महाकाली बीज मंत्र

  1. माँ काली मंत्र
  2. महांकाली ताली रक्षा मंत्र, Mahakali raksha shabar mantra
  3. Protection Kali Mantra
  4. माँ काली को बुलाने का 08 शक्तिशाली मंत्र अर्थ, लाभ
  5. Navarna Mantra : मां दुर्गा के नवार्ण मंत्र की महिमा
  6. बीज मंत्र क्या है ? सभी देवों के बीज मंत्र और उनके उच्चारण से होने वाले लाभ
  7. कालीतंत्र
  8. महांकाली ताली रक्षा मंत्र, Mahakali raksha shabar mantra
  9. माँ काली मंत्र
  10. माँ काली को बुलाने का 08 शक्तिशाली मंत्र अर्थ, लाभ


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माँ काली मंत्र

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • काली माँ को सृष्टि की रक्षक के रूप में जाना जाता है, लेकिन उनकी विनाशकारी शक्तियों के कारण उन्हें “माँ काली” के रूप में भी जाना जाता है। काली नाम का अर्थ है वह, जो समय से परे है। अपने बेटे की रक्षा हेतु और राक्षश रक्तबीज का वध करके तीनों लोकों को उसके भय से मुक्त करने के लिए माता काली को मां दुर्गा के काली स्वरुप को देवी के सभी रुपों में सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली माना जाता है। माँ काली संसार की जननी और करुणा का भण्डार है। माँ काली को आदिम द्रव्यमान के रूप में माना जाता है जिससे सारा जीवन उत्पन्न हुआ। माँ काली की पूजा करने वाले भक्त को दुश्मनों का भय नहीं रहता। काली माँ का भक्त निडर जीवन जीता है। माँ काली के मंत्र बड़े प्रभावशाली है , इनका सही उच्चारण के साथ माँ को शक्ति के रूप में आराधना करने सिद्धि प्राप्त होती है। हर बाधा का विनाश करने की शक्ति है माँ काली के मन्त्रों में। अपने लक्ष्यों को सिद्ध करने के लिए माँ काली की पूजा करनी चाहिए। एकाक्षरी काली मंत्र क्रीं तीन अक्षरी काली मंत्र क्रीं ह्रुं ह्रीं॥ पांच अक्षरी काली मंत्र क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्॥ षडाक्षरी काली मंत्र क्रीं कालिके स्वाहा॥ सप्ताक्षरी काली मंत्र हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा॥ श्री दक्षिणकाली मंत्र ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणकालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं॥ क्रीं ह्रुं ह्रीं दक्षिणेकालिके क्रीं ह्रुं ह्रीं स्वाहा॥ ॐ ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥ ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके स्वाहा॥ भद्रकाली मंत्र ह्रौं काली महाकाली किल...

महांकाली ताली रक्षा मंत्र, Mahakali raksha shabar mantra

कुंडली दिखाए:- आप घर बैठे कुंडली का विश्लेषण करा सकते हो। सम्पूर्ण कुंडली विश्लेषण में लग्न कुंडली, चंद्र कुंडली, नवमांश कुंडली, गोचर और अष्टकवर्ग, महादशा और अंतरदशा, कुंडली में बनने वाले शुभ और अशुभ योग, ग्रहों की स्थिति और बल का विचार, भावों का विचार, अशुभ ग्रहों की शांति के उपाय, शुभ ग्रहों के रत्न, नक्षत्रों पर विचार करके रिपोर्ट तैयार की जाती है। सम्पूर्ण कुंडली विश्लेषण की फीस मात्र 500 रुपये है। Whatsapp- 8360319129 Barjinder Saini (Master in Astrology) राहु बीज मंत्र का महत्व Beej Mantra of Rahu in hindi राहु बीज मंत्र विधि और लाभ - राहु और केतु छाया ग्रह होते हैं। इनको अदृश्य ग्रह भी कहा जाता है। राहु को नाग का मुख भी कहा जाता है। राहु ग्रह का प्रत्येक कुंडली में बहुत अधिक महत्व होता है। यह ग्रह कुंडली के जिस भाव में बैठता है, जिस राशि के साथ बैठता है और जिन ग्रहों पर अपनी दृष्टि डालता है, उन सबको प्रभावित करता है। कुंडली में राहु को शनि से भी अधिक पापी ग्रह माना गया है। राहु को शनि का छाया ग्रह कहा जाता है। राहु की तीन दृष्टियां जिन ग्रहों और भावों पर पड़ती है वह सब राहु से प्रभावित होते हैं। कुंडली में यदि राहु अच्छी स्थिति में हो तब भी यह व्यक्ति को गलत कार्यों से ही सफलता प्रदान करता है क्यूंकि राहु का कारक शराब, नशीली दवायें, जुआ-खाना, जेल, चरस, हस्पताल आदि होते हैं और यह योग कारक अर्थात बलि होने पर भी व्यक्ति को इन क्षेत्रों के द्वारा सफलता प्रदान करते हैं। राहु व्यक्ति की बुद्धि को चतुर तो करता है मगर राहु व्यक्ति की बुद्धि को उल्ट कार्यों में ही लगाता है। राहु के शुभ होने पर व्यक्ति शराबखाने, जुए, कीटनाशक दवाएं, हस्पताल, शमशा बृहस्पति (गुरु) बीज मंत्र Beej ...

Protection Kali Mantra

This is the guide about 9 powerful Kali Mantras and 5 Steps guide for Kaali Mantra Sadhna for success, protection, money and good luck. Mata Kali is the main and first MahaVidhya between ten MahaVidhyas. Kalika mantra Sadhna is considered as Tantrik Sadhna, a native should do this according to the guidance of a Guru or expert. It is assumed that if a person gets success in the Sadhna, he may get Vakya Siddi, the power of making poems, knowledge to understand Sanskrit, power to give boon or curse to others. Remember these rules for chanting. Vedic Kali Mantra - Tantrik Chamunda spell - 9 powerful mantras of Kalika 5 Steps Guide for Kali Mantra Sadhna 1. When to begin Kali Sadhna? The best time for Sadhna is Deepavali or Navratri, especially in Gupt Navratri. Timing for her worship is early morning or midnight. 2. Which clothes to be worn in Kali Puja? Native should take a bath for purification and wear the black clothes. Use black woolen clothes for the sitting. Black is a dear color of hers. 3. How to place an idol of Mahakali? Place a photo or idol of her and a Shivlinga, before the starting of chant. Because, only 4. Which direction is perfect for Kali chanting? Keep your side towards the North or East, and keep the direction of the Kalika idol towards the South for worship or chanting of her. 5. How to do MahaKali Pooja? First, take a resolution (Sankalp) before doing the worship. Use Kalika Raksha mantra as armor or recite the Here are the top 9 chants of Mahakali, whi...

माँ काली को बुलाने का 08 शक्तिशाली मंत्र अर्थ, लाभ

माँ काली का मंत्र जाप करने से मनुष्य के जीवन आने वाले सभी कष्ट और सकंट शीघ्र दूर हो जाते है। माँ काली सृष्टि की माता है। यदि आप मंत्र जाप क्रिया से माता को बुलाना चाहते है तो आज हम इस लेख में माता के मंत्र बारे में जानकारी देने जा रहे है निचे दिए गए मंत्र का जप करे। ज्योतिषियों के अनुसार माँ काली मंत्र दिए गए है काली माता का चेहरा हमेशा क्रोधित दिखाया गया है क्योकि शस्त्रुओ को नाश करने वाली माता कहा गया है आप यदि Kaali Mantra Hindi जाप क्रिया से माता को बुलाना चाहते है तो आपके मन में माता के प्रति अटूट विश्वास होना चाहिए। काली माता आपका कल्याण और मनोकामनाएं पूरी करेगी। माँ काली एक 1. माँ काली बीज मंत्र: ” ॐ क्रीं काली ” इस मंत्र का सही अर्थ : सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करना। कष्टों और विपदाओं को हरनेवाली हो। लाभ : काली माता का यह मंत्र जाप सभी नकारात्मक शक्ति और ऊर्जा को ख़त्म करने में लाभकारी है। 2. देवी काली मंत्र: Mantra ”ॐ क्रीं कालिकायै नमः ” इस मंत्र का अर्थ है इस Kaali Mantra Hindi का उपयोग काली के प्रतिनिधित्व के लिए किया जाता है। लाभ : काली माता का यह मंत्र भक्त के मन को शुद्ध कर देता है। 3.महा काली मंत्र (Maha Kali mantra) ”ॐ श्री महा कलिकायै नमः ” अर्थ: माँ काली को प्रणाम करते हुए सर झुकता हूँ माता का आशीर्वाद लेता हूँ। लाभ: इस मंत्र जाप से में माता की कृपा पाने के लिए जाप करता है जीवन में खुश रहने के लिए माता का आशीर्वाद लेता हूँ। जीवन में सफलता पाने के लिए हमेशा इस मंत्र का जाप करना चाहिए। 4. काली माता मंत्र कालिका ”ॐ कलिं कालिका-य़ेइ नमः” लाभ: यह काली माँ का मंत्र जाप करने से सभी प्रकार की समस्यों छुटकारा मिलता है। इस मंत्र जप से जीवन में आ रही परेशानिओ को हल करने...

Navarna Mantra : मां दुर्गा के नवार्ण मंत्र की महिमा

Table of Contents • • • • • • • • • • • कलियुग में Navarna Mantra : नवार्ण मंत्र का अर्थ एवं स्वरूप :- यह मंत्र नौ वर्णों से बना है इसी कारण से इसे ।। ” ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ” ।। Navarna Mantra : नवार्ण मंत्र में होते हैं तीन बीज मंत्र हमारे पुराणों के अनुसार मां दुर्गा के तीन चरित्र बताये गये हैं जिनमें प्रथम चरित्र में महाकाली, मध्य चरित्र में महालक्ष्मी तथा उत्तर चरित्र में महासरस्वती के रूप को दर्शाया गया है। इन्हीं तीनों चरित्रों से बीज वर्णों को चुनकर नवार्ण मंत्र का निर्माण हुआ है आईये, इसे विस्तार से समझते हैं। बीज मंत्र (ऐं ):- अर्थात :- यह सरस्वती बीज है। ऐं का अर्थ सरस्वती है और बिन्दु का अर्थ है दुःखनाशक। इस प्रकार इस का अर्थ हुआ माता सरस्वती हमारे दुःख को दूर करें। बीज मंत्र ( ह्रीं ):- अर्थात :- यह भुवनेश्वरी बीज है और माता महालक्ष्मी का बीज मंत्र ( क्लीं ):- अर्थात :- यह कालीबीज मंत्र है। इस प्रकार इस मंत्र का भावार्थ इस प्रकार है कि “ हे चित्स्वरूपिणी महासरस्वती ! हे सद्रूपपिणी महालक्ष्मी ! हे आनन्दरूपिणी महाकाली ! ब्रह्मविद्या पाने के लिए हम प्रत्येक क्षण तुम्हारा ध्यान करते हैं। हे महाकाली, महालक्ष्मी तथा महासरस्वतीस्वरूपिणी चण्डिके ! तुम्हें हमारा नमस्कार है अविद्यारूपी रज्जु की दृढ़ ग्रन्थि खोलकर मुझे मुक्त करो। ” इसे सरल शब्दों में इस प्रकार समझा जा सकता है कि “ महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती नामक तीन रूपों में सच्चिदानन्दमयी आदिशक्ति योगमाया को हम अविद्या (मन की चंचलता और विक्षेप) दूर कर प्राप्त करें। ” Navarna Mantra : मंत्र के ऋषि, छंद, देवता तथा विनियोग Navarna Mantra : क्यों करें नवार्ण मंत्र की उपासना ? श्री देवयथर्वशीर्ष के एक श्लो...

बीज मंत्र क्या है ? सभी देवों के बीज मंत्र और उनके उच्चारण से होने वाले लाभ

परमपिता परमेश्वर की कृपा से इस संसार में हर जीव की उत्पत्ति बीज के द्वारा ही होती है चाहे वह पेड़-पौधे हो या फिर मनुष्य योनी | बीज को जीवन की उत्पत्ति का कारक माना गया है | बीज मंत्र भी कुछ इस तरह ही कार्य करते है | हिन्दू धरम में सभी देवी-देवताओं के सम्पूर्ण मन्त्रों के प्रतिनिधित्व करने वाले शब्द को बीज मंत्र/ Beej Mantra कहा गया है | सभी वैदिक मंत्रो का सार बीज मंत्रो को माना गया है | हिन्दू धरम में सबसे बड़ा बीज मंत्र ” ॐ ” है | अन्य शब्दों में बीज मंत्र किसी भी वैदिक मंत्र का वह लघु रूप है जिसे मंत्र के साथ प्रयोग करने पर वह उत्प्रेरक का कार्य करता है | बीज मंत्रों( Beej Mantra kya hai Beej Mantro ke Labh)को सभी मन्त्रों के प्राण के रूप में जाना जा सकता है जिनके प्रयोग से मन्त्रों में प्रबलता और अधिक हो जाती है | बीज मंत्र कुछ इस प्रकार होते है :- ॐ, क्रीं, श्रीं, ह्रौं, ह्रीं, ऐं, गं, फ्रौं, दं, भ्रं, धूं, हलीं, त्रीं, क्ष्रौं, धं, हं, रां, यं, क्षं, तं , ये दिखने में छोटे से बीज मंत्र अपने अन्दर बहुत से शब्दों को समाये हुए है | उपरोत्क सभी बीज मंत्र अत्यंत कल्याणकारी है जो अलग-अलग देवी-देवताओं के प्रतिनिधत्व करते है | Beej Mantra kya hai Beej Mantro ke Labh बीज मंत्र जप के लाभ :- बीज मंत्रों के जप से देवी-देवता अति शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त का उद्धार करते है | बीज मंत्रों का उच्चारण आपके आस-पास एक सकारात्मक उर्जा का संचार करता है | जीवन में आने वाले घोर से घोर संकट भी बीज मंत्रों के उच्चारण से दूर हो जाते है | किसी भी प्रकार के असाध्य रोग की गिरफ्त में आने पर , आर्थिक संकट आने पर, इनके अतिरिक्त समस्या कोई भी हो, बीज मंत्रों के जप से लाभ अवश्य प्राप्त होता है | बीज ...

कालीतंत्र

षोडशाक्षर मंत्र १ ॐ हौं काली महाकाली किलिकिलि फट् स्वाहा । २ ॐ भद्रकाली महाकाली किलि फट् स्वाहा । उक्त मंत्र साधक के सभी मनोभावों को पूर्ण करनेवाले हैं । उक्त सोलह अक्षर वाले मंत्रों के न्यास तथा अन्य विधान, पुरश्चरण आदि बाईस अक्षरी दक्षिण काली मंत्र भांति ही हैं । साधक ध्यान निम्नवत करे । ध्यान क्षुत्क्षामा कोटराक्षी मसिमलिन मुखीमुक्तकेशी रुदन्ती नाहं तृप्ता वदन्ती जगदखिलमिदं ग्रासमेकं करोमि । हस्ताभ्यां धारयन्ती ज्वलदनल शिखापन्निभं पाशयुग्मं दन्तैजम्बूफलाभै: परिहरतु भयं पातु मांड भद्रकाली ॥ ध्यानोपरांत १०८ माला मंत्र जप करते हुए भद्रकाली का ध्यान करे । उक्त मंत्र का प्रयोग शत्रुओं को वश में करने के लिए किया जाता है । भद्रकाली धर्म, कर्म तथा अर्थ की सिद्धि देनेवाली है । जो साधक जिस कामना से भद्रकाली की उपासना करता है, वह पूर्ण होती है । पुरश्चरण के लिए ११०८ जप ही पर्याप्त है । जो साधक भद्रकाली की पूजा कर प्रतिदिन १०८ बार इस मंत्र का जप करता है, उसकी सभी मनोभिलाषाएं पूरी होती हैं । विंशाक्षर मंत्र क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्नीं ह्नीं भद्रकाल्यै क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्नीं ह्नीं स्वाहा । उक्त मंत्र साधक को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति कराता है । साधना विधि उक्त वर्णित मंत्रों की साधना में पूर्वोक्त दक्षिण काली की पूजा-पद्धति के अनुसार ही न्यास, पूजा आदि वांछित है । साधक मात्र बलि-उत्सर्ग करते समय निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करे: ऐं ह्नीं ऐह्येहि जगन्मातर्जगतां जननि गृह्ण बलिं सिद्धिं देहि देहि शत्रु क्षयं कुरु कुरु हूं हूं ह्नीं ह्नीं फट् ॐ कालिकायै नमः फट् स्वाहा ।

महांकाली ताली रक्षा मंत्र, Mahakali raksha shabar mantra

कुंडली दिखाए:- आप घर बैठे कुंडली का विश्लेषण करा सकते हो। सम्पूर्ण कुंडली विश्लेषण में लग्न कुंडली, चंद्र कुंडली, नवमांश कुंडली, गोचर और अष्टकवर्ग, महादशा और अंतरदशा, कुंडली में बनने वाले शुभ और अशुभ योग, ग्रहों की स्थिति और बल का विचार, भावों का विचार, अशुभ ग्रहों की शांति के उपाय, शुभ ग्रहों के रत्न, नक्षत्रों पर विचार करके रिपोर्ट तैयार की जाती है। सम्पूर्ण कुंडली विश्लेषण की फीस मात्र 500 रुपये है। Whatsapp- 8360319129 Barjinder Saini (Master in Astrology) राहु बीज मंत्र का महत्व Beej Mantra of Rahu in hindi राहु बीज मंत्र विधि और लाभ - राहु और केतु छाया ग्रह होते हैं। इनको अदृश्य ग्रह भी कहा जाता है। राहु को नाग का मुख भी कहा जाता है। राहु ग्रह का प्रत्येक कुंडली में बहुत अधिक महत्व होता है। यह ग्रह कुंडली के जिस भाव में बैठता है, जिस राशि के साथ बैठता है और जिन ग्रहों पर अपनी दृष्टि डालता है, उन सबको प्रभावित करता है। कुंडली में राहु को शनि से भी अधिक पापी ग्रह माना गया है। राहु को शनि का छाया ग्रह कहा जाता है। राहु की तीन दृष्टियां जिन ग्रहों और भावों पर पड़ती है वह सब राहु से प्रभावित होते हैं। कुंडली में यदि राहु अच्छी स्थिति में हो तब भी यह व्यक्ति को गलत कार्यों से ही सफलता प्रदान करता है क्यूंकि राहु का कारक शराब, नशीली दवायें, जुआ-खाना, जेल, चरस, हस्पताल आदि होते हैं और यह योग कारक अर्थात बलि होने पर भी व्यक्ति को इन क्षेत्रों के द्वारा सफलता प्रदान करते हैं। राहु व्यक्ति की बुद्धि को चतुर तो करता है मगर राहु व्यक्ति की बुद्धि को उल्ट कार्यों में ही लगाता है। राहु के शुभ होने पर व्यक्ति शराबखाने, जुए, कीटनाशक दवाएं, हस्पताल, शमशा बृहस्पति (गुरु) बीज मंत्र Beej ...

माँ काली मंत्र

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • काली माँ को सृष्टि की रक्षक के रूप में जाना जाता है, लेकिन उनकी विनाशकारी शक्तियों के कारण उन्हें “माँ काली” के रूप में भी जाना जाता है। काली नाम का अर्थ है वह, जो समय से परे है। अपने बेटे की रक्षा हेतु और राक्षश रक्तबीज का वध करके तीनों लोकों को उसके भय से मुक्त करने के लिए माता काली को मां दुर्गा के काली स्वरुप को देवी के सभी रुपों में सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली माना जाता है। माँ काली संसार की जननी और करुणा का भण्डार है। माँ काली को आदिम द्रव्यमान के रूप में माना जाता है जिससे सारा जीवन उत्पन्न हुआ। माँ काली की पूजा करने वाले भक्त को दुश्मनों का भय नहीं रहता। काली माँ का भक्त निडर जीवन जीता है। माँ काली के मंत्र बड़े प्रभावशाली है , इनका सही उच्चारण के साथ माँ को शक्ति के रूप में आराधना करने सिद्धि प्राप्त होती है। हर बाधा का विनाश करने की शक्ति है माँ काली के मन्त्रों में। अपने लक्ष्यों को सिद्ध करने के लिए माँ काली की पूजा करनी चाहिए। एकाक्षरी काली मंत्र क्रीं तीन अक्षरी काली मंत्र क्रीं ह्रुं ह्रीं॥ पांच अक्षरी काली मंत्र क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्॥ षडाक्षरी काली मंत्र क्रीं कालिके स्वाहा॥ सप्ताक्षरी काली मंत्र हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा॥ श्री दक्षिणकाली मंत्र ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणकालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं॥ क्रीं ह्रुं ह्रीं दक्षिणेकालिके क्रीं ह्रुं ह्रीं स्वाहा॥ ॐ ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥ ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके स्वाहा॥ भद्रकाली मंत्र ह्रौं काली महाकाली किल...

माँ काली को बुलाने का 08 शक्तिशाली मंत्र अर्थ, लाभ

माँ काली का मंत्र जाप करने से मनुष्य के जीवन आने वाले सभी कष्ट और सकंट शीघ्र दूर हो जाते है। माँ काली सृष्टि की माता है। यदि आप मंत्र जाप क्रिया से माता को बुलाना चाहते है तो आज हम इस लेख में माता के मंत्र बारे में जानकारी देने जा रहे है निचे दिए गए मंत्र का जप करे। ज्योतिषियों के अनुसार माँ काली मंत्र दिए गए है काली माता का चेहरा हमेशा क्रोधित दिखाया गया है क्योकि शस्त्रुओ को नाश करने वाली माता कहा गया है आप यदि Kaali Mantra Hindi जाप क्रिया से माता को बुलाना चाहते है तो आपके मन में माता के प्रति अटूट विश्वास होना चाहिए। काली माता आपका कल्याण और मनोकामनाएं पूरी करेगी। माँ काली एक 1. माँ काली बीज मंत्र: ” ॐ क्रीं काली ” इस मंत्र का सही अर्थ : सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करना। कष्टों और विपदाओं को हरनेवाली हो। लाभ : काली माता का यह मंत्र जाप सभी नकारात्मक शक्ति और ऊर्जा को ख़त्म करने में लाभकारी है। 2. देवी काली मंत्र: Mantra ”ॐ क्रीं कालिकायै नमः ” इस मंत्र का अर्थ है इस Kaali Mantra Hindi का उपयोग काली के प्रतिनिधित्व के लिए किया जाता है। लाभ : काली माता का यह मंत्र भक्त के मन को शुद्ध कर देता है। 3.महा काली मंत्र (Maha Kali mantra) ”ॐ श्री महा कलिकायै नमः ” अर्थ: माँ काली को प्रणाम करते हुए सर झुकता हूँ माता का आशीर्वाद लेता हूँ। लाभ: इस मंत्र जाप से में माता की कृपा पाने के लिए जाप करता है जीवन में खुश रहने के लिए माता का आशीर्वाद लेता हूँ। जीवन में सफलता पाने के लिए हमेशा इस मंत्र का जाप करना चाहिए। 4. काली माता मंत्र कालिका ”ॐ कलिं कालिका-य़ेइ नमः” लाभ: यह काली माँ का मंत्र जाप करने से सभी प्रकार की समस्यों छुटकारा मिलता है। इस मंत्र जप से जीवन में आ रही परेशानिओ को हल करने...