपाया और फिर कच्चे दूध से बुझाया जाता है। इस तरह से तैयार भस्मी को समय-समय पर लगाया जाता है। यही भस्मी नागा साधुओं का वस्त्र होता है। इसी तरह की भस्म से आरती भी होती है। हर व्यक्ति के जीव...

महाकाल भस्म आरती ऑनलाइन बुकिंग, Ujjain Mahakal Bhasm Aarti Booking

महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन की सुप्रसिद्ध भस्म आरती हेतु ऑनलाइन टिकट बुकिंग की व्यवस्था उपलब्ध है। जिसके माध्यम से दर्शनार्थी online ujjain bhasma aarti booking कर सकते हैं एवं आसानी से महाकाल भस्म आरती का लाभ ले सकते हैं। ऑनलाइन करें महाकाल भस्म आरती दर्शन की बुकिंग मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का महत्व सभी ज्योतिर्लिंगों में सबसे विशिष्ट है माना जाता है कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से केवल महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में बैठे भगवान शिव दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठे हुए हैं जिससे उनका धार्मिक महत्व कुछ अलग है। साथ ही बाबा महाकाल तंत्र विद्या की सिद्धि प्रदान करने वाले भी हैं एवं उन्हें कालों के काल महाकाल का नाम इसीलिए दिया गया है कि वे काल पर अर्थात मृत्यु पर भी नियंत्रण रखते हैं। महाकाल के भक्तों की एक प्रसिद्ध लोकोक्ति है “काल उसका क्या बिगाड़े जो भक्त हो महाकाल का” अर्थात भगवान महाकालेश्वर की पूजा अर्चना व भक्ति करने से उनके भक्तों पर काल या मृत्यु भी अपना प्रभाव नहीं दिखा सकती है। उज्जैन भस्म आरती का महत्व: बाबा महाकाल को शमशान का देवता भी माना जाता है, इसलिए उन्हें प्रतिदिन शव भस्म यानी उस व्यक्ति की राख जिसकी अंत्येष्टिया अंतिम संस्कार हो चुका है उसकी राख से स्नान करवाया जाता है। और माना जाता है कि शमशान से बाबा महाकाल के लिए जिस भी व्यक्ति की राख लाई जाती है और बाबा महाकाल को चढ़ाई जाती है उसे मुक्ति मिल जाती है। महाकालेश्वर के भक्तों के बीच भस्म आरती का एक अलग ही रोमांच रहता है और वे जीवन में कम से कम एक बार बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन अवश्य करना चाहते हैं। इस हेतु ही मंदिर कमेटी द्वारा दर्शनार्थियों की सुलभता हेतु महाकाल भस्म आरती...

ॐ जय शिव जय महाकाल आरती Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

ॐ जय शिव जय महाकाल आरती लिरिक्स Om Jai Shiv Jai Mahakal Aarti ॐ जय शिव जय महाकाल आरती लिरिक्स (हिन्दी) ॐ जय शिव जय महाकाल, स्वामी जय शम्भू महाकाल, ज्योतिर्लिंग स्वरूपा, ज्योतिर्लिंग स्वरूपा, तुम कालो के काल, ओम जय शिव जय महाकाल।। तर्ज ॐ जय शिव ओमकारा। बारह ज्योतिर्लिंग में, महिमा बड़ो है नाम, क्षिप्रा तट उज्जैन में, महाकाल को धाम, ओम जय शिव जय महाकाल।। तुम भीमेश्वर देवा, तुम काशी विश्वनाथ, गोमती तट त्रयंभकेश्वर, दारूकवन नागनाथ, ओम जय शिव जय महाकाल।। हाथ जोड़ तेरे द्वारे, काल खड़ा लाचार, सुर नर असुर चराचर, सब के हो करतार, ओम जय शिव जय महाकाल।। चिता भस्म से तेरो, नित नित हो श्रृंगार, भक्तन का मन मोहे, तेरो रूप निहार, ओम जय शिव जय महाकाल।। Download PDF (ॐ जय शिव जय महाकाल आरती ) Download the PDF of song ‘Om Jai Shiv Jai Mahakal Aarti ‘. Om Jai Shiv Jai Mahakal Aarti Lyrics (English Transliteration) OM jaya shiva jaya mahAkAla, svAmI jaya shambhU mahAkAla, jyotirliMga svarUpA, jyotirliMga svarUpA, tuma kAlo ke kAla, oma jaya shiva jaya mahAkAla|| tarja OM jaya shiva omakArA| bAraha jyotirliMga meM, mahimA baड़o hai nAma, kShiprA taTa ujjaina meM, mahAkAla ko dhAma, oma jaya shiva jaya mahAkAla|| tuma bhImeshvara devA, tuma kAshI vishvanAtha, gomatI taTa trayaMbhakeshvara, dArUkavana nAganAtha, oma jaya shiva jaya mahAkAla|| hAtha joड़ tere dvAre, kAla khaड़A lAchAra, sura nara asura charAchara, saba ke ho karatAra, oma jaya shiva jaya mahAkAla|| chitA bhasma se tero, nita nita ho shrRRiMgAra, bhaktana kA mana mohe, tero rUpa nihAra, oma jaya shiva jaya mahAkAla|| bhasma AratI terI, ...